हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के चौहारघाटी में मूसलाधार बारिश से पहाड़ी खिसकने से 3 मकान मलबे में दब गए। घटना में दो परिवारों के लगभग 6 से अधिक सदस्यों के लापता होने की सूचना है। घटना की सूचना मिलते ही कार्यकारी उप मंडल अधिकारी भावना वर्मा, पुलिस प्रशासन, एम्बुलेंस और एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीमें घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। घटना चौहारघाटी की ग्राम पंचायत धमच्याण के राजबण गांव में हुई। जहां तीन मकान मलबे में दब गए हैं। लगभग 6 से 7 लोगों के मलबे में दबने की सूचना है। पैदल चलकर घटना स्थल पर पहुंची टीम चौहारघाटी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। जिसके कारण चौहारघाटी को जोड़ने वाला घटासनी-बरोट राजमार्ग जगह जगह पर भूस्खलन होने से बंद हैं। ऐसे में प्रशासन और रेस्क्यू टीमें अभी तक घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई है। प्रभावित गांव को जोड़ने वाले थलटूखोड़-ग्रामण सड़क पुल बह जाने से बंद हो गई है। ऐसे में प्रशासन और रेस्क्यू टीम को लगभग 5 किलोमीटर पैदल सफर कर घटनास्थल तक पहुंची। घटना स्थाल के लिए रवना हुए सीडी उधर घटना की सूचना मिलते ही मंडी के डीसी अपूर्व देवगन भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। लगातार हो रही बारिश प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। बंद सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के चौहारघाटी में मूसलाधार बारिश से पहाड़ी खिसकने से 3 मकान मलबे में दब गए। घटना में दो परिवारों के लगभग 6 से अधिक सदस्यों के लापता होने की सूचना है। घटना की सूचना मिलते ही कार्यकारी उप मंडल अधिकारी भावना वर्मा, पुलिस प्रशासन, एम्बुलेंस और एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीमें घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। घटना चौहारघाटी की ग्राम पंचायत धमच्याण के राजबण गांव में हुई। जहां तीन मकान मलबे में दब गए हैं। लगभग 6 से 7 लोगों के मलबे में दबने की सूचना है। पैदल चलकर घटना स्थल पर पहुंची टीम चौहारघाटी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। जिसके कारण चौहारघाटी को जोड़ने वाला घटासनी-बरोट राजमार्ग जगह जगह पर भूस्खलन होने से बंद हैं। ऐसे में प्रशासन और रेस्क्यू टीमें अभी तक घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई है। प्रभावित गांव को जोड़ने वाले थलटूखोड़-ग्रामण सड़क पुल बह जाने से बंद हो गई है। ऐसे में प्रशासन और रेस्क्यू टीम को लगभग 5 किलोमीटर पैदल सफर कर घटनास्थल तक पहुंची। घटना स्थाल के लिए रवना हुए सीडी उधर घटना की सूचना मिलते ही मंडी के डीसी अपूर्व देवगन भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। लगातार हो रही बारिश प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। बंद सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 5 जिलों में आज बर्फबारी का पूर्वानुमान:कल से साफ रहेगा मौसम; शिमला से ज्यादा ठंडे हुए ऊना-हमीरपुर हिमाचल प्रदेश के 5 जिलों में आज फिर से बारिश और बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, हिमाचल के कांगड़ा, चंबा, कुल्लू, लाहौल स्पीति और किन्नौर के अधिक ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी का पूर्वानुमान है। कल से अगले चार दिन मौसम साफ हो जाएगा। इन पांच जिलों के अलावा दूसरे क्षेत्रों में आज भी मौसम साफ बना रहेगा। इससे खासकर मैदानी इलाकों को ठंड से राहत मिलने के आसार हैं। अभी पहाड़ों से ज्यादा मैदानी इलाकों में ठंड पड़ रही है। शिमला का न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, प्रदेश के सबसे गर्म शहर ऊना का न्यूनतम तापमान -0.6 डिग्री तक गिर गया है। इसी तरह पालमपुर का न्यूनतम तापमान भी 1.5 डिग्री, सोलन 0.5 डिग्री, कांगड़ा 2 डिग्री, मंडी 1.1 डिग्री, बिलासपुर 1.4 डिग्री और हमीरपुर 0.1 डिग्री तक गिर गया है। अगले तीन चार दिन धूप खिलने के बाद प्रदेशवासियों को ठंड से राहत मिलेगी। हमीरपुर के तापमान में सबसे ज्यादा गिरावट हमीरपुर के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 5.7 डिग्री की कमी आई है। पालमपुर का तापमान सामान्य से 5.5 डिग्री, ऊना का 5 डिग्री, मंडी का 4.9 डिग्री, सुंदरनगर का 4 डिग्री और नाहन का सामान्य से 4.6 डिग्री नीचे गिरा है। पोस्ट मानसून सीजन में नॉर्मल से 96 प्रतिशत कम बारिश बीते 8 और 9 दिसंबर को ऊंचे पहाड़ों पर जरूर हल्की बर्फबारी हुई है। मगर ज्यादातर क्षेत्रें में लोगों को सूखे से राहत नहीं मिल पाई है। प्रदेश में पोस्ट मानसून सीजन यानी 1 अक्टूबर से 10 दिसंबर तक नॉर्मल से 96 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 50.4 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 2.1 मिलीमीटर बादल बरसे है। इसलिए प्रदेशवासी अभी बारिश के इंतजार में टकटकी लगाए बैठे है। मगर अगले चार-पांच दिन तक अच्छी बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं है।
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सोलन में अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग श्रमिकों ने किया शक्ति प्रदर्शन:वेतन समझौते पर नहीं बनी सहमति, कामकाज रहा ठप; कंपनी कर रहा कानून की अवहेलना सोलन जिला के शालूघाट बाड़ूबाड़ा मन्दिर के नजदीक गुरुवार को अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग बागा के श्रमिकों ने वेतन समझौते पर सहमति न बनने पर शक्ति प्रदर्शन किया। इसमें लगभग 300 श्रमिकों ने भाग लिया, जिससे उद्योग का कामकाज ठप रहा। अल्ट्राटेक कामगार संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार और महामंत्री सुनील कुमार ने बताया की जो श्रमिक यहां से सेवानिवृत होकर गए हैं उनकी ग्रेच्युटी भी नहीं दी गई। वहीं बहुत से श्रमिक यूनिफार्म, गर्म जैकेट की सुविधा से वंचित हैं। 26 दिन का मिलता है वेतन वार्षिक छुट्टी भी केवल 12 ही देते हैं और मासिक वेतन भी केवल 26 दिन का दिया जाता है। इसके अतिरिक्त वेज बोर्ड में भी दो श्रेणी में बांटा गया है, जबकि कर्मचारी क्रमांक सभी का समान और क्रमबद्ध है लेकिन मासिक वेतन में भिन्नता बहुत अधिक है। अल्ट्राटेक कंपनी श्रमिकों के साथ खुला श्रम क़ानून की अवहेलना कर रहा है, जो हिमाचल सरकार ने 25 रुपए की बढ़ोतरी की है वह भी श्रमिकों को नहीं दिया गया। लगातार हड़ताल करने की चेतावनी उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भाजपा सरकार ने 50 रुपए की बढ़ोतरी की थी वह पैसा भी कंपनी ने खुलेआम नहीं दिया और किसी भी प्रकार का वेतन समझौता भी अल्ट्राटेक प्रबंधक वर्ग नहीं कर रहा। हिमाचल प्रान्त के महामंत्री यशपाल हैटा ने कहा यदि समय पूर्व वेतन समझौता नहीं होता, फिर हम लगातार हड़ताल करेंगे लेकिन श्रमिकों के शोषण को नहीं होने देंगे। सीमेंट महासंघ बनाने का समर्थन अखिल भारतीय सीमेंट महासंघ के महामंत्री ने कहा की इस शक्ति प्रदर्शन में हिमाचल प्रदेश के 6 सीमेंट उद्योगों से पदाधिकारी उपस्थित रहें और सभी ने सीमेंट महासंघ बनाने का समर्थन किया है। इसलिए शीघ्र हिमाचल सीमेंट महासंघ की कार्य समिति का गठन होगा, जिससे सीमेंट उद्योगों में श्रमिकों के शोषण पर रोक लगाने का भरसक प्रयास किया जाएगा। महासंघ बनने के बाद एक ही आवाज से हिमाचल के सारे सीमेंट उद्योग बंद होंगे लेकिन श्रम क़ानून की अनदेखी जो भी करेगा उसके लिए महासंघ एकजुटता से कार्य करेगा। एक दिन के शक्ति प्रदर्शन में सभी ने अपने अपने विचार रखे आगे की रणनीति पर चर्चा का विषय भी रखा गया, जिसमें सभी ने अपनी दुःख भरी पीड़ा और परेशानी व्यक्त की।
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