अब विधायक जी को छुड़वा दो…हम थक गए हैं। बस यह आखिरी लड़ाई है…इंशाल्लाह। आप से वोट और दुआ की अपील करती हूं। ऐसा कहते हुए इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी चुनावी मंच पर रोने लगती हैं। वह कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा प्रत्याशी हैं। कानपुर का दंगाई महराजगंज जेल में बंद है, लेकिन सपा वाले उसे निर्दोष बता रहे हैं। याद कीजिए 1984 का दंगा। सपा राजू पाल और उमेश पाल हत्याकांड पर चुप क्यों थी? ऐसा सीएम योगी ने सीसामऊ के दर्शन पुरवा में 10 नवंबर को कहा। इस इलाके में सिंधी और दलित वोटर सबसे ज्यादा हैं। ये दोनों डायलॉग सीसामऊ उपचुनाव का सियासी माहौल बता रहे हैं। भाजपा से चुनावी मैदान में सुरेश अवस्थी हैं। बसपा से यहां ब्राह्मण प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार शुक्ला हैं। 22 साल से इस सीट पर सोलंकी परिवार का कब्जा है। मौजूदा समय में यहां चुनाव संवेदना और जातीय समीकरण के बीच आकर खड़ा हो गया है। संवेदना के सहारे नसीम सोलंकी मजबूत दिख रही हैं। मुस्लिम बहुल इस सीट पर उनके आंसू वोटर को कनेक्ट कर रहे हैं। हालांकि, हिंदू आबादी वाले इलाकों में हवा भाजपा की तरफ है। फाइट भाजपा और सपा के बीच है। ध्रुवीकरण ही यहां निर्णायक साबित होगा। सीसामऊ सीट पर क्या राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं? क्या यहां बड़ा उलटफेर होगा? अभी हवा का रुख क्या है? ये जानने दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड पर पहुंची.. सबसे पहले सीट का सियासी समीकरण…
कानपुर में 10 विधानसभा सीटें हैं। 10 में 7 सीटें भाजपा और 2 सीटें सपा के पास हैं। सपा के पास एक सीट सीसामऊ थी, जो इरफान सोलंकी को सजा मिलने के बाद खाली हुई। सीसामऊ घनी आबादी वाला शहरी इलाका है। पिछले तीन चुनाव की बात करें, तो इरफान सोलंकी की जीत का मार्जिन बढ़ता-घटता नजर आया। 2022 में इरफान 12 हजार 266 वोटों से जीते। 2017 में 5 हजार 826 और 2012 में 19 हजार 663 वोटों से जीत दर्ज की। इरफान सोलंकी ने तीनों बार भाजपा कैंडिडेट को चुनाव हराया। 2017 में जीत के बेहद करीब आकर सुरेश अवस्थी चुनाव हार गए थे। यही वजह है कि भाजपा ने उन्हें फिर से चुनावी मैदान में उतारा। अब दोनों पार्टियों के प्रचार पर नजर डालते हैं
सीसामऊ में हिंदू और मुस्लिम इलाके हैं। भाजपा का पूरा फोकस हिंदू बहुल इलाके में है। मुस्लिम के बाद यहां जनरल और दलित सबसे ज्यादा हैं। यही वजह है कि सीएम योगी की जनसभा दर्शनपुरवा में हुई। सीएम ने अपने बयान से दलित-सिंधी और पाल (ओबीसी) वोटर को साधने की कोशिश की। सीट पर ब्राह्मण वोटर अच्छी संख्या में हैं। भाजपा का मानना है कि यह उनके कोर वोटर हैं। सपा और कांग्रेस कार्यकर्ता यहां एक साथ प्रचार कर रहे हैं। मुस्लिम इलाकों में नसीम सोलंकी लगातार कैंपेन कर रही हैं। वहीं, हिंदू बहुल इलाकों में सपा-कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं। सपा मुस्लिम वोटर को एकतरफा अपने पक्ष में लाना चाहती है। पीडीए समीकरण के साथ वह 55% हिंदू वोटर में दलित और ओबीसी वोटर को साधने की कोशिश कर रही है। अब बात वोटर्स की… सीसामऊ क्षेत्र में आने वाले 10 वार्डों में गए। यहां करीब 100 लोगों से मिले। इनमें सभी धर्मों के लोग थे। सबसे पहले हम हिंदू बहुल जवाहर नगर पहुंचे। हमारी मुलाकात व्यापारी मनोज कुमार शुक्ला से हुई। मनोज कहते हैं- इस बार परिवर्तन का माहौल है। सरकार ने उद्यमियों और युवाओं के लिए अच्छा काम किया है। ये भी बड़ा कारण है कि यहां हम लोग बदलाव चाहते हैं। नसीम का मंदिर जाना सिर्फ चुनावी स्टंट है। इसी एरिया में व्यापारी नितिन मिश्रा ने कहा- शहर में एलिवेटेड फैक्ट्रियां बन रही हैं। बिजली, सुरक्षा और अपराध के मुद्दे पर सरकार ने अच्छा काम किया है। सीसामऊ में सभी हिंदू भाजपा के पक्ष में है। पिछले विधायक ने सिर्फ एक वर्ग विशेष के लिए ही काम किया। विकास पर इरफान सोलंकी ने कोई ध्यान नहीं दिया। सीसामऊ के मिश्रित आबादी क्षेत्र तकिया पार्क के रहने वाले नवल किशोर ने कहा- इरफान के पिता मुश्ताक सोलंकी ने अच्छा काम किया। सपा प्रत्याशी नसीम भले ही मंदिरों में जा रही हैं। लेकिन, उसका खास असर नहीं पड़ेगा। अभी तो भाजपा की हवा है। पहले भाजपा लड़ाई में नहीं होती थी, अब मजबूत स्थिति में है। इसके बाद हमने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों का रुख किया। यहां चमनगंज नाला रोड पर चाय की दुकान पर हाजी अब्दुल से मिले। उन्होंने बताया- इस बार बयार दोनों तरफ बह रही है। उपचुनाव में जिसकी सरकार होती है, वही जीतता है। लेकिन इस बार मुस्लिम वोट का बंटवारा नहीं होने वाला है। इरफान सोलंकी को बेचारा बताते हुए अब्दुल कहते हैं- अब जो जेल में बंद है, उसके लिए क्या ही कहा जाए। बस इरफान जब तक रहे, वो आते-जाते रहे। अब्दुल सीएम योगी के बयान बंटोगे तो कटोगे पर भी बोलते हैं। उन्होंने कहा- जब मुगलों का जमाना था, तब तो मरे कटे नहीं। अब 10 सालों के बाद यह लोग ऐसी बात कर रहे हैं। ये सब बेकार की बाते हैं। भाजपा प्रत्याशी तो वोट मांगने तक नहीं आता है। समाज में सभी को जीने का अधिकार है
बेकनगंज निवासी मोहम्मद जलील ने कहा- हवा भाजपा की तरफ ज्यादा चल रही है। जो हमारे लिए विकास कराएगा, उसे वोट करेंगे। इरफान ने अपने कार्यकाल में खूब विकास कराया है। समाज में सभी के जीने और कमाने का हक है। क्षेत्र में मेहनत-मजदूरी करने वाले लोग ज्यादा हैं। हम लोगों की परेशानी को समझें। मंदिर-मस्जिद के नाम पर लोगों को बांटना गलत बात है। मोहम्मद अकरीम ने कहा- मुस्लिम मतदाता पूरी तरह साइलेंट हैं। विकास के मुद्दे पर हमेशा ही वोट किया है। भाजपा के विकास को हर आदमी जानता है, कैसे हो रहा है और कहां हो रहा है। मुस्लिम क्षेत्रों में गठबंधन का असर साफ है। सपा को पूरा वोट मिलेगा। प्रत्याशी कोई और होता तो शायद सोचते
चमनगंज के मोहम्मद आमिर ने बताया- इरफान कई बार चुनाव जीत चुके हैं, तो साफ है कि उन्होंने विकास किया है। जनता ने इसीलिए पसंद किया है। उपचुनाव में भाजपा और सपा दोनों का ही संगठन मजबूत है। मोहम्मद आरिफ कहते हैं कि इरफान के काम पर लोग वोट दे रहे हैं। 50 साल के लिए सीवर लाइन इरफान ने डलवाई। बार-बार भाजपा एक प्रत्याशी को टिकट दे रही है और उनकी छवि भी ठीक नहीं है। प्रत्याशी कोई और होता तो मुस्लिम शायद साथ होता। अब बात पॉलिटिकल एक्सपर्ट की… सीसामऊ की राजनीति को करीब से जानने वाले सीनियर जर्नलिस्ट महेश शर्मा ने कहा- नसीम के मंदिर जाने से मुस्लिमों में कोई नाराजगी नहीं है। मुस्लिम वोट कहीं भी सपा से नहीं कट रहा है। न ही हिंदू वोटर में इसका प्रभाव दिख रहा है। भाजपा पर माइक्रो मैनेजमेंट का आरोप है। वह सरकार में हैं, तो उनकी पूरी कोशिश होगी कि मुस्लिम वोटर टर्नआउट न हो। महेश शर्मा ने कहा- खबर तो है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर के नाम कटे हैं। यहां करीब ढाई लाख वोटर हैं। एक लाख से ज्यादा मुस्लिम हैं। भाजपा के बंटोगे तो कटोगे वाले बयान से मुस्लिम एकजुट होकर सपा के पक्ष में जाते दिख रहे हैं। अब भाजपा बचे हुए डेढ़ लाख हिंदू वोटर के सहारे चुनावी मैदान में है। ऐसा नहीं है कि सभी हिंदू वोटर भाजपा को एकतरफा वोट करेंगे। महेश शर्मा बताते हैं- सीसामऊ में 275 बूथ हैं, इनमें 90 बूथ मुस्लिम एरिया में आते हैं, जहां भाजपा ठीक से खड़ी भी नहीं हो सकती। बाकी बचे बूथ में भी सपा-कांग्रेस को वोट मिलेंगे। भाजपा के लिए दलित वोट हासिल करना ही चुनौतीपूर्ण है। इसके साथ ही जो भितरघात की स्थिति बनी है, उसे दूर करना होगा। अब चुनाव 55 और 45 पर आ गया है। भाजपा को जरूर 5 फीसदी की बढ़त हुई है। अभी और बदलेगा सीन…
चुनाव को अभी 7 दिन बाकी है। सीएम योगी के बाद अब अखिलेश यादव की रैली होनी है। कहा जा रहा है कि चुनाव से पहले 17 नवंबर को योगी फिर से यहां सुरेश अवस्थी के लिए वोट मांगने आएंगे। इधर सपा ने शिवपाल यादव समेत कई दिग्गजों को प्रचार में लगा रखा है। ऐसे में चुनावी सीन हर दिन बदलता हुआ दिख रहा है। अब बात पॉलिटिकल पार्टी की… हम एक-एक कार्यकर्ता से मिल रहे हैं, भाजपा जीतेगी
कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी अनूप अवस्थी ने कहा- भाजपा सभी चुनाव पूरी ताकत से लड़ती है। सीसामऊ सीट के हर बूथ पर कार्यकर्ता पूरी ईमानदारी से लगे हैं। मुस्लिम वोटर के लिए भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा काम कर रहा है। हम सबका साथ-सबका विकास की बात करते हैं। हम हर वर्ग को लेकर चलते हैं। अनूप अवस्थी ने कहा- विकास कार्य बड़े पैमाने पर किए जा रहे हैं। मुस्लिमों को भी ये समझना चाहिए। मुस्लिमों को विकास कार्यों के नाम पर भाजपा को वोट करना चाहिए। इस बार माइक्रो मैनेजमेंट किया जा रहा है। एक-एक कार्यकर्ता एक-एक वोटर से मिल रहा है और वोट डलवाएगा। भाजपा यहां इतिहास रचने जा रही है। पार्टी चुनाव जीतेगी। भाजपा ने सिर्फ बांटने का काम किया है, सीसामऊ हम जीत रहे हैं
सपा जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने कहा- भाजपा ने धर्म के आधार पर सिर्फ बांटने का काम किया है। इसे सीसामऊ और कानपुर की जनता पूरी तरह समझ रही है। सपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। इससे भाजपा पूरी तरह असहज है। फजल महमूद ने कहा- सीसामऊ की जनता ने इस बार फिर से सपा को जिताने का मन बना लिया है। भाजपा जीतने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है, इसके बावजूद नसीम सोलंकी जीतेंगी। ये सरकार के अत्याचार के खिलाफ चुनाव है।
………………………….. ये भी पढ़ें: मीरापुर में अखिलेश के PDA को तोड़ रहीं मिथलेश: मायावती, ओवैसी और चंद्रशेखर के कैंडिडेट से सपा को नुकसान सीएम योगी की रैली के दो दिन बाद दैनिक भास्कर मीरापुर पहुंचा। हवा का रुख क्या है? क्या यहां बड़ा बदलाव होने वाला है? इन सवालों के साथ हमने लोगों से बात की। पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय जानी। पढ़ें पूरी ग्राउंड रिपोर्ट… अब विधायक जी को छुड़वा दो…हम थक गए हैं। बस यह आखिरी लड़ाई है…इंशाल्लाह। आप से वोट और दुआ की अपील करती हूं। ऐसा कहते हुए इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी चुनावी मंच पर रोने लगती हैं। वह कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा प्रत्याशी हैं। कानपुर का दंगाई महराजगंज जेल में बंद है, लेकिन सपा वाले उसे निर्दोष बता रहे हैं। याद कीजिए 1984 का दंगा। सपा राजू पाल और उमेश पाल हत्याकांड पर चुप क्यों थी? ऐसा सीएम योगी ने सीसामऊ के दर्शन पुरवा में 10 नवंबर को कहा। इस इलाके में सिंधी और दलित वोटर सबसे ज्यादा हैं। ये दोनों डायलॉग सीसामऊ उपचुनाव का सियासी माहौल बता रहे हैं। भाजपा से चुनावी मैदान में सुरेश अवस्थी हैं। बसपा से यहां ब्राह्मण प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार शुक्ला हैं। 22 साल से इस सीट पर सोलंकी परिवार का कब्जा है। मौजूदा समय में यहां चुनाव संवेदना और जातीय समीकरण के बीच आकर खड़ा हो गया है। संवेदना के सहारे नसीम सोलंकी मजबूत दिख रही हैं। मुस्लिम बहुल इस सीट पर उनके आंसू वोटर को कनेक्ट कर रहे हैं। हालांकि, हिंदू आबादी वाले इलाकों में हवा भाजपा की तरफ है। फाइट भाजपा और सपा के बीच है। ध्रुवीकरण ही यहां निर्णायक साबित होगा। सीसामऊ सीट पर क्या राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं? क्या यहां बड़ा उलटफेर होगा? अभी हवा का रुख क्या है? ये जानने दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड पर पहुंची.. सबसे पहले सीट का सियासी समीकरण…
कानपुर में 10 विधानसभा सीटें हैं। 10 में 7 सीटें भाजपा और 2 सीटें सपा के पास हैं। सपा के पास एक सीट सीसामऊ थी, जो इरफान सोलंकी को सजा मिलने के बाद खाली हुई। सीसामऊ घनी आबादी वाला शहरी इलाका है। पिछले तीन चुनाव की बात करें, तो इरफान सोलंकी की जीत का मार्जिन बढ़ता-घटता नजर आया। 2022 में इरफान 12 हजार 266 वोटों से जीते। 2017 में 5 हजार 826 और 2012 में 19 हजार 663 वोटों से जीत दर्ज की। इरफान सोलंकी ने तीनों बार भाजपा कैंडिडेट को चुनाव हराया। 2017 में जीत के बेहद करीब आकर सुरेश अवस्थी चुनाव हार गए थे। यही वजह है कि भाजपा ने उन्हें फिर से चुनावी मैदान में उतारा। अब दोनों पार्टियों के प्रचार पर नजर डालते हैं
सीसामऊ में हिंदू और मुस्लिम इलाके हैं। भाजपा का पूरा फोकस हिंदू बहुल इलाके में है। मुस्लिम के बाद यहां जनरल और दलित सबसे ज्यादा हैं। यही वजह है कि सीएम योगी की जनसभा दर्शनपुरवा में हुई। सीएम ने अपने बयान से दलित-सिंधी और पाल (ओबीसी) वोटर को साधने की कोशिश की। सीट पर ब्राह्मण वोटर अच्छी संख्या में हैं। भाजपा का मानना है कि यह उनके कोर वोटर हैं। सपा और कांग्रेस कार्यकर्ता यहां एक साथ प्रचार कर रहे हैं। मुस्लिम इलाकों में नसीम सोलंकी लगातार कैंपेन कर रही हैं। वहीं, हिंदू बहुल इलाकों में सपा-कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं। सपा मुस्लिम वोटर को एकतरफा अपने पक्ष में लाना चाहती है। पीडीए समीकरण के साथ वह 55% हिंदू वोटर में दलित और ओबीसी वोटर को साधने की कोशिश कर रही है। अब बात वोटर्स की… सीसामऊ क्षेत्र में आने वाले 10 वार्डों में गए। यहां करीब 100 लोगों से मिले। इनमें सभी धर्मों के लोग थे। सबसे पहले हम हिंदू बहुल जवाहर नगर पहुंचे। हमारी मुलाकात व्यापारी मनोज कुमार शुक्ला से हुई। मनोज कहते हैं- इस बार परिवर्तन का माहौल है। सरकार ने उद्यमियों और युवाओं के लिए अच्छा काम किया है। ये भी बड़ा कारण है कि यहां हम लोग बदलाव चाहते हैं। नसीम का मंदिर जाना सिर्फ चुनावी स्टंट है। इसी एरिया में व्यापारी नितिन मिश्रा ने कहा- शहर में एलिवेटेड फैक्ट्रियां बन रही हैं। बिजली, सुरक्षा और अपराध के मुद्दे पर सरकार ने अच्छा काम किया है। सीसामऊ में सभी हिंदू भाजपा के पक्ष में है। पिछले विधायक ने सिर्फ एक वर्ग विशेष के लिए ही काम किया। विकास पर इरफान सोलंकी ने कोई ध्यान नहीं दिया। सीसामऊ के मिश्रित आबादी क्षेत्र तकिया पार्क के रहने वाले नवल किशोर ने कहा- इरफान के पिता मुश्ताक सोलंकी ने अच्छा काम किया। सपा प्रत्याशी नसीम भले ही मंदिरों में जा रही हैं। लेकिन, उसका खास असर नहीं पड़ेगा। अभी तो भाजपा की हवा है। पहले भाजपा लड़ाई में नहीं होती थी, अब मजबूत स्थिति में है। इसके बाद हमने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों का रुख किया। यहां चमनगंज नाला रोड पर चाय की दुकान पर हाजी अब्दुल से मिले। उन्होंने बताया- इस बार बयार दोनों तरफ बह रही है। उपचुनाव में जिसकी सरकार होती है, वही जीतता है। लेकिन इस बार मुस्लिम वोट का बंटवारा नहीं होने वाला है। इरफान सोलंकी को बेचारा बताते हुए अब्दुल कहते हैं- अब जो जेल में बंद है, उसके लिए क्या ही कहा जाए। बस इरफान जब तक रहे, वो आते-जाते रहे। अब्दुल सीएम योगी के बयान बंटोगे तो कटोगे पर भी बोलते हैं। उन्होंने कहा- जब मुगलों का जमाना था, तब तो मरे कटे नहीं। अब 10 सालों के बाद यह लोग ऐसी बात कर रहे हैं। ये सब बेकार की बाते हैं। भाजपा प्रत्याशी तो वोट मांगने तक नहीं आता है। समाज में सभी को जीने का अधिकार है
बेकनगंज निवासी मोहम्मद जलील ने कहा- हवा भाजपा की तरफ ज्यादा चल रही है। जो हमारे लिए विकास कराएगा, उसे वोट करेंगे। इरफान ने अपने कार्यकाल में खूब विकास कराया है। समाज में सभी के जीने और कमाने का हक है। क्षेत्र में मेहनत-मजदूरी करने वाले लोग ज्यादा हैं। हम लोगों की परेशानी को समझें। मंदिर-मस्जिद के नाम पर लोगों को बांटना गलत बात है। मोहम्मद अकरीम ने कहा- मुस्लिम मतदाता पूरी तरह साइलेंट हैं। विकास के मुद्दे पर हमेशा ही वोट किया है। भाजपा के विकास को हर आदमी जानता है, कैसे हो रहा है और कहां हो रहा है। मुस्लिम क्षेत्रों में गठबंधन का असर साफ है। सपा को पूरा वोट मिलेगा। प्रत्याशी कोई और होता तो शायद सोचते
चमनगंज के मोहम्मद आमिर ने बताया- इरफान कई बार चुनाव जीत चुके हैं, तो साफ है कि उन्होंने विकास किया है। जनता ने इसीलिए पसंद किया है। उपचुनाव में भाजपा और सपा दोनों का ही संगठन मजबूत है। मोहम्मद आरिफ कहते हैं कि इरफान के काम पर लोग वोट दे रहे हैं। 50 साल के लिए सीवर लाइन इरफान ने डलवाई। बार-बार भाजपा एक प्रत्याशी को टिकट दे रही है और उनकी छवि भी ठीक नहीं है। प्रत्याशी कोई और होता तो मुस्लिम शायद साथ होता। अब बात पॉलिटिकल एक्सपर्ट की… सीसामऊ की राजनीति को करीब से जानने वाले सीनियर जर्नलिस्ट महेश शर्मा ने कहा- नसीम के मंदिर जाने से मुस्लिमों में कोई नाराजगी नहीं है। मुस्लिम वोट कहीं भी सपा से नहीं कट रहा है। न ही हिंदू वोटर में इसका प्रभाव दिख रहा है। भाजपा पर माइक्रो मैनेजमेंट का आरोप है। वह सरकार में हैं, तो उनकी पूरी कोशिश होगी कि मुस्लिम वोटर टर्नआउट न हो। महेश शर्मा ने कहा- खबर तो है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर के नाम कटे हैं। यहां करीब ढाई लाख वोटर हैं। एक लाख से ज्यादा मुस्लिम हैं। भाजपा के बंटोगे तो कटोगे वाले बयान से मुस्लिम एकजुट होकर सपा के पक्ष में जाते दिख रहे हैं। अब भाजपा बचे हुए डेढ़ लाख हिंदू वोटर के सहारे चुनावी मैदान में है। ऐसा नहीं है कि सभी हिंदू वोटर भाजपा को एकतरफा वोट करेंगे। महेश शर्मा बताते हैं- सीसामऊ में 275 बूथ हैं, इनमें 90 बूथ मुस्लिम एरिया में आते हैं, जहां भाजपा ठीक से खड़ी भी नहीं हो सकती। बाकी बचे बूथ में भी सपा-कांग्रेस को वोट मिलेंगे। भाजपा के लिए दलित वोट हासिल करना ही चुनौतीपूर्ण है। इसके साथ ही जो भितरघात की स्थिति बनी है, उसे दूर करना होगा। अब चुनाव 55 और 45 पर आ गया है। भाजपा को जरूर 5 फीसदी की बढ़त हुई है। अभी और बदलेगा सीन…
चुनाव को अभी 7 दिन बाकी है। सीएम योगी के बाद अब अखिलेश यादव की रैली होनी है। कहा जा रहा है कि चुनाव से पहले 17 नवंबर को योगी फिर से यहां सुरेश अवस्थी के लिए वोट मांगने आएंगे। इधर सपा ने शिवपाल यादव समेत कई दिग्गजों को प्रचार में लगा रखा है। ऐसे में चुनावी सीन हर दिन बदलता हुआ दिख रहा है। अब बात पॉलिटिकल पार्टी की… हम एक-एक कार्यकर्ता से मिल रहे हैं, भाजपा जीतेगी
कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी अनूप अवस्थी ने कहा- भाजपा सभी चुनाव पूरी ताकत से लड़ती है। सीसामऊ सीट के हर बूथ पर कार्यकर्ता पूरी ईमानदारी से लगे हैं। मुस्लिम वोटर के लिए भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा काम कर रहा है। हम सबका साथ-सबका विकास की बात करते हैं। हम हर वर्ग को लेकर चलते हैं। अनूप अवस्थी ने कहा- विकास कार्य बड़े पैमाने पर किए जा रहे हैं। मुस्लिमों को भी ये समझना चाहिए। मुस्लिमों को विकास कार्यों के नाम पर भाजपा को वोट करना चाहिए। इस बार माइक्रो मैनेजमेंट किया जा रहा है। एक-एक कार्यकर्ता एक-एक वोटर से मिल रहा है और वोट डलवाएगा। भाजपा यहां इतिहास रचने जा रही है। पार्टी चुनाव जीतेगी। भाजपा ने सिर्फ बांटने का काम किया है, सीसामऊ हम जीत रहे हैं
सपा जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने कहा- भाजपा ने धर्म के आधार पर सिर्फ बांटने का काम किया है। इसे सीसामऊ और कानपुर की जनता पूरी तरह समझ रही है। सपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। इससे भाजपा पूरी तरह असहज है। फजल महमूद ने कहा- सीसामऊ की जनता ने इस बार फिर से सपा को जिताने का मन बना लिया है। भाजपा जीतने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है, इसके बावजूद नसीम सोलंकी जीतेंगी। ये सरकार के अत्याचार के खिलाफ चुनाव है।
………………………….. ये भी पढ़ें: मीरापुर में अखिलेश के PDA को तोड़ रहीं मिथलेश: मायावती, ओवैसी और चंद्रशेखर के कैंडिडेट से सपा को नुकसान सीएम योगी की रैली के दो दिन बाद दैनिक भास्कर मीरापुर पहुंचा। हवा का रुख क्या है? क्या यहां बड़ा बदलाव होने वाला है? इन सवालों के साथ हमने लोगों से बात की। पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय जानी। पढ़ें पूरी ग्राउंड रिपोर्ट… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर