महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल में हत्या के मामले में दोषी कुख्यात बदमाश पपला गुर्जर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने आरोपी पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। मामले के अनुसार वर्ष 2015 में अज्ञात व्यक्तियों ने गांव बिहारीपुर में श्रीराम के मकान में घुसकर कमरे का दरवाजा तोड़कर गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कर कार्रवाई शुरू कर दी थी। हत्या के मामले गवाह था पति मृतक की पत्नी रामादेवी ने पुलिस को सूचना दी कि वह बिहारीपुर गांव की रहने वाली है तथा घरेलु कार्य करती है। उसने बताया कि उसके चार बच्चे थे, सबसे बड़ी बिमला देवी गांव खैरोली में शादीशुदा थी। जिसकी 21 अगस्त 2015 को हत्या कर दी गई थी। उससे छोटा पतराम और बीच का लड़का महेश, जिसकी हत्या 2014 मार्च में कर दी थी और उससे छोटा सतपाल है। भय के कारण पतराम और सतपाल परिवार सहित बाहर रहते थे। वह और उसका पति गांव में रहते थे। उसके दोहते संदीप की हत्या दिसम्बर 2014 में कोर्ट नारनौल के सामने कर दी थी। इन हत्या के मामलों में उसका पति गवाह था। पुलिस सुरक्षा में की थी हत्या जिसको रात के समय भीमसिंह, सुबेसिंह अशोक, धर्मबीर, बिमला, विरेन्द्र, विक्रम खैरोली और सुभाष चन्द के लड़के की बहू ने उनके कमरे का दरवाजा तोड़कर पुलिस सुरक्षा के सामने उसके पति पर गोलियां चला दी। उसको और पुलिस वालों को साईड में कर दिया। गोलियां लगने से उसके पति की मौके पर ही मौत हो गई। फिर उक्त सभी दीवार कूद कर भाग गए और जाते समय जान से मारने की धमकी दी या तो सारे केस वापस ले लो नही तो ऐसे ही सारे परिवार को खत्म कर देगे। इस मामले में थाना नांगल चौधरी पुलिस के द्वारा मामला दर्ज किया गया। जांच इकाई के द्वारा कार्यवाही करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के सम्मुख पेश किया गया था। न्यायालय में सुनवाई के दौरान उप जिला न्यायवादी वीरेंद्र शर्मा ने मामले में अभियोजन के पक्ष में पैरवी करते हुए दोषी को सजा दिलाने में भूमिका निभाई। महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल में हत्या के मामले में दोषी कुख्यात बदमाश पपला गुर्जर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने आरोपी पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। मामले के अनुसार वर्ष 2015 में अज्ञात व्यक्तियों ने गांव बिहारीपुर में श्रीराम के मकान में घुसकर कमरे का दरवाजा तोड़कर गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कर कार्रवाई शुरू कर दी थी। हत्या के मामले गवाह था पति मृतक की पत्नी रामादेवी ने पुलिस को सूचना दी कि वह बिहारीपुर गांव की रहने वाली है तथा घरेलु कार्य करती है। उसने बताया कि उसके चार बच्चे थे, सबसे बड़ी बिमला देवी गांव खैरोली में शादीशुदा थी। जिसकी 21 अगस्त 2015 को हत्या कर दी गई थी। उससे छोटा पतराम और बीच का लड़का महेश, जिसकी हत्या 2014 मार्च में कर दी थी और उससे छोटा सतपाल है। भय के कारण पतराम और सतपाल परिवार सहित बाहर रहते थे। वह और उसका पति गांव में रहते थे। उसके दोहते संदीप की हत्या दिसम्बर 2014 में कोर्ट नारनौल के सामने कर दी थी। इन हत्या के मामलों में उसका पति गवाह था। पुलिस सुरक्षा में की थी हत्या जिसको रात के समय भीमसिंह, सुबेसिंह अशोक, धर्मबीर, बिमला, विरेन्द्र, विक्रम खैरोली और सुभाष चन्द के लड़के की बहू ने उनके कमरे का दरवाजा तोड़कर पुलिस सुरक्षा के सामने उसके पति पर गोलियां चला दी। उसको और पुलिस वालों को साईड में कर दिया। गोलियां लगने से उसके पति की मौके पर ही मौत हो गई। फिर उक्त सभी दीवार कूद कर भाग गए और जाते समय जान से मारने की धमकी दी या तो सारे केस वापस ले लो नही तो ऐसे ही सारे परिवार को खत्म कर देगे। इस मामले में थाना नांगल चौधरी पुलिस के द्वारा मामला दर्ज किया गया। जांच इकाई के द्वारा कार्यवाही करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के सम्मुख पेश किया गया था। न्यायालय में सुनवाई के दौरान उप जिला न्यायवादी वीरेंद्र शर्मा ने मामले में अभियोजन के पक्ष में पैरवी करते हुए दोषी को सजा दिलाने में भूमिका निभाई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भास्कर से बातचीत में तरलोचन सिंह ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस में कुछ नेता ऐसे भर्ती हो रखे है, जिन्होंने समर्थन में वोट मांगने की बजाय कांग्रेस के खिलाफ वोट करने के लिए कहा। इसके लिए फोन भी किया गया। वहां उन्हें कहा गया कि BJP को वोट दे देना। ऐसे में वे कांग्रेस के वफादार कैसे हो सकते हैं। हालांकि तरलोचन सिंह ने उन कांग्रेसियों के नामों का खुलासा करने से मना कर दिया, लेकिन इतना जरूर कहा है कि मैं नामों का भी खुलासा कर दूंगा, जब समय आएगा। ऐसे नेताओं से हमारे बड़े नेताओं को भी सावधान रहना पड़ेगा। 2. छूरा घोपे जाने का बाद में पता चलता है
तरलोचन सिंह के चुनाव प्रचार के दौरान सभी नेता नजर आए थे, इस सवाल पर तरलोचन सिंह ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान नेता साथ जरूर थे, लेकिन छूरा तो धीरे से और पीछे से ही घोंपा जाता है। इन नेताओं या फिर कार्यकर्ताओं में से किसने छूरा घोंपा है, उसका भी पता चल चुका है, समय आने पर खुलासा भी कर देंगे। इस पूरे प्रकरण की शिकायत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को की जाएगी और उसकी कॉपी ऊपर से लेकर नीचे तक के नेताओं को दी जाएगी। 3. मुझे हराकर खुद इलेक्शन लड़ना चाहते हैं
तरलोचन सिंह ने कहा कि चुनाव में हार और जीत होना एक अलग मुद्दा है, लेकिन दगाबाज नेताओं या फिर कार्यकर्ताओं ने अपना फर्ज नहीं निभाया, उल्टा नेगेटिव बोले। हम सरकार के सामने इलेक्शन लड़ रहे थे और पूरी मेहनत की। कार्यकर्ताओं ने भी पूरी मेहनत की लेकिन कुछ लोगों ने दूसरों को फोन कॉल्स किए और नेगेटिव प्रचार किया। अगर मेहनत सभी करते तो उसमें कोई मुद्दा नहीं था। जो भी कुछ हुआ है उसके सबूत हमारे पास है। खुद की महत्वाकांक्षा के लिए उन नेताओं ने यह सोचा कि अगर त्रलोचन सिंह इलेक्शन हार जाता है तो अगला इलेक्शन हम लड़ेंगे।
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