हरियाणा में अभी तक मानसून का पूरा असर नहीं दिखा है। अधिकतर जिलों में बादल तो छाए, लेकिन बारिश नहीं हुई। प्रदेश के 13 जिलों में कम बारिश हुई है। 15 जुलाई तक प्रदेश में 80.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। सबसे कम बारिश होने वाले जिले फतेहाबाद में 48% ज्यादा, नूंह में 53% ज्यादा और महेंद्रगढ़ में 35% ज्यादा बारिश हुई। आज प्रदेश के 13 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इनमें झज्जर, गुरुग्राम, सोहना, तावडू, मातनहेल, नूंह, रेवाड़ी, कोसली, महेंद्रगढ़, पटौदी, बावल, अटेली, नारनौल शामिल हैं। यहां 30-40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावनाएं हैं। इसी तरह लोहारू, बाढ़ड़ा, चरखी-दादरी, बहादुरगढ़, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल, हथीन, होडल, पुन्हाना और फिरोजपुर-झिरका में येलो अलर्ट है। सोमवार को करनाल, झज्जर और सोनीपत में अच्छी बारिश देखने को मिली। जबकि इससे पहले पूरे एक सप्ताह मानसून सुस्त बना हुआ था। कल से मौसम खराब हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के कृषि-मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में 19 जुलाई तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना है। 17 जुलाई तक राज्य में मानसूनी हवाओं की सक्रियता में मामूली कमी आने के आसार हैं, जिससे राज्य में वर्षा की गतिविधि में कमी आ सकती है। इस दौरान राज्य के उत्तरी जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश, लेकिन पश्चिमी व दक्षिणी हरियाणा के जिलों में कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी होने की संभावना है। हवा का रुख पूर्व से उत्तर-पश्चिमी होने के कारण दिन के तापमान में मामूली वृद्धि और वातावरण में नमी की मात्रा में कमी आने की संभावना है। 17 जुलाई की रात से राज्य में एक बार फिर मानसूनी सक्रियता बढ़ सकती है। इसके चलते 19 जुलाई तक राज्य के अधिकांश भागों में हवाओं व गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। बारिश कम होने के कारण डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मध्य प्रदेश साइड से मानसून ट्रफ, यूपी के आसपास है। आगे न बढ़ पाने के कारण मानसूनी हवाएं नहीं आ रहीं। जुलाई के आखिरी सप्ताह में अच्छी बारिश की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ भी कमजोर है। लोकल कलाउड डेवलप होने से कहीं-कहीं बारिश देखने को मिल रही है। अभी सूखे जैसे हालात हरियाणा में मानसून की एंट्री इस बार 28 जून को हुई थी। मानसून के पहले दौर में एक सप्ताह तक कुछ इलाकों में जोरदार बारिश हुई। मानसून आने के बाद भी अभी सूखे जैसे हालात हैं। बारिश कम हो रही है। जून-जुलाई के 46 दिनों में अब तक 31 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा में अभी तक मानसून का पूरा असर नहीं दिखा है। अधिकतर जिलों में बादल तो छाए, लेकिन बारिश नहीं हुई। प्रदेश के 13 जिलों में कम बारिश हुई है। 15 जुलाई तक प्रदेश में 80.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। सबसे कम बारिश होने वाले जिले फतेहाबाद में 48% ज्यादा, नूंह में 53% ज्यादा और महेंद्रगढ़ में 35% ज्यादा बारिश हुई। आज प्रदेश के 13 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इनमें झज्जर, गुरुग्राम, सोहना, तावडू, मातनहेल, नूंह, रेवाड़ी, कोसली, महेंद्रगढ़, पटौदी, बावल, अटेली, नारनौल शामिल हैं। यहां 30-40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावनाएं हैं। इसी तरह लोहारू, बाढ़ड़ा, चरखी-दादरी, बहादुरगढ़, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल, हथीन, होडल, पुन्हाना और फिरोजपुर-झिरका में येलो अलर्ट है। सोमवार को करनाल, झज्जर और सोनीपत में अच्छी बारिश देखने को मिली। जबकि इससे पहले पूरे एक सप्ताह मानसून सुस्त बना हुआ था। कल से मौसम खराब हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के कृषि-मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में 19 जुलाई तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना है। 17 जुलाई तक राज्य में मानसूनी हवाओं की सक्रियता में मामूली कमी आने के आसार हैं, जिससे राज्य में वर्षा की गतिविधि में कमी आ सकती है। इस दौरान राज्य के उत्तरी जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश, लेकिन पश्चिमी व दक्षिणी हरियाणा के जिलों में कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी होने की संभावना है। हवा का रुख पूर्व से उत्तर-पश्चिमी होने के कारण दिन के तापमान में मामूली वृद्धि और वातावरण में नमी की मात्रा में कमी आने की संभावना है। 17 जुलाई की रात से राज्य में एक बार फिर मानसूनी सक्रियता बढ़ सकती है। इसके चलते 19 जुलाई तक राज्य के अधिकांश भागों में हवाओं व गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। बारिश कम होने के कारण डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मध्य प्रदेश साइड से मानसून ट्रफ, यूपी के आसपास है। आगे न बढ़ पाने के कारण मानसूनी हवाएं नहीं आ रहीं। जुलाई के आखिरी सप्ताह में अच्छी बारिश की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ भी कमजोर है। लोकल कलाउड डेवलप होने से कहीं-कहीं बारिश देखने को मिल रही है। अभी सूखे जैसे हालात हरियाणा में मानसून की एंट्री इस बार 28 जून को हुई थी। मानसून के पहले दौर में एक सप्ताह तक कुछ इलाकों में जोरदार बारिश हुई। मानसून आने के बाद भी अभी सूखे जैसे हालात हैं। बारिश कम हो रही है। जून-जुलाई के 46 दिनों में अब तक 31 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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