मध्य प्रदेश के एक व्यक्ति ने हरियाणा के पानीपत रेलवे पुलिस से अपनी पत्नी का बैग ट्रेन से चोरी होने की शिकायत की है। बताया जा रहा है कि निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास दो युवक ट्रेन में चढ़े और बैग चुरा ले गए। बैग में नकदी, दस्तावेज और अन्य सामान था। घटना निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास हुई। लेकिन शिकायत पानीपत पुलिस को दी गई है। इसलिए पानीपत जीआरपी ने जीरो एफआईआर दर्ज कर अंबाला मुख्यालय के जरिए निजामुद्दीन जीआरपी को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बैग चोरी कर युवक ट्रेन से उतर गए पुलिस को दी गई शिकायत में अरविंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वह राजीव गांधी अयोध्या बाईपास, मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। 7 नवंबर को वह अपनी पत्नी के साथ यात्रा कर रहे थे। वे मालवा एक्सप्रेस में थे। उनकी पत्नी सीट नंबर 79 पर थीं, जबकि वह सीट नंबर 74 पर सो रहे थे। जब ट्रेन निजामुद्दीन स्टेशन के पास रुकने वाली थी, तभी दो युवकों ने उनकी पत्नी का हैंडबैग उनकी सीट से चुरा लिया और भाग गए। उस समय सभी सो रहे थे। सुबह करीब 4 बजे उनकी पत्नी को एहसास हुआ कि बैग चोरी हो गया है। उन्होंने तुरंत उन्हें जगाया। पति-पत्नी ने बैग की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला। बैग में उनके जरूरी दस्तावेज, मोबाइल फोन, लेडीज लगेज और करीब 4 हजार कैश थे। मध्य प्रदेश के एक व्यक्ति ने हरियाणा के पानीपत रेलवे पुलिस से अपनी पत्नी का बैग ट्रेन से चोरी होने की शिकायत की है। बताया जा रहा है कि निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास दो युवक ट्रेन में चढ़े और बैग चुरा ले गए। बैग में नकदी, दस्तावेज और अन्य सामान था। घटना निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास हुई। लेकिन शिकायत पानीपत पुलिस को दी गई है। इसलिए पानीपत जीआरपी ने जीरो एफआईआर दर्ज कर अंबाला मुख्यालय के जरिए निजामुद्दीन जीआरपी को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बैग चोरी कर युवक ट्रेन से उतर गए पुलिस को दी गई शिकायत में अरविंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वह राजीव गांधी अयोध्या बाईपास, मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। 7 नवंबर को वह अपनी पत्नी के साथ यात्रा कर रहे थे। वे मालवा एक्सप्रेस में थे। उनकी पत्नी सीट नंबर 79 पर थीं, जबकि वह सीट नंबर 74 पर सो रहे थे। जब ट्रेन निजामुद्दीन स्टेशन के पास रुकने वाली थी, तभी दो युवकों ने उनकी पत्नी का हैंडबैग उनकी सीट से चुरा लिया और भाग गए। उस समय सभी सो रहे थे। सुबह करीब 4 बजे उनकी पत्नी को एहसास हुआ कि बैग चोरी हो गया है। उन्होंने तुरंत उन्हें जगाया। पति-पत्नी ने बैग की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला। बैग में उनके जरूरी दस्तावेज, मोबाइल फोन, लेडीज लगेज और करीब 4 हजार कैश थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में 8 लव जिहाद के मामले आए सामने:पुलिस कमिश्नर से मिले हिंदू संगठन, दोषियों पर कार्रवाई की मांग हरियाणा के जिले फरीदाबाद में लगभग 2 महीने में सात लव जिहाद के मामले सामने आने के बाद पीड़ित परिवारों के साथ हिंदू संगठन आक्रोश में नजर आ रहा है इसके चलते आज पीड़ित परिवारों के साथ हिंदू संगठनों ने एकत्रित होकर फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर कार्यालय में पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा और दोषियों के खिलाफ उचित करने कार्रवाई की मांग की है। क्या है लव जिहाद जब से सुप्रीम कोर्ट ने लव जेहाद को मान्यता प्रदान की है, तब से ये शब्द चारों तरफ चर्चा और बहस का ज्वलंत विषय बना हुआ है। इसलिए अब खबरदार में हम लव जिहाद के जिन्न का संपूर्ण विश्लेषण करेंगे। लव जिहाद का ये जिन्न केरल में एक हिंदू लड़की और एक मुस्लिम लड़के के प्रेम विवाह से पैदा हुआ है। जब एक धर्म विशेष को मानने वाले दूसरे धर्म की लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसाकर उस लड़की का धर्म परिवर्तन करवा देते हैं, तो इस पूरी प्रक्रिया को लव जिहाद कहा जाता है। सभी बच्चियां नाबालिग फरीदाबाद में 2 माह में आठ लव जिहाद के मामले सामने आए हैं जिनमें से एक लड़की बालिक है, बाकी सभी बच्चियां नाबालिग है। हैरत की बात है कि लव जिहाद में फंसी सभी बच्चियां फरीदाबाद से गायब है। लेकिन पुलिस अभी तक किसी को भी बरामद या आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पीड़ित परिवार समेत हिंदू संगठन पुलिस कमिश्नर से मिलकर मामले को गंभीरता से लेते हुए बच्चियों की बरामद की। आरोपियों की गिरफ्तारी के दिए निर्देश आरोपियों गिरफ्तारी की मांग करने के लिए ज्ञापन देने के लिए पहुंचे थे, जहां पर एसीपी सेंट्रल विष्णु प्रसाद ने पीड़ित परिवारों के साथ आए हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं की बात सुनी और मामले को गंभीरता से लेते हुए आठों मामले के संबंधित थाना प्रभारी को फोन मिलाकर इसमें त्वरित कार्यवाही करते हुए गायब हुई बच्चियों की बरामदगी के साथ-साथ आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए। अलग-अलग थानों में केस दर्ज वहीं एसीपी विष्णु प्रसाद से मिलने के बाद न केवल हिंदू संगठन बल्कि पीड़ित परिवार भी संतोष जनक नजर आया, जिन्होंने मीडिया के सामने बात करते हुए कहा कि अब उन्हें उम्मीद है कि पुलिस मामले में गंभीरता से काम करेगी। हिंदू संगठन के कार्यकर्ता सुशील ने बताया कि आठ मामले जो सामने आए हैं, सभी फरीदाबाद के हैं जो की फरीदाबाद के अलग-अलग थानों में रजिस्टर्ड हैं। इन आठ मामलों में सात नाबालिक और एक बच्ची बालिक है। सभी को लव जिहाद में फंसाने वाले मुस्लिम लड़के हैं, जिन्होंने लव जिहाद में फंसा कर लड़कियों को गायब कर रखा है। वह चाहते हैं कि पुलिस इस मामले में जल्द एक्शन ले और आरोपियों को गिरफ्तार करें। गाड़ी करके लाओ, तब चलेंगे बच्ची को खोजने
वही मामले में पीड़ित बच्ची की मां ने बताया कि वह अपनी बेटी के गायब होने के बाद पुलिस थाने के चक्कर काट कर थक चुके हैं, जिस पर उन्हें शक होता है, वह उसके बारे में पुलिस को बताते हैं, लेकिन पुलिस उनसे पूछताछ तक नहीं करती। कई बार पुलिस वाले उनसे कहते हैं कि बच्ची को खोजने के लिए गाड़ी करके लाओ, तब बच्ची को खोजने के लिए चलेंगे। अब उन्हें एसीपी से मिलकर उम्मीद है कि अब पुलिस उनके मामले में उचित कार्रवाई करेगी।
हरियाणा सरकार राई यूनिवर्सिटी वेव सीरीज शूटिंग विवाद पर अलर्ट:कुलपति को बनाया प्रशासक; प्रिंसिपल की ACR के अधिकार, 200 ड्रॉप आउट
हरियाणा सरकार राई यूनिवर्सिटी वेव सीरीज शूटिंग विवाद पर अलर्ट:कुलपति को बनाया प्रशासक; प्रिंसिपल की ACR के अधिकार, 200 ड्रॉप आउट मोतीलाल नेहरू खेल विद्यालय (MNSS) में वेव सीरीज शूटिंग विवाद के बाद हरियाणा सरकार अलर्ट हो गई है। सरकार ने फैसला किया है कि एमएनएसएस, राई को हरियाणा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी (SUH) के प्रशासनिक नियंत्रण में रखा जाएगा। एसयूएच के कुलपति, उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार को इस विद्यालय के समग्र प्रशासनिक नियंत्रक बनाया गया है। एमएनएसएस पिछले काफी समय से एक विवादित वेब सीरीज, कई मुद्दों, शिकायतों और छात्रों की संख्या में भारी कमी के कारण सुर्खियों में है। कुलपति सभी प्रशासनिक मामलों में स्कूल के प्रिंसिपल के रिपोर्टिंग और नियंत्रण अधिकारी होंगे। सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि, कुलपति के पास एमएनएसएस के प्रिंसिपल की सभी छुट्टियां, दौरा कार्यक्रम मंजूर करने और प्रिंसिपल की एसीआर दर्ज करने का अधिकार होगा। 2 सालों में 200 बच्चे छोड़ गए स्कूल सूत्रों के अनुसार, पिछले दो सालों में 170-180 छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं। इसके अलावा, जैसे-जैसे संस्थान की प्रतिष्ठा धूमिल होती गई, कुछ शिक्षक और कोच भी इसे छोड़कर चले गए। विभाग ने इस मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। 14 जून को विभाग के निदेशक द्वारा जारी नए निर्देशों के अनुसार, उचित विचार-विमर्श के बाद, एमएनएसएस, राय पर एसयूएच के प्रशासनिक नियंत्रण के दायरे को स्पष्ट करने के लिए निर्देश जारी करने का निर्णय लिया गया है। क्या है वेव सीरीज शूटिंग विवाद स्कूल की उप-प्रधानाचार्य मौसमी घोषाल ने 27 मई 2023 को राय थाना पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा था कि ‘रंग दे मोहे’ शो की शूटिंग दिसंबर 2021 में मुंबई की एक कंपनी मेसर्स क्लिक ऑन आरएम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की गई थी। इसे एक साल और चार महीने बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर पर सीरीज का नाम बदलकर ‘विरोध’ कर दिया गया। घोषाल ने आगे कहा कि कंपनी ने स्कूल प्रशासन से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) मांगा था, लेकिन उसने इसे देने से इनकार कर दिया क्योंकि स्कूल अधिकारियों ने मांग की थी कि प्रमाण पत्र जारी करने से पहले उन्हें सीरीज दिखाई जाए। हालांकि, उन्होंने स्कूल से एनओसी के बिना ही सीरीज जारी कर दी। वेव सीरीज में एडल्ट सीन, गाली-गलौज उप-प्रधानाचार्य ने बताया कि इस सीरीज में स्कूल का नाम कमला नेहरू स्कूल भी दिखाया गया था। इसके अलावा, शो में एडल्ट सीन, गाली-गलौज और बेहद आपत्तिजनक दृश्य दिखाए गए थे। छात्रों को शराब और सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था, जबकि एक खेल प्रशिक्षक को एक छात्रा से अवैध रूप से मदद मांगते हुए दिखाया गया था। उन्होंने कहा कि इन कारकों के कारण स्कूल की छवि खराब हुई है, जिससे छात्रों, शिक्षकों, प्रशिक्षकों और अभिभावकों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। वेब सीरीज के निर्माता त्रेहान को भी पत्र लिखकर कहा गया है कि वे स्कूल का नाम और लोगो हटा दें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 5 जून को दर्ज हुआ केस वाइस प्रिंसिपल घोषाल की शिकायत के बाद राय पुलिस ने 5 जून 2023 को आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत त्रेहान दहिया और एमएक्स प्लेयर के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी। एसएचओ ने बताया कि जांच में शामिल होने के लिए बुधवार को गिरफ्तार किए गए त्रेहान ने आरोप लगाया था कि कर्नल मोर (सेवानिवृत्त) ने एनओसी जारी करने के लिए और मांगें रखी थीं। एसएचओ ने बताया कि मामले की जांच अभी भी जारी है और जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। गौरतलब है कि खेल विभाग ने कर्नल अशोक मोर (सेवानिवृत्त) से प्रिंसिपल और डायरेक्टर का प्रभार वापस ले लिया है, जब तक कि उनके खिलाफ कई शिकायतों की जांच पूरी नहीं हो जाती। उप-प्रधानाचार्य घोषाल ने स्कूल के कार्यवाहक प्रिंसिपल और डायरेक्टर का पदभार संभाला हुआ है।
नई मोदी सरकार में हरियाणा से 2 मंत्री संभव:राव ने दिल्ली में डेरा डाला, गुर्जर की होगी छुट्टी; खट्टर BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में
नई मोदी सरकार में हरियाणा से 2 मंत्री संभव:राव ने दिल्ली में डेरा डाला, गुर्जर की होगी छुट्टी; खट्टर BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में केंद्र में PM नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली NDA सरकार का 9 जून को संभावित शपथग्रहण है। इसमें हरियाणा से 2 कैबिनेट मंत्री बनाए जा सकते हैं। जिनमें राव इंद्रजीत सिंह को दोबारा मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। इसके लिए राव इंद्रजीत दिल्ली में डेरा डाल चुके हैं। हालांकि फरीदाबाद से जीते कृष्णपाल गुर्जर के दोबारा मंत्री बनने के चांस कम नजर आ रहे हैं। कृष्णपाल गुर्जर की जगह भिवानी-महेंद्रगढ़ से जाट चेहरे चौधरी धर्मबीर या कुरूक्षेत्र से जीतने वाले नवीन जिंदल को जगह मिल सकती है। वहीं हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में हैं। भाजपा उन्हें जेपी नड्डा की जगह ये जिम्मेदारी सौंप सकती है। हालांकि उनको राष्ट्रीय महामंत्री बनाए जाने की चर्चा भी तेज है। चूंकि हरियाणा में 4 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यहां से चुने गए सांसदों को भाजपा में बड़ी जिम्मेदारियां मिलनी तय मानी जा रही हैं। खट्टर मोदी के पुराने साथी, संगठन का अनुभव
मनोहर लाल खट्टर करनाल से सांसद चुने गए हैं। भाजपा ने अचानक उन्हें हरियाणा CM की कुर्सी से हटा लोकसभा टिकट दी थी। जिसमें उन्होंने चुनाव जीतकर अपनी काबिलियत साबित की। खट्टर पीएम नरेंद्र मोदी की गुडबुक में हैं। वे मोदी के पुराने साथी रह चुके हैं। खुद मोदी ने चुनाव से पहले गुरुग्राम में कहा था कि जब वे हरियाणा में थे तो खट्टर के साथ बाइक पर रोहतक से गुरुग्राम आते थे। इसके अलावा खट्टर को संगठन का भी बड़ा अनुभव है। वह 2014 में ही विधायक का चुनाव लड़े। इससे पहले करीब 3 दशक से ज्यादा वक्त तक उन्होंने संगठन का काम किया। इस वजह से उनको अध्यक्ष बनाने की चर्चा है। चुनाव में जीत के बाद वे दिल्ली जाकर जेपी नड्डा और अमित शाह से भी मिल चुके हैं। उनको सरकार में लेने की भी पैरवी हो रही है। इसके लिए उनके साढ़े 9 साल हरियाणा में सरकार चलाने के अनुभव का हवाला दिया जा रहा है। अहीरवाल में 14 विधानसभा सीटों पर राव का दबदबा
राव इंद्रजीत सिंह की मंत्रिमंडल में दावेदारी इसलिए मजबूत हैं, क्योंकि वे अहीरवाल बेल्ट के बड़े नेता हैं। दक्षिणी हरियाणा की 14 विधानसभा सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह का खुद का प्रभाव रहा है। पिछले तीन लोकसभा चुनाव में दक्षिणी हरियाणा में बीजेपी को अच्छी बढ़त मिली हैं। इस बार भी राज बब्बर जैसे दिग्गज कांग्रेस नेता को राव ने हरा दिया। वे छठी बार सांसद बने। ऐसे में राव को बाहर कर भाजपा दक्षिणी हरियाणा की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती। सियासी समीकरण देख लग सकता है धर्मबीर का नंबर
गुर्जर को मंत्रीपद न देने के बाद भी हरियाणा को भाजपा नेतृत्व नजरअंदाज नहीं कर सकता। विधानसभा चुनाव के समीकरण को देखते हुए भाजपा भिवानी-महेंद्रगढ़ से लगातार तीसरी बार जीतने वाले चौधरी धर्मबीर को मंत्री बना सकती है। धर्मबीर बड़े जाट चेहरे हैं। अभी राज्य में BJP की सरकार में बड़े लेवल पर जाटों का प्रतिनिधित्व कम है। वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा के 5 सीटें हारने में जाटों की नाराजगी बड़ी वजह बनी। भाजपा इससे उसे साध सकती है। बहुमत न मिलने से कटेगा गुर्जर का पत्ता
फरीदाबाद से लगातार तीसरी बार जीते कृष्णपाल गुर्जर मोदी सरकार के दोनों टर्म में मंत्री रहे। मगर, इस बार उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने के चांस कम है। कृष्णपाल गुर्जर ने भले ही 1 लाख, 72 हजार 914 के अच्छे मार्जिन से जीत दर्ज कर ली, लेकिन BJP के पूर्ण बहुमत में नहीं आने की वजह से इस बार गठबंधन सहयोगियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है। यही वजह है कि कृष्णपाल गुर्जर को तीसरी बार मंत्री पद देने के लिए शीर्ष नेतृत्व ने भी अभी तक कोई विचार नहीं किया है।