<p style=”text-align: justify;”><strong>Sambhal Shahi Masjid History:</strong> अयोध्या, मथुरा, काशी के साथ यूपी के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद जिसे बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है, इस पर भी हिन्दू पक्ष द्वारा दावा किया जाता है कि ये हर हरिहर मंदिर है. ये मामला कोर्ट में चल रहा है, हिन्दू पक्ष का कहना है कि ये मस्जिद भी मंदिर को तोड़कर बनाई गई है. लेकिन, इसकी सच्चाई क्या है? क्या ये मस्जिद सच में मजहबी स्थल है या फिर किसी हिंदू मंदिर को तोड़ कर बनाई गई है. एबीपी न्यूज ने इस सवाल की पड़ताल की, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए एबीपी न्यूज की टीम ने ऐतिहासिक और पुरातात्विक (Archeological) साक्ष्य खंगालने शुरू किए और हमारे हाथ लगी भारतीय पुरातत्व विभाग (Archeological Survey of India) की साल 1879 की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट जिसमें संभल की जामा मस्जिद का पूरा सर्वेक्षण है. ये रिपोर्ट ASI के तत्कालीन अधिकारी एसीएल कारले ने संभल की जामा मस्जिद का 1875 में सर्वेक्षण करके तैयार किया था. इस रिपोर्ट का टाइटल है Tours in the Central Doab and Gorakhpur 1874–1875 and 1875–1876.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुरानी रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासा</strong><br />रिपोर्ट के पेज 25 और 26 में ASI ने अपने सर्वेक्षण में पाया था कि मस्जिद के अंदर और बाहर के खंभे पुराने हिंदू मंदिर के हैं, जिसे प्लास्टर लगा कर छुपा दिया गया है. ASI ने अपने इस दावे के पीछे तर्क दिया था कि सर्वेक्षण के दौरान ASI के अधिकारी ने पाया कि मस्जिद के एक खंभे से प्लास्टर उखड़ा हुआ है और ईंटों के पीछे सर्वे करने पर पता लगा कि इसके पीछे लाल रंग का खंभा है जो ना सिर्फ मस्जिद के कालखंड के प्राचीन है बल्कि ऐसे खंभे हिंदू मंदिरों के होते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/11/22/820b36a147857b3b3637d177482617df1732241923968487_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>मस्जिद के खंभों के अलावा ASI ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया था कि मस्जिद के गुंबद का जीर्णोद्धार हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने करवाया था, साथ ही मस्जिद के हिन्दू खंभे, मुस्लिम खंभों से बिल्कुल अलग हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/11/22/9e6c098bea336fd6f1f331f8b020727c1732241970552487_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>संभल की जामा मस्जिद के हिन्दू मन्दिर को तोड़ कर बनाया जाने पर ASI का सबसे बड़ा तर्क मस्जिद का एक शिलालेख था. जिसका उल्लेख करते हुए ASI ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि मस्जिद में मौजूद शिलालेख जिस पर दर्ज है कि इसका निर्माण 933 हिजरी साल में पूरा हुआ था और हिंदू मंदिर से इसे मस्जिद में परिवर्तित करने वाले व्यक्ति का नाम मीर हिंदू बेग है जो कि बाबर का दरबारी था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बाबरनामा में भी मंदिर को मस्जिद बनाने का जिक्र</strong><br />ASI की रिपोर्ट के इतर हिंदू पक्ष के याचिकर्ता हरिशंकर जैन ने अपनी याचिका में बाबरनामा का जिक्र करते हुए याचिका में दावा किया है कि बाबरनामा के अंग्रेजी अनुवाद में दर्ज है कि भगवान विष्णु के हिन्दू मन्दिर का मस्जिद में परिवर्तन मीर हिंदू बेग नाम के बाबर के दरबारी ने किया था जैसा कि उल्लेख शिलालेख में भी मिलता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिंदू पक्ष के इस दावे पर मुहर लगाते हुए इतिहासकार और भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के निदेशक डॉ ओमजी उपाध्याय ने एबीपी न्यूज से बात करते कहा कि बाबरनामा से लेकर तारीख ए बाबरी में इस बात के कई प्रमाण मिलते हैं कि संभल की जामा मस्जिद भगवान विष्णु के मंदिर को तोड़ कर बनी है, बाबरनामा जिसे खुद बाबर ने लिखा था और जिसका अंग्रेजी अनुवाद बेवरेज ने किया है उसके पेज नंबर 687 पर साफ साफ लिखा है बाबर के आदेश पर उसके दरबारी मीर हिंदू बेग ने संभल के हिंदू मंदिर को जामा मस्जिद में परिवर्तित किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ ओमजी उपाध्याय की माने तो इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिलते हैं जहां इस्लामी आक्रांताओं ने मंदिरों को मस्जिद में परिवर्तित किया, ऐसा इसलिए नहीं था कि जगह की कमी थी ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि भारत की हिन्दू आबादी के सामने आक्रांताओं को दिखाना था कि वो उनके गुलाम हैं और ऐसा एक दो के साथ नहीं किया बल्कि 1800 से ज्यादा मस्जिदों का इतिहास पूर्व में किताबों में दर्ज है जो कभी हिंदू मंदिर थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिंदू पक्ष के याचिकर्ता हरिशंकर जैन ने एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि अयोध्या, काशी, मथुरा, भोजशाला, कुतुब मीनार और अब संभल की मस्जिद के बाद अभी और भी ऐसी मस्जिदें हैं जो हिंदू मंदिर तोड़ कर बने हैं और आने वाले दिनों में वो कोर्ट में उसके लिए भी लड़ेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुस्लिम पक्ष ने हिन्दू पक्ष के दावे को नकारा</strong><br />हालांकि इस पूरे मामले में मुस्लिम पक्ष के तर्क हिंदू पक्ष, इतिहासकारों और पुरातत्व सबूतों से अलग हैं. संभल की जामा मस्जिद के अध्यक्ष मोहम्मद जफर का दावा है कि मस्जिद किसी भी मंदिर को तोड़ कर नहीं बनी और मस्जिद के हिन्दू मन्दिर के कोई निशान नहीं है. संभल की जामा मस्जिद के कोर्ट कमिश्नर सर्वे के आदेश पर मोहम्मद जफर आश्चर्य जताते हुए दावा करते हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है एक ही दिन में कोर्ट के मामला आता है, उसी दिन सुनवाई होती है और याचिका स्वीकार होकर कोर्ट कमिश्नर सर्वे का आदेश होता है और उसी रात सर्वे शुरू भी हो जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संभल की जामा मस्जिद में कोर्ट कमिश्नर सर्वे का पहला चरण मंगलवार को हुआ था और आने वाले दिन में अभी फिर से सर्वे टीम मस्जिद में जाकर सर्वे का काम पूरा करेगी और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mathura-parliament-passes-resolution-to-make-cow-state-mother-and-remove-shahi-idgah-mosque-2828058″>मथुरा में धर्म संसद का आयोजन, कृष्ण जन्मभूमि परिसर से शाही ईदगाह-मीना मस्जिद हटाने का प्रस्ताव</a></strong><br /><br /></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Sambhal Shahi Masjid History:</strong> अयोध्या, मथुरा, काशी के साथ यूपी के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद जिसे बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है, इस पर भी हिन्दू पक्ष द्वारा दावा किया जाता है कि ये हर हरिहर मंदिर है. ये मामला कोर्ट में चल रहा है, हिन्दू पक्ष का कहना है कि ये मस्जिद भी मंदिर को तोड़कर बनाई गई है. लेकिन, इसकी सच्चाई क्या है? क्या ये मस्जिद सच में मजहबी स्थल है या फिर किसी हिंदू मंदिर को तोड़ कर बनाई गई है. एबीपी न्यूज ने इस सवाल की पड़ताल की, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए एबीपी न्यूज की टीम ने ऐतिहासिक और पुरातात्विक (Archeological) साक्ष्य खंगालने शुरू किए और हमारे हाथ लगी भारतीय पुरातत्व विभाग (Archeological Survey of India) की साल 1879 की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट जिसमें संभल की जामा मस्जिद का पूरा सर्वेक्षण है. ये रिपोर्ट ASI के तत्कालीन अधिकारी एसीएल कारले ने संभल की जामा मस्जिद का 1875 में सर्वेक्षण करके तैयार किया था. इस रिपोर्ट का टाइटल है Tours in the Central Doab and Gorakhpur 1874–1875 and 1875–1876.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुरानी रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासा</strong><br />रिपोर्ट के पेज 25 और 26 में ASI ने अपने सर्वेक्षण में पाया था कि मस्जिद के अंदर और बाहर के खंभे पुराने हिंदू मंदिर के हैं, जिसे प्लास्टर लगा कर छुपा दिया गया है. ASI ने अपने इस दावे के पीछे तर्क दिया था कि सर्वेक्षण के दौरान ASI के अधिकारी ने पाया कि मस्जिद के एक खंभे से प्लास्टर उखड़ा हुआ है और ईंटों के पीछे सर्वे करने पर पता लगा कि इसके पीछे लाल रंग का खंभा है जो ना सिर्फ मस्जिद के कालखंड के प्राचीन है बल्कि ऐसे खंभे हिंदू मंदिरों के होते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/11/22/820b36a147857b3b3637d177482617df1732241923968487_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>मस्जिद के खंभों के अलावा ASI ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया था कि मस्जिद के गुंबद का जीर्णोद्धार हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने करवाया था, साथ ही मस्जिद के हिन्दू खंभे, मुस्लिम खंभों से बिल्कुल अलग हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/11/22/9e6c098bea336fd6f1f331f8b020727c1732241970552487_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>संभल की जामा मस्जिद के हिन्दू मन्दिर को तोड़ कर बनाया जाने पर ASI का सबसे बड़ा तर्क मस्जिद का एक शिलालेख था. जिसका उल्लेख करते हुए ASI ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि मस्जिद में मौजूद शिलालेख जिस पर दर्ज है कि इसका निर्माण 933 हिजरी साल में पूरा हुआ था और हिंदू मंदिर से इसे मस्जिद में परिवर्तित करने वाले व्यक्ति का नाम मीर हिंदू बेग है जो कि बाबर का दरबारी था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बाबरनामा में भी मंदिर को मस्जिद बनाने का जिक्र</strong><br />ASI की रिपोर्ट के इतर हिंदू पक्ष के याचिकर्ता हरिशंकर जैन ने अपनी याचिका में बाबरनामा का जिक्र करते हुए याचिका में दावा किया है कि बाबरनामा के अंग्रेजी अनुवाद में दर्ज है कि भगवान विष्णु के हिन्दू मन्दिर का मस्जिद में परिवर्तन मीर हिंदू बेग नाम के बाबर के दरबारी ने किया था जैसा कि उल्लेख शिलालेख में भी मिलता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिंदू पक्ष के इस दावे पर मुहर लगाते हुए इतिहासकार और भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के निदेशक डॉ ओमजी उपाध्याय ने एबीपी न्यूज से बात करते कहा कि बाबरनामा से लेकर तारीख ए बाबरी में इस बात के कई प्रमाण मिलते हैं कि संभल की जामा मस्जिद भगवान विष्णु के मंदिर को तोड़ कर बनी है, बाबरनामा जिसे खुद बाबर ने लिखा था और जिसका अंग्रेजी अनुवाद बेवरेज ने किया है उसके पेज नंबर 687 पर साफ साफ लिखा है बाबर के आदेश पर उसके दरबारी मीर हिंदू बेग ने संभल के हिंदू मंदिर को जामा मस्जिद में परिवर्तित किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ ओमजी उपाध्याय की माने तो इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिलते हैं जहां इस्लामी आक्रांताओं ने मंदिरों को मस्जिद में परिवर्तित किया, ऐसा इसलिए नहीं था कि जगह की कमी थी ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि भारत की हिन्दू आबादी के सामने आक्रांताओं को दिखाना था कि वो उनके गुलाम हैं और ऐसा एक दो के साथ नहीं किया बल्कि 1800 से ज्यादा मस्जिदों का इतिहास पूर्व में किताबों में दर्ज है जो कभी हिंदू मंदिर थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिंदू पक्ष के याचिकर्ता हरिशंकर जैन ने एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि अयोध्या, काशी, मथुरा, भोजशाला, कुतुब मीनार और अब संभल की मस्जिद के बाद अभी और भी ऐसी मस्जिदें हैं जो हिंदू मंदिर तोड़ कर बने हैं और आने वाले दिनों में वो कोर्ट में उसके लिए भी लड़ेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुस्लिम पक्ष ने हिन्दू पक्ष के दावे को नकारा</strong><br />हालांकि इस पूरे मामले में मुस्लिम पक्ष के तर्क हिंदू पक्ष, इतिहासकारों और पुरातत्व सबूतों से अलग हैं. संभल की जामा मस्जिद के अध्यक्ष मोहम्मद जफर का दावा है कि मस्जिद किसी भी मंदिर को तोड़ कर नहीं बनी और मस्जिद के हिन्दू मन्दिर के कोई निशान नहीं है. संभल की जामा मस्जिद के कोर्ट कमिश्नर सर्वे के आदेश पर मोहम्मद जफर आश्चर्य जताते हुए दावा करते हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है एक ही दिन में कोर्ट के मामला आता है, उसी दिन सुनवाई होती है और याचिका स्वीकार होकर कोर्ट कमिश्नर सर्वे का आदेश होता है और उसी रात सर्वे शुरू भी हो जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संभल की जामा मस्जिद में कोर्ट कमिश्नर सर्वे का पहला चरण मंगलवार को हुआ था और आने वाले दिन में अभी फिर से सर्वे टीम मस्जिद में जाकर सर्वे का काम पूरा करेगी और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mathura-parliament-passes-resolution-to-make-cow-state-mother-and-remove-shahi-idgah-mosque-2828058″>मथुरा में धर्म संसद का आयोजन, कृष्ण जन्मभूमि परिसर से शाही ईदगाह-मीना मस्जिद हटाने का प्रस्ताव</a></strong><br /><br /></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड क्या नवजोत सिंह सिद्धू अब सक्रिय राजनीति में लौटेंगे? खुद दे दिया जवाब, ‘उनका पार्टी आलाकमान…’