नूंह के किसानों का मुद्दा विधानसभा में गूंजा:विधायक बोले-सीएम के आश्वासन पर मांगें नहीं हुई पूरी; टिकैत ने दी कड़ा फैसला लेने की चेतावनी

नूंह के किसानों का मुद्दा विधानसभा में गूंजा:विधायक बोले-सीएम के आश्वासन पर मांगें नहीं हुई पूरी; टिकैत ने दी कड़ा फैसला लेने की चेतावनी

नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद ने 9 गांवों के किसानों की मांगे पूरी करने और पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार करने का मुद्दा उठाया। विधायक ने कहा कि आईएमटी रोजकामेव में 9 गांवों के किसान कई वर्षों से अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक तरीके से धरने पर बैठे हुए हैं। लेकिन सीएम के आश्वासन पर मांगे पूरी नहीं हुई हैं। इसके साथ ही किसानों की गिरफ्तारी को लेकर बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कड़ी निंदा करते हुए कड़ा फैसला लेने की बात कही है। वहीं किसान भी आगामी 17 मार्च को एक पंचायत कर कुछ बड़े फैसले लेने की बात कह रहे हैं। विधायक आफताब अहमद ने विधानसभा में उठाया मुद्दा हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन धरने पर बैठे किसानों का मुद्दा विधायक आफताब अहमद ने विधानसभा में उठाया। विधायक ने कहा कि आईएमटी रोजकामेव में कई वर्षों से किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को चुनावों के समय मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगे पूरी की जाएगी। लेकिन अभी तक मांग पूरी नहीं की गई है। विधायक ने बताया कि रमजान के पवित्र महीने में किसानों की गिरफ्तारी की गई है, जो बहुत ही गलत है। सरकार को किसानों की बातें सुननी चाहिए। 25 फरवरी 2024 से धरने पर बैठे हैं किसान आईएमटी रोजकामेव भूमि अधिग्रहण मुआवजे को लेकर 25 फरवरी 2024 से किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। कई बार एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी आईएमटी में काम करने के लिए पहुंचे। लेकिन किसानों ने 1 साल से कोई काम नहीं होने दिया। इस दौरान प्रशासन के साथ किसानों की कुछ बातें भी हुई, लेकिन उन बातों से कोई समाधान नहीं निकला। बीते सोमवार को जब एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी आईएमटी में काम करने के लिए पहुंचे, तो किसानों ने जेसीबी मशीनों पर चढ़कर कार्य को रुकवा दिया। कर्मचारियों को वहां से खाली हाथ ही लौटना पड़ा। दूसरे दिन एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और काम को चालू कराया गया। जब किसानों ने फिर से काम रोकना चाहा, तो पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार कर लिया। जिसमें 54 महिलाएं और 53 पुरुष किसान शामिल थे। मंगलवार को आईएमटी रोजकामेव में जमीन के मुआवजे की मांग कर रहे 9 गांवों के किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। जिसके बाद पुलिस मौके से सभी किसानों को हरियाणा रोडवेज की 4 बसों में थाने ले आई और उनके खिलाफ की दर्ज कर लिया गया। बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने दी चेतावनी किसानों के गिरफ्तार होने के बाद बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि “BKU के नेतृत्व में नूंह के IMT में बकाया मुआवजे के लिए चल रहे धरने पर पुलिस फोर्स लगाकर जबरदस्ती काम करने का किसानों ने विरोध किया, तो रोजे के पवित्र महीने में 300 महिलाओं और किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर दिया। पुलिस तत्काल गिरफ्तार किए गए किसानों और महिलाओं को रिहा करें अन्यथा कड़ा फैसला लिया जाएगा।” किसानों ने कहा 17 मार्च को लेंगे बड़ा फैसला धरने पर बैठे किसानों ने बताया कि मंगलवार को आईएमटी में चल रहे कार्य को किसानों द्वारा बंद कर दिया गया था। जिसके बाद पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया था। लेकिन किसान ना डरेंगे और ना हटेंगे। आगामी 17 मार्च को एक बड़ी महापंचायत की जाएगी। जिसमें कई बड़े किसान नेता शामिल होंगे। 17 मार्च को ही बड़ा फैसला लिया जाएगा। जब तक मांगें पूरी नहीं होती तब तक किसी भी कीमत पर आईएमटी में काम नहीं होने दिया जाएगा। 2010 में हुई थी किसानों की भूमि अधिग्रहण आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांवों के किसानों की वर्ष 2010 में 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ दो करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि उक्त गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं, तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके। इस दौरान सरकार ने सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं। इसी के चलते किसान धीरदूका गांव में 29 फरवरी 2024 से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद ने 9 गांवों के किसानों की मांगे पूरी करने और पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार करने का मुद्दा उठाया। विधायक ने कहा कि आईएमटी रोजकामेव में 9 गांवों के किसान कई वर्षों से अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक तरीके से धरने पर बैठे हुए हैं। लेकिन सीएम के आश्वासन पर मांगे पूरी नहीं हुई हैं। इसके साथ ही किसानों की गिरफ्तारी को लेकर बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कड़ी निंदा करते हुए कड़ा फैसला लेने की बात कही है। वहीं किसान भी आगामी 17 मार्च को एक पंचायत कर कुछ बड़े फैसले लेने की बात कह रहे हैं। विधायक आफताब अहमद ने विधानसभा में उठाया मुद्दा हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन धरने पर बैठे किसानों का मुद्दा विधायक आफताब अहमद ने विधानसभा में उठाया। विधायक ने कहा कि आईएमटी रोजकामेव में कई वर्षों से किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को चुनावों के समय मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगे पूरी की जाएगी। लेकिन अभी तक मांग पूरी नहीं की गई है। विधायक ने बताया कि रमजान के पवित्र महीने में किसानों की गिरफ्तारी की गई है, जो बहुत ही गलत है। सरकार को किसानों की बातें सुननी चाहिए। 25 फरवरी 2024 से धरने पर बैठे हैं किसान आईएमटी रोजकामेव भूमि अधिग्रहण मुआवजे को लेकर 25 फरवरी 2024 से किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। कई बार एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी आईएमटी में काम करने के लिए पहुंचे। लेकिन किसानों ने 1 साल से कोई काम नहीं होने दिया। इस दौरान प्रशासन के साथ किसानों की कुछ बातें भी हुई, लेकिन उन बातों से कोई समाधान नहीं निकला। बीते सोमवार को जब एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी आईएमटी में काम करने के लिए पहुंचे, तो किसानों ने जेसीबी मशीनों पर चढ़कर कार्य को रुकवा दिया। कर्मचारियों को वहां से खाली हाथ ही लौटना पड़ा। दूसरे दिन एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और काम को चालू कराया गया। जब किसानों ने फिर से काम रोकना चाहा, तो पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार कर लिया। जिसमें 54 महिलाएं और 53 पुरुष किसान शामिल थे। मंगलवार को आईएमटी रोजकामेव में जमीन के मुआवजे की मांग कर रहे 9 गांवों के किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। जिसके बाद पुलिस मौके से सभी किसानों को हरियाणा रोडवेज की 4 बसों में थाने ले आई और उनके खिलाफ की दर्ज कर लिया गया। बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने दी चेतावनी किसानों के गिरफ्तार होने के बाद बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि “BKU के नेतृत्व में नूंह के IMT में बकाया मुआवजे के लिए चल रहे धरने पर पुलिस फोर्स लगाकर जबरदस्ती काम करने का किसानों ने विरोध किया, तो रोजे के पवित्र महीने में 300 महिलाओं और किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर दिया। पुलिस तत्काल गिरफ्तार किए गए किसानों और महिलाओं को रिहा करें अन्यथा कड़ा फैसला लिया जाएगा।” किसानों ने कहा 17 मार्च को लेंगे बड़ा फैसला धरने पर बैठे किसानों ने बताया कि मंगलवार को आईएमटी में चल रहे कार्य को किसानों द्वारा बंद कर दिया गया था। जिसके बाद पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया था। लेकिन किसान ना डरेंगे और ना हटेंगे। आगामी 17 मार्च को एक बड़ी महापंचायत की जाएगी। जिसमें कई बड़े किसान नेता शामिल होंगे। 17 मार्च को ही बड़ा फैसला लिया जाएगा। जब तक मांगें पूरी नहीं होती तब तक किसी भी कीमत पर आईएमटी में काम नहीं होने दिया जाएगा। 2010 में हुई थी किसानों की भूमि अधिग्रहण आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांवों के किसानों की वर्ष 2010 में 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ दो करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि उक्त गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं, तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके। इस दौरान सरकार ने सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं। इसी के चलते किसान धीरदूका गांव में 29 फरवरी 2024 से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर