हरियाणा के नूंह में बुधवार को 9 गांवों के किसानों ने ट्रैक्टर यात्रा निकाली। किसानों की ट्रैक्टर यात्रा में भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद, किसान यूनियन दिल्ली के प्रदेशाध्यक्ष दलजीत डागर समेत कई किसान नेता शामिल हुए। रवि आजाद ने किसान कमेटी के साथ SDM विशाल को ज्ञापन सौंपा। किसान आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में जमीन के मुआवजे को लेकर पिछले करीब 5 महीने से धरने पर बैठे हैं। रवि आजाद ने कहा कि 4 जुलाई को प्रशासन द्वारा मांगा गया 35 दिन का समय 7 अगस्त को पूरा हो जाएगा। इस 7 अगस्त तक सरकार द्वारा मामले पर संज्ञान नहीं लिया गया तो इसके बाद किसान और प्रशासन आमने-सामने होंगे। 9 गांवों के किसानों की 1600 एकड़ भूमि के मुआवजे की 750 करोड़ राशि को किसानों को दी जाए। साथ ही किसानों से कराए एग्रीमेंट को रद्द कर दिया जाए। अगर 7 अगस्त तक इस यह काम नहीं किया आईएमटी रोजकामेव में चल रहे सभी काम को बंद कराया जाएगा। तब प्रशासन को और समय नहीं दिया जाएगा। 25 लाख मुआवजा देकर अधिग्रहण किया बता दें कि आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसानों की वर्ष 2010 में 1600 एकड़ अधिग्रहण की जमीन की गई थी। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। कोर्ट ने 2 करोड़ देने के आदेश दिए थे वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि उक्त गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना दिया। जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में न जा सकें और सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए है। हरियाणा के नूंह में बुधवार को 9 गांवों के किसानों ने ट्रैक्टर यात्रा निकाली। किसानों की ट्रैक्टर यात्रा में भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद, किसान यूनियन दिल्ली के प्रदेशाध्यक्ष दलजीत डागर समेत कई किसान नेता शामिल हुए। रवि आजाद ने किसान कमेटी के साथ SDM विशाल को ज्ञापन सौंपा। किसान आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में जमीन के मुआवजे को लेकर पिछले करीब 5 महीने से धरने पर बैठे हैं। रवि आजाद ने कहा कि 4 जुलाई को प्रशासन द्वारा मांगा गया 35 दिन का समय 7 अगस्त को पूरा हो जाएगा। इस 7 अगस्त तक सरकार द्वारा मामले पर संज्ञान नहीं लिया गया तो इसके बाद किसान और प्रशासन आमने-सामने होंगे। 9 गांवों के किसानों की 1600 एकड़ भूमि के मुआवजे की 750 करोड़ राशि को किसानों को दी जाए। साथ ही किसानों से कराए एग्रीमेंट को रद्द कर दिया जाए। अगर 7 अगस्त तक इस यह काम नहीं किया आईएमटी रोजकामेव में चल रहे सभी काम को बंद कराया जाएगा। तब प्रशासन को और समय नहीं दिया जाएगा। 25 लाख मुआवजा देकर अधिग्रहण किया बता दें कि आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसानों की वर्ष 2010 में 1600 एकड़ अधिग्रहण की जमीन की गई थी। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। कोर्ट ने 2 करोड़ देने के आदेश दिए थे वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि उक्त गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना दिया। जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में न जा सकें और सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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ग्रामीणों के अनुसार, रतेरा गांव के 2 बच्चे विराट और लकी (दोनों की उम्र लगभग 9 साल) मंगलवार को घर से निकले थे। वे दोनों साथ में गांव के ही तालाब में नहाने के लिए चले गए। बताया जाता है गांव के तालाब में खुदाई का काम चल रहा था। इस वजह से तालाब में कहीं ऊंचा तो कहीं गड्ढ़े हो गए हैं। इनमें पानी भरा हुआ था तो अंदाजा लगाना मुश्किल था कि कहां गड्ढा है और कहां समतल। दोनों बच्चे दोपहर लगभग 3 बजे घर से निकले थे। जब काफी देर तक बच्चे घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने उन्हें तलाशना शुरू कर दिया। हालांकि, उनका कहीं अता-पता नहीं चला। पशुपालकों ने निकाले शव
इधर, तालाब पर कुछ पशुपालक अपने पशुओं को पानी पिलाने के लिए पहुंचे। उन्होंने देखा कि पानी में कुछ तैर रहा था। उन्होंने तालाब में घुसकर देखा तो सिर दिखाई दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने बड़ी मशक्कत के बाद दोनों बच्चों को बाहर निकाला और हिसार के निजी अस्पताल ले गए। लोग विराट को हिसार के आधार अस्पताल और लकी को जिंदल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। वहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। वहां से अब बच्चों के शवों को सरकारी अस्पताल ले जाया जाएगा, जहां उनका पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। बताया जाता है कि विराट के पिता का कुछ साल पहले ही देहांत हो चुका है। ये 2 भाई और एक बहन थे, जिनमें विराट की मृत्यु हो गई। वहीं, लकी अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसकी एक एक बहन है। मृतक दोनों बच्चे तीसरी कक्षा में पढ़ते थे।