हरियाणा के नूंह में बुधवार की देर रात से हो रही झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ा रहा है। वहीं प्रशासन ने ठंड से बचने एडवाइजरी जारी की है। आज से सभी स्कूल खुलेंगे। बुधवार को जिले में सुबह से ही आसमान में कोहरा और बादलों का डेरा रहा, जिसके बाद रात करीब 2 बजे से शुरू हुई बारिश ने ठिठुरन बढ़ा दी। मौसम की मार से बचने के लिए ज्यादातर लोग अपने घरों में दुबके रहे। वहीं दूसरी ओर से ठंड से बचाव के लिए प्रशासन की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। डीसी विश्राम कुमार मीणा ने लोगों से बिना वजह अपने घरों से बाहर न जाने की अपील की है। वहीं अगर घरों से निकलना जरूरी है, तो बाहर निकलते समय आवश्यकता अनुसार गर्म कपड़ा पहनने की हिदायत दी गई है। बरसात होने से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं । किसानों का कहना है कि बरसात से फसल अच्छी होगी। आज खुलेंगे जिले के स्कूल नूंह जिले के प्लेवे से लेकर 12 वीं तक के स्कूल खुल गए हैं। शिक्षा विभाग ने 1 से 15 जनवरी तक शीतकालीन छुट्टियां घोषित की थीं। सर्दी की वजह से कुछ जिलों के स्कूलों में अवकाश किया गया है। अगर ठंड ऐसी ही रही तो अन्य जिलों के स्कूलों में भी छुट्टियां बढ़ाई जा सकती हैं। हालांकि अभी तक शिक्षा विभाग की तरफ से छुट्टी का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। हरियाणा के नूंह में बुधवार की देर रात से हो रही झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ा रहा है। वहीं प्रशासन ने ठंड से बचने एडवाइजरी जारी की है। आज से सभी स्कूल खुलेंगे। बुधवार को जिले में सुबह से ही आसमान में कोहरा और बादलों का डेरा रहा, जिसके बाद रात करीब 2 बजे से शुरू हुई बारिश ने ठिठुरन बढ़ा दी। मौसम की मार से बचने के लिए ज्यादातर लोग अपने घरों में दुबके रहे। वहीं दूसरी ओर से ठंड से बचाव के लिए प्रशासन की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। डीसी विश्राम कुमार मीणा ने लोगों से बिना वजह अपने घरों से बाहर न जाने की अपील की है। वहीं अगर घरों से निकलना जरूरी है, तो बाहर निकलते समय आवश्यकता अनुसार गर्म कपड़ा पहनने की हिदायत दी गई है। बरसात होने से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं । किसानों का कहना है कि बरसात से फसल अच्छी होगी। आज खुलेंगे जिले के स्कूल नूंह जिले के प्लेवे से लेकर 12 वीं तक के स्कूल खुल गए हैं। शिक्षा विभाग ने 1 से 15 जनवरी तक शीतकालीन छुट्टियां घोषित की थीं। सर्दी की वजह से कुछ जिलों के स्कूलों में अवकाश किया गया है। अगर ठंड ऐसी ही रही तो अन्य जिलों के स्कूलों में भी छुट्टियां बढ़ाई जा सकती हैं। हालांकि अभी तक शिक्षा विभाग की तरफ से छुट्टी का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा पहले दिन फतेहाबाद से शुरू हुई। यहां उनके विधायक पोते अर्जुन चौटाला और विधायक भतीजे आदित्य देवीलाल चौटाला ने इसकी शुरुआत की। इसके बाद यात्रा हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ (नारनौल), रेवाड़ी से होते हुए गुरुग्राम पहुंची। गुरुग्राम में यात्रा का रात्रि ठहराव हुआ। दूसरे दिन यात्रा गुरुग्राम से शुरू हुई और 7 जिले कवर किए। फरीदाबाद, पलवल, मेवात, झज्जर, रोहतक, सोनीपत होते हुए यात्रा पानीपत पहुंची। यहां यात्रा का रात्री ठहराव था। अस्थि कलश यात्रा के सियासी मायने इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा का कहना है कि ये यात्रा उन लोगों के लिए निकाली जा रही है, जो लोग अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए। हालांकि, इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। पहला इनेलो के कैडर वोट बैंक को एकजुट करना है। दरअसल, 2018 में अजय चौटाला के अलग जननायक जनता पार्टी (JJP) बनाने के बाद इनेलो का वोट बैंक बंट गया। कुछ इनेलो के साथ रहे, लेकिन कुछ JJP के साथ चले गए। परिवार की लड़ाई में कई बड़े नेता भी पार्टी छोड़ गए। दूसरा, विधानसभा चुनाव में इसी साल कांग्रेस की लगातार तीसरी हार हुई। ऐसे में इनेलो को लगता है कि अब वोटर भाजपा के मुकाबले कांग्रेस को विकल्प नहीं मान रहा। ऐसे में इनेलो की वापसी हो सकती है। इसी साल चुनाव में जहां JJP जीरो सीट पर सिमट गई, वहीं इनेलो 2 सीटें जीतने में कामयाब रही। भले ही अभय चौटाला खुद चुनाव हार गए, लेकिन उनके उम्मीदवार ज्यादातर जगहों पर दूसरे या तीसरे स्थान पर रहे। तीसरा, इनेलो के ऊपर पार्टी का चुनाव चिन्ह चश्मा के छिनने का भी खतरा मंडरा रहा है। इस बार इनेलो को इसे बचाने के लिए विधानसभा चुनाव में 6% वोट की जरूरत थी, लेकिन वह सिर्फ 4.14% वोट ही पा सकी। अगर चुनाव चिन्ह ही छिन गया तो इनेलो के लिए अस्तित्व बचाना मुश्किल हो जाएगा।
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