हरियाणा के नूंह जिले में एक बार फिर पुलिस पर पथराव कर आरोपी को छुड़ाने का मामला सामने आया है। बिछौर थाना क्षेत्र के गांव आंधाकी में वांछित आरोपी को पकड़ने गई पुन्हाना पुलिस को उस समय जान बचाकर भागना पड़ गया, जब पुलिस आरोपी को पकड़कर गाड़ी में बैठने लगी। आरोपी के परिजनों ने पुलिस पर न केवल पथराव किया, बल्कि पुलिस से आरोपी को भी छुड़ा लिया। पथराव और हमले में कई पुलिस कर्मचारियों को चोटें आई, जिनमें एक होमगार्ड की हालत गंभीर है। तमिलनाडु के वांछित आरोपी को पकड़ने गई थी पुलिस नूंह पुलिस अधीक्षक विजय प्रताप के दिशा-निर्देश पर पुलिस ने उद्घोषित आरोपी, बेल जंपर और वांछित आरोपियों को गिरफ्तारी का अभियान चलाया हुआ है। थाना पिदुगुरला जिला पलनाडु, तमिलनाडु में वांछित आरोपी अकबर पुत्र रमजू निवासी आंधाकी की तलाश के लिए पुन्हाना पुलिस द्वारा सोमवार की रात करीब 1 बजे आरोपी के घर पर रेड की गई। रेड के दौरान आरोपी अकबर को पुलिस ने काबू कर लिया और गाड़ी में बैठाने लगे। रात को आरोपी ने मचाया शोर जैसे ही पुलिस आरोपी अकबर को गाड़ी में बैठाने लगी वैसे ही उसने तथा उसके लड़के जोर-जोर से शोर मचाने लगे और अपने अन्य साथियों को मौके पर बुला लिया। इनमें 2 से 3 महिलाएं भी शामिल थी। उक्त आरोपी पुलिस से हाथापाई करते हुए आरोपी अकबर को पुलिस टीम से जबरदस्ती छुड़ाकर ले गए और अपने मकानो की छत पर चढ़कर पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। पुलिस कर्मचारियों ने छिपकर बचाई जान जब आरोपी अपनी छतों से पुलिस की टीम पर पथराव कर रहे थे तो रात के समय पुलिस को अपनी जान बचाना भारी पड़ रहा था। पुलिस कर्मचारियों ने गाडी में छिपकर और दीवारों के साथ खड़े होकर अपनी जान बचाई। इस दौरान आरोपियों ने होमगार्ड जुबेर को पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी। जिसमें उसके सिर में गंभीर चोट लगी है। पथराव के दौरान कई अन्य पुलिस कर्मचारियों को चोटें आई है। पुलिस पर पथराव के बाद मौके पर पहुंची पुलिस पथराव में होमगार्ड के सिर में लगी चोटों के कारण उसे पुन्हाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में दाखिल कराया। पुलिस पर पथराव के बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचे, लेकिन उससे पहले आरोपी गांव को छोड़कर फरार हो चुके थे। पुन्हाना थाना में नियुक्त पुलिस कर्मचारी ने इसकी शिकायत बिछोर थाना में दी है। बिछौर थाना प्रभारी जगबीर सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। गांव बड़वा में भी हुआ था पुलिस पर हमला गौरतलब है कि 31 जनवरी की रात करीब 11 बजे पुलिस की एक टीम गांव बड़वा में 10 जनवरी को हुए झगड़े के मुकदमे में संलिप्त आरोपी सफी पुत्र मजीद को पकड़ने लिए गई थी। पुलिस टीम ने आरोपी को गांव में पहुंचकर पकड़ लिया। पुलिस आरोपी सफी से पूछताछ ही कर रही थी, इतने में ही 5 से 6 लोग झुंड बनाकर वहां आ गए और आरोपी को पुलिस गिरफ्त से छुड़ाने लगे। जब आरोपियों को पुलिस ने रोकना चाहा तो उन्होंने अपनी महिलाओं को आगे कर दिया। जिसके बाद महिलाएं पुलिस कर्मचारियों के साथ धक्का मुक्की करने लगी। आरोपियों ने पुलिस कर्मचारी को धक्का देते हुए लात घुसे मारे। इस दौरान उनकी वर्दी को भी फाड़ दिया और आरोपियों ने मिलकर सफी को पुलिस गिरफ्त से छुड़ा लिया था। हरियाणा के नूंह जिले में एक बार फिर पुलिस पर पथराव कर आरोपी को छुड़ाने का मामला सामने आया है। बिछौर थाना क्षेत्र के गांव आंधाकी में वांछित आरोपी को पकड़ने गई पुन्हाना पुलिस को उस समय जान बचाकर भागना पड़ गया, जब पुलिस आरोपी को पकड़कर गाड़ी में बैठने लगी। आरोपी के परिजनों ने पुलिस पर न केवल पथराव किया, बल्कि पुलिस से आरोपी को भी छुड़ा लिया। पथराव और हमले में कई पुलिस कर्मचारियों को चोटें आई, जिनमें एक होमगार्ड की हालत गंभीर है। तमिलनाडु के वांछित आरोपी को पकड़ने गई थी पुलिस नूंह पुलिस अधीक्षक विजय प्रताप के दिशा-निर्देश पर पुलिस ने उद्घोषित आरोपी, बेल जंपर और वांछित आरोपियों को गिरफ्तारी का अभियान चलाया हुआ है। थाना पिदुगुरला जिला पलनाडु, तमिलनाडु में वांछित आरोपी अकबर पुत्र रमजू निवासी आंधाकी की तलाश के लिए पुन्हाना पुलिस द्वारा सोमवार की रात करीब 1 बजे आरोपी के घर पर रेड की गई। रेड के दौरान आरोपी अकबर को पुलिस ने काबू कर लिया और गाड़ी में बैठाने लगे। रात को आरोपी ने मचाया शोर जैसे ही पुलिस आरोपी अकबर को गाड़ी में बैठाने लगी वैसे ही उसने तथा उसके लड़के जोर-जोर से शोर मचाने लगे और अपने अन्य साथियों को मौके पर बुला लिया। इनमें 2 से 3 महिलाएं भी शामिल थी। उक्त आरोपी पुलिस से हाथापाई करते हुए आरोपी अकबर को पुलिस टीम से जबरदस्ती छुड़ाकर ले गए और अपने मकानो की छत पर चढ़कर पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। पुलिस कर्मचारियों ने छिपकर बचाई जान जब आरोपी अपनी छतों से पुलिस की टीम पर पथराव कर रहे थे तो रात के समय पुलिस को अपनी जान बचाना भारी पड़ रहा था। पुलिस कर्मचारियों ने गाडी में छिपकर और दीवारों के साथ खड़े होकर अपनी जान बचाई। इस दौरान आरोपियों ने होमगार्ड जुबेर को पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी। जिसमें उसके सिर में गंभीर चोट लगी है। पथराव के दौरान कई अन्य पुलिस कर्मचारियों को चोटें आई है। पुलिस पर पथराव के बाद मौके पर पहुंची पुलिस पथराव में होमगार्ड के सिर में लगी चोटों के कारण उसे पुन्हाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में दाखिल कराया। पुलिस पर पथराव के बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचे, लेकिन उससे पहले आरोपी गांव को छोड़कर फरार हो चुके थे। पुन्हाना थाना में नियुक्त पुलिस कर्मचारी ने इसकी शिकायत बिछोर थाना में दी है। बिछौर थाना प्रभारी जगबीर सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। गांव बड़वा में भी हुआ था पुलिस पर हमला गौरतलब है कि 31 जनवरी की रात करीब 11 बजे पुलिस की एक टीम गांव बड़वा में 10 जनवरी को हुए झगड़े के मुकदमे में संलिप्त आरोपी सफी पुत्र मजीद को पकड़ने लिए गई थी। पुलिस टीम ने आरोपी को गांव में पहुंचकर पकड़ लिया। पुलिस आरोपी सफी से पूछताछ ही कर रही थी, इतने में ही 5 से 6 लोग झुंड बनाकर वहां आ गए और आरोपी को पुलिस गिरफ्त से छुड़ाने लगे। जब आरोपियों को पुलिस ने रोकना चाहा तो उन्होंने अपनी महिलाओं को आगे कर दिया। जिसके बाद महिलाएं पुलिस कर्मचारियों के साथ धक्का मुक्की करने लगी। आरोपियों ने पुलिस कर्मचारी को धक्का देते हुए लात घुसे मारे। इस दौरान उनकी वर्दी को भी फाड़ दिया और आरोपियों ने मिलकर सफी को पुलिस गिरफ्त से छुड़ा लिया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पूर्व MP ने हिसार सांसद जेपी को घेरा:बृजेंद्र बोले- विरासत काबिल की होती है, नेहरू-गांधी परिवार ने भी संभाली; जयप्रकाश भाषा पर संयम रखें हिसार से कांग्रेसी सांसद जयप्रकाश जेपी को किरण चौधरी पर दिए बयान को लेकर कांग्रेस नेता पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने घेरा है। बृजेंद्र ने उचाना दौरे के दौरान रविवार को कहा कि विरासत उसकी होती है जो काबिल हो और काबिल कोई भी हो सकता है। पहले ये भी होता था कि विरासत बड़े भाई को जाती थी। वो भी बहुत बार छोटा अगर ज्यादा काबिल है तो उसको चली जाती है। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से बड़ी मिसाल क्या होगी, जिस प्रकार से नेहरू-गांधी परिवार की विरासत उन्होंने संभाली और इस देश को चलाया। जेपी जीत से उत्साहित, भाषा पर संयम रखें
जयप्रकाश के भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में आए बृजेंद्र सिंह के समर्थकों द्वारा भाजपा की मदद करने के लगाए आरोपों पर बोलते हुए पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि नया-नया आदमी जब जीता हो तो वह बहुत ज्यादा उत्साह में होता है। उस वक्त आदमी के मुंह से बातें निकल जाती है लेकिन फिर भी राजनीति में जो लोग है विशेषकर, जिन्हें इतना समय हो गया, उनको भाषा पर संयम, नियंत्रण रखना चाहिए। जेपी को सीख, यहीं आना है, इसलिए ऐसा नहीं बोलना चाहिए
यही लोग हैं, बार-बार यहीं आना हैं। हम भी यहीं हैं। कभी भी आदमी को ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए कि बाद में वापस जाना मुश्किल हो जाए। सांसद जयप्रकाश ने किरण को लेकर कहा था कि बंसीलाल की विरासत किरण नहीं हो सकती, वारिस हमेशा पुरुष होते हैं, महिलाएं वारिस नहीं हो सकती। इस बयान के बाद जींद में कई जगह महिला नेत्रियों ने विरोध भी किया। सीएम सैनी को बलि का बकरा कहा
सीएम नायब सैनी के उनके मुख्यमंत्री बनने से कांग्रेसियों के पेट में दर्द के बयान पर बृजेंद्र ने कहा कि तकलीफ तो आज के दिन भाजपा को हुई है। हरियाणा में कांग्रेस की संभावनाएं पांच से अधिक सीटें जीतने की थी लेकिन पांच भी आना भाजपा के लिए बहुत दुखदायक साबित हुआ है। जब नायब सिंह सैनी सीएम बने थे तो मैंने तब भी कहा था उनको बली का बकरा बनाया गया है। ये बात तब भी कही थी और भी कह रहा हूं। अभी लोकसभा गई है तीन महीने विधानसभा में इससे भी ज्यादा बुरा हाल होगा। कांग्रेस आज बहुत मजबूत है और किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ने से उनका नुकसान उस तरह से नहीं होगा लेकिन फिर भी हर आदमी का अपना वजूद होता है।
हरियाणा में कांग्रेस ने भजनलाल परिवार का किला भेदा:खट्टर का बयान BJP पर भारी पड़ा; कुलदीप बिश्नोई ने हाथ तक जोड़े, वोटर नहीं माने
हरियाणा में कांग्रेस ने भजनलाल परिवार का किला भेदा:खट्टर का बयान BJP पर भारी पड़ा; कुलदीप बिश्नोई ने हाथ तक जोड़े, वोटर नहीं माने 56 साल से भजनलाल परिवार का अभेद दुर्ग कहे जाने वाले आदमपुर में इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। इस सीट से भजनलाल 1968 में पहली बार विधायक बने थे। तब से जितने भी चुनाव हुए, सभी में भजनलाल परिवार ही आदमपुर से जीतता रहा था। दिवंगत भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं, और उनके बेटे भव्य बिश्नोई 2022 में यहां से भाजपा की टिकट पर विधायक चुने गए थे। हालांकि, इस बार भजनलाल परिवार का सदस्य इस सीट से उम्मीदवार नहीं था, लेकिन भाजपा के समर्थन में वोट जरूर करने की अपील की गई थी। इसके बाद भी हिसार से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार रणजीत चौटाला को आदमपुर में 53156 वोट ही मिले। जबकि, कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी 59544 वोट पाने में कामयाब रहे। इस तरह जयप्रकाश जेपी 6384 वोट से आदमपुर जीत गए। कुलदीप ने बार-बार जनता के सामने हाथ जोड़े
कुलदीप बिश्नोई जानते थे कि आदमपुर में अगर वह हार गए तो इसका खामियाजा उनके राजनीतिक जीवन पर पड़ेगा। इस स्थिति को भांपते हुए वह बार-बार जनता के बीच गए और अपने दिवंगत पिता चौधरी भजनलाल से जुड़ाव को याद दिलाकर वोट मांगे। वह बार-बार जनता के बीच जाकर हाथ जोड़ते हुए भी नजर आए। कहते रहे, ‘लाज रख लेना, कहीं गलत कदम मल उठा लेना’। फिर भी लोगों ने कुलदीप बिश्नोई की अपील को अनसुना कर दिया। आदमपुर में कांग्रेस को बढ़त मिली और सबसे खास बात है कि बिश्नोइयों के गांव में जयप्रकाश जेपी आगे रहे। इसका कारण कुलदीप बिश्नोई से लोगों की नाराजगी को माना जा रहा है। बिश्नोई परिवार का आदमपुर में घटा जनाधार
आदमपुर में बिश्नोई परिवार का जनाधार लगातार कम हो रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भजनलाल के पौते भव्य बिश्नोई हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे। तब भाजपा के बृजेंद्र सिंह ने भव्य को आदमपुर में हराया था। अब लोकसभा चुनाव में यह दूसरा मौका है जब बिश्नोई परिवार आदमपुर में हार गया हो। वहीं, दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में भाजपा की ही टिकट पर भव्य आदमपुर से चुनाव लड़े और चुनाव जीते। मगर चुनाव जीत का मार्जिन कम हो गया। भव्य 15714 वोटों से ही जीत दर्ज कर पाए। बिश्नोई परिवार का आदमपुर ही नहीं, आसपास की सीटों पर भी प्रभाव देखने नहीं मिला। बिश्नोई परिवार के लिए अब आगे क्या
आदमपुर में हार ने बिश्नोई परिवार के लिए राजनीतिक संकट पैदा कर दिया है। इसका खामियाजा उन्हें भाजपा में भुगतना पड़ सकता है। उनके पास भाजपा में ही रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कुलदीप बिश्नोई यदि आदमपुर से भाजपा को जिताने में कामयाब होते तो उनके विधायक बेटे को रणजीत की जगह हरियाणा कैबिनेट में जगह मिल सकती थी। जानकार बताते हैं कि भाजपा की ओर से यह ऑफर भी दिया गया था, लेकिन कुलदीप भाजपा को जिता नहीं पाए। अब भव्य बिश्नोई को संगठन की जिम्मेदारी तक ही समित रखा जा सकता है। कुलदीप बिश्नोई को सख्त मैसेज पार्टी की ओर से दिया जा सकता है। 4 महीने बाद ही हरियाणा में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में बिश्नोई परिवार के सामने 56 साल पुराने राज को बचाने की चुनौती रहेगी। कुलदीप बिश्नोई अधिकतर समय आदमपुर में न रहकर दिल्ली में बिताते हैं। ऐसे में उन्हें अब आदमपुर में दोबारा सक्रिय होना पड़ेगा। आदमपुर में भाजपा की हार के कारण
हिसार लोकसभा में हुई पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर की जनसभा में चौधरी भजनलाल को लेकर दिए बयान ने भाजपा को बैकफुट पर ला दिया। इसे लेकर बिश्नोई परिवार तो असहज हुआ ही, बिश्नोई वोटर्स भी भाजपा से नाराज हो गए। कुलदीप बिश्नोई अंत तक इस बयान पर सफाई देते रहे, लेकिन लोगों में गलत मैसेज गया। इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा। पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर 10 अप्रैल को हिसार में BJP कैंडिडेट रणजीत चौटाला के लिए प्रचार करने पहुंचे थे। कैमरी गांव में हुई जनसभा को संबोधित करते हुए खट्टर ने मंच से कुछ किस्से सुनाए जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्रियों से जुड़े हुए थे। इनमें से एक किस्सा चौधरी भजनलाल से जुड़ा था, जिससे लोग नाराज हो गए। टिकट कटने पर नाराज हुए तो कार्यकर्ताओं में गलत संदेश गया
हिसार से कुलदीप बिश्नोई को लोकसभा का टिकट नहीं मिला। वह नाराज होकर दिल्ली चले गए। उनके बेटे भव्य बिश्नाई ने आदमपुर में रणजीत चौटाला के लिए प्रचार बंद कर दिया। इसके बाद लोगों में यह संदेश चला गया कि भाजपा जानबूझकर बिश्नोई परिवार को टारगेट कर रही है। पहले भजनलाल पर बयान, फिर कुलदीप का टिकट काटना। इसके बाद कुलदीप को मनाने खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी दिल्ली गए। इससे यह मैसेज और क्लीयर हो गया कि कुलदीप बिश्नोई भाजपा से नाराज चल रहे हैं। इसके बाद कुलदीप की तो नाराजगी दूर हो गई, लेकिन उनके वर्कर अंत तक इसे भुला नहीं पाए। कुलदीप में राजनीतिक स्तिरता नहीं
चौधरी भजनलाल ने जहां राजनीतिक स्थिरता दी, वहीं कुलदीप बिश्नोई में राजनीतिक स्थिरता का अभाव दिखा। 2007 में कांग्रेस से अलग होकर चौधरी भजनलाल ने हजकां पार्टी बनाई। उनके देहांत के बाद कुलदीप बिश्नोई ने कुछ साल पार्टी को आगे बढ़ाया। हरियाणा में हजकां के 6 विधायक चुनकर आए, लेकिन वह उन्हें संभाल नहीं पाए और सभी विधायक कांग्रेस में चले गए। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई की हजका का भाजपा से गठबंधन हुआ, लेकिन वह भी ज्यादा समय नहीं चला। फिर कुलदीप बिश्नोई ने हजकां का कांग्रेस में विलय कर लिया। कांग्रेस में कुछ वर्ष बिताने के बाद वह फिर भाजपा में आ गए। अब हिसार लोकसभा से टिकट न मिलने पर कुलदीप भाजपा से भी नाराज हो गए थे।
हरियाणा कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट सितंबर के पहले हफ्ते में:इंचार्ज बोले- चुनाव न लड़ने वाले भी CM बन सकते हैं; हारे नेताओं को टिकट नहीं
हरियाणा कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट सितंबर के पहले हफ्ते में:इंचार्ज बोले- चुनाव न लड़ने वाले भी CM बन सकते हैं; हारे नेताओं को टिकट नहीं हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दीपेंद्र हुड्डा, दीपक बावरिया, प्रदेश अध्यक्ष उदयभान मौजूद रहे। इस दौरान कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया के बयान ने सबको चौंका दिया है। उन्होंने कहा कि जो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे, वह भी कांग्रेस के सीएम फेस हो सकते हैं। स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में हुई चर्चा के मुताबिक 2 या उससे ज्यादा बार हारे नेता को पार्टी टिकट नहीं देगी। इसके अलावा इस बार सांसदों को भी चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा। किसी भी सांसद को टिकट नहीं दिया जाएगा। अगर कोई सांसद चुनाव लड़ना चाहता है तो पार्टी हाईकमान इसका फैसला करेगा। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक अगले 2-3 दिनों तक जारी रहेगी। इसके बाद 2 सितंबर को कांग्रेस चुनाव समिति की मीटिंग बुला ली गई है। जिसमें उम्मीदवारों की सूची पर अंतिम मुहर लगेगी। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि उम्मीदवारों की पहली सूची सितंबर के पहले हफ्ते में जारी कर दी जाएगी। बाबरिया बोले- 25 से 30 सीटों पर चर्चा हुई
मीडिया से बातचीत करते हुए प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि अभी तक प्रदेश की 60 सीटों पर चर्चा हो चुकी है। आज 25 से 30 सीटों पर बातचीत हुई। पार्टी की ओर से मजबूत प्रत्याशी उतारे जाएंगे। रालोद और भाजपा के बीच गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर बावरिया ने कहा कि वे जितने चाहें गठबंधन कर सकते हैं। लेकिन जो भी उनके साथ गठबंधन करता है, वह ठगा हुआ महसूस करता है। और कुछ ही दिनों में वे गठबंधन तोड़कर चले जाते हैं। चुनाव तैयारियों के बारे में प्रभारी बावरिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश में शीर्ष स्थान पर है। जिस तरह उन्होंने केंद्र में 400 प्लस के नारे को खत्म किया। उसी तरह वे हरियाणा में भी सरकार बनाने जा रहे हैं। बाबरिया बोले- भाजपा पार्टी डरी हुई
हरियाणा इंचार्ज बावरिया ने कहा कि हम चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। चुनाव की तारीख बदलने को लेकर हमारी चुनाव आयोग से कोई चर्चा नहीं हुई है। भाजपा पार्टी डरी हुई है। जिसके चलते वह चुनाव की तारीख बदलना चाहती है। कांग्रेस पार्टी चुनाव के लिए तैयार है। 2556 नेताओं ने मांगी टिकट
90 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के 2556 नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है। इसके मुताबिक एक-एक सीट पर कांग्रेस के करीब 28 नेताओं ने अपनी दावेदारी ठोकी है। कई ऐसी सीटें भी हैं, जिन पर दावेदारों की संख्या 40 से भी ज्यादा है। टिकट एक नेता को ही मिलना है। ऐसे में जिन्हें टिकट नहीं मिलेगी वह बागी हो सकते हैं। इसलिए लिस्ट जारी करने से पहले केसी वेणुगोपाल के साथ हरियाणा स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। सितंबर के पहले हफ्ते जारी हो सकती है लिस्ट
हरियाणा में टिकटों को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग शुरू हो चुकी है। चार दिन मंथन के बाद आखिर में लिस्ट पर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली में मंथन करेंगे। इसके बाद हरियाणा के नेताओं के साथ चर्चा के बाद लिस्ट जारी की जाएगी। संभावना है कि इस प्रक्रिया में अभी लगभग 5 दिन और लग जाएंगे। जिसके बाद सितंबर के पहले हफ्ते में कांग्रेस अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है।