हरियाणा के नूंह जिले के नगीना थाना अंतर्गत मरोड़ा गांव के एक व्यक्ति से एक महिला द्वारा ब्लैकमेल कर 2 करोड़ रूपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। नगीना थाना पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए आरोपी महिला अफसाना व उसके पति नसरूदीन उर्फ नस्सर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने दोनों को 2 दिन की रिमांड पर लिया है। आरोपियों ने की 2 करोड़ की ठगी पीड़ित हाजी इरफान खान पुत्र इसाक खान ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके ही गांव की महिला उनसे पिछले 3 साल से फोन पर बात करती आ रही थी। धीरे-धीरे अश्लील बातें होने लगी तो बातें रिकार्ड कर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इस तरह धीरे-धीरे करीब 2 करोड़ रुपए ऐंठ लिए गए। जब महिला ने पैसे मांगना बंद नहीं किया तो नगीना पुलिस को मामला अवगत कराते शिकायत दी। मामले की जांच में जुटी पुलिस पुलिस ने शिकायत पर मामले की जांच पड़ताल करते आरोपी अफसाना पत्नी नसरूदीन और नसरूदीन उर्फ नस्सर पुत्र महमूदा गांव मरोड़ा थाना नगीना, हनीफ, मुबारिक पुत्र हनीफ, हैदर पुत्र हनीफ गांव रावली थाना फिरोजपुर झिरका के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पीड़ित ने इन लोगों पर गलत तरीके से जाल में फंसा कर रुपए ठगने का आरोप लगाया है। इरफान ने कहा कि वर्ष 2021 से लगातार ब्लैकमेल करके अपने बैंक खाते और नगद करीब दो करोड़ की रकम ठग ली है। मामले के जांच अधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में हैं। हरियाणा के नूंह जिले के नगीना थाना अंतर्गत मरोड़ा गांव के एक व्यक्ति से एक महिला द्वारा ब्लैकमेल कर 2 करोड़ रूपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। नगीना थाना पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए आरोपी महिला अफसाना व उसके पति नसरूदीन उर्फ नस्सर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने दोनों को 2 दिन की रिमांड पर लिया है। आरोपियों ने की 2 करोड़ की ठगी पीड़ित हाजी इरफान खान पुत्र इसाक खान ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके ही गांव की महिला उनसे पिछले 3 साल से फोन पर बात करती आ रही थी। धीरे-धीरे अश्लील बातें होने लगी तो बातें रिकार्ड कर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इस तरह धीरे-धीरे करीब 2 करोड़ रुपए ऐंठ लिए गए। जब महिला ने पैसे मांगना बंद नहीं किया तो नगीना पुलिस को मामला अवगत कराते शिकायत दी। मामले की जांच में जुटी पुलिस पुलिस ने शिकायत पर मामले की जांच पड़ताल करते आरोपी अफसाना पत्नी नसरूदीन और नसरूदीन उर्फ नस्सर पुत्र महमूदा गांव मरोड़ा थाना नगीना, हनीफ, मुबारिक पुत्र हनीफ, हैदर पुत्र हनीफ गांव रावली थाना फिरोजपुर झिरका के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पीड़ित ने इन लोगों पर गलत तरीके से जाल में फंसा कर रुपए ठगने का आरोप लगाया है। इरफान ने कहा कि वर्ष 2021 से लगातार ब्लैकमेल करके अपने बैंक खाते और नगद करीब दो करोड़ की रकम ठग ली है। मामले के जांच अधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में दशहरे के तुरंत बाद नई सरकार:दिल्ली से 2 ऑब्जर्वर आएंगे, विधायक दल की मीटिंग में CM पर फैसला, मोदी से टाइम का इंतजार
हरियाणा में दशहरे के तुरंत बाद नई सरकार:दिल्ली से 2 ऑब्जर्वर आएंगे, विधायक दल की मीटिंग में CM पर फैसला, मोदी से टाइम का इंतजार हरियाणा में नई सरकार के शपथ ग्रहण से एक दिन पहले विधायक दल की मीटिंग होगी। इसे लेकर सभी नवनिर्वाचित विधायकों को संकेत दे दिए गए हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो 15 अक्टूबर को होने वाले शपथ ग्रहण से एक दिन पहले 14 अक्टूबर को विधायक दल की मीटिंग बुलाई जाएगी। इस बैठक में दो केंद्रीय पर्यवेक्षक शामिल होंगे। हालांकि, अभी पर्यवेक्षकों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। इस बैठक में ही CM के नाम को लेकर प्रस्ताव रखा जाएगा। हालांकि, अभी जो संकेत मिल रहे हैं उसके अनुसार कार्यवाहक CM नायब सैनी को ही मुख्यमंत्री बनाया जाना तय है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि BJP शपथ ग्रहण को लेकर जल्दबाजी में नहीं है। इसकी वजह यह है कि हरियाणा में तीसरी बार BJP ने सरकार बनाई है। इस पल को यादगार बनाने के लिए भव्य शपथ ग्रहण करने की पार्टी योजना बना रही है। PM मोदी 2 दिन बाहर, इसलिए टला शपथ ग्रहण
हरियाणा की नई सरकार के शपथ ग्रहण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचेंगे। चूंकि, PM अभी 2 दिन के लिए देश में नहीं हैं, ऐसे में दशहरा के बाद ही शपथ ग्रहण आयोजित किया जाएगा। इस शपथ ग्रहण में PM मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मनोहर लाल खट्टर और राजनाथ सिंह के आने के भी आसार हैं। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि शपथ ग्रहण में दूसरे भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी हरियाणा BJP की ओर से न्योता भेजा जाएगा। CM दिल्ली दौरे पर, आज आने के आसार
उधर, चुनाव में जीत के बाद बुधवार काे हरियाणा के कार्यवाहक CM नायब सैनी दिल्ली दौरे पर रहे। यहां उन्होंने सबसे पहले PM नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा प्रदेश चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले। नड्डा के आवास पर CM नायब सैनी की हरियाणा के पार्टी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ मीटिंग भी हुई। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में शपथ ग्रहण की डेट और मंत्रिमंडल गठन को लेकर चर्चा की गई। दिल्ली में ही तय होगा मंत्रिमंडल
जानकारी के अनुसार, नायब सैनी अपने मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देने के लिए अपने वरिष्ठ नेतृत्व से सलाह-मशविरा कर सकते हैं। सत्ता विरोधी लहर के बावजूद सत्तारूढ़ भाजपा ने हरियाणा में लगातार तीसरी जीत हासिल कर सत्ता बरकरार रखी, और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की वापसी की कोशिशों को रोक दिया। विधानसभा चुनावों के नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए।
बीरेंद्र सिंह बोले- BJP का मुझ पर कोई अहसान नहीं:कहा- दो-चार विधायकों वाली पार्टी को 47 तक पहुंचाया, भाजपा में चलती है दलाली
बीरेंद्र सिंह बोले- BJP का मुझ पर कोई अहसान नहीं:कहा- दो-चार विधायकों वाली पार्टी को 47 तक पहुंचाया, भाजपा में चलती है दलाली पूर्व केंद्रीय मंत्री और हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीरेंद्र सिंह ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा- दो-चार विधायकों वाली पार्टी को हमने 47 तक पहुंचाया। बीजेपी का मुझ पर कोई अहसान नहीं है। बीरेंद्र सिंह ने यह बात जींद के उचाना स्थित राजीव गांधी महाविद्यालय में पूर्व पीएम स्व. राजीव गांधी की जयंती पर आयोजित प्रोग्राम में कही। यह कॉलेज बीरेंद्र सिंह का ही है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर कॉलेज में युवा मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। बीरेंद्र सिंह इसी प्रोग्राम में पहुंचे थे। राजीव गांधी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित करने के बाद बीरेंद्र सिंह ने कहा कि राजीव गांधी उनसे बहुत स्नेह रखते थे। वह युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे और इसी सद्भाव से उनकी जयंती मनाई जाती है। उन्होंने कहा- आज के प्रोग्राम में उचाना के अलावा बाहर के इलाकों से भी युवा आए हैं। हमने सबको बुलाया है। राजीव गांधी ने 40 साल पहले जो दिशा दी थी, अगर देश उसी दिशा पर चलता रहे और आपस का साथ-सदभावना बनी रहे तो देश को बहुत बड़ी आर्थिक शक्ति बनने से कोई रोक नहीं सकता। भाजपा का बिना नाम लिए बीरेंद्र सिंह ने कहा कि आज समाज में कहीं ना कहीं ऐसी शक्तियां हैं जो समाज को बांटने का काम करती हैं। धर्म के नाम पर या फिर जाति के नाम पर। युवाओं को ऐसी शक्तियों से मुकाबला करना चाहिए। अपने हरियाणा की जो सभ्यता है, संस्कृति है, इसमें आपसी भाईचारा सबसे अहम है। यहां सारी जातियां मिलकर रहती हैं। कहा- हरियाणा में भाजपा को थी हमारी जरूरत भाजपा नेता कैप्टन अभिमन्यु के उस दावे, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीरेंद्र सिंह को जो मान-सम्मान कांग्रेस में नहीं मिला, वह उन्हें बीजेपी में मिला, पर भी बीरेंद्र सिंह ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा- कैप्टन अभिमन्यु को पता कर लेना चाहिए। राजीव गांधी मेरे से कितना स्नेह और सद्भाव रखते थे। मुझ पर कितना विश्वास करते थे। उसके बाद सोनिया गांधी ने भी उस भरोसे को बनाए रखा। मैंने कांग्रेस में 42 साल काम किया है। बीरेंद्र सिंह ने कहा- जो कहते हैं कि मैंने नियम तोड़े तो उन्हें बता दूं कि इस हरियाणा के गांवों में भाजपा का कोई नाम लेने वाला नहीं था। उस समय बीजेपी को हमारे जैसे आदमी की जरूरत थी। उन्होंने हमारे ऊपर कोई अहसान नहीं किया बल्कि अहसान तो हमने भाजपा पर किया। जिस भाजपा के हरियाणा में कभी 2-4 या 6 से ज्यादा विधायक नहीं बने थे, उसके हमने 47 एमएलए जितवा दिए। बीजेपी पर हर वर्ग को बांटने का आरोप बीरेंद्र सिंह ने कैप्टन अभिमन्यु पर उनके उस दावे को लेकर भी निशाना साधा जिसमें अभिमन्यु ने कहा था कि भाजपा ने कांग्रेस की दलाली बंद कर दी है इसलिए सारे कांग्रेस नेता बौखलाए हुए हैं। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर दलाली का पूरा खुलासा करवाना हो तो अभिमन्यु मुझ से बात कर ले। मैं बताऊंगा कि भाजपाई तो दलाली भी करते हैं और सब्र भी नहीं करते। कांग्रेस नेता ने कहा कि आज जिस तरीके से भाजपा हर वर्ग को बांटने के लिए उनमें द्वेष पैदा करने की राजनीति की है, उसे देश बर्दाश्त नहीं करेगा। 140 करोड़ लोगों वाले इस देश में अनेक मज़हब है। अनेक जातियां हैं। सबका खाना-पीना अलग-अलग है। सबके कपड़े पहनने का अंदाज अलग-अलग है। ऐसे देश में जो सबको मिलकर चलेगा, सिर्फ वही राजनीतिक तौर पर जिंदा रहेगा। कोलकाता रेप-मर्डर पर राजनीति न हो कोलकाता में लेडी डॉक्टर के रेप और फिर मर्डर से जुड़े सवाल पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह एक दर्दनाक घटना है। हमारे समाज के लिए यह कलंक जैसी है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। जिसने भी यह हरकत की है, उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। यह सजा दूसरों के लिए सबक जैसी होनी चाहिए। ऐसे लोगों को या तो फांसी दे देनी चाहिए या फिर पूरी उम्र के लिए जेल में डाल देना चाहिए।
RSS कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर थे सैनी:खट्टर की कार चलाई; सरल स्वभाव सबसे बड़ी ताकत, सीएम फेस बने तो रिकॉर्ड सीटें जीती BJP
RSS कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर थे सैनी:खट्टर की कार चलाई; सरल स्वभाव सबसे बड़ी ताकत, सीएम फेस बने तो रिकॉर्ड सीटें जीती BJP 1990 के दशक की बात है। हरियाणा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS अपने विस्तार की कोशिश में था। संघ प्रचारक ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान अंबाला के मिजापुर-माजरा गांव से आने वाले एक युवक को RSS के बारे में पता चला। वह पंचकूला के संघ कार्यालय पहुंचा। यहां उसकी मुलाकात मनोहर लाल खट्टर से हुई। खट्टर तब संघ के प्रचारक थे। युवक संघ में आने लगा। संघ की शाखाओं में शामिल होने लगा। खट्टर ने उसे पत्र लिखने का काम दिया। साथ ही कम्प्यूटर सीखने की सलाह भी दी। एक दिन युवक ने खट्टर से अपने परिवार की तंगहाली के बारे में बताया। इसके बाद खट्टर ने उसको रहने के लिए संघ कार्यालय में जगह दे दी। वह खट्टर के साथ एक कमरे में रहने लगा। नरेंद्र मोदी भी जब हरियाणा आते, तो उसी युवक के कमरे में रुकते थे। खट्टर किसी जिले के दौरे पर जाते तो वह युवक उनकी गाड़ी भी चलाता था। आगे चलकर खट्टर BJP में चले गए। बाद में वो युवक भी उनके साथ BJP से जुड़ गया। 2009 में वह पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरा, लेकिन हार गया। करीब दस साल बाद उस युवक की किस्मत ऐसी चमकी कि बड़े-बड़े दिग्गजों को पछाड़कर अब वह दूसरी बार हरियाणा का मुख्यमंत्री बनने वाला है- नायब सिंह सैनी। नायब सिंह सैनी को बुधवार (16 अक्टूबर) को विधायक दल का नेता चुना गया। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया। कल गुरुवार को वह पंचकूला में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने की कहानी और उनसे जुड़े किस्से… 25 जनवरी 1970, अंबाला के मिजापुर माजरा गांव के एक OBC परिवार में नायब सिंह सैनी का जन्म हुआ। उन्होंने बिहार के बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली। 1996 में वे भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य के तौर पर मनोहर लाल खट्टर के साथ जुड़े। 2002 में सैनी को अंबाला BJP युवा मोर्चा का महासचिव बनाया गया। तीन साल बाद 2005 में वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने। सैनी संगठन के भीतर अच्छा काम कर रहे थे, लेकिन जनता के बीच उन्हें कम ही लोग जानते थे। उनके राजनीतिक करियर में बड़ा मोड़ अंबाला शुगर मिल के गन्ना आंदोलन के दौरान आया। गन्ना भुगतान के लिए हुए आंदोलन में सैनी ने अहम भूमिका निभाई। पहले चुनाव में पांचवें नंबर पर रहे थे सैनी
किसानों के बीच उनकी अच्छी पैठ देखते हुए भाजपा ने उन्हें किसान मोर्चा का प्रदेश महासचिव नियुक्त किया। बाद में वे मोर्चा के अध्यक्ष भी बने। आंदोलन के दौरान उन्हें प्रदेश के बड़े गुज्जर नेता चौधरी लाल सिंह से काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 2009 के विधानसभा चुनाव में सैनी को नारायणगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मिला। टिकट दिलाने में सैनी के राजनीतिक गुरु मनोहर लाल खट्टर ने अहम भूमिका निभाई थी। उनका सीधा मुकाबला गुज्जर नेता चौधरी लाल सिंह के बेटे राम किशन से था। सैनी बुरी तरह चुनाव हार गए। वे 5वें स्थान पर रहे। नारायणगढ़ में करारी हार के बाद भी पार्टी ने सैनी पर भरोसा जताया। 2012 में भाजपा ने उन्हें अंबाला का जिला अध्यक्ष बना दिया। सैनी ने युवा मोर्चा के समय में राजनीतिक तिकड़ी बनाई थी। इसमें उनके साथ अंबाला के पूर्व सांसद रतनलाल कटारिया और असीम गोयल शामिल थे। यह तिकड़ी आज भी काम कर रही है। कटारिया के निधन के बाद उनकी पत्नी इसमें शामिल हो गईं। इसी तिकड़ी की मदद से सैनी ने जिले की 3 विधानसभा सीटों नारायणगढ़, अंबाला सिटी और मुलाना में काम करना शुरू कर दिया। अबंला जिले की चौथी विधानसभा सीट, अंबाला कैंट में अनिल विज का बोलबाला था। अनिल विज खट्टर सरकार में मंत्री थे। तब सैनी ने नारायणगढ़ में जनता दरबार लगाना शुरू किया। चूंकि अंबाला कैंट के कुछ गांव भी नारायणगढ़ में आते थे, लिहाजा उन गांवों के लोग भी सैनी के दरबार में आने लगे। इससे विज को दिक्कत होने लगी। यहीं से विज की सैनी से राजनीतिक लड़ाई शुरू हो गई। 2014 में पहली बार विधायक बने, दो साल बाद खट्टर ने राज्यमंत्री बनाया
अनिल विज से संगठनात्मक लड़ाई के बाद भी सैनी को मनोहर लाल खट्टर का समर्थन मिलता रहा। यही वजह रही कि 2014 में उन्हें फिर से नारायणगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मिला। इस बार भी उनका मुकाबला चौधरी लाल सिंह के बेटे राम किशन से था। इस बार सैनी ने राम किशन को करीब 24 हजार वोटों से हरा दिया। हरियाणा के इतिहास में पहली बार BJP की सरकार बनी और मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया। दो साल बाद खट्टर ने सैनी को राज्यमंत्री के तौर पर सरकार में शामिल कर लिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में सैनी को कुरुक्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया। सैनी पार्टी की उम्मीदें पर खरे उतरे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह को हराकर जीत हासिल की। हालांकि सांसद रहने के दौरान सैनी कुरुक्षेत्र की बजाय नारायणगढ़ में ज्यादा सक्रिय रहे। इसके चलते उन्हें अपनी ही पार्टी के नेताओं और कुरूक्षेत्र के लोगों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उनके कुछ करीबियों ने बताया कि वह दिल्ली की बजाय हरियाणा की राजनीति में ज्यादा सक्रिय होना चाहते थे। उनकी यह इच्छा मनोहर लाल खट्टर ने पूरी भी की। अक्टूबर 2023 में ओम प्रकाश धनखड़ की जगह सैनी को हरियाणा BJP का अध्यक्ष बनाया गया। BJP-JJP का गठबंधन टूटा, खट्टर का कैबिनेट समेत इस्तीफा
11 मार्च 2024, देश में लोकसभा चुनावों की सुगबुगाहट तेज हो चुकी थी। इसी दिन PM मोदी शाम को हरियाणा के गुरुग्राम पहुंचे। उन्होंने दिल्ली को गुरुग्राम से जोड़ने वाले हरियाणा एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया। PM ने इस दौरान मनोहर लाल खट्टर की तारीफ करते हुए कहा कि एक्सप्रेस वे के निर्माण में हरियाणा सरकार और CM खट्टर की तत्परता नजर आती है। कार्यक्रम के बाद खट्टर चंडीगढ़ लौटे और कैबिनेट की बैठक बुलाई। मीटिंग देर रात तक चली। सुबह होते ही खबरें चलने लगीं कि हरियाणा में JJP-BJP का गठबंधन टूट सकता है। खट्टर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। दरअसल 11 मार्च को ही रात में JJP के नेता और खट्टर सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे दुष्यंत चौटाला ने BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। कहा गया कि दुष्यंत JJP के लिए लोकसभा चुनाव में दो सीट की मांग कर रहे थे, जबकि BJP महज एक सीट देना चाहती थी। इस पर दुष्यंत राजी नहीं थे। 12 मार्च को खट्टर ने चंडीगढ़ में BJP विधायकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में निर्दलीय विधायकों को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन गठबंधन का हिस्सा रही JJP विधायक बैठक का हिस्सा नहीं थे। बैठक के बाद खट्टर कैबिनेट के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे और सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर अपना इस्तीफा सौंप दिया। BJP-JJP के गठबंधन की सरकार गिर गई। अब राजनीतिक गलियारों में सबसे बड़ा सवाल यही था कि BJP किसे हरियाणा का नया मुखिया बनाएगी। रेस में गृहमंत्री अनिल विज, राव इंद्रजीत सिंह, कृष्ण पाल गुर्जर जैसे नाम चल रहे थे। झारखंड के पूर्व CM अर्जुन मुंडा और राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया। पर्यवेक्षकों ने विधायकों की मीटिंग बुलाई। इधर सैनी के गांव में राजनीतिक चहल-पहल बढ़ने लगी थी। पुलिस ने उनके घर की सुरक्षा बढ़ा दी। CID और पुलिस की एजेंसियां भी पहुंच गईं। इसी बीच करीब 12 बजे विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के रूप में हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी का नाम प्रस्तावित किया गया। मीडिया में खबर फैल गई कि हरियाणा की कमान नायब सिंह सैनी संभालेंगे। शाम करीब पांच बजे नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने के ठीक बाद सैनी ने मंच पर बैठे मनोहर लाल खट्टर के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। हरियाणा के वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र कंवारी बताते हैं- मनोहर लाल खट्टर ने पार्टी आलाकमान को अपनी जगह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी। पार्टी ने सैनी के चेहरे पर लड़ा विधानसभा चुनाव इसी साल 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने नायब सिंह सैनी के चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ा। 8 अक्टूबर को रिजल्ट आया तो भाजपा के खाते में 48 सीट आई। तब भी चर्चा हुई कि कहीं भाजपा मुख्यमंत्री बदल तो नहीं देगी। 12 और 15 अक्टूबर को शपथ ग्रहण की बात सामने आई। आखिरी में 17 अक्टूबर को शपथग्रहण की डेट फाइनल हुई। 16 अक्टूबर को पंचकूला में विधायक दल की मीटिंग हुई। केंद्र की तरफ से ऑब्जर्वर के तौर पर गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव शामिल हुए। विधायकों से मिले प्रस्ताव के बाद अमित शाह ने नायब सैनी को विधायक दल का नेता बनाने का ऐलान किया। इसके बाद नायब सैनी ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। वह कल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री, 16 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा 37 बड़े नेता शामिल होंगे। BJP खट्टर की जगह सैनी को क्यों लाई, तीन बड़ी वजह 1. OBC कार्ड : पिछले कुछ महीनों से विपक्ष OBC कार्ड पर जोर दे रहा है। राहुल गांधी लगातार जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं। पिछले साल मध्य प्रदेश में भी BJP ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया था। वे भी OBC समुदाय से आते हैं। वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र कंवारी के मुताबिक हरियाणा की 44 फीसदी आबादी OBC समुदाय से है। ऐसे में BJP ने सैनी के सहारे इस वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। हालांकि, लोकसभा चुनावों में BJP का ये OBC कार्ड बहुत काम नहीं आया। BJP को 2019 में 10 सीटें मिली थीं। 2024 लोकसभा में BJP 5 सीटों पर सिमट गई। 2. चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदलना : विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बदलना भारतीय जनता पार्टी की पुरानी प्लानिंग का हिस्सा रहा है। धर्मेंद्र कंवारी बताते हैं इसकी शुरुआत 2021 में हुई जब गुजरात चुनाव से ठीक पहले विजय रूपाणी को हटाकर भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया। गुजरात में 2022 में विधानसभा चुनाव हुए थे। इसके बाद कर्नाटक, उत्तराखंड और त्रिपुरा विधानसभा चुनावों में BJP की यही प्लानिंग देखने को मिली थी। 3. एंटी इनकम्बेंसी : धर्मेंद्र कंवारी के मुताबिक BJP ने पार्टी सर्वे में पाया कि किसान आंदोलन और महिला पहलवानों के प्रदर्शन के कारण खट्टर के खिलाफ गुस्सा नजर आ रहा था। वहीं दूसरी तरफ पार्टी कार्यकर्ताओं में खट्टर के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही थी। ऐसे में खट्टर को हटाकर सैनी के सहारे जनता की सहानुभूति बटोरने की कोशिश की