हरियाणा के नूंह में शनिवार शाम को अलवर रोड पर सड़क हादसा हो गया। हादसा नगीना थाना क्षेत्र अंतर्गत गंडुरी गांव के पास हुआ। जहां एक ऑल्टो कार और पिकअप में टक्कर हो गई। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। वहीं सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को जिला नागरिक अस्पताल माडीखेड़ा में पहुंचाया। वहीं शव को शवगृह में रखते हुए पुलिस पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया में जुटी है। जानकारी के अनुसार नूंह सलंबा गांव का अब्दुल सत्तार (65) पुत्र बुद्धू और बेटा मौसिम अपनी ऑल्टो कार से किसी काम से फिरोजपुर झिरका जा रहे थे। जब गंडुरी गांव के पास पहुंचे तो पिकअप में पीछे से जा भिड़े। इस हादसे में अब्दुल सत्तार की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि मौसिम खान घायल हो गया। वहीं पुलिस ने वाहनों को कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा के नूंह में शनिवार शाम को अलवर रोड पर सड़क हादसा हो गया। हादसा नगीना थाना क्षेत्र अंतर्गत गंडुरी गांव के पास हुआ। जहां एक ऑल्टो कार और पिकअप में टक्कर हो गई। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। वहीं सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को जिला नागरिक अस्पताल माडीखेड़ा में पहुंचाया। वहीं शव को शवगृह में रखते हुए पुलिस पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया में जुटी है। जानकारी के अनुसार नूंह सलंबा गांव का अब्दुल सत्तार (65) पुत्र बुद्धू और बेटा मौसिम अपनी ऑल्टो कार से किसी काम से फिरोजपुर झिरका जा रहे थे। जब गंडुरी गांव के पास पहुंचे तो पिकअप में पीछे से जा भिड़े। इस हादसे में अब्दुल सत्तार की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि मौसिम खान घायल हो गया। वहीं पुलिस ने वाहनों को कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रेवाड़ी में चलती बस में सवारियों दिखाया चाकू:अकेली बैठी महिला के साथ वारदात की कोशिश; ड्राइवर-कंडक्टर की सूझ-बूझ से पकड़ा
रेवाड़ी में चलती बस में सवारियों दिखाया चाकू:अकेली बैठी महिला के साथ वारदात की कोशिश; ड्राइवर-कंडक्टर की सूझ-बूझ से पकड़ा हरियाणा में रेवाड़ी जिले के दिल्ली-जयपुर हाइवे पर सवारियों से भरी हरियाणा रोडवेज की एक बस में सवार बदमाश ने चाकू दिखाकर सवारियों को डराया-धमकाया। इससे पहले आरोपी ने पिछली सीट पर अकेली बैठी महिला के साथ वारदात करने की भी कोशिश की। ड्राइवर-कंडक्टर ने सूझ-बूझ दिखाते हुए बस को साल्हावास कट पर रोक दिया। इस बीच पुलिस पीसीआर भी पहुंच गई और आरोपी को चाकू सहित पुलिस के हवाले कर दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा रोडवेज के कंडक्टर सुनील कुमार ने बताया कि शुक्रवार की रात उनकी बस जयपुर से दिल्ली के लिए चली थी। बस में काफी यात्री सवार थे। एक यात्री राजस्थान के बहरोड़ से दिल्ली जाने के लिए बस में सवार हुआ। करीब 40 किलोमीटर के सफर में वो 3-4 बार सीट चेंज कर चुका था। बनीपुर चौक क्रॉस करने के बाद वह पिछली सीट पर अकेली बैठी महिला के पास जाकर बैठ गया। इसी बीच बस में शोर मचा कि आरोपी चाकू निकालकर डरा-धमका रहा है। होटल पर रोक दी बस कंडक्टर सुनील और एक अन्य सवारी ने मिलकर आरोपी को बस में ही दबोच लिया। उसके हाथ से चाकू भी छीन लिया और ड्राइवर ने साल्हावास कट के समीप एक होटल पर बस को रोक दिया। इसी बीच किसी ने डॉयल-112 पर सूचना दे दी। सूचना के पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और आरोपी को हिरासत में ले लिया। साथ ही उससे मिले चाकू को भी अपने कब्जे में ले लिया है। आरोपी से पुलिस टीम पूछताछ कर रही है। पहले मुंह पर पानी की बूंदे गिराई वहीं बस में सवार महिला सविता ने बताया कि वह बहरोड़ से बस में बैठी थी। पीछे-पीछे एक युवक भी बस में सवार हुआ। बस की पिछली सीट पर वह अकेली बैठी हुई थी। तभी एक युवक उसके पास आकर बैठ गया। पहले उसने पानी पिया। पानी की कुछ बूंदे उसके मुंह पर भी गिर गई। उसने इस बात को इग्नोर कर दिया। तभी बस में सवार एक अन्य यात्री सिगरेट पी रहा था। आरोपी ने उसे भी सिगरेट पीने से रोका और फिर अचानक चाकू दिखा दिया। चाकू दिखाने के बाद बस में शोर शराबा मच गया। आरोपी को बस में ही दबोच लिया गया। आरोपी रेवाड़ी जिले के ही किसी गांव का रहने वाला बताया गया है। वहीं कसौना थाना प्रभारी शिव दर्शन ने बताया है कि है युवक बहरोड में सब्जी बेचने का काम करता है। फिलहाल किसी तरह की शिकायत नहीं मिली है। शिकायत के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा की पहलवान रीतिका हुड्डा का मैच आज:9 साल की उम्र में शुरू की कुश्ती; कॉमनवेल्थ में सिलेक्शन न होने पर छोड़ने का मन बनाया
हरियाणा की पहलवान रीतिका हुड्डा का मैच आज:9 साल की उम्र में शुरू की कुश्ती; कॉमनवेल्थ में सिलेक्शन न होने पर छोड़ने का मन बनाया हरियाणा की पहलवान रीतिका हुड्डा आज पेरिस ओलिंपिक में 76 Kg वेट कैटेगरी में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। उनका मुकाबला दोपहर 3 बजे होगा। रीतिका ने 9 साल की उम्र में कुश्ती खेलनी शुरू की थी। उनका कहना है कि ओलिंपिक में गोल्ड जीतने के लिए उसने डेली 7 घंटे पसीना बहाया है। रीतिका हुड्डा ने पेरिस जाने से पहले कहा था, ‘जब उसका सिलेक्शन कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में नहीं हुआ तो कुश्ती छोड़ने का फैसला कर लिया था। माता-पिता ने उसे कुश्ती खेलने के लिए प्रेरित किया। इसलिए उसने तय किया है कि वह किसी भी चीज को अपने दिमाग पर हावी नहीं होने देगी और खुलकर खेलेगी। उसने स्पीड वर्क और स्मार्ट वर्क पर खूब ध्यान दिया। उसका लक्ष्य गोल्ड लाना है।’ 2015 में शुरू की थी कुश्ती
रीतिका हुड्डा रोहतक जिले के खरकड़ा गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता जगबीर हुड्डा किसान हैं। कुश्ती में आने से पहले पिता जगबीर ने उन्हें हैंडबॉल खेलने के लिए प्रेरित किया था। इसके बाद पिता को लगा कि व्यक्तिगत खेल अधिक अवसर प्रदान करते हैं। इसलिए वे 2015 में रीतिका को छोटू राम अखाड़े में ले गए। वहां कोच मंदीप ने उनकी क्षमता को पहचाना। रीतिका ने कहा कि उस समय उन्होंने नहीं सोचा था कि वह कभी ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगी और पहली भारतीय महिला बनेंगी। ओलिंपिक में कई देश के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। उन्हें हराने के लिए अलग-अलग रणनीति होती है। उन्होंने सभी के मुकाबले देखे हैं और उन पर काम किया है। कुछ के साथ अटैक करके खेलूंगी और कुछ के साथ डिफेंड करूंगी। कहा- कोच और माता-पिता की अहम भूमिका
रीतिका हुड्डा ने कहा कि उनके कोच और माता-पिता ने उन्हें यहां तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। उनके पिता जगबीर हुड्डा उनके लिए हर परिस्थिति में खाने-पीने और खेल से जुड़ी चीजें लाते हैं। उनकी मां नीलम उनके खाने-पीने का ख्याल रखती है। कोच मंदीप उन्हें मैदान में अच्छी ट्रेनिंग देते हैं। उनके आसपास के लोग भी उनका पूरा साथ देते हैं। भगवान जो भी देगा, वे उससे खुश रहेंगी। रीतिका अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी
रीतिका हुड्डा वर्ल्ड चैंपियनशिप के अंडर-23 वर्ग में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। उन्होंने दिसंबर 2023 में अल्बानिया की राजधानी तिराना में आयोजित चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले भारत की ओर से सिर्फ एक पुरुष पहलवान ने अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था।
डॉक्टरों की लापरवाही से चली गई युवती की जान:परिजनों ने CM से लगाई गुहार, कोई नहीं सुना तो उतरे सड़कों पर
डॉक्टरों की लापरवाही से चली गई युवती की जान:परिजनों ने CM से लगाई गुहार, कोई नहीं सुना तो उतरे सड़कों पर हरियाणा के गुरुग्राम के ज्योति पार्क स्थित एक निजी अस्पताल के खिलाफ सैकड़ो लोगो ने प्रदर्शन किया। लोगों का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही के चलते यहां इलाज करा रही 22 वर्षिय युवती की मौत हो गई।
दरअसल मामला साल 2023 का है, 22 वर्षीय सिमरन छाबड़ा का ज्योति पार्क के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था और इलाज के दौरान सिमरन छाबड़ा की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण सिमरन की मौत हुई है। सिमरन के परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग के साथ ही सीएम विंडो तक किया।
अस्पताल के खिलाफ नहीं हुई कोई कार्रवाई
अस्पताल के खिलाफ मामला तो दर्ज हुआ लेकिन स्वास्थ्य विभाग या मुख्यमंत्री की ओर से अस्पताल की इस लापरवाही के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। दर दर भटकने के बाद अब अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए परिजन सड़कों पर उतर गए हैं। एक तरफ जहां मोमबत्तियां हाथ में लिए लोगों ने सिमरन के लिए कैंडल मार्च निकाला तो वहीं दूसरी तरफ अस्पताल के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए न्यू कॉलोनी थाना पहुंचे।
जश्न के दो दिन बाद ही छाया मातम
सिमरन छाबड़ा के भाई सौरभ छाबड़ा के मुताबिक सिमरन की उम्र मात्र 22 साल थी। 13 जनवरी 2023 को उनके घर एक बेटी हुई, उसके बाद से पूरे घर में जश्न का माहौल था। 19 को बेटी का नामकरण था और 21 जनवरी को सिमरन को हल्की सी खासी जुक़ाम हुई। जिसके बाद वह उसे ले कर ज्योति पार्क स्थित जगदम्बा अस्पताल पहुंचे लेकिन उनके सामने ही उनकी बहन ने दम तोड़ दिया। अब वह सड़कों पर उतर कर न्याय की गुहार लगा रहे हैं। मृतका सिमरन की मां की माने तो सिमरन अंतिम सांस तक कहती रही कि इंजेक्शन मत लगाओ लेकिन डॉक्टरों ने उसकी एक न सुनी और पूरा इंजेक्शन लगा दिया। जिसके बाद सिमरन की मौके पर मौत हो गई। अब वह इंसाफ चाहते हैं, ताकि जो उनकी बेटी के साथ हुआ किसी ओर की बेटी के साथ न हो।