नेत्रहीन लोगों को मिल गया वरदान! यूपी के दो छात्रों ने बना डाला स्मार्ट चश्मा, जानें खासियत

नेत्रहीन लोगों को मिल गया वरदान! यूपी के दो छात्रों ने बना डाला स्मार्ट चश्मा, जानें खासियत

<p style=”text-align: justify;”><strong>Moradabad News:</strong> अक्सर देखा जाता है कि नेत्रहीन लोग राह चलते समय किसी न किसी चीज से टकरा जाते हैं. नेत्रहीन लोगों के मन में भी यह चाह होती है कि वह सामने वाले को पहचान सके या अनुमान लगा सके कि उनके सामने कौन व्यक्ति खड़ा है. जिससे वह भी अपनी हसरत को पूरा कर सकें. ऐसे नेत्रहीन बच्चों के लिए मुरादाबाद के एमआईटी कॉलेज के छात्र आगे आए हैं. जिन्होंने एक ऐसा प्रोजेक्ट बनाया है. जिस प्रोजेक्ट की मदद से नेत्रहीन लोग भी चेहरे की पहचान कर सकेंगे और सामने क्या प्रोजेक्ट है. उसकी पहचान कर आगे का रास्ता चुन सकेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब नेत्रहीन व्यक्ति भी चेहरे की पहचान आसानी से कर सकेंगे. इसके लिए एसआईटी के दो छात्रों ने एक चश्मा तैयार किया है. आइओटी सेंसर के उपयोग के माध्यम से अपने परिवेश की जानकारी आडियो रूप में प्राप्त कर सकते हैं. एमआईटी कॉलेज के छात्रों ने आईआईटी मुंबई में आयोजित तीन दिवसीय एशिया का लार्जेस्ट टेकफेस्ट 24 में प्रतिभाग किया. जिसमें कंप्यूटर साइंस विभाग के दो छात्र धैर्य सारस्वत’ और शाश्वत सिंघल जोकि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा स्थापित स्टार्टअप कैडर टेक्नोलॉजीज सर्विसेज से इंटर्नशिप कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्मार्ट चश्मे का आविष्कार नेत्रहीन लोगों के लिए बनेगा मददगार</strong><br />कैडर टेक मुख्य रूप से उन्हें असिस्टिव टेक्नोलॉजी पर रिसर्च कर रहा है. जिसके सहयोग से उन्होंने एक ऐसा स्मार्ट चश्मे का आविष्कार किया है. जिससे नेत्रहीन व्यक्ति चेहरे की पहचान, वस्तु का पता लगाना और आइओटी सेंसर के उपयोग के माध्यम से अपने परिवेश की जानकारी आडियो रूप में प्राप्त कर सकते हैं. अपने इस आविष्कार को प्रदर्शित करने के लिए दोनों छात्रों को आइआइटी मुंबई में कंपनी के इंडिया आफिस की ओर से प्रदर्शन के लिए नियुक्त किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एमआईटी कॉलेज के डायरेक्टर रोहित गर्ग ने बताया कि हमारे कॉलेज के दो बच्चों ने नेत्रहीन लोगों के लिए बहुत अच्छा प्रोजेक्ट बनाया है. इसके लिए मैं अपने कॉलेज के शिक्षकों को और इन दोनों बच्चों को बहुत बधाई देता हूं. इसके साथ ही मेरा मानना है कि यह प्रोजेक्ट नेत्रहीन लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा. एमआईटी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ राजीव कुमार ने बताया कि हमारे डिपार्टमेंट के दो बच्चों ने एक नई रिसर्च की है. जिसमें नेत्रहीन लोगों को देखने में काफी हेल्प मिल सकती है. इससे वह अपने नजरिए को कहीं भी बदलकर मूव कर सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bjp-mp-sakshi-maharaj-react-on-chandrashekhar-azad-statement-on-maha-kumbh-2025-2860664″>’जिसका नाम ही रावण है..’, चंद्रशेखर आजाद के महाकुंभ वाले बयान पर बोले BJP सांसद साक्षी महाराज</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Moradabad News:</strong> अक्सर देखा जाता है कि नेत्रहीन लोग राह चलते समय किसी न किसी चीज से टकरा जाते हैं. नेत्रहीन लोगों के मन में भी यह चाह होती है कि वह सामने वाले को पहचान सके या अनुमान लगा सके कि उनके सामने कौन व्यक्ति खड़ा है. जिससे वह भी अपनी हसरत को पूरा कर सकें. ऐसे नेत्रहीन बच्चों के लिए मुरादाबाद के एमआईटी कॉलेज के छात्र आगे आए हैं. जिन्होंने एक ऐसा प्रोजेक्ट बनाया है. जिस प्रोजेक्ट की मदद से नेत्रहीन लोग भी चेहरे की पहचान कर सकेंगे और सामने क्या प्रोजेक्ट है. उसकी पहचान कर आगे का रास्ता चुन सकेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब नेत्रहीन व्यक्ति भी चेहरे की पहचान आसानी से कर सकेंगे. इसके लिए एसआईटी के दो छात्रों ने एक चश्मा तैयार किया है. आइओटी सेंसर के उपयोग के माध्यम से अपने परिवेश की जानकारी आडियो रूप में प्राप्त कर सकते हैं. एमआईटी कॉलेज के छात्रों ने आईआईटी मुंबई में आयोजित तीन दिवसीय एशिया का लार्जेस्ट टेकफेस्ट 24 में प्रतिभाग किया. जिसमें कंप्यूटर साइंस विभाग के दो छात्र धैर्य सारस्वत’ और शाश्वत सिंघल जोकि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा स्थापित स्टार्टअप कैडर टेक्नोलॉजीज सर्विसेज से इंटर्नशिप कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्मार्ट चश्मे का आविष्कार नेत्रहीन लोगों के लिए बनेगा मददगार</strong><br />कैडर टेक मुख्य रूप से उन्हें असिस्टिव टेक्नोलॉजी पर रिसर्च कर रहा है. जिसके सहयोग से उन्होंने एक ऐसा स्मार्ट चश्मे का आविष्कार किया है. जिससे नेत्रहीन व्यक्ति चेहरे की पहचान, वस्तु का पता लगाना और आइओटी सेंसर के उपयोग के माध्यम से अपने परिवेश की जानकारी आडियो रूप में प्राप्त कर सकते हैं. अपने इस आविष्कार को प्रदर्शित करने के लिए दोनों छात्रों को आइआइटी मुंबई में कंपनी के इंडिया आफिस की ओर से प्रदर्शन के लिए नियुक्त किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एमआईटी कॉलेज के डायरेक्टर रोहित गर्ग ने बताया कि हमारे कॉलेज के दो बच्चों ने नेत्रहीन लोगों के लिए बहुत अच्छा प्रोजेक्ट बनाया है. इसके लिए मैं अपने कॉलेज के शिक्षकों को और इन दोनों बच्चों को बहुत बधाई देता हूं. इसके साथ ही मेरा मानना है कि यह प्रोजेक्ट नेत्रहीन लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा. एमआईटी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ राजीव कुमार ने बताया कि हमारे डिपार्टमेंट के दो बच्चों ने एक नई रिसर्च की है. जिसमें नेत्रहीन लोगों को देखने में काफी हेल्प मिल सकती है. इससे वह अपने नजरिए को कहीं भी बदलकर मूव कर सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bjp-mp-sakshi-maharaj-react-on-chandrashekhar-azad-statement-on-maha-kumbh-2025-2860664″>’जिसका नाम ही रावण है..’, चंद्रशेखर आजाद के महाकुंभ वाले बयान पर बोले BJP सांसद साक्षी महाराज</a></strong></p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Himachal Weather: हिमाचल के इन इलाकों में बर्फबारी का अलर्ट, ताबो में माइनस 10.2 डिग्री तक लुढ़का तापमान