केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) द्वारा आयोजित ‘ड्रग ट्रैफिकिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। इसमें हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी नादौन से वर्चुअली जुड़े। इस दौरान हिमाचल CM सुक्खू ने कहा, पिछले एक दशक में NDPS के मामलों में 340 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। उन्होंने कहा, 2012 की तुलना में लगभग 500 मामलों से बढ़कर 2023 में 2,200 मामले पहुंच गए है। सिंथेटिक दवाओं के प्रति एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति देखी जा रही है। उन्होंने नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्र अवैध गतिविधियों के लिए हॉटस्पॉट बन गए हैं। हिमाचल ने एनडीपीएस एक्ट को कठोर बनाया:CM मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी अक्सर संगठित अपराध के साथ ओवरलैप होती है, जो देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने कानूनी खामियों को दूर करने के लिए एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 37 में संशोधन किया है, जो आदतन अपराधियों को जमानत हासिल करने की अनुमति देती है। इस संशोधन ने कानूनी ढांचे को मजबूत किया है, इसे और अधिक कठोर और निवारक बनाया है। ड्रग्स की तस्करी रोकने को काम शुरू: सुक्खू मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (पीआईटी-एनडीपीएस) अधिनियम में अवैध तस्करी की रोकथाम को लागू करना शुरू कर दिया है, जो अतीत में अप्रयुक्त रहा था। यह अधिनियम मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल बार-बार अपराधियों को हिरासत में लेने में सक्षम बनाता है, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा की रक्षा होती है। ड्रग्स बेचकर अर्जित संपत्ति को किया जब्त CM सुक्खू ने कहा कि हिमाचल ने ड्रग्स बेचकर तस्करों की अवैध रूप से अर्जित करोड़ों रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है। पिछले तीन वर्षों में 16 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई। 8 राज्यों वर्चुअल सम्मेलन में जुड़े दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) द्वारा आयोजित ‘ड्रग ट्रैफिकिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर आयोजित इस सम्मेलन में आठ उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जुड़े। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) द्वारा आयोजित ‘ड्रग ट्रैफिकिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। इसमें हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी नादौन से वर्चुअली जुड़े। इस दौरान हिमाचल CM सुक्खू ने कहा, पिछले एक दशक में NDPS के मामलों में 340 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। उन्होंने कहा, 2012 की तुलना में लगभग 500 मामलों से बढ़कर 2023 में 2,200 मामले पहुंच गए है। सिंथेटिक दवाओं के प्रति एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति देखी जा रही है। उन्होंने नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्र अवैध गतिविधियों के लिए हॉटस्पॉट बन गए हैं। हिमाचल ने एनडीपीएस एक्ट को कठोर बनाया:CM मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी अक्सर संगठित अपराध के साथ ओवरलैप होती है, जो देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने कानूनी खामियों को दूर करने के लिए एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 37 में संशोधन किया है, जो आदतन अपराधियों को जमानत हासिल करने की अनुमति देती है। इस संशोधन ने कानूनी ढांचे को मजबूत किया है, इसे और अधिक कठोर और निवारक बनाया है। ड्रग्स की तस्करी रोकने को काम शुरू: सुक्खू मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (पीआईटी-एनडीपीएस) अधिनियम में अवैध तस्करी की रोकथाम को लागू करना शुरू कर दिया है, जो अतीत में अप्रयुक्त रहा था। यह अधिनियम मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल बार-बार अपराधियों को हिरासत में लेने में सक्षम बनाता है, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा की रक्षा होती है। ड्रग्स बेचकर अर्जित संपत्ति को किया जब्त CM सुक्खू ने कहा कि हिमाचल ने ड्रग्स बेचकर तस्करों की अवैध रूप से अर्जित करोड़ों रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है। पिछले तीन वर्षों में 16 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई। 8 राज्यों वर्चुअल सम्मेलन में जुड़े दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) द्वारा आयोजित ‘ड्रग ट्रैफिकिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर आयोजित इस सम्मेलन में आठ उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जुड़े। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सूत्रों के मुताबिक, हिमाचल में कांग्रेस सरकार और हरियाणा में बीजेपी सरकार की वजह से इस मामले में लोकल पुलिस का सहयोग नहीं मिल पाया। कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने 10 मार्च को शिमला के बालूगंज थाना में FIR कराई थी। इस शिकायत में सरकार को गिराने के लिए करोड़ों रुपए के लेन-देन, बागियों को फाइव-सेवन स्टार होटलों में ठहराने और हेलिकॉप्टर से बागी विधायकों को ले जाने समेत जैसे गंभीर आरोप हैं। बालूगंज थाना में इन नेताओं के खिलाफ एफआईआर
यह एफआईआर हमीरपुर से बीजेपी विधायक आशीष शर्मा और गगरेट से पूर्व विधायक एवं बीजेपी टिकट पर उपचुनाव लड़ने वाले चैतन्य शर्मा के रिटायर आईएएस पिता राकेश शर्मा के खिलाफ दर्ज है। इस केस में शिमला पुलिस बीजेपी नेता एवं पूर्व में कांग्रेस के बागी विधायक राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहाकार तरुण भंडारी समेत कई भाजपा नेताओं से पूछताछ कर चुकी है। अब पढ़िए पूरा मामला?
इस साल 27 फरवरी को हिमाचल में राज्यसभा चुनाव हुए। जब चुनाव हुआ तो 6 कांग्रेसी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। 3 निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा के पक्ष में वोटिंग की। जिस वजह से भाजपा और कांग्रेस कैंडिडेट को 34-34 वोट मिले। इसके बाद लॉटरी से भाजपा के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए, जबकि कांग्रेस के कैंडिडेट अभिषेक मनु सिंघवी हार गए थे। सरकार पर आया था संकट
इसके बाद सरकार पर संकट आ गया था। भाजपा ने गवर्नर से मिलकर कहा कि सरकार के पास बहुमत नहीं है। दोनों के पास बराबर 34-34 विधायक हो गए थे। इसके बाद तुरंत कांग्रेस हाईकमान ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को शिमला भेजा। इसके बाद सरकार का संकट टालने के लिए विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस की शिकायत पर बागी हुए 6 विधायकों को दलबदल कानून के तहत अयोग्य करार दे दिया। बाद में 3 निर्दलीयों ने भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कांग्रेस की तरफ से केस दर्ज कराया गया था। एक महीने तक प्रदेश से बाहर रहे थे बागी विधायक
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट के बाद कांग्रेस के छह बागी सहित तीन निर्दलीय विधायक भी करीब दो हफ्ते तक पंचकूला के एक होटल में ठहरे थे। इसके बाद ऋषिकेश गए। ऋषिकेश से गुरुग्राम पहुंचे। इस दौरान इनके ठहरने व खाने-पीने के बिलों का भुगतान जिन्होंने किया, पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। होटलों में ठहराया, हेलिकॉप्टर से बागियों को ले गए
आशीष शर्मा और चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए विधायकों के फाइव से सेवन स्टार होटलों में ठहराने की व्यवस्था की और हेलिकॉप्टर से बागी विधायकों को ले जाने में मदद की।