भास्कर न्यूज।अमृतसर नॉर्दन जोन में रेलवे मान्यता प्राप्त यूनियन का दर्जा एनआरएमयू-यूआरएमयू को मिल पाया है। बाकी 3 यूनियनें 35 फीसदी से अधिक वोट नहीं मिलने के कारण बाहर रही हैं। बता दें कि नॉर्दर्न रेलवे जोन में कुल 124162 वोट थे इनमें 106242 पड़े। 689 रिजेक्ट (इनवैलीड) हो गए थे। नॉर्दन रेलवे मेंन्स यूनियन (एनआरएमयू) को नॉर्दर्न रेलवे जोन में 46.11 फीसदी वोट के साथ सबसे बड़ी यूनियन रही है। जबकि 38.69 फीसदी के साथ उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन (यूआरएमयू) दूसरे नंबर पर रही है।, एसआरबीकेयू को सबसे कम 0.55 फीसदी वोट मिले। जबकि सबसे कम स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन (एसआरबीकेयू) को 0.55 तो उत्तर रेलवे कर्मचारी यूनियन (यूआरकेयू) को 7.07 और इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन (एनआरईयू) को 7.58 फीसदी वोट हासिल हुए। वहीं फिरोजपुर डिवीजन की बात करें तो कुल 17647 वोट थे। इनमें 95 रिजेक्ट हो गए थे। एनआरएमयू को सबसे अधिक 7705 तो यूआरएमयू को 5581 वोट मिले। जबकि एनईआरयू को 1129, यूआरकेयू को 630 और एसआरबीकेयू को सिर्फ 32 वोट मिले। वहीं रेलवे वर्कशॉप में एनआरएमये को 492 तो यूआरएमयू को 534 वोट हासिल हुए। भास्कर न्यूज।अमृतसर नॉर्दन जोन में रेलवे मान्यता प्राप्त यूनियन का दर्जा एनआरएमयू-यूआरएमयू को मिल पाया है। बाकी 3 यूनियनें 35 फीसदी से अधिक वोट नहीं मिलने के कारण बाहर रही हैं। बता दें कि नॉर्दर्न रेलवे जोन में कुल 124162 वोट थे इनमें 106242 पड़े। 689 रिजेक्ट (इनवैलीड) हो गए थे। नॉर्दन रेलवे मेंन्स यूनियन (एनआरएमयू) को नॉर्दर्न रेलवे जोन में 46.11 फीसदी वोट के साथ सबसे बड़ी यूनियन रही है। जबकि 38.69 फीसदी के साथ उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन (यूआरएमयू) दूसरे नंबर पर रही है।, एसआरबीकेयू को सबसे कम 0.55 फीसदी वोट मिले। जबकि सबसे कम स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन (एसआरबीकेयू) को 0.55 तो उत्तर रेलवे कर्मचारी यूनियन (यूआरकेयू) को 7.07 और इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन (एनआरईयू) को 7.58 फीसदी वोट हासिल हुए। वहीं फिरोजपुर डिवीजन की बात करें तो कुल 17647 वोट थे। इनमें 95 रिजेक्ट हो गए थे। एनआरएमयू को सबसे अधिक 7705 तो यूआरएमयू को 5581 वोट मिले। जबकि एनईआरयू को 1129, यूआरकेयू को 630 और एसआरबीकेयू को सिर्फ 32 वोट मिले। वहीं रेलवे वर्कशॉप में एनआरएमये को 492 तो यूआरएमयू को 534 वोट हासिल हुए। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts

लुधियाना में बीच सड़क महिला डॉक्टर से छेड़छाड़:कार सवारों ने स्कूटी को टक्कर मारी, नीचे गिरने पर मारपीट, पति पहुंचा तो उसे भी पीटा
लुधियाना में बीच सड़क महिला डॉक्टर से छेड़छाड़:कार सवारों ने स्कूटी को टक्कर मारी, नीचे गिरने पर मारपीट, पति पहुंचा तो उसे भी पीटा लुधियाना में एक्टिवा सवार महिला डॉक्टर को बीच सड़क पर कार सवार बदमाशों ने धक्का देकर गिरा दिया। उनकी एक्टिवा को भी टक्कर मारी गई। महिला जमीन पर गिर गई और उसका पैर एक्टिवा के नीचे फंस गया। बदमाशों ने उसे जमीन से उठाने की बजाय उसके साथ छेड़छाड़ की और फब्तियां कसीं। किसी तरह लोगों ने घायल महिला को प्राथमिक उपचार दिया। बदमाशों का महिला से विवाद हुआ तो उसने फोन करके अपने पति को बुला लिया। वहीं दूसरी तरफ बदमाशों ने 8 से 10 युवकों को बुला लिया जिन्होंने दंपती और उनके एक साथी पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। डॉक्टर बोली- मेरे हाथ खींचकर मुझे गिरा दिया महिला डॉक्टर ज्योति सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वह गगन नगर ग्यासपुरा की रहने वाली हैं। वह काम से घर लौट रही थीं। रास्ते में दो-तीन लड़के आए, जिन्होंने मेरे हाथ खींचकर मुझे गिरा दिया। जब मैं जमीन पर गिर गई, तो हमलावरों ने मेरे साथ छेड़छाड़ की। किसी तरह लोगों की मदद से मुझे एक्टिवा के नीचे से निकाला गया। मैंने अपने पति को फोन किया, तो उन्होंने भी कुछ युवकों को मौके पर बुला लिया। करीब 8 से 10 युवकों ने हम तीनों के साथ जमकर मारपीट की। तीनों घायलों को टांके लगाए गए घायल दीपक ने बताया कि वह अकाउंटेंट है। उसकी शादी दो साल पहले हुई थी। देर रात उसकी पत्नी काम से लौट रही थी, तभी कुछ बदमाशों ने उसके साथ छेड़छाड़ की। जब वह अपने दोस्त के साथ मौके पर गया तो उन लोगों ने उसकी एक न सुनी और बीच सड़क पर ही उसकी पिटाई शुरू कर दी। सभी हमलावरों के पास धारदार हथियार थे। उसकी पत्नी और दोस्त को घायल अवस्था में सिविल अस्पताल लाया गया, जहां सभी को टांके लगाए गए। हम इस संबंध में संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराएंगे।

अबोहर में महिला ने किया सुसाइड:ईंट भट्टे पर लगाई फांसी, पति के साथ करती थी काम, यूपी की रहने वाली
अबोहर में महिला ने किया सुसाइड:ईंट भट्टे पर लगाई फांसी, पति के साथ करती थी काम, यूपी की रहने वाली फाजिल्का में अबोहर के गांव पन्नीवाला माहला स्थित एक ईंट भट्ठे पर काम करने वाली 28 वर्षीय महिला ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका की पहचान उत्तर प्रदेश के जिला ऐटा निवासी सुमन के रूप में हुई है। सुमन अपने पति मोहित कश्यप के साथ भट्ठे पर रहकर मजदूरी का काम करती थी। उसने देर शाम अज्ञात कारणों के चलते फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। भट्ठे पर काम करने वाले अन्य मजदूरों ने इस घटना की सूचना कल्लरखेड़ा चौकी और थाना खुईयां सरवर पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घटना स्थल का जायजा लिया। मृतका के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मॉर्च्युरी में भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि मृतका के अन्य परिजनों के आने के बाद उनके बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कनाडा मंदिर हमला केस- गिरफ्तारी के बाद छोड़ा आरोपी:खालिस्तान समर्थक की रिहाई से बढ़ा विवाद, हिंदुओं ने जताया रोष
कनाडा मंदिर हमला केस- गिरफ्तारी के बाद छोड़ा आरोपी:खालिस्तान समर्थक की रिहाई से बढ़ा विवाद, हिंदुओं ने जताया रोष कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में किए गए उपद्रव के मामले में कनाडा की पील पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी खालिस्तान समर्थक इंद्रजीत गोसाल के रूप में हुई है। आरोपी को पील पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। जिसके बाद उसे जमानत पर छोड़ दिया गया। इसे लेकर हिंदुओं में काफी रोष है और हिंदु इस बात का विरोध कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा- 21 डिवीजन आपराधिक जांच ब्यूरो और जांच दल (SIT) द्वारा ब्रैम्पटन मंदिर में हिंसक प्रदर्शन में शामिल एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारी बोले- शर्तों के साथ किया रिहा गिरफ्तारी के बाद आरोपी गोसाल को रिहा कर दिया गया था। अधिकारियों ने कहा- उसे शर्तों के साथ रिहा किया गया है और उसे बाद में ब्रैम्पटन में ओंटारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में पेश होना है। 3 नवंबर 2024 को पील क्षेत्रीय पुलिस ने ब्रैम्पटन में गोर रोड पर एक मंदिर में प्रदर्शन के दौरान हुए विवाद पर कार्रवाई की। जैसे-जैसे विरोधी पक्षों के बीच तनाव बढ़ता गया, प्रदर्शन शारीरिक और हमलावर होते गए। पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान हुई कई घटनाओं की जांच शुरू की, जिनमें से कई वीडियो में कैद हो गईं। जिसमें लोगों पर हमला करने के लिए झंडे और डंडों का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति भी शामिल हैं। जिसमें ब्रैम्पटन के 35 वर्षीय इंद्रजीत गोसल की भी पहचान की गई थी। आरोपी को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की गई। 3 और 4 नवंबर की घटनाओं के दौरान आपराधिक घटनाओं की जांच करने के लिए समर्पित एक रणनीतिक जांच दल का गठन किया गया है। कनाडा में पहले भी मंदिरों पर हो चुके हमले कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में उच्चायोग ने हिंदू सभा मंदिर के बाहर कॉन्सुलर कैंप लगाया था। यह कैंप भारतीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगा था। इसमें जीवन प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के 40 साल पूरे होने को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे खालिस्तानी वहां पहुंचे और उन्होंने लोगों पर हमला कर दिया। कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है। PM मोदी ने उक्त हमले का किया था विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि हमें कनाडा सरकार से कार्रवाई की उम्मीद है। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं कर सकती। पीएम मोदी ने लिखा था कि मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे डिप्लोमेट्स को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी। कनाडाई पीएम ने भी घटना की निंदा की थी इस बारे में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी निंदा की थी। जिसमें उन्होंने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है। घटना के बाद से इलाके में तनाव है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। भारत का आरोप- वोट बैंक के लिए भारत विरोधी राजनीति कर रहे PM ट्रूडो भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक साल से भी ज्यादा समय से गिरावट देखी गई है। इसकी शुरुआत जून 2020 में खालिस्तानी समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हुई। पिछले साल सितंबर में PM ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसी का हाथ है। इसके बाद ट्रूडो ने पिछले महीने 13 अक्टूबर निज्जर हत्याकांड में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने संजय वर्मा समेत अपने 6 राजनयिकों को वापस बुला लिया। भारत का कहना है कि कनाडा सरकार के आरोप बेबुनियाद हैं। कनाडा ने भारत सरकार के साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया है। वे बिना तथ्य के दावे कर रहे हैं। ट्रूडो सरकार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम करने की कोशिश में जुटी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि PM ट्रूडो की भारत से दुश्मनी लंबे समय से जारी है। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो खुले तौर पर चरमपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं।