नोएडा में एक पुलिस सब इंस्पेक्टर ने अपने 4 दोस्तों के साथ मिलकर कैब चालक को पीटा। उनसे 7000 रुपए लूटे। कैब में सवार लड़की को जबरन उतारकर प्राइवेट कार में बैठाया। धमकाते हुए उसे सुनसान जगह ले गए। कहा कि इतनी रात में तू गलत काम करता हुआ घूम रहा है। मामले में आरोपी ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अमित मिश्रा को अरेस्ट कर लिया है। उसके दो दोस्त फरार हैं। तीनों पर FIR दर्ज की गई है। घटना में इस्तेमाल प्राइवेट गाड़ियां हुंडई वर्ना और स्कॉर्पियो को भी पुलिस ने सीज कर दिया। वारदात की जानकारी होने के बाद भी 3 दिन तक छिपाने और सीनियर अधिकारियों को जानकारी न देने पर DCP सेंट्रल को पद से हटा दिया गया। बिसरख थाना प्रभारी और गौर सिटी-1 के चौकी प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है। कैब ड्राइवर राकेश तोमर के मुताबिक, पूरी घटना पढ़िए। फिर पुलिस वालों पर एक्शन के बारे में बताते हैं… लेडीज सवारी को गाड़ी में बैठाकर सुनसान जगह ले गए
कैब ड्राइवर राकेश तोमर ने तहरीर में लिखा- 2 अगस्त की सुबह करीब 1:00 बजे जब मैं नोएडा गौर सिटी 11th एवेन्यू पहुंचा तो 5 लोग दो गाड़ी से उतरकर मेरे पास आए। मारपीट और गाली गलौज करते हुए मुझे नीचे उतारा। मेरे साथ बहुत ही अभद्रता की। लेडीज सवारी को उतार कर उन्होंने अपनी गाड़ी में बैठा लिया। मुझसे कहने लगे कि इतनी रात में तू गलत काम करता हुआ घूम रहा है। तभी एक व्यक्ति उनकी गाड़ी से उतरकर आया। उसने पुलिस की वर्दी पहनी थी, उसने मेरे साथ बहुत ही दुर्व्यवहार किया। ये सब देखकर लेडीज सवारी डरी-सहमी थी। लेडीज सवारी को अपनी गाड़ी में बैठाकर दूर एक सुनसान जगह ले गए। मेरे साथ मारपीट करने लगे। 7000 रुपए छीने, 500 वापस कर बोले- भाग जा जल्दी
एक ने बोला कि साहब से बात कर लो। एक ने दरोगा की वर्दी पहनी थी। मैंने कहा कि दरोगा जी आप बहुत गलत कर रहे हैं। इस तरह एक लेडीज को आप जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बैठा रहे हो। मेरे जबरदस्ती 7000 रुपए छीन लिए। मैंने कहा कि मेरे पास खर्च के लिए पैसे नहीं है तो 500 रुपए मुझे देकर कहा- जल्दी यहा से भाग जा। पुलिस ने CCTV खंगाली, तो दरोगा की पहचान हुई
फिर 3 अगस्त को सुबह 6:00 बजे मैंने 112 नंबर पर पुलिस को कॉल किया और पूरी घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को दी। कॉल करने पर स्टाफ हमारे पास पहुंचा और मैंने पूरी बात बताई। पुलिस ने घटना की CCTV फुटेज सोसाइटी से निकलवाई। पता किया तो वह पुलिसकर्मी अमित मिश्रा चौकी गौर सिटी-1 पर तैनात है। उसके साथ वह चार लोग पब्लिक के थे, जिन्हें वह हमेशा अपने साथ रखता है। चौकी इंचार्ज बोले- दरोगा को बचा दो, बाकी का अच्छे से इलाज कर दूंगा
मैंने अपनी शिकायत चौकी इंचार्ज रमेश चंद्र को लिखित दी। रमेश चंद्र ने दरोगा को मेरे सामने बुलाया और पूरी घटना की जानकारी ली। दरोगा अमित मिश्रा ने सारी बात कबूल भी की। उसने कबूला कि ₹7000 भी लिए हैं और लेडीज को भी जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बैठाया। जब मैंने रमेश चंद्र को इस घटना पर कार्रवाई करने के लिए कहा तो उन्होंने मुझे बहुत देर तक गुमराह किया। बोलते रहे कि आप हमारे दरोगा को बचा दीजिए। बाकी के जो लोग हैं मैं उनका अच्छे से इलाज कर दूंगा। घटना के तीन दिन बाद भी आज तक उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस कमिश्नर ने जांच बैठाई तो सच्चाई उजागर हुई
कैब चालक ने इस मामले में गौर सिटी चौकी पर पुलिस से शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से की गई। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने ACP बिसरख को पूरे मामले की जांच सौंपी। जांच में कैब ड्राइवर के सभी आरोप सही साबित हुए। आरोपी दरोगा गिरफ्तार, दो गाड़ी सीज
आरोप सही साबित हुए तो बुधवार देर रात पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह खुद बिसरख थाने पहुंचीं। ACP की जांच के बाद उन्होंने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद बिसरख थाने पर तैनात ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अमित मिश्रा और उसके दो साथियों अभिनव और आशीष पर मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपी दरोगा को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके दो दोस्तों की गिरफ्तारी के लिए टीम बनाई। घटना में इस्तेमाल की गई दो गाड़ियों को भी सीज कर दिया। DCP सुनीति को पद से हटाया
इस मामले में बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई है। जांच में पाया गया कि बड़े अधिकारियों ने घटना को छिपाने की कोशिश की। सेंट्रल नोएडा की DCP सुनीति को पद से हटा दिया गया। बिसरख थाने के प्रभारी अरविंद कुमार और गौर सिटी चौकी इंचार्ज रमेश चंद्र सहित एक अन्य दरोगा मोहित को सस्पेंड कर दिया गया है। ट्र्रेनी दरोगा और एक अन्य के अलावा इस केस में आशीष को भी आरोपी बनाया गया। आशीष को पुलिस ढूंढ रही है। इस बीच आशीष ने वीडियो जारी कर क्या कुछ कहा? आगे पढ़िए, आशीष की जुबानी… दरोगा अमित हमसे दबिश और निजी कामों के लिए गाड़ी लेते थे
मेरा नाम आशीष अवस्थी है। मेरा कार रेंटल का बिजनेस है। अमित मिश्रा जी हैं जो मुझसे गाड़ी लेते थे और दबिश या निजी कामों के लिए यूज करते थे। उन्हें गाड़ी चलानी नहीं आती। इस कारण कभी-कभी मैं गाड़ी ड्राइव करता था। 2 तारीख की रात उन्होंने किसी ड्राइवर को पकड़ा। उस ड्राइवर ने उनके ऊपर पैसे लेने का आरोप लगा दिया। देखिए… मेरा कार रेंटल का बिजनेस हैं। मेरे पास ठीक-ठाक पैसे आते हैं। किसी पैसे की जरूरत नहीं। मेरी मजबूरी है कि पुलिस-प्रशासन को गाड़ी देनी पड़ती है। क्योंकि गाड़ी नहीं देंगे तो मेरा काम बंद कर दिया जाएगा। अक्सर ऐसा होता भी है कि गाड़ी रोक दी जाती है। चालान काट दिया जाता है। दरोगा अमित अब पूरा मामला हमारे ऊपर थोप रहें
अब उस चीज से बचने के लिए वो (दरोगा अमित मिश्रा) सारी चीजें हमारे ऊपर थोप रहे हैं। जबकि पैसे उन्होंने (अमित) लिए या दिए… मुझे इस चीज की कोई जानकारी नहीं है। मेरा सिर्फ इतना काम था कि अमित जी को गाड़ी से 7th एवेन्यू लाना। मैंने वही किया। उसके बाद अमित जी ने बोला कि जो पैसेंजर हैं, उन्हें गाड़ी में बैठा लो। मैंने वही किया। फिर अमित ने ड्राइवर से क्या बात की। क्या हुआ… मुझे कुछ नहीं पता। मेरे घर और रिश्तेदारों को परेशान किया जा रहा
इसके बाद से मुझे बहुत परेशान किया जा रहा। मेरे घर पर बार-बार छापे पड़ रहे हैं। पुलिस आ रही है। कोई सीनियर या फीमेल पुलिस नहीं आती। रात के दो बजे वो घर में घुस आते हैं। प्लीज इस पर उचित कार्रवाई की जाए। पता लगाया जाए कि क्या मामला है। मुझे क्यों परेशान किया जा रहा। मेरे नंबरों की डिटेल निकालकर मेरे रिश्तेदार और जानने वालों को फोन किया जा रहा। ये भी पढ़ें:- ‘लखनऊ जाओ…सीएम आवास के पास आग लगा लो’:वकील ने उन्नाव की महिला को उकसाया था उन्नाव के एक वकील ने महिला को लखनऊ में सीएम हाउस के पास आत्मदाह करने के लिए उकसाया था। 5 दिन से इसकी प्लानिंग चल रही थी। महिला को उन्नाव से पेट्रोल दिलाया गया था। महिला के मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग से इसका खुलासा हुआ है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर बुधवार रात वकील को गिरफ्तार कर लिया है। आगे क्लिक कर पढ़िए अंजली और वकील के बीच की आखिरी बातचीत नोएडा में एक पुलिस सब इंस्पेक्टर ने अपने 4 दोस्तों के साथ मिलकर कैब चालक को पीटा। उनसे 7000 रुपए लूटे। कैब में सवार लड़की को जबरन उतारकर प्राइवेट कार में बैठाया। धमकाते हुए उसे सुनसान जगह ले गए। कहा कि इतनी रात में तू गलत काम करता हुआ घूम रहा है। मामले में आरोपी ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अमित मिश्रा को अरेस्ट कर लिया है। उसके दो दोस्त फरार हैं। तीनों पर FIR दर्ज की गई है। घटना में इस्तेमाल प्राइवेट गाड़ियां हुंडई वर्ना और स्कॉर्पियो को भी पुलिस ने सीज कर दिया। वारदात की जानकारी होने के बाद भी 3 दिन तक छिपाने और सीनियर अधिकारियों को जानकारी न देने पर DCP सेंट्रल को पद से हटा दिया गया। बिसरख थाना प्रभारी और गौर सिटी-1 के चौकी प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है। कैब ड्राइवर राकेश तोमर के मुताबिक, पूरी घटना पढ़िए। फिर पुलिस वालों पर एक्शन के बारे में बताते हैं… लेडीज सवारी को गाड़ी में बैठाकर सुनसान जगह ले गए
कैब ड्राइवर राकेश तोमर ने तहरीर में लिखा- 2 अगस्त की सुबह करीब 1:00 बजे जब मैं नोएडा गौर सिटी 11th एवेन्यू पहुंचा तो 5 लोग दो गाड़ी से उतरकर मेरे पास आए। मारपीट और गाली गलौज करते हुए मुझे नीचे उतारा। मेरे साथ बहुत ही अभद्रता की। लेडीज सवारी को उतार कर उन्होंने अपनी गाड़ी में बैठा लिया। मुझसे कहने लगे कि इतनी रात में तू गलत काम करता हुआ घूम रहा है। तभी एक व्यक्ति उनकी गाड़ी से उतरकर आया। उसने पुलिस की वर्दी पहनी थी, उसने मेरे साथ बहुत ही दुर्व्यवहार किया। ये सब देखकर लेडीज सवारी डरी-सहमी थी। लेडीज सवारी को अपनी गाड़ी में बैठाकर दूर एक सुनसान जगह ले गए। मेरे साथ मारपीट करने लगे। 7000 रुपए छीने, 500 वापस कर बोले- भाग जा जल्दी
एक ने बोला कि साहब से बात कर लो। एक ने दरोगा की वर्दी पहनी थी। मैंने कहा कि दरोगा जी आप बहुत गलत कर रहे हैं। इस तरह एक लेडीज को आप जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बैठा रहे हो। मेरे जबरदस्ती 7000 रुपए छीन लिए। मैंने कहा कि मेरे पास खर्च के लिए पैसे नहीं है तो 500 रुपए मुझे देकर कहा- जल्दी यहा से भाग जा। पुलिस ने CCTV खंगाली, तो दरोगा की पहचान हुई
फिर 3 अगस्त को सुबह 6:00 बजे मैंने 112 नंबर पर पुलिस को कॉल किया और पूरी घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को दी। कॉल करने पर स्टाफ हमारे पास पहुंचा और मैंने पूरी बात बताई। पुलिस ने घटना की CCTV फुटेज सोसाइटी से निकलवाई। पता किया तो वह पुलिसकर्मी अमित मिश्रा चौकी गौर सिटी-1 पर तैनात है। उसके साथ वह चार लोग पब्लिक के थे, जिन्हें वह हमेशा अपने साथ रखता है। चौकी इंचार्ज बोले- दरोगा को बचा दो, बाकी का अच्छे से इलाज कर दूंगा
मैंने अपनी शिकायत चौकी इंचार्ज रमेश चंद्र को लिखित दी। रमेश चंद्र ने दरोगा को मेरे सामने बुलाया और पूरी घटना की जानकारी ली। दरोगा अमित मिश्रा ने सारी बात कबूल भी की। उसने कबूला कि ₹7000 भी लिए हैं और लेडीज को भी जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बैठाया। जब मैंने रमेश चंद्र को इस घटना पर कार्रवाई करने के लिए कहा तो उन्होंने मुझे बहुत देर तक गुमराह किया। बोलते रहे कि आप हमारे दरोगा को बचा दीजिए। बाकी के जो लोग हैं मैं उनका अच्छे से इलाज कर दूंगा। घटना के तीन दिन बाद भी आज तक उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस कमिश्नर ने जांच बैठाई तो सच्चाई उजागर हुई
कैब चालक ने इस मामले में गौर सिटी चौकी पर पुलिस से शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से की गई। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने ACP बिसरख को पूरे मामले की जांच सौंपी। जांच में कैब ड्राइवर के सभी आरोप सही साबित हुए। आरोपी दरोगा गिरफ्तार, दो गाड़ी सीज
आरोप सही साबित हुए तो बुधवार देर रात पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह खुद बिसरख थाने पहुंचीं। ACP की जांच के बाद उन्होंने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद बिसरख थाने पर तैनात ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अमित मिश्रा और उसके दो साथियों अभिनव और आशीष पर मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपी दरोगा को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके दो दोस्तों की गिरफ्तारी के लिए टीम बनाई। घटना में इस्तेमाल की गई दो गाड़ियों को भी सीज कर दिया। DCP सुनीति को पद से हटाया
इस मामले में बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई है। जांच में पाया गया कि बड़े अधिकारियों ने घटना को छिपाने की कोशिश की। सेंट्रल नोएडा की DCP सुनीति को पद से हटा दिया गया। बिसरख थाने के प्रभारी अरविंद कुमार और गौर सिटी चौकी इंचार्ज रमेश चंद्र सहित एक अन्य दरोगा मोहित को सस्पेंड कर दिया गया है। ट्र्रेनी दरोगा और एक अन्य के अलावा इस केस में आशीष को भी आरोपी बनाया गया। आशीष को पुलिस ढूंढ रही है। इस बीच आशीष ने वीडियो जारी कर क्या कुछ कहा? आगे पढ़िए, आशीष की जुबानी… दरोगा अमित हमसे दबिश और निजी कामों के लिए गाड़ी लेते थे
मेरा नाम आशीष अवस्थी है। मेरा कार रेंटल का बिजनेस है। अमित मिश्रा जी हैं जो मुझसे गाड़ी लेते थे और दबिश या निजी कामों के लिए यूज करते थे। उन्हें गाड़ी चलानी नहीं आती। इस कारण कभी-कभी मैं गाड़ी ड्राइव करता था। 2 तारीख की रात उन्होंने किसी ड्राइवर को पकड़ा। उस ड्राइवर ने उनके ऊपर पैसे लेने का आरोप लगा दिया। देखिए… मेरा कार रेंटल का बिजनेस हैं। मेरे पास ठीक-ठाक पैसे आते हैं। किसी पैसे की जरूरत नहीं। मेरी मजबूरी है कि पुलिस-प्रशासन को गाड़ी देनी पड़ती है। क्योंकि गाड़ी नहीं देंगे तो मेरा काम बंद कर दिया जाएगा। अक्सर ऐसा होता भी है कि गाड़ी रोक दी जाती है। चालान काट दिया जाता है। दरोगा अमित अब पूरा मामला हमारे ऊपर थोप रहें
अब उस चीज से बचने के लिए वो (दरोगा अमित मिश्रा) सारी चीजें हमारे ऊपर थोप रहे हैं। जबकि पैसे उन्होंने (अमित) लिए या दिए… मुझे इस चीज की कोई जानकारी नहीं है। मेरा सिर्फ इतना काम था कि अमित जी को गाड़ी से 7th एवेन्यू लाना। मैंने वही किया। उसके बाद अमित जी ने बोला कि जो पैसेंजर हैं, उन्हें गाड़ी में बैठा लो। मैंने वही किया। फिर अमित ने ड्राइवर से क्या बात की। क्या हुआ… मुझे कुछ नहीं पता। मेरे घर और रिश्तेदारों को परेशान किया जा रहा
इसके बाद से मुझे बहुत परेशान किया जा रहा। मेरे घर पर बार-बार छापे पड़ रहे हैं। पुलिस आ रही है। कोई सीनियर या फीमेल पुलिस नहीं आती। रात के दो बजे वो घर में घुस आते हैं। प्लीज इस पर उचित कार्रवाई की जाए। पता लगाया जाए कि क्या मामला है। मुझे क्यों परेशान किया जा रहा। मेरे नंबरों की डिटेल निकालकर मेरे रिश्तेदार और जानने वालों को फोन किया जा रहा। ये भी पढ़ें:- ‘लखनऊ जाओ…सीएम आवास के पास आग लगा लो’:वकील ने उन्नाव की महिला को उकसाया था उन्नाव के एक वकील ने महिला को लखनऊ में सीएम हाउस के पास आत्मदाह करने के लिए उकसाया था। 5 दिन से इसकी प्लानिंग चल रही थी। महिला को उन्नाव से पेट्रोल दिलाया गया था। महिला के मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग से इसका खुलासा हुआ है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर बुधवार रात वकील को गिरफ्तार कर लिया है। आगे क्लिक कर पढ़िए अंजली और वकील के बीच की आखिरी बातचीत उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर