हरियाणा के फतेहाबाद के जाखल की दुर्गा कॉलोनी निवासी एक रेलवे कर्मचारी की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। 30 वर्षीय अमित कुमार का शव अपने घर पर ही खून से लथपथ हालत में मिला। उसके शरीर पर चोटों के निशान मिले हैं।इस कारण हत्या की आशंका जताई जा रही है। लेकिन अभी तक कुछ अता पता नहीं चला कि उसके साथ क्या घटना हुई। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। जानकारी के अनुसार अमित कुमार दुर्गा कॉलोनी में अपनी पत्नी, 2 बेटियों और एक बेटे के साथ रहता था। वह रेलवे में बतौर गैंगमैन काम करता था। कल शाम को ड्यूटी के बाद वह घर आ गया। उसका सहकर्मी तरसेम जब ड्यूटी पर जाने के लिए सामान लेने उसके घर गया तो वह बेड पर औंधे मुँह गिरा मिला। उसकी पीठ और टांग पर चोटों के निशान थे। बाजू से खून बह रहा था। वह दौड़ कर बाहर गया और आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दी। देखें युवक की मौत से जुड़े कुछ PHOTOS… अमित की पत्नी रेणु ने बताया कि वह दोपहर को दवाई लेने के लिए शहर में गई हुई थी। जब वह शाम को वापस घर लौटी तब उसे घटना के बारे में पता चला। उसने बताया कि वह किसी से भी नहीं लड़ता था, इसलिए वह किसी पर संदेह नहीं प्रकट कर रही। मृतक की पत्नी ने बताया कि वह शराब पीता था। लेकिन आज घटना किस प्रकार से हुई, इसके बारे में उसे कुछ भी पता नहीं है। युवक की संदिग्ध हालात में मौत की सूचना पर थाना प्रभारी कुलदीप सिंह ने कहा कि घटना की जानकारी मिली है। इसकी जांच कर रहे हैं। मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चल पाएगा।अमित कुमार की शादी वर्ष 2012 में दिल्ली निवासी रेणु से हुई थी। उसके तीन बच्चे हैं। इनमें दो लड़कियां और एक लड़का है। बड़ी लड़की 11 वर्षीय, उससे छोटी 7 साल और उससे छोटा एक 6 साल का लड़का है। हरियाणा के फतेहाबाद के जाखल की दुर्गा कॉलोनी निवासी एक रेलवे कर्मचारी की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। 30 वर्षीय अमित कुमार का शव अपने घर पर ही खून से लथपथ हालत में मिला। उसके शरीर पर चोटों के निशान मिले हैं।इस कारण हत्या की आशंका जताई जा रही है। लेकिन अभी तक कुछ अता पता नहीं चला कि उसके साथ क्या घटना हुई। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। जानकारी के अनुसार अमित कुमार दुर्गा कॉलोनी में अपनी पत्नी, 2 बेटियों और एक बेटे के साथ रहता था। वह रेलवे में बतौर गैंगमैन काम करता था। कल शाम को ड्यूटी के बाद वह घर आ गया। उसका सहकर्मी तरसेम जब ड्यूटी पर जाने के लिए सामान लेने उसके घर गया तो वह बेड पर औंधे मुँह गिरा मिला। उसकी पीठ और टांग पर चोटों के निशान थे। बाजू से खून बह रहा था। वह दौड़ कर बाहर गया और आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दी। देखें युवक की मौत से जुड़े कुछ PHOTOS… अमित की पत्नी रेणु ने बताया कि वह दोपहर को दवाई लेने के लिए शहर में गई हुई थी। जब वह शाम को वापस घर लौटी तब उसे घटना के बारे में पता चला। उसने बताया कि वह किसी से भी नहीं लड़ता था, इसलिए वह किसी पर संदेह नहीं प्रकट कर रही। मृतक की पत्नी ने बताया कि वह शराब पीता था। लेकिन आज घटना किस प्रकार से हुई, इसके बारे में उसे कुछ भी पता नहीं है। युवक की संदिग्ध हालात में मौत की सूचना पर थाना प्रभारी कुलदीप सिंह ने कहा कि घटना की जानकारी मिली है। इसकी जांच कर रहे हैं। मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चल पाएगा।अमित कुमार की शादी वर्ष 2012 में दिल्ली निवासी रेणु से हुई थी। उसके तीन बच्चे हैं। इनमें दो लड़कियां और एक लड़का है। बड़ी लड़की 11 वर्षीय, उससे छोटी 7 साल और उससे छोटा एक 6 साल का लड़का है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस-भाजपा के बागियों पर इनेलो-JJP की नजर:दोनों दलों के पास जिताऊ कैंडिडेट की कमी, निर्दलीय को भी साथ लाने की कोशिश हरियाणा में कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर किसी भी पार्टी की स्थिति लोकसभा चुनाव में अच्छी नहीं रही। यही वजह है कि इनेलो, जेजेपी और आप 90 विधानसभा क्षेत्रों में जिताऊ चेहरे तलाश रही हैं। भाजपा और कांग्रेस के पास जहां हर विधानसभा क्षेत्र में कई दावेदार हैं, वहीं इनेलो, जेजेपी और आप के पास चेहरों का अभाव है। इन तीनों पार्टियों की नजर अब कांग्रेस और भाजपा के बागियों पर रहेगी। आपको बता दें कि जेजेपी ने पिछले विधानसभा में भी यही चाल चली थी। जेजेपी को हरियाणा से 10 सीटें मिली थीं और उसने हरियाणा में किंगमेकर की भूमिका निभाई थी। जेजेपी ने उन उम्मीदवारों को टिकट दिए, जिन्हें कांग्रेस और भाजपा ने नकार दिया था। लेकिन वे अपने विधानसभा क्षेत्रों में जीतने का दम रखते थे। इस बार इनेलो और आप जेजेपी के फॉर्मूले पर काम करेंगी। अभय चौटाला ने भी इस ओर इशारा किया है। उन्होंने हिसार में उन नेताओं को ऑफर दिए हैं, जो कांग्रेस और भाजपा से असंतुष्ट हैं। दावेदारों ने बढ़ाई कांग्रेस और भाजपा की चिंता कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कई दावेदार हैं। दोनों ही पार्टियां सर्वे के आधार पर टिकट बांटेंगी। लेकिन यह चुनाव लोकसभा चुनाव से बिल्कुल अलग होगा। इसमें स्थानीय मुद्दे और प्रत्याशी का चेहरा दोनों काम आएंगे। भाजपा और कांग्रेस की चिंता यह है कि उनके पास एक सीट के लिए 15 से 20 दावेदार हैं और टिकट सिर्फ एक को मिलेगा। उन जगहों पर स्थिति और भी खराब है, जहां लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा आगे थीं। कांग्रेस ने दावेदारों से आवेदन भी लेना शुरू कर दिया है, जो 31 जुलाई तक जमा किए जाएंगे। कांग्रेस को 100 से ज्यादा आवेदन मिल चुके हैं, जबकि अभी 15 दिन बाकी हैं। भाजपा दे रही जिम्मेदारी, कांग्रेस दे रही पेशकश विधानसभा चुनाव में नेताओं को संतुष्ट रखने के लिए भाजपा चुनाव के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी देकर अपने कुनबे को एकजुट रखने की कोशिश कर रही है। भाजपा ऐसे नेताओं को अलग-अलग विधानसभाओं का प्रभारी बना रही है। उन्हें संगठन में एडजस्ट करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए हरियाणा संगठन के शीर्ष नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है कि वे नेताओं पर नजर रखें। दूसरी ओर, कांग्रेस ने अभी से यह पेशकश शुरू कर दी है कि जिन लोगों को टिकट नहीं मिलेगा, कांग्रेस की सरकार आने पर उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा। यह बात प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने हिसार में कांग्रेस सम्मेलन में मंच से कही। 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टियों का वोट प्रतिशत हरियाणा में भाजपा के खिलाफ वाले वोट लेने की होड़
हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर के वोट पाने की जहां कांग्रेस हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं विपक्षी दल इनेलो कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भाजपा का मोहरा बताने में लगे हैं ताकि सत्ता विरोधी लहर का फायदा उनको भी मिल सके। इस लोकसभा चुनाव में 53.89 % वोट भाजपा के खिलाफ पड़े। सभी दलों की नजर इसी आंकड़े पर है। वहीं भाजपा अपने 46.11% वोटों को बचाए रखने की जुगत में हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर मिला वोट विधानसभा में छिटक सकता है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर इनेलो और जजपा में बंटने के बजाय कांग्रेस को गया। इससे कांग्रेस को लोकसभा में 5 सीटें मिली। वहीं विधानसभा वाईज 42 सीटों पर बढ़त मिली। ऐसे में विपक्षी दल हुड्डा की पोल खोलने में लगे हैं। हुड्डा के चुनाव से पीछे हटने से बैठे बिठाय इनेलो और जजपा के हाथ मुद्दा लग गया है।
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हरियाणा में नवीन-जयप्रकाश को एक-दूसरे के गढ़ से वोटिंग:कलायत से नवीन और हिसार शहर से जयप्रकाश को उम्मीद से ज्यादा वोट मिले राजनीति में न कोई दुश्मन होता है और न ही कोई दोस्त। कोई नहीं कह सकता कि किसकी कहां जरूरत पड़ जाए। राजनीति का यही सिद्धांत हरियाणा लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। अगर कुरुक्षेत्र और हिसार लोकसभा चुनाव की बात करें तो दोनों लोकसभा में एक बात कॉमन रही कि दोनों क्षेत्रों के जीतने वाले उम्मीदवार एक दूसरे की जगह से चुनाव लड़ रहे थे। हिसार के नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र लोकसभा और कुरुक्षेत्र लोकसभा के कलायत विधानसभा के जयप्रकाश हिसार से लोकसभा उम्मीदवार रहे और दोनों ने ही नजदीकी मुकाबले में जीत हासिल की। सबसे खास बात यह है कि दोनों के हलकों में एक दूसरे को उम्मीद से अधिक वोट मिले जिससे उनकी जीत की राह आसान हो गई। कुरुक्षेत्र से भाजपा के नवीन जिंदल को 542175 वोट मिले और वह 29021 वोट से जीते।वहीं कांग्रेस के जयप्रकाश को हिसार से 570424 वोट मिले और वह करीब 63381 वोटों से जीते। कलायत में नवीन को उम्मीद से ज्यादा वोट मिले हिसार से लोकसभा चुनाव जीते जयप्रकाश कैथल जिले की कलायत विधानसभा के रहने वाले हैं और यहां के पूर्व विधायक रह चुके हैं। कलायत में जयप्रकाश का अच्छा प्रभाव है। हालांकि भाजपा की कमलेश ढांडा यहां से विधायक है मगर वह अपने बूथ से नवीन जिंदल को नहीं जितवा पाई। नवीन जिंदल को ऐसे में कलायत से उम्मीद से ज्यादा वोट मिले। हालांकि वह कलायत में 14 हजार से अधिक वोटों से हार गए मगर यह मार्जिन उनके लिए सुखद रहा। कलायत से नवीन जिंदल को 49622 और गठबंधन के नेता सुशील गुप्ता को 64059 वोट मिले। हिसार में दोगुने वोट ले गए जयप्रकाश भाजपा के रणजीत चौटाला की हार में सबसे बड़ा योगदान हिसार विधानसभा का रहा। यहां से रणजीत को उम्मीद की कि वह 70 हजार वोट से लीड करेंगे मगर ऐसा हुआ नहीं। नवीन जिंदल के गढ़ माने वाले हिसार से जयप्रकाश को बंपर वोट मिले। यह वोट 2019 के मुकाबले दोगुने थे जब भव्य बिश्नोई कांग्रेस के उम्मीदवार थे। हिसार विधानसभा में जयप्रकाश को 33966 वोट मिले वहीं भाजपा के रणजीत चौटाला को 70571 वोट मिले। जयप्रकाश हिसार से 36605 वोट से हार गए मगर यहां लीड का मार्जिन उनके लिए अच्छा रहा। हिसार में पंजाबी और बनिया बेल्ट में जेपी को वोट पड़े हिसार में जिंदल परिवार को अच्छा होल्ड माना जाता है। हालांकि दो बार से जिंदल परिवार यहां की राजनीति से बाहर है मगर उनका रसूख फिर भी हिसार में है। जयप्रकाश को जहां हिसार में बूथों पर बैठने के लिए एजेंट भी नहीं मिल रहे थे ऐसे में उनका हिसार से 33966 वोट ले जाने से भाजपा भी हैरान है। जयप्रकाश को उन बूथों से बराबरी के वोट मिले हैं जहां से भाजपा को एक तरफा वोट की उम्मीद थी। यह बूथ पंजाबी और बनिया बेल्ट में हैं। नवीन सुरजेवाला के गढ़ में जीते, जयप्रकाश आदमपुर से जीते यहां भी दो जगह कॉमन चीज है। कुरुक्षेत्र की कैथल विधानसभा जहां कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला का प्रभाव है वहां से नवीन जिंदल अच्छे वोटों से जीते हैं। कैथल में नवीन जिंदल गठबंधन प्रत्याशी से 16 हजार से अधिक वोटों से जीते। इसी तरह आदमपुर में जयप्रकाश को 59540 वोट मिले जबकि रणजीत चौटाला 53156 मत मिले। जयप्रकाश यहां से 6384 वोट से जीते।