गुरदासपुर में एक मैराथन खिलाड़ी नौकरी मांग को लेकर साइकिल पर सवार होकर मुख्यमंत्री भगवंत मान और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के लिए रवाना हो चुका है। खिलाड़ी का नाम सरबजीत सिंह है, जिसने 1856 में उसने जिला स्तर, 1987 में पंजाब स्तर और 1988 में सीनियर लेवल पर मुकाबले जीते। 1989-90 में दिल्ली में हुई स्कूल नेशनल खेलों में सरबजीत ने गोल्ड मेडल जीता था। इसके लिए सरबजीत को दिल्ली के राज्यपाल अर्जुन सिंह और फिर पंजाब के राज्यपाल ओपी मल्होत्रा ने सम्मानित भी किया था। सरबजीत ने कहा वह सरकारी नौकरी के लिए 1990 से 2002 तक कई मंत्रियों और अधिकारियों से मिला पर उसे नौकरी नहीं मिली। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद उसने 2022 में मुख्यमंत्री भगवंत मान मिलने के लिए पहुंचा लेकिन किसी ने मिलने नहीं दिया, जिसके बाद वह पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर से मिले। लेकिन, उन्होंने कहा कि उनकी उम्र निकल चुकी है। वह उन्हें नौकरी नहीं दे सकते। मुख्यमंत्री चाहे तो कोई पॉलिसी बना सकते हैं।
सरबजीत सिंह की दो तस्वीरें… राष्ट्रपति से भी मिलकर नौकरी की मांग करेंगे
अब वह एक चपरासी की नौकरी की मांग को लेकर गले में मेडल डालकर साइकिल पर चंडीगढ़ और दिल्ली के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले मुख्यमंत्री से चंडीगढ़ में मिलेंगे। इसके बाद दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। उनसे मिलकर वे नौकरी की मांग करेंगे। सरबजीत ने कहा कि अगर उनको नौकरी नहीं मिलती है तो वह गुरदासपुर से कन्या कुमारी तक गले में मेडल डालकर साइकिल पर ही देश का चक्कर लगाएंगे। सभी लोगों को बताइए की खिलाड़ियों के साथ इस देश में क्या होता है। उन्होंने कहा कि मैंने 2011 से 2014 तक लगातार मैराथन में हिस्सा लिया। इसी दौरान उन्होंने दुबई में एथलीट की तैयारियां शुरू कर दी थी। सरबजीत के परिवार में पिता, पत्नी और 2 बेटियां हैं। जिनकी जिम्मेदारी उन्हीं पर है। गुरदासपुर में एक मैराथन खिलाड़ी नौकरी मांग को लेकर साइकिल पर सवार होकर मुख्यमंत्री भगवंत मान और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के लिए रवाना हो चुका है। खिलाड़ी का नाम सरबजीत सिंह है, जिसने 1856 में उसने जिला स्तर, 1987 में पंजाब स्तर और 1988 में सीनियर लेवल पर मुकाबले जीते। 1989-90 में दिल्ली में हुई स्कूल नेशनल खेलों में सरबजीत ने गोल्ड मेडल जीता था। इसके लिए सरबजीत को दिल्ली के राज्यपाल अर्जुन सिंह और फिर पंजाब के राज्यपाल ओपी मल्होत्रा ने सम्मानित भी किया था। सरबजीत ने कहा वह सरकारी नौकरी के लिए 1990 से 2002 तक कई मंत्रियों और अधिकारियों से मिला पर उसे नौकरी नहीं मिली। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद उसने 2022 में मुख्यमंत्री भगवंत मान मिलने के लिए पहुंचा लेकिन किसी ने मिलने नहीं दिया, जिसके बाद वह पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर से मिले। लेकिन, उन्होंने कहा कि उनकी उम्र निकल चुकी है। वह उन्हें नौकरी नहीं दे सकते। मुख्यमंत्री चाहे तो कोई पॉलिसी बना सकते हैं।
सरबजीत सिंह की दो तस्वीरें… राष्ट्रपति से भी मिलकर नौकरी की मांग करेंगे
अब वह एक चपरासी की नौकरी की मांग को लेकर गले में मेडल डालकर साइकिल पर चंडीगढ़ और दिल्ली के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले मुख्यमंत्री से चंडीगढ़ में मिलेंगे। इसके बाद दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। उनसे मिलकर वे नौकरी की मांग करेंगे। सरबजीत ने कहा कि अगर उनको नौकरी नहीं मिलती है तो वह गुरदासपुर से कन्या कुमारी तक गले में मेडल डालकर साइकिल पर ही देश का चक्कर लगाएंगे। सभी लोगों को बताइए की खिलाड़ियों के साथ इस देश में क्या होता है। उन्होंने कहा कि मैंने 2011 से 2014 तक लगातार मैराथन में हिस्सा लिया। इसी दौरान उन्होंने दुबई में एथलीट की तैयारियां शुरू कर दी थी। सरबजीत के परिवार में पिता, पत्नी और 2 बेटियां हैं। जिनकी जिम्मेदारी उन्हीं पर है। पंजाब | दैनिक भास्कर