जालौन के अश्वनी शुक्ला के पिता टीवी मैकेनिक हैं। संत कबीरनगर के इकबाल के पिता सड़क किनारे पंक्चर की दुकान लगाते हैं। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा- 2024 के फाइनल रिजल्ट में ये दोनों युवा सिलेक्ट हुए हैं। ये सिलेक्शन बताते हैं कि यूपी के युवाओं में कितनी ललक है, प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए। प्रयागराज की शक्ति दुबे ने टॉप किया है। उनकी ऑल इंडिया रैंक 1 है। दूसरे स्थान पर हिसार की हर्षिता गोयल हैं। इस बार टॉप-10 में यूपी के 3 युवाओं का सिलेक्शन हुआ। पिछले 5 सालों का UPSC का रिजल्ट देखें तो पता चलता है कि फिर से यूपीएससी सिलेक्शन में यूपी का दौर लौट रहा है। सिविल सेवा परीक्षा में यूपी का पिछले 5 साल में प्रदर्शन कैसा रहा? कितने छात्रों का चयन हुआ? क्या राज्य सरकार तैयारी के लिए मदद उपलब्ध कराती है? भास्कर एक्सप्लेनर में पढ़िए- सवाल 1- सिविल सेवा परीक्षा में पिछले 5 साल में यूपी का प्रदर्शन कैसा रहा? जवाब- पिछले 5 साल में सिविल सेवा परीक्षा में यूपी के टॉपर्स- 2024 का रिजल्ट- प्रयागराज की शक्ति दुबे UPSC- 2024 की टॉपर हैं। यह उनका 5वां प्रयास था। टॉप- 20 में राज्य की 4 लड़कियां शामिल हैं। वहीं कुल संख्या देखें, तो यह 5 है। 2023 का रिजल्ट- आदित्य श्रीवास्तव UPSC के टॉपर थे। वो लखनऊ के रहने वाले हैं। उन्होंने लखनऊ के CMS से 12वीं पास किया और फिर IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली। 2023 में सिविल सेवा परीक्षा के टॉप- 20 में यूपी के 8 छात्रों का सिलेक्शन हुआ था। 2022 का रिजल्ट- इशिता किशोर टॉपर रहीं। ये भी यूपी के ग्रेटर नोएडा की रहने वाली हैं। 2017 में दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया। 2022 में सिविल सेवा परीक्षा में चयनित होने वाले टॉप- 100 में 12 यूपी के थे। 2021 का रिजल्ट- श्रुति शर्मा की ऑल इंडिया रैंक 1 थी। वह मूलरूप से यूपी के बिजनौर की रहने वाली हैं। उस साल टॉप- 100 में कुल 19 छात्रों का राज्य से चयन हुआ था। 2020 का रिजल्ट- सिविल सेवा में टॉप 100 में यूपी के 10 छात्रों का सिलेक्शन हुआ था। सवाल 2- प्रयागराज से टॉपर शक्ति दुबे कौन हैं? जवाब- सिविल सेवा परीक्षा टॉपर शक्ति दुबे प्रयागराज के नैनी में मामा भांजा तालाब की रहने वाली हैं। उनके पिता देवेंद्र दुबे दरोगा हैं। मूल रूप से बलिया की रहने वाली शक्ति ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की है। इसके बाद BHU से बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। इसके बाद 2018 से सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी। शक्ति दुबे के पिता देवेंद्र दुबे ने कहा- मेरे लिए गर्व का पल है। बच्ची ने जो मेहनत की, ये उसी का फल है। ये ईश्वर का आशीर्वाद है। वो पढ़ने में बहुत मेहनती थी। मुझे पहले से उम्मीद थी कि वो सिलेक्ट होगी। पिछले साल इंटरव्यू तक जाकर सिलेक्शन नहीं हो सका था। प्रभु ने शायद उससे बड़ी व्यवस्था कर रखी थी। शक्ति दुबे की मां प्रेमा देवी ने कहा कि वो पढ़ने में बहुत अच्छी है। हमें उम्मीद थी कि सिलेक्शन हो जाएगा। सवाल 3- शक्ति दुबे के अलावा यूपी से और किन छात्रों का सिलेक्शन हुआ? जवाब- अब तक की जानकारी के मुताबिक, शक्ति दुबे समेत 20 से ज्यादा छात्रों का चयन टॉप- 100 में हुआ है। सहारनपुर की कोमल पुनिया की रैंक 6 है। कन्नौज के मयंक त्रिपाठी की ऑल इंडिया रैंक 10 है। सवाल 4- UPSC की तैयारी के लिए यूपी सरकार छात्रों को क्या मदद दे रही? जवाब- मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग योजना के तहत गरीब विद्यार्थियों को सरकारी नौकरियों की फ्री तैयारी कराई जाती है। 16 फरवरी, 2021 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसकी शुरुआत की थी। इस योजना के तहत तैयारी कर रहे 13 छात्रों ने इस बार सिविल सेवा परीक्षा पास की है। शगुन कुमार ने 100वीं रैंक हासिल की। सीतापुर के मयंक बाजपेई ने 149वीं रैंक हासिल की है। बरेली के आयुष जायसवाल ने 178वीं, लखनऊ की अदिति दुबे ने 180वीं, प्रतापगढ़ की सौम्या शर्मा ने 218वीं, प्रयागराज के प्रतीक मिश्रा ने 234वीं और गौतमबुद्ध नगर की आंचल ने 399वीं रैंक हासिल किया है। सवाल 5- सबसे ज्यादा IAS किस राज्य से हैं? जवाब- सबसे ज्यादा सिविल सर्वेंट उत्तर प्रदेश से हैं। 1951 से लेकर 2015 तक आईएएम अफसरों की राज्यवार संख्या की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें सबसे ज्यादा 717 अफसर उत्तर प्रदेश से हैं। दूसरे नंबर पर बिहार है। तीसरे नंबर पर राजस्थान, चौथे पर तमिलनाडु और पांचवें नंबर पर आंध्र प्रदेश है। सवाल 6- क्यों माना जा रहा है कि यूपी का दौर यूपीएससी सिलेक्शन में लौट रहा? जवाब- यूपीएससी के रिजल्ट 2021, 2022, 2023 और 2024 के टॉपर यूपी से ही निकले हैं। औसतन टॉप- 10 में 3 से 4 कैंडिडेट्स हैं। यही नहीं, टोटल सिलेक्शन में भी यूपी के कैंडिडेट्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके पहले 1990 तक यूपी का यूपीएससी में डंका बजा। फिर यह तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और राजस्थान की तरफ शिफ्ट हो गया था। सिविल सर्विस के एक्सपर्ट बताते हैं- 2011 में यूपीएससी में सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) पैटर्न लागू हुआ। सीसैट में अंग्रेजी भाषा की अनिवार्यता से यूपी और बिहार के अभ्यर्थियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई थीं। इसकी वजह से यूपी से सिलेक्शन कम हुआ। बाद में सीसैट को क्वालिफाइंग कर दिया गया। इसका परिणाम यूपी के रिजल्ट पर दिखने लगा है। सवाल 7- यूपी से सिलेक्शन ज्यादा क्यों होते हैं? इसका क्रेज क्यों इतना ज्यादा है? जवाब- पहली वजह है, परीक्षा में शामिल होने वाले कैंडिडेट्स की सबसे ज्यादा संख्या। दूसरी है, यूपी के कई जिलों जैसे प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ आदि में कई प्रतिष्ठित कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं। ये यूपीएससी की तैयारी के लिए जाने जाते हैं। यूपी में प्रशासनिक सेवा की तरफ लोगों के रुझान का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां लोग बच्चों को जज, कलेक्टर बनने का आशीर्वाद देते हैं। ———————— ये खबर भी पढ़ें… यूपी में हीटवेव का अलर्ट, 47 डिग्री तक जाएगा पारा, शरीर का तापमान बढ़ने से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ेगा यूपी में पारा 45 डिग्री सेल्सियस पहुंचने वाला है। इसी के साथ गर्मी और उमस से हाल बेहाल होने लगा है। मौसम विभाग ने 22 अप्रैल को राज्य के 16 जिलों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। यूपी में यह इस सीजन का पहला हीटवेव अलर्ट है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्रदेश में अगले 5 दिनों में अधिकतम तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। इससे अधिकतम तापमान 47 डिग्री पहुंचने का अनुमान जताया गया है। यह तापमान हीट स्ट्रोक को बुलावा देने वाला होता है। हीट-वेव की स्थिति में सेहत के प्रति थोड़ी लापरवाही भी हीट स्ट्रोक की वजह बन जाती है। पढ़ें पूरी खबर जालौन के अश्वनी शुक्ला के पिता टीवी मैकेनिक हैं। संत कबीरनगर के इकबाल के पिता सड़क किनारे पंक्चर की दुकान लगाते हैं। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा- 2024 के फाइनल रिजल्ट में ये दोनों युवा सिलेक्ट हुए हैं। ये सिलेक्शन बताते हैं कि यूपी के युवाओं में कितनी ललक है, प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए। प्रयागराज की शक्ति दुबे ने टॉप किया है। उनकी ऑल इंडिया रैंक 1 है। दूसरे स्थान पर हिसार की हर्षिता गोयल हैं। इस बार टॉप-10 में यूपी के 3 युवाओं का सिलेक्शन हुआ। पिछले 5 सालों का UPSC का रिजल्ट देखें तो पता चलता है कि फिर से यूपीएससी सिलेक्शन में यूपी का दौर लौट रहा है। सिविल सेवा परीक्षा में यूपी का पिछले 5 साल में प्रदर्शन कैसा रहा? कितने छात्रों का चयन हुआ? क्या राज्य सरकार तैयारी के लिए मदद उपलब्ध कराती है? भास्कर एक्सप्लेनर में पढ़िए- सवाल 1- सिविल सेवा परीक्षा में पिछले 5 साल में यूपी का प्रदर्शन कैसा रहा? जवाब- पिछले 5 साल में सिविल सेवा परीक्षा में यूपी के टॉपर्स- 2024 का रिजल्ट- प्रयागराज की शक्ति दुबे UPSC- 2024 की टॉपर हैं। यह उनका 5वां प्रयास था। टॉप- 20 में राज्य की 4 लड़कियां शामिल हैं। वहीं कुल संख्या देखें, तो यह 5 है। 2023 का रिजल्ट- आदित्य श्रीवास्तव UPSC के टॉपर थे। वो लखनऊ के रहने वाले हैं। उन्होंने लखनऊ के CMS से 12वीं पास किया और फिर IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली। 2023 में सिविल सेवा परीक्षा के टॉप- 20 में यूपी के 8 छात्रों का सिलेक्शन हुआ था। 2022 का रिजल्ट- इशिता किशोर टॉपर रहीं। ये भी यूपी के ग्रेटर नोएडा की रहने वाली हैं। 2017 में दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया। 2022 में सिविल सेवा परीक्षा में चयनित होने वाले टॉप- 100 में 12 यूपी के थे। 2021 का रिजल्ट- श्रुति शर्मा की ऑल इंडिया रैंक 1 थी। वह मूलरूप से यूपी के बिजनौर की रहने वाली हैं। उस साल टॉप- 100 में कुल 19 छात्रों का राज्य से चयन हुआ था। 2020 का रिजल्ट- सिविल सेवा में टॉप 100 में यूपी के 10 छात्रों का सिलेक्शन हुआ था। सवाल 2- प्रयागराज से टॉपर शक्ति दुबे कौन हैं? जवाब- सिविल सेवा परीक्षा टॉपर शक्ति दुबे प्रयागराज के नैनी में मामा भांजा तालाब की रहने वाली हैं। उनके पिता देवेंद्र दुबे दरोगा हैं। मूल रूप से बलिया की रहने वाली शक्ति ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की है। इसके बाद BHU से बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। इसके बाद 2018 से सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी। शक्ति दुबे के पिता देवेंद्र दुबे ने कहा- मेरे लिए गर्व का पल है। बच्ची ने जो मेहनत की, ये उसी का फल है। ये ईश्वर का आशीर्वाद है। वो पढ़ने में बहुत मेहनती थी। मुझे पहले से उम्मीद थी कि वो सिलेक्ट होगी। पिछले साल इंटरव्यू तक जाकर सिलेक्शन नहीं हो सका था। प्रभु ने शायद उससे बड़ी व्यवस्था कर रखी थी। शक्ति दुबे की मां प्रेमा देवी ने कहा कि वो पढ़ने में बहुत अच्छी है। हमें उम्मीद थी कि सिलेक्शन हो जाएगा। सवाल 3- शक्ति दुबे के अलावा यूपी से और किन छात्रों का सिलेक्शन हुआ? जवाब- अब तक की जानकारी के मुताबिक, शक्ति दुबे समेत 20 से ज्यादा छात्रों का चयन टॉप- 100 में हुआ है। सहारनपुर की कोमल पुनिया की रैंक 6 है। कन्नौज के मयंक त्रिपाठी की ऑल इंडिया रैंक 10 है। सवाल 4- UPSC की तैयारी के लिए यूपी सरकार छात्रों को क्या मदद दे रही? जवाब- मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग योजना के तहत गरीब विद्यार्थियों को सरकारी नौकरियों की फ्री तैयारी कराई जाती है। 16 फरवरी, 2021 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसकी शुरुआत की थी। इस योजना के तहत तैयारी कर रहे 13 छात्रों ने इस बार सिविल सेवा परीक्षा पास की है। शगुन कुमार ने 100वीं रैंक हासिल की। सीतापुर के मयंक बाजपेई ने 149वीं रैंक हासिल की है। बरेली के आयुष जायसवाल ने 178वीं, लखनऊ की अदिति दुबे ने 180वीं, प्रतापगढ़ की सौम्या शर्मा ने 218वीं, प्रयागराज के प्रतीक मिश्रा ने 234वीं और गौतमबुद्ध नगर की आंचल ने 399वीं रैंक हासिल किया है। सवाल 5- सबसे ज्यादा IAS किस राज्य से हैं? जवाब- सबसे ज्यादा सिविल सर्वेंट उत्तर प्रदेश से हैं। 1951 से लेकर 2015 तक आईएएम अफसरों की राज्यवार संख्या की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें सबसे ज्यादा 717 अफसर उत्तर प्रदेश से हैं। दूसरे नंबर पर बिहार है। तीसरे नंबर पर राजस्थान, चौथे पर तमिलनाडु और पांचवें नंबर पर आंध्र प्रदेश है। सवाल 6- क्यों माना जा रहा है कि यूपी का दौर यूपीएससी सिलेक्शन में लौट रहा? जवाब- यूपीएससी के रिजल्ट 2021, 2022, 2023 और 2024 के टॉपर यूपी से ही निकले हैं। औसतन टॉप- 10 में 3 से 4 कैंडिडेट्स हैं। यही नहीं, टोटल सिलेक्शन में भी यूपी के कैंडिडेट्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके पहले 1990 तक यूपी का यूपीएससी में डंका बजा। फिर यह तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और राजस्थान की तरफ शिफ्ट हो गया था। सिविल सर्विस के एक्सपर्ट बताते हैं- 2011 में यूपीएससी में सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) पैटर्न लागू हुआ। सीसैट में अंग्रेजी भाषा की अनिवार्यता से यूपी और बिहार के अभ्यर्थियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई थीं। इसकी वजह से यूपी से सिलेक्शन कम हुआ। बाद में सीसैट को क्वालिफाइंग कर दिया गया। इसका परिणाम यूपी के रिजल्ट पर दिखने लगा है। सवाल 7- यूपी से सिलेक्शन ज्यादा क्यों होते हैं? इसका क्रेज क्यों इतना ज्यादा है? जवाब- पहली वजह है, परीक्षा में शामिल होने वाले कैंडिडेट्स की सबसे ज्यादा संख्या। दूसरी है, यूपी के कई जिलों जैसे प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ आदि में कई प्रतिष्ठित कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं। ये यूपीएससी की तैयारी के लिए जाने जाते हैं। यूपी में प्रशासनिक सेवा की तरफ लोगों के रुझान का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां लोग बच्चों को जज, कलेक्टर बनने का आशीर्वाद देते हैं। ———————— ये खबर भी पढ़ें… यूपी में हीटवेव का अलर्ट, 47 डिग्री तक जाएगा पारा, शरीर का तापमान बढ़ने से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ेगा यूपी में पारा 45 डिग्री सेल्सियस पहुंचने वाला है। इसी के साथ गर्मी और उमस से हाल बेहाल होने लगा है। मौसम विभाग ने 22 अप्रैल को राज्य के 16 जिलों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। यूपी में यह इस सीजन का पहला हीटवेव अलर्ट है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्रदेश में अगले 5 दिनों में अधिकतम तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। इससे अधिकतम तापमान 47 डिग्री पहुंचने का अनुमान जताया गया है। यह तापमान हीट स्ट्रोक को बुलावा देने वाला होता है। हीट-वेव की स्थिति में सेहत के प्रति थोड़ी लापरवाही भी हीट स्ट्रोक की वजह बन जाती है। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
पंक्चर-मैकेनिक के बेटे का UPSC में सिलेक्शन:क्या फिर यूपी का दौर लौट रहा; लगातार 4 साल से टॉपर्स दे रहा
