पंचकूला पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 225 ग्राम चरस के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस उपायुक्त हिमाद्रि कौशिक ने बताया कि 14 नवंबर को गुप्त सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच सेक्टर 26 की टीम ने कालका के पास एक युवक को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपी की पहचान शुभम (28), निवासी ननाहर, शिमला, हिमाचल प्रदेश के रूप में हुई है। आरोपी पर आरोप है कि वह हिमाचल प्रदेश से चरस लाकर कालका में बेचने का काम करता था। आरोपी के पास से 225 ग्राम अवैध चरस और 300 रुपए की नगदी बरामद हुई। आरोपी से पूछताछ के दौरान उसने कोई वैध लाइसेंस या परमिट पेश नहीं किया, जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ थाना कालका में एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 के तहत मामला दर्ज किया। आरोपी को माननीय अदालत में पेश कर 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। पंचकूला पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 225 ग्राम चरस के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस उपायुक्त हिमाद्रि कौशिक ने बताया कि 14 नवंबर को गुप्त सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच सेक्टर 26 की टीम ने कालका के पास एक युवक को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपी की पहचान शुभम (28), निवासी ननाहर, शिमला, हिमाचल प्रदेश के रूप में हुई है। आरोपी पर आरोप है कि वह हिमाचल प्रदेश से चरस लाकर कालका में बेचने का काम करता था। आरोपी के पास से 225 ग्राम अवैध चरस और 300 रुपए की नगदी बरामद हुई। आरोपी से पूछताछ के दौरान उसने कोई वैध लाइसेंस या परमिट पेश नहीं किया, जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ थाना कालका में एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 के तहत मामला दर्ज किया। आरोपी को माननीय अदालत में पेश कर 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में विधायक पर भाई ने लगाया उत्पीड़न का आरोप:बताया- बेटे की जान को खतरा; रणजीत बोले- वह तो बात ही नहीं करते, आरोप निराधार हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला में सुजानपुर से कांग्रेस विधायक कैप्टन रणजीत सिंह राणा पर उनके ही भाई ने गंभीर आरोप लगाए हैं। रणजीत राणा के छोटे भाई रमेश चंद ने सुजानपुर पुलिस को शिकायत देकर अपने परिवार की जान को खतरा बताया है। पुलिस ने रपट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता ने विधायक पर कई सालों से प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। रमेश चंद ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है और कहा कि उनका बेटा हमीरपुर कॉलेज में पढ़ाई करता है। उसे भी जान का खतरा है। पुलिस की अब तक की जांच के अनुसार, यह मामला जमीनी विवाद से जुड़ा है। कैप्टन रणजीत सिंह राणा के दो और भाई हैं। सबसे छोटा भाई और मां रणजीत राणा के साथ रहती हैं, जबकि बीच वाला भाई एवं शिकायतकर्ता रमेश चंद अलग रहता है। काफी समय से दोनों भाईयों में चल रहा विवाद रणजीत राणा और रमेश चंद में काफी समय से अनबन चल रही है। विधानसभा उप चुनाव से पहले भी रमेश चंद ने अपने ही भाई एवं विधानसभा उप चुनाव में प्रत्याशी रणजीत राणा पर मंच से आरोप जड़े थे। अब फिर से रमेश चंद ने अपने भाई से परिवार को जान को खतरा बताया है। आर्मी से रिटायर है रमेश चंद बताया जा रहा है कि रमेश चंद भी आर्मी से रिटायर्ड हैं। शिकायत में उसने कहा, अगर भविष्य में उनके परिवार व उनके साथ कुछ गलत होता है तो उसके जिम्मेदार विधायक और उनके साथ चलने वाले लोग होंगे। कार्यवाहक SHO राकेश ने बताया कि शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर आज बयान कलमबद्ध किए जा रहे है। भाई के आरोप निराधान: रणजीत सुजानपुर के विधायक कैप्टन रंजीत राणा ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने कहा, वह तो रमेश चंद से बात ही नहीं करते। ऐसे में विवाद का कोई सवाल ही नहीं उठता। रमेश चंद के पास अगर कोई सबूत हैं तो वह उन्हें प्रस्तुत करें।
हिमाचल में मुफ्त इलाज पर संकट:IGMC में रोकी ओपन-हार्ट सर्जरी, ड्रग सप्लायरों ने दवाई-उपकरणों की आपूर्ति बंद की, 310 करोड़ की पेमेंट पेंडिंग
हिमाचल में मुफ्त इलाज पर संकट:IGMC में रोकी ओपन-हार्ट सर्जरी, ड्रग सप्लायरों ने दवाई-उपकरणों की आपूर्ति बंद की, 310 करोड़ की पेमेंट पेंडिंग हिमाचल प्रदेश में लोगों की लाइफ सेविंग एवं मुफ्त इलाज की योजना हिम-केयर और आयुष्मान पर संकट मंडरा रहा है। आर्थिक संकट से जूझ रही कांग्रेस सरकार मुफ्त इलाज और निशुल्क दवाइयों की पेमेंट नहीं दे पा रही है। इससे आयुष्मान और हिम-केयर कार्ड के तहत मुफ्त में होने वाली सर्जरी रोक दी है। प्रदेश के ज्यादातर अस्पतालों में इक्का-दुक्का मरीजों की ही मुफ्त सर्जरी हो रही है। इसी तरह जन औषधि केंद्रों में मरीजों को ज्यादातर मुफ्त दवाइयां नहीं मिल रही। अस्पतालों को दवाइयां और पेस-मेकर जैसे उपकरण सप्लाई करने वाली कंपनियों ने इनकी सप्लाई बंद कर दी है। इससे मरीज दर दर की ठोकने खाने को मजबूर हो गए है और ओपन मार्केट से खरीद रहे हैं। सूचना के अनुसार, सरकार के पास लगभग 310 करोड़ रुपए से ज्यादा की पेमेंट पेंडिंग हो गई है। बताया जा रहा है कि जिन कंपनियों ने सामान व दवाई की सप्लाई बंद कर दी है, उनकी पेमेंट चुकाने के बजाय दूसरी कंपनी को ऑर्डर देकर सामान व दवाई मंगाई जा रही है। इससे IGMC सहित प्रदेश के दूसरे हॉस्पीटल में हिम-केयर व आयुष्मान काउंटर बंद करने की नौबत आ गई है। ओपन मार्केट से स्टंट व पेस-मेकर खरीद रहे मरीज मरीजों व उनके तीमारदारों को स्टंट और पेस-मेकर जैसे उपकरण ओपन मार्केट से महंगे दाम पर खरीदने पड़ रहे हैं। प्रदेश के प्रीमियम इंस्टीट्यूट IGMC शिमला में भी हिम केयर व आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त उपचार की सुविधा ज्यादातर मरीजों को नहीं मिल पा रही है। ड्रग सप्लायर ने दवाइयों की सप्लाई बंद की जन औषधि केंद्रों को मुफ्त दवाइयां सप्लाई करने वाले ज्यादातर ड्रग सप्लायर ने आपूर्ति बंद कर दी है। प्रदेश में पिछले 10 महीने से अधिक समय से मुफ्त इलाज और निशुल्क दवाइयों के लिए पर्याप्त बजट नहीं दिया जा रहा। चार महीने पहले ड्रग सप्लायर द्वारा आपूर्ति बंद करने के बाद कुछ पेमेंट का भुगतान जरूर किया गया, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। मरीज व ड्रग सप्लायर बार बार कर रहे आग्रह मरीजों के साथ साथ ड्रग सप्लायर भी कई बार पेमेंट रिलीज करने का आग्रह कर चुके हैं। अस्पताल प्रबंधन भी बार-बार सरकार से पत्राचार कर रहे हैं। मगर आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार फिर भी पेमेंट नहीं दे रही। हिमाचल में 6 लाख आयुष्मान व हिमकेयर कार्ड प्रदेश में आयुष्मान और हिमकेयर योजना के तहत 6 लाख से ज्यादा कार्ड बने है। इसके तहत प्रत्येक मरीज का सरकारी अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का उपचार मुफ्त होता है। हिम केयर राज्य की अपनी स्कीम है, जबकि आयुष्मान केंद्र सरकार की योजना है। मगर आयुष्मान में 50-50 फीसदी के अनुपात में केंद्र व राज्य सरकार खर्च उठाती है। राज्य सरकार आयुष्मान का भी बजट नहीं दे पा रही है। जल्द पेमेंट मिलने की उम्मीद IGMC शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने बताया कि हिमकेयर और आयुष्मान में पेमेंट जरूर पेडिंग है। लेकिन मरीजों की सर्जरी रूटीन में हो रही है। सरकार से पेमेंट के लिए पत्राचार किया जा रहा है। क्या कहते हैं डिस्ट्रीब्यूटर होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर अरविंद ने बताया कि कई महीनों से उनकी पेमेंट नहीं मिल रही है। अकेले उनकी कंपनी की 7 करोड़ रुपए से ज्यादा की पेमेंट पेडिंग हो गई है। इसे देखते हुए उन्होंने दवाई और विभिन्न उपकरणों की सप्लाई बंद कर दी है।
चंबा में अवैध मेडिकल स्टोर को किया सील:कार्रवाई के दौरान महिला दवा विक्रेता हुई बेहोश, दुकान बंद करके हुई थी फरार
चंबा में अवैध मेडिकल स्टोर को किया सील:कार्रवाई के दौरान महिला दवा विक्रेता हुई बेहोश, दुकान बंद करके हुई थी फरार हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के चुराह में स्वास्थ्य विभाग ने छापा मारकर दवाई की एक दुकान को सील कर दिया है। विभाग की इस कार्रवाई अवैध रूप से चल रही दुकानों के संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने इस अभियान को जारी रखने की बात कही है। चुराह में यह दूसरा मामला है जहां अवैध रूप से चल रही दवा की दुकान को सील किया गया है। अवैध दुकान को किया सील जानकारी के अनुसार चुराह विधानसभा क्षेत्र में मौजूद दवाई की दुकानों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गई थी। तभी एक दुकान में मौजूद युवती दुकान को बंद कर भाग खड़ी हुई। दवाई निरीक्षक और टीम ने दुकानदार के बारे जानकारी जुटाई और उसे बुलाया। दुकानदार से दवा बेचने के जरूरी ड्रग लाइसेंस दिखाने को कहा गया तो, उक्त दुकान संचालक युवती ऐसा कोई पत्र नहीं दिखा पाई। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए दुकान को सील कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई को देखकर युवती चक्कर खाकर बेहोश हो गई। उसे होश में लाया गया और उसे बताया गया कि बिना लाइसेंस दवा की दुकान चलाना अपराध है। एसपी से मांगी टीम की सुरक्षा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपनी इस जांच प्रक्रिया बारे संबंधित पंचायत प्रधान को बताया। प्रधान ने वार्ड पंच को मौके पर भेजा जो बाद में वहां से गायब हो गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए दवाई निरीक्षक ने एसपी चंबा को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा व टीम के अन्य कर्मचारियों की कार्रवाई के दौरान या औचक निरीक्षण के दौरान सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाने की बात कही है। साथ ही जिला प्रशासन से पंचायत प्रतिनिधियों को इस प्रकार की कार्रवाई के दौरान सहयोग करने के आदेश जारी करने का आग्रह किया है। ताकि सरकारी कर्मचारी बेखौफ होकर अपने कार्य को अंजाम दे सके। आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई स्टेट ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि चुराह के उक्त संबंधित दवा विक्रेता से बिना लाइसेंस के दुकान चलाने के मामले पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिसके नहीं दिखाने पर उक्त दुकान को सील कर दिया गया है। चुराह में यह दूसरा मामला है, जिसमें अवैध रूप से चल रही दवाई की दुकान को सील किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जनहित में इस प्रकार की कार्रवाई को आगे भी जारी रखेगा।