पंचकूला में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पिंजौर मंडी का उद्घाटन किया। यह एशिया की सबसे बड़ी सेब, फल और सब्जी मंडी मानी जा रही है। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम सैनी ने कहा कि, इस मंडी से किसानों को बड़े पैमाने पर फायदा होगा और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। मंडी को 14 करोड़ 66 लाख की लागत से तैयार किया गया है और इसमें आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। आज हमारे लिए गर्व का दिन है। इस मंडी से हरियाणा ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के बागवानों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि, जल्द ही मंडी के दूसरे चरण का उद्घाटन भी किया जाएगा। इस मंडी का शिलान्यास मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया था और इसे 78 एकड़ में तैयार किया जा रहा है। 220 करोड़ की लागत से इस मंडी को पूरी तरह से विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसान अब अपनी फसलें यहीं बेच सकेंगे और दिल्ली जाने वाले बागवान भी हरियाणा आएंगे। सोनीपत में तैयार हो रही मसाला मंडी सीएम सैनी ने कहा कि, गोहाना में सब्जी मंडी, गुरुग्राम में फूल मंडी और सोनीपत में मसाला मंडी भी तैयार की जा रही है। प्रदेश में मंडियों की संख्या बढ़ाई जा रही है और किसानों को फसल बेचने में अधिक सुविधा मिल रही है। सरकार ने भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को लाभ पहुंचाया है और उनकी आय को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार समाज के हर वर्ग के प्रति समर्पित है और हम किसानों की आय बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि हम हिसाब देने के लिए तैयार हैं और हर गांव में जाकर अपने विकास कार्य बताएंगे। पंचकूला में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पिंजौर मंडी का उद्घाटन किया। यह एशिया की सबसे बड़ी सेब, फल और सब्जी मंडी मानी जा रही है। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम सैनी ने कहा कि, इस मंडी से किसानों को बड़े पैमाने पर फायदा होगा और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। मंडी को 14 करोड़ 66 लाख की लागत से तैयार किया गया है और इसमें आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। आज हमारे लिए गर्व का दिन है। इस मंडी से हरियाणा ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के बागवानों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि, जल्द ही मंडी के दूसरे चरण का उद्घाटन भी किया जाएगा। इस मंडी का शिलान्यास मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया था और इसे 78 एकड़ में तैयार किया जा रहा है। 220 करोड़ की लागत से इस मंडी को पूरी तरह से विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसान अब अपनी फसलें यहीं बेच सकेंगे और दिल्ली जाने वाले बागवान भी हरियाणा आएंगे। सोनीपत में तैयार हो रही मसाला मंडी सीएम सैनी ने कहा कि, गोहाना में सब्जी मंडी, गुरुग्राम में फूल मंडी और सोनीपत में मसाला मंडी भी तैयार की जा रही है। प्रदेश में मंडियों की संख्या बढ़ाई जा रही है और किसानों को फसल बेचने में अधिक सुविधा मिल रही है। सरकार ने भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को लाभ पहुंचाया है और उनकी आय को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार समाज के हर वर्ग के प्रति समर्पित है और हम किसानों की आय बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि हम हिसाब देने के लिए तैयार हैं और हर गांव में जाकर अपने विकास कार्य बताएंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में भजनलाल परिवार ने खट्टर से बनाई दूरी:100 रुपए रिश्वत वाले किस्से से रिश्तों में आई खटास, इस बार जन्माष्टमी पर निमंत्रण नहीं
हरियाणा में भजनलाल परिवार ने खट्टर से बनाई दूरी:100 रुपए रिश्वत वाले किस्से से रिश्तों में आई खटास, इस बार जन्माष्टमी पर निमंत्रण नहीं हरियाणा में भजनलाल परिवार ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से किनारा कर लिया है। एक साल पहले जहां खट्टर को जन्माष्टमी कार्यक्रम में बुलाया गया था, वहीं इस बार उन्हें दरकिनार कर दिया गया है। पिछली बार मनोहर लाल जन्माष्टमी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। लेकिन इस बार उनकी जगह मौजूदा सीएम नायब सैनी को बुलाया गया है। हिसार के बिश्नोई मंदिर में 26 अगस्त को गुरु जम्भेश्वर भगवान की 574वीं जयंती और जन्माष्टमी महोत्सव मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम को लेकर बिश्नोई समाज ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार भी कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई करेंगे। इस बार खट्टर का कार्यक्रम से नदारद रहना चर्चा का विषय बन गया है। बताया जा रहा है कि बिश्नोई परिवार खट्टर के हिसार में चौधरी भजनलाल पर दिए गए बयान से असहज है। इस बयान का असर यह हुआ कि बिश्नोई समाज के इलाकों में भाजपा बुरी तरह हारी। यहां तक कि बिश्नोई परिवार के गढ़ आदमपुर में भी भाजपा पिछड़ गई। रणजीत चौटाला की सभा में खट्टर ने सुनाया था किस्सा वरिष्ठ भाजपा नेता, केंद्रीय मंत्री और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर 10 अप्रैल 2024 को भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला के लिए प्रचार करने हिसार आए थे। कैमरी गांव में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मनोहर लाल ने मंच से कुछ किस्से सुनाए जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्रियों से जुड़े थे। मनोहर लाल ने कहा- मैं आपको एक पुराना किस्सा बता रहा हूं। हालांकि, मैं इसमें शामिल नेता का नाम नहीं बताऊंगा। उसी इलाके (हिसार जिले) का एक व्यक्ति चंडीगढ़ में उनके नेता के पास गया और शिकायत की कि गांव के पटवारी ने फर्द (भूमि रिकॉर्ड की नकल) जारी करने के लिए उससे 100 रुपये की रिश्वत ली है। मनोहर लाल के मुताबिक, इस पर नेता ने उस व्यक्ति से पूछा कि चंडीगढ़ आने में आपका कितना खर्च हुआ? तो उसने कहा कि चंडीगढ़ आने में उसे 200 रुपये खर्च हुए और 2 दिन भी बर्बाद हुए। यह सुनने के बाद नेता ने उस व्यक्ति को डांटते हुए कहा कि जब उसने कम पैसे देकर अपना काम करवा लिया तो चंडीगढ़ आने के लिए 200 रुपये क्यों बर्बाद किए? इस कहानी को पूरा करते हुए खट्टर ने आगे कहा कि पहले हरियाणा के नेताओं की मानसिकता ऐसी ही थी। बिश्नोई परिवार का मानना है कि जिस नेता की कहानी खट्टर ने सुनाई वह पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल थे। इसी बात को लेकर बिश्नोई परिवार नाराज है। आदमपुर में पिछड़ी भाजपा 56 साल से भजनलाल परिवार का अभेद किला कहे जाने वाले आदमपुर में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। भजनलाल 1968 में पहली बार इस सीट से विधायक बने थे। तब से लेकर अब तक हुए सभी चुनावों में भजनलाल परिवार आदमपुर से जीतता आया है। स्वर्गीय भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं और उनके बेटे भव्य बिश्नोई 2022 में भाजपा के टिकट पर यहां से विधायक चुने गए। हालांकि, इस बार भजनलाल परिवार का कोई सदस्य इस सीट से उम्मीदवार नहीं था, लेकिन भाजपा के समर्थन में वोट देने की अपील की गई थी। इसके बाद भी हिसार से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार रणजीत चौटाला को आदमपुर में सिर्फ 53156 वोट मिले। जबकि, कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी 59544 वोट पाने में कामयाब रहे। इस तरह जयप्रकाश जेपी ने आदमपुर में 6384 वोटों से बढ़त हासिल की। 28 साल बाद कोई सीएम बिश्नोई मंदिर पहुंचा था मनोहर लाल खट्टर पिछले साल जन्माष्टमी पर हिसार के बिश्नोई मंदिर में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। भजन लाल के बाद मनोहर लाल दूसरे सीएम थे जो बिश्नोई मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे। मनोहर लाल ने पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजन लाल की प्रतिमा का अनावरण भी किया था। खट्टर ने तब कहा था कि रेलवे स्टेशन का नाम भी पूर्व सीएम भजन लाल के नाम पर रखा जाएगा और इसके लिए वे रेलवे विभाग को पत्र लिखेंगे। इसके अलावा हिसार में मटका चौक का नाम चौधरी भजन लाल के नाम पर रखने की घोषणा की थी। लेकिन ये दोनों घोषणाएं आज तक पूरी नहीं हो सकीं।
हरियाणा में कांग्रेस के 45 कैंडिडेट्स का एनालिसिस:हुड्डा का वनमैन शो, 38 टिकटें उनकी पसंद से; सांसद पत्नी-बेटों के सहारे पावर बैलेंस की कोशिश
हरियाणा में कांग्रेस के 45 कैंडिडेट्स का एनालिसिस:हुड्डा का वनमैन शो, 38 टिकटें उनकी पसंद से; सांसद पत्नी-बेटों के सहारे पावर बैलेंस की कोशिश हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार देर रात दो लिस्टों में 45 उम्मीदवारों का ऐलान किया। इसमें पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा का वनमैन शो नजर आया। कांग्रेस हाईकमान ने 45 में से 38 टिकटें उनके करीबियों को दे दी। 2019 के मुकाबले जिन 34 सीटों पर चेहरे बदले गए, उनमें भी 33 हुड्डा खेमे के ही हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों में हुड्डा का दबदबा रहेगा, यह बुधवार को ही साफ हो गया था जब हुड्डा ने बिना टिकट मिले पलवल सीट से अपने समधी करण दलाल और हिसार के सांसद जयप्रकाश जेपी के बेटे विकास सहारण का कलायत से नॉमिनेशन फाइल करवा दिया। बुधवार को घोषित 45 सीटों में से सांसद कुमारी सैलजा के खाते सिर्फ 4 सीटें आईं। सैलजा कैंप में शामिल रणदीप सुरजेवाला को भी हाईकमान ने दो सीटें देकर किनारे कर दिया। कैथल से सुरजेवाला के बेटे और नरवाना से उनके करीबी सतबीर दबलेन को टिकट मिला है। 3 उदाहरण से समझिए टिकट बंटवारे में हुड्डा के दबदबा को 1. हुड्डा ने 2019 ही नहीं बल्कि 2005 से खुद से जुड़े नेताओं या उनके रिश्तेदारों को टिकट दिलाई। इनमें बड़खल से 2009 में MLA रहे महेंद्र प्रताप के बेटे विजय प्रताप, पृथला से 2009 में MLA रहे रघुवीर तेवतिया, पलवल से 2005 में MLA रहे करण दलाल, हथीन से 2009 में MLA रहे जलेब खान के बेटे मुहम्मद इजराइल और अटेली से 2009 में MLA रहीं अनीता यादव का नाम शामिल है। यह सभी लोग हुड्डा की अगुवाई वाली दो सरकारों में उनके साथ रहे। 2. कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के पुरजोर विरोध के बावजूद हुड्डा लगातार दो चुनाव हार चुके अपने करीबियों को भी टिकट दिलाने में कामयाब रहे। इनमें नारनौल से राव नरिंदर, बरवाला से रामनिवास घोड़ेला और पृथला से रघुवीर तेवतिया का नाम शामिल रहा। राव नरिंदर 2009 में हजकां की टिकट पर जीते और उसके बाद हुड्डा से जुड़ गए थे। 3. सिरसा से 9 दिन पहले कांग्रेस में आए गोकुल सेतिया और हांसी से पूर्व JJP नेता राहुल मक्कड़ को टिकट दिलाने में भी हुड्डा खेमा सफल रहा। आदमपुर सीट से पूर्व IAS अधिकारी चंद्रशेखर को मिली टिकट के पीछे भी हुड्डा का ही रोल रहा। जातीय समीकरण को ऐसे साधा जाट वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश
कांग्रेस ने जाट पॉलिटिक्स पर फिर भरोसा जताया। उसके 45 उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 13 चेहरे जाट बिरादरी के हैं। लोकसभा चुनाव में जाट वोटरों ने एकतरफा वोटिंग करते हुए कांग्रेस को सोनीपत, हिसार और रोहतक सीट जिताई थी। नलवा, अंबाला कैंट, कलायत, कैथल, राई, फतेहाबाद और ऐलनाबाद जैसी जाट डोमिनेंट सीटों पर उसने जाट नेताओं को टिकट दी। OBC वर्ग को जोड़ने का प्रयास
कांग्रेस ने 45 में से 10 टिकट OBC वर्ग को दिए। अकेले हिसार जिले में ही ओबीसी वर्ग को 3 सीटें दी गईं। इनमें आदमपुर से पूर्व IAS अधिकारी चंद्रप्रकाश, हिसार से रामनिवास राडा और बरवाला से रामनिवास घोड़ेला शामिल हैं। भाजपा अभी तक नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर ओबीसी कार्ड खेलती रही है। इसी का तोड़ निकालने की कोशिश कांग्रेस करती हुई नजर आई। 7 SC चेहरे
कांग्रेस ने अपनी तीसरी और चौथी लिस्ट में कुल 7 SC नेताओं को टिकट दिए। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की 10 में से दोनों रिजर्व सीटें- अंबाला और सिरसा जीती थी। लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी से जुड़े एससी वोटबैंक को हाईकमान खोना नहीं चाहता। इसलिए उसने SC बिरादरी को प्रॉपर प्रतिनिधित्व दिया है। BJP से जुड़े पंजाबियों को लुभाने के लिए 4 टिकट
कांग्रेस ने 4 पंजाबी चेहरों को टिकट दी है। इनमें सिरसा से गोकुल सेतिया, पानीपत शहरी से वरिंदर कुमार शाह, हांसी से राहुल मक्कड़ और अंबाला कैंट से परविंदर परिमल परी शामिल हैं। सीधे तौर पर इन सीटों पर पंजाबी वोट बैंक का डोमिनेंस है। कांग्रेस ने भाजपा में पंजाबी चेहरों को लेकर पैदा हुए खालीपन को कैश करने की कोशिश की है। भाजपा के 3 बड़े पंजाबी चेहरों में से मनोहर लाल खट्टर केंद्र में जा चुके हैं। अनिल विज अपने क्षेत्र तक सीमित हो चुके हैं। वहीं संजय भाटिया ने चुनाव लड़ने से ही इनकार कर दिया। 2 ब्राह्मण, 2 मुस्लिम भी उतारे
कांग्रेस ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के ‘नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान’ के नारे को कैश करने की भी कोशिश की है। इसके लिए यमुनानगर से रमन त्यागी और बल्लभगढ़ से पराग शर्मा को टिकट दी है। ये दोनों शहरी सीटें हैं। इसके अलावा जगाधरी से अकरम खान और हथीन से मुहम्मद इजराइल को टिकट दी है। हथीन नूंह से सीट सीट है और यहां बड़ा मुस्लिम वोट बैंक है। वहीं जगाधरी में भी मुस्लिम वोट बैंक का असर है। वैश्य, राजपूत और जट्ट सिख को भी टिकट
कांग्रेस ने हर जाति को शामिल करने की कोशिश की है। इनमें 2 वैश्य उम्मीदवार जींद से महाबीर गुप्ता और फरीदाबाद से लखन कुमार सिंगला को टिकट दी है। इन दोनों सीटों पर व्यापारी वोट बैंक ज्यादा है। इसके अलावा घरौंडा से राजपूत वर्ग से वरिंदर सिंह राठौड़ को उतारा है। यहां राजपूत वोट बैंक ज्यादा है। पिहोवा से जट्ट सिख मनदीप सिंह चट्ठा को टिकट दी है। पंजाब से सटी इस सीट पर सिख वोट बैंक ज्यादा है। क्षेत्रीय समीकरण ऐसे साधे जीटी रोड बेल्ट: भाजपा के गढ़ में 13 चेहरे बदले
कांग्रेस ने BJP के स्ट्रॉन्ग होल्ड वाली जीटी रोड बेल्ट में बड़ी सर्जरी की है। 10 साल से सरकार में बैठी भाजपा के खिलाफ भले ही एंटी इनकंबेंसी बताई जा रही हो लेकिन कांग्रेस ने रिस्क लेना ठीक नहीं समझा। उसने पंचकूला से सोनीपत तक इस बेल्ट की पेंडिंग 13 में से 10 सीटों पर 2019 के मुकाबले चेहरे बदल दिए। इनमें से कुछ भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 10 से 15 साल पुराने साथी रहे हैं। खास बात यह भी है कि कांग्रेस ने इस एरिया की दो सीटों पर पंजाबी चेहरे भी उतारे हैं। बागड़ बेल्ट: 2019 में जहां हारी, वहां कैंडिडेट बदले
कांग्रेस ने भिवानी से हिसार-सिरसा तक की बागड़ बेल्ट में लोकसभा की तरह विधानसभा में भी दबदबा कायम रखने के लिए 9 नए चेहरे उतारे हैं। उसने बाढ़डा, दादरी, नलवा, लोहारू, बवानीखेड़ा, सिरसा, ऐलनाबाद, आदमपुर और हांसी सीट पर चेहरे बदले हैं। 2019 में कांग्रेस यह सारी सीटें हार गई थीं। इस बेल्ट की तीन सीटों- उकलाना (SC), नारनौंद व भिवानी में कैंडिडेट का इंतजार है। बांगर बेल्ट: धुरंधरों पर भरोसा
बांगर बेल्ट के जींद और कैथल जिलों में पार्टी ने दिग्गजों पर भरोसा जताया है। जींद शहर को साधने के लिए उसने पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता के बेटे महाबीर गुप्ता पर भरोसा जताया है। कैथल जिले की दो सीटों पर अपने सांसदों जयप्रकाश जेपी और रणदीप सुरजेवाला के बेटों को उतारा है। इस एरिया में कांग्रेस खोई जमीन वापस पाने की तलाश में है। दक्षिण हरियाणा-अहीरवाल: 7 टिकट रिपीट, 5 चेहरे बदले
कांग्रेस ने BJP के दूसरे मजबूत गढ़ दक्षिण हरियाणा-अहीरवाल पर भी खास फोकस किया है। 2014 और 2019 में भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने में अहम रोल इसी इलाके का रहा। इस बार कांग्रेस इसे तोड़ने की कोशिश करती नजर आ रही है। अहीरवाल भाजपा नेता राव इंद्रजीत का गढ़ माना जाता है इसलिए कांग्रेस ने उनके भाई राव यादवेंद्र सिंह का टिकट काट दिया। इस इलाके की 7 सीटों पर कांग्रेस ने टिकट रिपीट किए हैं वहीं 5 जगह कैंडिडेट बदले हैं। यहां की सोहना सीट का टिकट अभी पेंडिंग है।
हरियाणा में सुबह-शाम शीतलहर ने दी दस्तक:24 घंटे में 1 डिग्री गिरा तापमान; सोनीपत में सबसे ज्यादा 2.4 डिग्री की गिरावट दर्ज
हरियाणा में सुबह-शाम शीतलहर ने दी दस्तक:24 घंटे में 1 डिग्री गिरा तापमान; सोनीपत में सबसे ज्यादा 2.4 डिग्री की गिरावट दर्ज हरियाणा में मौसम बदलाव की ओर है। बारिश नहीं होने के बाद भी दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। 24 घंटे में सूबे के अधिकतम तापमान में 1 डिग्री की गिरावट हुई है। सोनीपत और महेंद्रगढ़ जिले ऐसे हैं, जहां सबसे ज्यादा तापमान में गिरावट आई है। सोनीपत में पारा 2.4 और महेंद्रगढ़ में 2.2 डिग्री की गिरावट आई है। सिरसा जिला एक ऐसा रहा, जहां तापमान में कोई गिरावट देखने को नहीं मिली है। जबकि अन्य जिलों की अपेक्षा सिरसा सबसे गर्म रहा। यहां का अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में यह बदलाव जारी रहेगा। आईएमडी चंडीगढ़ के निदेशक डॉ . सुरेंद्र पाल के अनुसार प्रदेश में 24 घंटे में रात के तापमान में की कमी देखने को मिल रही है। आगे यह बदलाव जारी रहेगा। सिर्फ 4 प्रतिशत कम हुई बारिश राज्य में मानसून का प्रदर्शन अब तक संतोषजनक रहा है। कुल मिलाकर अब तक 424.6 मिमी बारिश के मुकाबले 406.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से महज 4% कम है। यानी बारिश का कोटा लगभग पूरा हो चुका है। दूसरी ओर, अगर जिले के हिसाब से बारिश की स्थिति देखें तो 10 जिले ऐसे हैं, जिनमें 10 से 38% कम बारिश दर्ज की गई है। 12 जिलों में सामान्य से 10 से 71% अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में राज्य के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी और कुछ जगहों पर मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। इन जिलों में उम्मीद से ज्यादा बारिश इस बार मानसून सीजन नूंह, गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ पर ज्यादा मेहरबान रहा। नूंह में सामान्य से 71 फीसदी, गुरुग्राम में 53 फीसदी और महेंद्रगढ़ में सामान्य से 43 फीसदी अधिक बारिश हुई है। इन 3 जिलों में अत्यधिक बारिश हुई है। हालांकि झज्जर, चरखी दादरी, रेवाड़ी, पलवल, सिरसा और कुरुक्षेत्र में भी सामान्य से अधिक बारिश हुई है। ये 3 जिले सबसे सूखे रहे हालांकि मानसून अब तक 10 जिलों में बारिश का कोटा पूरा नहीं कर पाया है, लेकिन सबसे अधिक बेरुखी करनाल, यमुनानगर और पंचकूला की रही। करनाल में सामान्य से 38 फीसदी, यमुनानगर में 33 फीसदी और पंचकूला में सामान्य से 32 फीसदी कम बारिश हुई है। मानसून कभी भी विदा हो सकता है, इसलिए इन जिलों के लिए बारिश का कोटा पूरा करना संभव नहीं लगता।