पंचकूला में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहायक निदेशक विशाल दीप से जुड़े छात्रवृत्ति घोटाले में सीआईए-26 ने एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है। पुलिस ने रिश्वत की रकम के लेन-देन में शामिल आरोपी कुलदीप शर्मा को उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार किया है। रविवार को आरोपी को स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। जांच अधिकारी रवि कुमार के अनुसार, यह मामला सेक्टर-16 निवासी विशाल बंसल की शिकायत पर दर्ज किया गया था। जांच में खुलासा हुआ कि ईडी के सहायक निदेशक विशाल दीप, मोनू गुज्जर और कार्तिक शर्मा के निर्देश पर कुलदीप शर्मा को पंचकूला में रिश्वत की रकम एकत्र करने की जिम्मेदारी दी गई थी। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी कार्तिक शर्मा और कुलदीप शर्मा मामा-भांजे के रिश्ते में हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है। छात्रवृत्ति घोटाले में रिश्वत के इस मामले ने प्रवर्तन निदेशालय की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पंचकूला में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहायक निदेशक विशाल दीप से जुड़े छात्रवृत्ति घोटाले में सीआईए-26 ने एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है। पुलिस ने रिश्वत की रकम के लेन-देन में शामिल आरोपी कुलदीप शर्मा को उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार किया है। रविवार को आरोपी को स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। जांच अधिकारी रवि कुमार के अनुसार, यह मामला सेक्टर-16 निवासी विशाल बंसल की शिकायत पर दर्ज किया गया था। जांच में खुलासा हुआ कि ईडी के सहायक निदेशक विशाल दीप, मोनू गुज्जर और कार्तिक शर्मा के निर्देश पर कुलदीप शर्मा को पंचकूला में रिश्वत की रकम एकत्र करने की जिम्मेदारी दी गई थी। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी कार्तिक शर्मा और कुलदीप शर्मा मामा-भांजे के रिश्ते में हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है। छात्रवृत्ति घोटाले में रिश्वत के इस मामले ने प्रवर्तन निदेशालय की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में BJP सरकार गिराने की रणनीति बना रही कांग्रेस:हुड्डा ने चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग की; सांसद सैलजा गैरहाजिर रहीं
हरियाणा में BJP सरकार गिराने की रणनीति बना रही कांग्रेस:हुड्डा ने चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग की; सांसद सैलजा गैरहाजिर रहीं लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में विधानसभा के समीकरण बदल गए हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार दावा कर रहे हैं कि भाजपा सरकार अल्पमत में है। इसी को लेकर चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग की गई। बैठक की अध्यक्षता पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की। इस बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाई गई। वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार को अल्पमत में होने का दावा कर उसे बर्खास्त करने का दबाव बनाने के बारे में भी चर्चा की गई। कांग्रेस विधायक विधानसभा भंग करने के लिए राज्यपाल से मिलने का समय मांग सकते हैं। समय न मिलने की स्थिति में जिला मुख्यालयों पर आंदोलन संभव है। मंगलवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीटिंग में हुए फैसले की जानकारी देंगे। सबसे अहम बात यह है कि इस मीटिंग में कांग्रेस के 4 नवनिर्वाचित सांसद भी पहुंचे हैं। इनमें रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, अंबाला से वरुण चौधरी, हिसार से जेपी और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी बैठक में शामिल हुए हैं। ये चारों सांसद हुड्डा गुट के बताए जा रहे हैं। वहीं सिरसा से SRK गुट की कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा इस मीटिंग में नहीं पहुंची हैं। कांग्रेस क्यों कर रही है दावा
हरियाणा के CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उप चुनाव जीतने के बाद भी BJP के पास सदन में बहुमत कम होने का कांग्रेस दावा कर रही है। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी संयुक्त विपक्ष के सामने भाजपा बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दावा कर रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है, इसलिए विधानसभा भंग होनी चाहिए। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला भी राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। हरियाणा में ऐसे हालात बनने की ये हैं बड़ी वजहें.. भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, सीएम चेहरा बदला
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जजपा और भाजपा ने गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद जजपा 10 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गई। भाजपा के पास 41 विधायक थे, उन्होंने 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली। खट्टर को सीएम कुर्सी छोड़नी पड़ी। नायब सैनी सीएम बन गए। 3 निर्दलीय विधायकों ने साथ छोड़ा
लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार को झटका लगा। सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने सीएम नायब सैनी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद भाजपा सरकार के पास भाजपा के 40, हलोपा का एक और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन बचा। एक निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का मतदान के दिन निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में बदली स्थिति
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में और बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। भाजपा के पास 43, विपक्ष संयुक्त हुआ तो उनके 44 विधायक
मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक शामिल हैं। अगर ये सब एक साथ आ जाते हैं तो फिर सरकार अल्पमत में आ सकती है। हरियाणा में BJP सरकार और एकजुट विपक्ष का गणित समझें… क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है?
1. फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। 2. इसके साथ ही जजपा ने अपने 2 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर सरकार के पक्ष में 43 और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जिससे सरकार फिर बहुमत में ही रहेगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा से विधायक हैं। फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो BJP सरकार कैसे बचाएगी?
BJP के सूत्रों के मुताबिक सरकार को किसी कीमत पर गिरने की स्थिति तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो जजपा के 2 विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इस्तीफा दे सकते हैं। इन दोनों ने बागी होकर लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया था। ऐसी सूरत में विपक्ष के एकजुट होने पर भी उनके पास भाजपा के 43 के मुकाबले 42 ही विधायक रह जाएंगे।
हिसार में रेप-अपहरण के प्रयास में 10 साल की कैद:घर से बच्ची को उठाया, प्लॉट में रेप की कोशिश; मां हॉस्पीटल में थी
हिसार में रेप-अपहरण के प्रयास में 10 साल की कैद:घर से बच्ची को उठाया, प्लॉट में रेप की कोशिश; मां हॉस्पीटल में थी हिसार की जिला अदालत ने 10 साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के दोषी सिकंदर को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेक सिंगल की अदालत ने आरोपी पर 80 हजार का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर मार्च 2021 में केस दर्ज किया था। जिले के एक गांव में रहने वाली महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 15 मार्च 2021 को वह अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में मौजूद थी। उसकी सास का ऑपरेशन हुआ था। रात को उसकी 10 साल की बेटी और उसका पति घर पर सो रहे थे। प्लॉट में ले जाकर दुष्कर्म करने की कोशिश रात को करीब 12 बजे पति ने फोन कर बताया कि कोई घर में घुस आया और बेटी को बुरी नीयत से उठाकर ले गया। कुछ देर बाद जब वह घर पहुंची तो एक महिला उसकी बेटी को छोड़कर चली गई। उसने बेटी को देखा तो वह काफी डर गई। बाद में पता चला कि सिकंदर उसकी बेटी को घर से उठाकर ले गया था और एक प्लॉट में ले जाकर दुष्कर्म करने की कोशिश की थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने पोक्सो एक्ट व विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। अदालत ने 11 दिसंबर को आरोपी को दोषी करार दिया था। बुधवार शाम को अदालत ने आरोपी को सजा सुनाई।
करनाल को नई सरकार में नहीं मिला कोई प्रतिनिधित्व:मंत्री पद गया तो अब सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष के पद की आस, हैट्रिक लगने से पहले लगे थे कल्याण के लिए मंत्री के नारे
करनाल को नई सरकार में नहीं मिला कोई प्रतिनिधित्व:मंत्री पद गया तो अब सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष के पद की आस, हैट्रिक लगने से पहले लगे थे कल्याण के लिए मंत्री के नारे हरियाणा के करनाल को मंत्रिमंडल तो जगह नहीं मिली, लेकिन विधानसभा में स्पीकर की उम्मीद अभी भी बंधी हुई है। मुख्यमंत्री और उनका नया मंत्रिमंडल शपथ ले चुका है। अब सिर्फ स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के पद ही बचे हुए है। जिसमें सबसे ज्यादा प्रबल हरविंद्र कल्याण को माना जा रहा है। वहीं मूलचंद शर्मा भी प्रबल अध्यक्ष पद की दौड़ में है। इनमें से किसे अध्यक्ष पद मिलेगा, वह देखने वाली बात होगी। मंत्रिमंडल में करनाल के किसी भी विधायक को कोई जगह न मिल पाने के कारण लोगों को मायूसी जरूर छाई हुई है। हैट्रिक लगने से पहले ही लगे थे मंत्री के नारे करनाल जिला की पांचों विधानसभाओं में हरविंद्र कल्याण को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चाएं जोरों पर थी। हालांकि करनाल में चुनाव प्रचार के दौरान भी केंद्रीय मंत्री एवं करनाल के सांसद मनोहर लाल ने आश्वस्त किया था कि यहां से जिसको विधायक बनाओगे उसको आगे ले जाने का काम किया जाएगा। घरौंडा में हैट्रिक लगाने का चांस हरविंद्र कल्याण के पास था। प्रचार के दौरान ही समर्थन भावी मंत्री के नारे तक लगा चुका था। हैट्रिक लगने के बाद भी उम्मीद ओर भी ज्यादा बढ़ गई थी, लेकिन जब मंत्रिमंडल की लिस्ट सामने आई तो सब हैरान थे। करनाल के किसी भी विधायक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली थी। क्या स्पीकर बनेंगे विधायक हरविंद्र लोगों को भी यह बात समझ में नहीं आ पा रही है कि आखिर हरविंद्र कल्याण को मंत्रिमंडल में जगह क्यों नहीं दी गई? चूंकि मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली, हो सकता है अब विधायक को स्पीकर का पद दिया जाएगा। यह भी जल्द ही पता चल जाएगा। इतना जरूर है कि 1996 के बाद घरौंडा को कोई मंत्री नहीं मिला है और अब उम्मीद थी कि हरविंद्र कल्याण के रूप में दूसरा मंत्री मिल सकता है, लेकिन वह भी नहीं हुआ। कहां से मिला कौन सा मंत्री वर्ष 2014 में भाजपा ने हरियाणा में सरकार बनाई। करनाल से सीएम मिला। इंद्री विधानसभा से विधायक कर्णदेव कंबोज को हरियाणा सरकार में मंत्री बनाया गया। करनाल लोकसभा चुनाव में मनोहर लाल सांसद बने और उन्हें भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाया गया। करनाल विधानसभा के उपचुनाव में नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना गया। घरौंडा 1977 में कंवर रामपाल के रूप में पहला मिनिस्टर मिला था। करनाल विधानसभा में 1996 में शशीपाल मेहता को उद्योग मंत्री बनाया। कांग्रेस के जयप्रकाश भी मंत्री रहे है। इंद्री में 1996 व 2000 में आजाद विधायक भीमसेन मेहता को मंत्री पद दिया गया। इसके अलावा साल 2005 में जुड़ला से विधायक रही मीना मंडल भी सहकारिता मंत्री रही है। 2014 में भाजपा ने विधायक कर्णदेव कंबोज को मंत्री बनाया गया। इसके अलावा नीलोखेड़ी से जय सिंह राणा सहित अन्य विधायक भी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके है।