पंजाब उपचुनाव: डेरा बाबा नानक में कांग्रेस-AAP का मुकाबला:BJP काहलों फैमिली के रसूख पर निर्भर; अकाली दल का वोट बैंक डिसाइडिंग फैक्टर

पंजाब उपचुनाव: डेरा बाबा नानक में कांग्रेस-AAP का मुकाबला:BJP काहलों फैमिली के रसूख पर निर्भर; अकाली दल का वोट बैंक डिसाइडिंग फैक्टर

पंजाब में 4 सीटों पर उपचुनाव के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होगी। इस उपचुनाव में गुरदासपुर जिले की डेरा बाबा नानक सीट सुर्खियों में है। इसकी वजह है कि यहां से कांग्रेस के मौजूदा सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी उपचुनाव लड़ रही हैं। वहीं रंधावा और सत्ता में बैठी आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के बीच खूब जुबानी जंग चल रही है। डेरा बाबा नानक सीट पर कांग्रेस की टिकट से सांसद रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर के मुकाबले AAP ने पुराने चेहरे गुरदीप सिंह रंधावा को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने राजनीतिक दिग्गज काहलों परिवार से अकाली दल छोड़कर आए रविकरण सिंह काहलों को टिकट दी है। अकाली दल इस बार उपचुनाव नहीं लड़ रहा। अकाली दल भले ही चुनाव मैदान में न हो लेकिन हार-जीत में उनके वोट बैंक की भूमिका अहम होगी। दरअसल, पिछले 3 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और अकाली दल के बीच ही मुकाबला रहा। जिसमें हार-जीत का अंतर भी 400 से लेकर 3 हजार के बीच ही रहा। अकाली दल को 50 हजार से ज्यादा वोट मिलते रहे हैं। ऐसे में अकाली दल के वोट बैंक का झुकाव डिसाइडिंग फैक्टर हो सकता है। इस सीट पर 1 लाख 95 हजार 604 मतदाता हैं। इनमें से 1 लाख 93 हजार 376 सामान्य और 2228 सर्विस वोटर हैं। इनमें से महिलाओं की संख्या 91 हजार 593 और पुरुषों की संख्या 1 लख 4 हजार 4 है। इस सीट पर 7 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। मतदान केंद्रों की संख्या 241 है। 5 पॉइंट में समझें डेरा बाबा नानक विधानसभा का समीकरण जतिंदर कौर परिवार के भरोसे
जतिंदर कौर को यहां रंधावा परिवार के प्रभाव का फायदा मिल रहा है। सुखजिंदर सिंह रंधावा खुद अपनी पत्नी के लिए इन चुनावों में मैदान में हैं। जतिंदर कौर अपने पति सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा किए गए कामों को लेकर वोट मांग रही हैं। वहीं, सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा भी लगातार आम आदमी पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। AAP ढाई साल के कार्यकाल पर मांग रही वोट
गुरदीप सिंह रंधावा को आम आदमी पार्टी ने टिकट दिया है। सीएम भगवंत मान दो बार और अरविंद केजरीवाल एक बार इलाके में वोट मांगने आ चुके हैं। गुरदीप सिंह रंधावा भी पार्टी के ढाई साल के कार्यकाल के आधार पर वोट मांग रहे हैं। जिसमें किसानों को 8 घंटे बिजली, घरों को 600 यूनिट मुफ्त बिजली, आटा दाल स्कीम और आम आदमी क्लिनिक के आधार पर वोट मांगे जा रहे हैं। इसके अलावा अरविंद केजरीवाल ने वादा किया है कि जीत के बाद डेरा बाबा नानक में एक आईटीआई और बायो गैस प्लांट लगाया जाएगा। खुद सीएम मान कह चुके हैं कि अगर गुरदीप सिंह को जिताया तो डेरा बाबा नानक का कोई काम नहीं रुकेगा। किसानों के विरोध का सामना कर रही है भाजपा
डेरा बाबा नानक के अकाली दल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए काहलों परिवार के बेटे रवि करण सिंह मैदान में हैं। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती इस समय किसान हैं। काहलों जहां भी प्रचार करने जाते हैं, किसान नेता उनका विरोध करते हैं। रवि करण सिंह काहलों किसानों से वादा कर रहे हैं कि अगर वे जीतते हैं तो किसानों की समस्याओं को केंद्र तक ले जाएंगे। रवि करण सिंह काहलों केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे कामों को लेकर अपने पक्ष में वोट देने की अपील कर रहे हैं। जानिए क्या कहते हैं वोटर… AAP का ज्यादा प्रभाव
मक्खन सिंह ने कहा कि इन चुनावों में आम आदमी पार्टी का काफी प्रभाव है। यह कांग्रेस का गढ़ था, लेकिन इस बार AAP का प्रभाव है। सीएम भगवंत मान ने काफी अच्छा काम किया है। किसानों को 8 घंटे बिजली दी गई है। घरों के लिए 600 यूनिट माफ किए गए हैं। लोगों को उम्मीद है कि भगवंत मान किए गए वादों को पूरा करेंगे। जो वादे बाकी रह गए हैं, उन्हें पूरा होने में समय लगेगा, लेकिन उन्हें पूरा किया जाएगा। सीएम मान ने अच्छा काम किया
निर्मल सिंह ने कहा कि लोगों ने चुनावों में सभी सरकारों को देखा है। उन्होंने कांग्रेस के साथ-साथ अकाली दल को भी देखा है। अब आम आदमी पार्टी और सीएम मान अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने लोगों को सुविधाएं दी हैं। कांग्रेस का दबदबा रहेगा
लियाकत ने कहा कि इस बार कांग्रेस का दबदबा रहेगा। माहौल बदल गया है। आम आदमी पार्टी ने किसी के लिए कुछ नहीं किया। गरीबों के लिए कोई काम नहीं किया। ताकतवर लोगों ने फायदा उठाया। गरीबों को कोई सुविधा नहीं दी गई। गरीबों को मिलने वाला गेहूं अब सिर्फ 5 किलो प्रतिमाह दिया जा रहा है। 5 किलो से एक परिवार का गुजारा नहीं हो सकता। कांग्रेस के पक्ष में माहौल
चरणजीत सिंह ने कहा कि इस समय माहौल कांग्रेस के पक्ष में है। हमारा नेता ईमानदार है। शहर में बहुत काम हुआ है। 1969 में सुखजिंदर सिंह रंधावा के पिता संतोख सिंह रंधावा चुनाव जीते थे। उन्होंने बहुत काम करवाया। उसके बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा 2002 से चुनाव लड़ रहे हैं और जीत भी रहे हैं। डेरा बाबा नानक सीट फंसी
सीनियर पॉलिटिकल एक्सपर्ट और पत्रकार जसबीर सिंह पट्टी के अनुसार, डेरा बाबा नानक सीट इस बार फंसी हुई है। यहां राज्य की किसी भी सीट में से सबसे ज्यादा ईसाई मतदाता हैं। ऐसे में उनके वोट भाजपा और मौजूदा सरकार के खिलाफ जाएंगे। अकाली दल चुनाव नहीं लड़ रहा है। उनके मतदाता अपने लिए नेता की तलाश कर रहे हैं। पार्टी की कोशिश है कि चुनाव के बाद भी उनके मतदाता उनके साथ रहें। ऐसे में पार्टी के नेता खुद तय नहीं कर पा रहे हैं कि वोटिंग किसके पक्ष में की जाए, आप, कांग्रेस या भाजपा। उन्हें डर है कि उनके मतदाता उनसे हमेशा के लिए दूर न हो जाएं। इस सीट पर काहलों परिवार की भी अच्छी पकड़ है। आम आदमी पार्टी भी इस सीट के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सत्ता की ताकत का इस्तेमाल करेगी। ऐसे में अकाली दल के मतदाता जिसकी तरफ ज्यादा झुकेंगे, वही जीतेगा। …………………………………………………. पंजाब में विधानसभा उपचुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- पंजाब में विधानसभा उपचुनाव की डेट बदली:एक हफ्ते आगे बढ़ी वोटिंग, 3 दिन बाद ही रिजल्ट; AAP-कांग्रेस और BJP में मुकाबला पंजाब की 4 विधानासभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की डेट बदल गई है। सोमवार (4 नवंबर) को चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए रीशेड्यूल जारी किया। अब वोटिंग 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होगी। रिजल्ट 23 नवंबर को ही आएगा। पूरी खबर पढ़ें पंजाब में 4 सीटों पर उपचुनाव के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होगी। इस उपचुनाव में गुरदासपुर जिले की डेरा बाबा नानक सीट सुर्खियों में है। इसकी वजह है कि यहां से कांग्रेस के मौजूदा सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी उपचुनाव लड़ रही हैं। वहीं रंधावा और सत्ता में बैठी आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के बीच खूब जुबानी जंग चल रही है। डेरा बाबा नानक सीट पर कांग्रेस की टिकट से सांसद रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर के मुकाबले AAP ने पुराने चेहरे गुरदीप सिंह रंधावा को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने राजनीतिक दिग्गज काहलों परिवार से अकाली दल छोड़कर आए रविकरण सिंह काहलों को टिकट दी है। अकाली दल इस बार उपचुनाव नहीं लड़ रहा। अकाली दल भले ही चुनाव मैदान में न हो लेकिन हार-जीत में उनके वोट बैंक की भूमिका अहम होगी। दरअसल, पिछले 3 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और अकाली दल के बीच ही मुकाबला रहा। जिसमें हार-जीत का अंतर भी 400 से लेकर 3 हजार के बीच ही रहा। अकाली दल को 50 हजार से ज्यादा वोट मिलते रहे हैं। ऐसे में अकाली दल के वोट बैंक का झुकाव डिसाइडिंग फैक्टर हो सकता है। इस सीट पर 1 लाख 95 हजार 604 मतदाता हैं। इनमें से 1 लाख 93 हजार 376 सामान्य और 2228 सर्विस वोटर हैं। इनमें से महिलाओं की संख्या 91 हजार 593 और पुरुषों की संख्या 1 लख 4 हजार 4 है। इस सीट पर 7 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। मतदान केंद्रों की संख्या 241 है। 5 पॉइंट में समझें डेरा बाबा नानक विधानसभा का समीकरण जतिंदर कौर परिवार के भरोसे
जतिंदर कौर को यहां रंधावा परिवार के प्रभाव का फायदा मिल रहा है। सुखजिंदर सिंह रंधावा खुद अपनी पत्नी के लिए इन चुनावों में मैदान में हैं। जतिंदर कौर अपने पति सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा किए गए कामों को लेकर वोट मांग रही हैं। वहीं, सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा भी लगातार आम आदमी पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। AAP ढाई साल के कार्यकाल पर मांग रही वोट
गुरदीप सिंह रंधावा को आम आदमी पार्टी ने टिकट दिया है। सीएम भगवंत मान दो बार और अरविंद केजरीवाल एक बार इलाके में वोट मांगने आ चुके हैं। गुरदीप सिंह रंधावा भी पार्टी के ढाई साल के कार्यकाल के आधार पर वोट मांग रहे हैं। जिसमें किसानों को 8 घंटे बिजली, घरों को 600 यूनिट मुफ्त बिजली, आटा दाल स्कीम और आम आदमी क्लिनिक के आधार पर वोट मांगे जा रहे हैं। इसके अलावा अरविंद केजरीवाल ने वादा किया है कि जीत के बाद डेरा बाबा नानक में एक आईटीआई और बायो गैस प्लांट लगाया जाएगा। खुद सीएम मान कह चुके हैं कि अगर गुरदीप सिंह को जिताया तो डेरा बाबा नानक का कोई काम नहीं रुकेगा। किसानों के विरोध का सामना कर रही है भाजपा
डेरा बाबा नानक के अकाली दल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए काहलों परिवार के बेटे रवि करण सिंह मैदान में हैं। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती इस समय किसान हैं। काहलों जहां भी प्रचार करने जाते हैं, किसान नेता उनका विरोध करते हैं। रवि करण सिंह काहलों किसानों से वादा कर रहे हैं कि अगर वे जीतते हैं तो किसानों की समस्याओं को केंद्र तक ले जाएंगे। रवि करण सिंह काहलों केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे कामों को लेकर अपने पक्ष में वोट देने की अपील कर रहे हैं। जानिए क्या कहते हैं वोटर… AAP का ज्यादा प्रभाव
मक्खन सिंह ने कहा कि इन चुनावों में आम आदमी पार्टी का काफी प्रभाव है। यह कांग्रेस का गढ़ था, लेकिन इस बार AAP का प्रभाव है। सीएम भगवंत मान ने काफी अच्छा काम किया है। किसानों को 8 घंटे बिजली दी गई है। घरों के लिए 600 यूनिट माफ किए गए हैं। लोगों को उम्मीद है कि भगवंत मान किए गए वादों को पूरा करेंगे। जो वादे बाकी रह गए हैं, उन्हें पूरा होने में समय लगेगा, लेकिन उन्हें पूरा किया जाएगा। सीएम मान ने अच्छा काम किया
निर्मल सिंह ने कहा कि लोगों ने चुनावों में सभी सरकारों को देखा है। उन्होंने कांग्रेस के साथ-साथ अकाली दल को भी देखा है। अब आम आदमी पार्टी और सीएम मान अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने लोगों को सुविधाएं दी हैं। कांग्रेस का दबदबा रहेगा
लियाकत ने कहा कि इस बार कांग्रेस का दबदबा रहेगा। माहौल बदल गया है। आम आदमी पार्टी ने किसी के लिए कुछ नहीं किया। गरीबों के लिए कोई काम नहीं किया। ताकतवर लोगों ने फायदा उठाया। गरीबों को कोई सुविधा नहीं दी गई। गरीबों को मिलने वाला गेहूं अब सिर्फ 5 किलो प्रतिमाह दिया जा रहा है। 5 किलो से एक परिवार का गुजारा नहीं हो सकता। कांग्रेस के पक्ष में माहौल
चरणजीत सिंह ने कहा कि इस समय माहौल कांग्रेस के पक्ष में है। हमारा नेता ईमानदार है। शहर में बहुत काम हुआ है। 1969 में सुखजिंदर सिंह रंधावा के पिता संतोख सिंह रंधावा चुनाव जीते थे। उन्होंने बहुत काम करवाया। उसके बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा 2002 से चुनाव लड़ रहे हैं और जीत भी रहे हैं। डेरा बाबा नानक सीट फंसी
सीनियर पॉलिटिकल एक्सपर्ट और पत्रकार जसबीर सिंह पट्टी के अनुसार, डेरा बाबा नानक सीट इस बार फंसी हुई है। यहां राज्य की किसी भी सीट में से सबसे ज्यादा ईसाई मतदाता हैं। ऐसे में उनके वोट भाजपा और मौजूदा सरकार के खिलाफ जाएंगे। अकाली दल चुनाव नहीं लड़ रहा है। उनके मतदाता अपने लिए नेता की तलाश कर रहे हैं। पार्टी की कोशिश है कि चुनाव के बाद भी उनके मतदाता उनके साथ रहें। ऐसे में पार्टी के नेता खुद तय नहीं कर पा रहे हैं कि वोटिंग किसके पक्ष में की जाए, आप, कांग्रेस या भाजपा। उन्हें डर है कि उनके मतदाता उनसे हमेशा के लिए दूर न हो जाएं। इस सीट पर काहलों परिवार की भी अच्छी पकड़ है। आम आदमी पार्टी भी इस सीट के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सत्ता की ताकत का इस्तेमाल करेगी। ऐसे में अकाली दल के मतदाता जिसकी तरफ ज्यादा झुकेंगे, वही जीतेगा। …………………………………………………. पंजाब में विधानसभा उपचुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- पंजाब में विधानसभा उपचुनाव की डेट बदली:एक हफ्ते आगे बढ़ी वोटिंग, 3 दिन बाद ही रिजल्ट; AAP-कांग्रेस और BJP में मुकाबला पंजाब की 4 विधानासभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की डेट बदल गई है। सोमवार (4 नवंबर) को चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए रीशेड्यूल जारी किया। अब वोटिंग 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होगी। रिजल्ट 23 नवंबर को ही आएगा। पूरी खबर पढ़ें   पंजाब | दैनिक भास्कर