पंजाब के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने और लोगों को बेहतर सेहत सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए सेहत विभाग करीब 400 मेडिकल ऑफिसर भर्ती करने जा रहा है। करीब 4 साल बाद सरकार रेगुलर डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के माध्यम से यह प्रक्रिया चल रही है। इन पदों के लिए 4 सितंबर तक आवेदन करने की प्रक्रिया होगी। जबकि 8 सितंबर को कंप्यूटर पर आधारित टेस्ट की प्रक्रिया संपन्न होगी। आवेदन के लिए डॉक्टरों को www.bfuhs.ac.in पर क्लिक करना होगा। अस्पतालों में खाली पड़े है डॉक्टरों के पद सेहत विभाग की तरफ से यह फैसला उस समय लिया गया है, जब अस्पताल में मंजूर पदों में आधे से ज्यादा खाली पड़े हुए हैं। विभाग में कुल 2300 के करीब मेडिकल अफसरों के पद हैं। इनमें से 1250 पद खाली पडे़ हुए हैं। सूत्रों की माने तो सरकारी अस्पतालों में माहिरों डॉक्टरों की बात करे तो स्थिति और भी चिंताजनक बन जाती है। क्योंकि 2700 पदों में से 1550 के करीब पद खाली है। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने कहा कि सरकारी पदों को भरना सरकार का अच्छा कदम है। हम मांग करते है कि डॉक्टरों को खाली पड़े पदों को भरना चाहिए। इन जिलों में ज्यादा कमी है डॉक्टरों की राज्य के सभी बडे़ जिलों में डॉक्टरों की कमी है। जिसका असर लोगों पर असर पड़ता है। लुधियाना राज्य का सबसे बड़ा जिला है। लेकिन यहां पर भी डॉक्टरों का अभाव है। लुधियाना में कुल 157 पद है। इनमें 80 पर ही मेडिकल अफसर काम कर रहे है। ऐसी ही हालत बॉर्डर एरिया तरन-तारन की है। वहां के 132 पदों में से 43 पर डॉक्टर तैनात है। बठिंडा के 132 पदों में से 52 मेडिकल अफसर है। ऐसी ही स्थिति अन्य राज्यों में भी बनी हुई है। केंद्र व हरियाणा से कम वेतन पंजाब में डॉक्टरों की कमी के कई कारण है। एक तो यह भी है कि निजी क्षेत्र में डॉक्टरों को अच्छे पैकेज मिलते है। ऐसे में ज्यादा समय सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं रुकते है। दूसरा उनके पे स्केल की बात करे तो उसमें भी काफी अंतर है। पंजाब में एंट्री लेवल पर पे स्केल 53,100 रुपए हैं। जबकि केंद्र 67,100 रुपए देता है। पड़ोसी राज्य हरियाणा 56,100 रुपए हैं। इस वजह से भी डॉक्टर सरकारी अस्पतालों से दूरी बना रहे हैं। पंजाब के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने और लोगों को बेहतर सेहत सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए सेहत विभाग करीब 400 मेडिकल ऑफिसर भर्ती करने जा रहा है। करीब 4 साल बाद सरकार रेगुलर डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के माध्यम से यह प्रक्रिया चल रही है। इन पदों के लिए 4 सितंबर तक आवेदन करने की प्रक्रिया होगी। जबकि 8 सितंबर को कंप्यूटर पर आधारित टेस्ट की प्रक्रिया संपन्न होगी। आवेदन के लिए डॉक्टरों को www.bfuhs.ac.in पर क्लिक करना होगा। अस्पतालों में खाली पड़े है डॉक्टरों के पद सेहत विभाग की तरफ से यह फैसला उस समय लिया गया है, जब अस्पताल में मंजूर पदों में आधे से ज्यादा खाली पड़े हुए हैं। विभाग में कुल 2300 के करीब मेडिकल अफसरों के पद हैं। इनमें से 1250 पद खाली पडे़ हुए हैं। सूत्रों की माने तो सरकारी अस्पतालों में माहिरों डॉक्टरों की बात करे तो स्थिति और भी चिंताजनक बन जाती है। क्योंकि 2700 पदों में से 1550 के करीब पद खाली है। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने कहा कि सरकारी पदों को भरना सरकार का अच्छा कदम है। हम मांग करते है कि डॉक्टरों को खाली पड़े पदों को भरना चाहिए। इन जिलों में ज्यादा कमी है डॉक्टरों की राज्य के सभी बडे़ जिलों में डॉक्टरों की कमी है। जिसका असर लोगों पर असर पड़ता है। लुधियाना राज्य का सबसे बड़ा जिला है। लेकिन यहां पर भी डॉक्टरों का अभाव है। लुधियाना में कुल 157 पद है। इनमें 80 पर ही मेडिकल अफसर काम कर रहे है। ऐसी ही हालत बॉर्डर एरिया तरन-तारन की है। वहां के 132 पदों में से 43 पर डॉक्टर तैनात है। बठिंडा के 132 पदों में से 52 मेडिकल अफसर है। ऐसी ही स्थिति अन्य राज्यों में भी बनी हुई है। केंद्र व हरियाणा से कम वेतन पंजाब में डॉक्टरों की कमी के कई कारण है। एक तो यह भी है कि निजी क्षेत्र में डॉक्टरों को अच्छे पैकेज मिलते है। ऐसे में ज्यादा समय सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं रुकते है। दूसरा उनके पे स्केल की बात करे तो उसमें भी काफी अंतर है। पंजाब में एंट्री लेवल पर पे स्केल 53,100 रुपए हैं। जबकि केंद्र 67,100 रुपए देता है। पड़ोसी राज्य हरियाणा 56,100 रुपए हैं। इस वजह से भी डॉक्टर सरकारी अस्पतालों से दूरी बना रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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