पंजाब में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) की तरफ से भविष्य में किस तरह आंदोलन चलना है, उसको लेकर 21 तारीख के बाद स्ट्रेटजी बनाई जाएगी। भारत-पाकिस्तान के बीच बनी तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) अपने आगामी सभी कार्यक्रम (धरने-प्रदर्शन एवं पंचायत) 15 दिनों तक स्थगित कर दिए हैं। हालांकि इससे पहले चार मई को किसानों और केंद्र सरकार के बीच होने वाली मीटिंग भी स्थगित हो गई थी। क्योंकि किसानों ने कहा था कि वह नहीं चाहते है कि मीटिंग में पंजाब सरकार के प्रतिनिधि शामिल हो। जबकि केंद्र सरकार का कहना है कि संघीय ढांचे में राज्य सरकार की भूमिका अहम होती है। ऐसे में यह चीज संभव नहीं है। साथ ही किसानों को दोबारा विचार करने के लिए कहा गया था। देश सबके लिए सर्वोपरि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा था कि खेती-नीतियों तथा अन्य नीतियों के मुद्दों पर सरकार से हमारे अनेक मतभेद हो सकते हैं और लोकतंत्र में होने भी चाहिए, लेकिन देश सबके लिए सर्वोपरि है। किसान नेताओं ने कहा कि किसान समाज अपना पेट भूखा रखकर पूरे देश का पेट भरने का काम करता है। देश के अंदर किसान समाजसेवा करता है और सीमाओं पर किसान समाज के नौजवान देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। किसान नेताओं ने कहा कि ऐसे हालात में हम देश के साथ खड़े हैं और देश की एकता-अखंडता व देश के हितों की रक्षा के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। पंजाब में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) की तरफ से भविष्य में किस तरह आंदोलन चलना है, उसको लेकर 21 तारीख के बाद स्ट्रेटजी बनाई जाएगी। भारत-पाकिस्तान के बीच बनी तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) अपने आगामी सभी कार्यक्रम (धरने-प्रदर्शन एवं पंचायत) 15 दिनों तक स्थगित कर दिए हैं। हालांकि इससे पहले चार मई को किसानों और केंद्र सरकार के बीच होने वाली मीटिंग भी स्थगित हो गई थी। क्योंकि किसानों ने कहा था कि वह नहीं चाहते है कि मीटिंग में पंजाब सरकार के प्रतिनिधि शामिल हो। जबकि केंद्र सरकार का कहना है कि संघीय ढांचे में राज्य सरकार की भूमिका अहम होती है। ऐसे में यह चीज संभव नहीं है। साथ ही किसानों को दोबारा विचार करने के लिए कहा गया था। देश सबके लिए सर्वोपरि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा था कि खेती-नीतियों तथा अन्य नीतियों के मुद्दों पर सरकार से हमारे अनेक मतभेद हो सकते हैं और लोकतंत्र में होने भी चाहिए, लेकिन देश सबके लिए सर्वोपरि है। किसान नेताओं ने कहा कि किसान समाज अपना पेट भूखा रखकर पूरे देश का पेट भरने का काम करता है। देश के अंदर किसान समाजसेवा करता है और सीमाओं पर किसान समाज के नौजवान देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। किसान नेताओं ने कहा कि ऐसे हालात में हम देश के साथ खड़े हैं और देश की एकता-अखंडता व देश के हितों की रक्षा के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
