<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड के लोहाघाट में एक वायरल आदेश ने शासन और प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है. यह आदेश सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार द्वारा जारी किया गया. जिसमें कर्मचारियों को सेवा पुस्तिका (सर्विस बुक) गायब होने के मामले में घर से दो मुट्ठी चावल लेकर किसी मंदिर में चढ़ाने को कहा गया था. यह अंधविश्वास पूर्ण आदेश जैसे ही सोशल मीडिया और मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हुआ, खासकर एबीपी लाइव द्वारा इस खबर को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद, शासन ने तत्काल संज्ञान लिया और बड़ी कार्रवाई की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य शासन ने अधिशासी अभियंता, रा०मा० खंड, लो०नि०वि०, लोहाघाट आशुतोष कुमार को उनके पद से हटाकर तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया है. अब उन्हें गढ़वाल क्षेत्र के पौड़ी स्थित क्षेत्रीय मुख्य अभियंता कार्यालय में तैनात किया गया है. शासन द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह कार्रवाई प्रशासनिक आधार पर की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वायरल आदेश को लेकर सरकारी महकमें में मची खलबली<br /></strong>एबीपी लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, वायरल आदेश को लेकर सरकारी महकमे में खलबली मच गई थी. जनता और सोशल मीडिया यूजर्स ने इस आदेश को अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाला, असंवेदनशील और गैरपेशेवर करार दिया. एक सरकारी अधिकारी द्वारा इस प्रकार की बात कहे जाने से ना सिर्फ विभाग की छवि धूमिल हुई, बल्कि यह सवाल भी खड़े हुए कि ऐसे अधिकारी किस मानसिकता से कार्य कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब विभागीय कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाएं गायब होने लगीं. इन्हें खोजने और व्यवस्था सुधारने की बजाय अधिशासी अभियंता ने यह विवादास्पद आदेश जारी किया, जो नियमों और सरकारी प्रक्रियाओं के पूरी तरह खिलाफ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया<br /></strong>राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया और त्वरित जांच के बाद यह कदम उठाया. हालांकि आधिकारिक रूप से किसी अनुशासनात्मक कार्रवाई का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन स्थानांतरण को एक स्पष्ट संकेत माना जा रहा है कि सरकार इस प्रकार की लापरवाही या अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले आचरण को बर्दाश्त नहीं करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस पूरी घटना से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि मीडिया की जिम्मेदारी पूर्ण रिपोर्टिंग किस तरह प्रशासन को सक्रिय कर सकती है. एबीपी लाइव की खबर ने इस पूरे प्रकरण को उजागर किया और उसे जनता के सामने लाकर शासन को आवश्यक कार्रवाई के लिए विवश किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब देखना यह होगा कि पौड़ी में तैनाती के बाद आशुतोष कुमार को क्या जिम्मेदारियां दी जाती हैं और क्या कोई आगे की अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाती है. फिलहाल, इस कार्रवाई को सरकार का सख्त प्रशासनिक रुख माना जा रहा है, जो व्यवस्था में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक जरूरी कदम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-two-mps-from-up-praveen-patel-and-ravi-kishan-will-get-award-2945975″>यूपी के दो सांसदों- प्रवीण पटेल और रवि किशन को मिलेगा पुरस्कार, इन वजहों से होंगे सम्मानित</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड के लोहाघाट में एक वायरल आदेश ने शासन और प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है. यह आदेश सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार द्वारा जारी किया गया. जिसमें कर्मचारियों को सेवा पुस्तिका (सर्विस बुक) गायब होने के मामले में घर से दो मुट्ठी चावल लेकर किसी मंदिर में चढ़ाने को कहा गया था. यह अंधविश्वास पूर्ण आदेश जैसे ही सोशल मीडिया और मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हुआ, खासकर एबीपी लाइव द्वारा इस खबर को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद, शासन ने तत्काल संज्ञान लिया और बड़ी कार्रवाई की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य शासन ने अधिशासी अभियंता, रा०मा० खंड, लो०नि०वि०, लोहाघाट आशुतोष कुमार को उनके पद से हटाकर तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया है. अब उन्हें गढ़वाल क्षेत्र के पौड़ी स्थित क्षेत्रीय मुख्य अभियंता कार्यालय में तैनात किया गया है. शासन द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह कार्रवाई प्रशासनिक आधार पर की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वायरल आदेश को लेकर सरकारी महकमें में मची खलबली<br /></strong>एबीपी लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, वायरल आदेश को लेकर सरकारी महकमे में खलबली मच गई थी. जनता और सोशल मीडिया यूजर्स ने इस आदेश को अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाला, असंवेदनशील और गैरपेशेवर करार दिया. एक सरकारी अधिकारी द्वारा इस प्रकार की बात कहे जाने से ना सिर्फ विभाग की छवि धूमिल हुई, बल्कि यह सवाल भी खड़े हुए कि ऐसे अधिकारी किस मानसिकता से कार्य कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब विभागीय कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाएं गायब होने लगीं. इन्हें खोजने और व्यवस्था सुधारने की बजाय अधिशासी अभियंता ने यह विवादास्पद आदेश जारी किया, जो नियमों और सरकारी प्रक्रियाओं के पूरी तरह खिलाफ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया<br /></strong>राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया और त्वरित जांच के बाद यह कदम उठाया. हालांकि आधिकारिक रूप से किसी अनुशासनात्मक कार्रवाई का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन स्थानांतरण को एक स्पष्ट संकेत माना जा रहा है कि सरकार इस प्रकार की लापरवाही या अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले आचरण को बर्दाश्त नहीं करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस पूरी घटना से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि मीडिया की जिम्मेदारी पूर्ण रिपोर्टिंग किस तरह प्रशासन को सक्रिय कर सकती है. एबीपी लाइव की खबर ने इस पूरे प्रकरण को उजागर किया और उसे जनता के सामने लाकर शासन को आवश्यक कार्रवाई के लिए विवश किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब देखना यह होगा कि पौड़ी में तैनाती के बाद आशुतोष कुमार को क्या जिम्मेदारियां दी जाती हैं और क्या कोई आगे की अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाती है. फिलहाल, इस कार्रवाई को सरकार का सख्त प्रशासनिक रुख माना जा रहा है, जो व्यवस्था में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक जरूरी कदम है.</p>
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