पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया आज श्री गुरु अमरदास जी के 450 वर्ष ज्योति-ज्योति दिवस के मौके पर गुरुद्वारा बाउली साहिब श्री गोइंदवाल साहिब में नतमस्तक हुए। पंजाब में आपसी भाईचारे को और मजबूत करने की प्रार्थना की। ताकि पंजाब शांति, अमन और प्रगति का प्रतीक बनकर उभरे। राज्यपाल ने कहा कि आज उन्हें इस पवित्र भूमि पर नमन करने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं ने देश की धार्मिक संस्कृति को बचाने के लिए महान बलिदान दिए हैं। पंजाब ही नहीं बल्कि भारत का कोई भी बच्चा ऐसा नहीं है जो गुरुओं की इस महान परंपरा से परिचित न हो। उन्होंने कहा कि महान सिख गुरुओं के जीवन और दर्शन ने मानवता को निस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं की चलाई गई संगत और पंगत की परंपरा सामाजिक समानता का एक बड़ा उदाहरण है, यहां न कोई जाति से ऊंचा है, न कोई पद से ऊंचा है, सभी को पंगत में बैठकर लंगर ग्रहण करना पड़ता है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि छोटे साहिबजादों के महान बलिदान को याद करते हुए कहा कि ऐसे महान पुरुषों के बलिदान के कारण ही हमारे देश का धर्म और संस्कृति बची हुई है। उन्होंने कहा कि हमें भी इन महापुरुषों के जीवन से मार्गदर्शन लेकर देश की इस महान धार्मिक संस्कृति को बनाये रखने में योगदान देना चाहिए। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया आज श्री गुरु अमरदास जी के 450 वर्ष ज्योति-ज्योति दिवस के मौके पर गुरुद्वारा बाउली साहिब श्री गोइंदवाल साहिब में नतमस्तक हुए। पंजाब में आपसी भाईचारे को और मजबूत करने की प्रार्थना की। ताकि पंजाब शांति, अमन और प्रगति का प्रतीक बनकर उभरे। राज्यपाल ने कहा कि आज उन्हें इस पवित्र भूमि पर नमन करने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं ने देश की धार्मिक संस्कृति को बचाने के लिए महान बलिदान दिए हैं। पंजाब ही नहीं बल्कि भारत का कोई भी बच्चा ऐसा नहीं है जो गुरुओं की इस महान परंपरा से परिचित न हो। उन्होंने कहा कि महान सिख गुरुओं के जीवन और दर्शन ने मानवता को निस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं की चलाई गई संगत और पंगत की परंपरा सामाजिक समानता का एक बड़ा उदाहरण है, यहां न कोई जाति से ऊंचा है, न कोई पद से ऊंचा है, सभी को पंगत में बैठकर लंगर ग्रहण करना पड़ता है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि छोटे साहिबजादों के महान बलिदान को याद करते हुए कहा कि ऐसे महान पुरुषों के बलिदान के कारण ही हमारे देश का धर्म और संस्कृति बची हुई है। उन्होंने कहा कि हमें भी इन महापुरुषों के जीवन से मार्गदर्शन लेकर देश की इस महान धार्मिक संस्कृति को बनाये रखने में योगदान देना चाहिए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कनाडा में पंजाबी सिंगर एपी ढिल्लों के घर फायरिंग:गोली चलाता दिखा शूटर, लॉरेंस गैंग ने जिम्मेदारी ली; सलमान के साथ गाने में दिखे थे कनाडा में पंजाब के फेमस सिंगर अमृतपाल सिंह ढिल्लों उर्फ एपी ढिल्लों के घर पर फायरिंग हुई। घटना रविवार को कनाडा के वैंकूवर एरिया में सामने आई। इसकी जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली है। गैंग के गैंगस्टर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी डाली है। फायरिंग का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में शूटर गेट के बाहर से फायरिंग करता दिख रहा है। जानकारी के अनुसार शूटर ने सिंगर के घर पर करीब 11 गोलियां चलाई। उसने काले रंग के कपड़े पहने हुए थे। 9 अगस्त को सिंगर एपी का बॉलीवुड स्टार सलमान खान के साथ गाना आया था। जिसके बाद अब एपी के घर पर फायरिंग हुई है। इस घटना को लेकर भारतीय और कनाडाई एजेंसिया अलर्ट हो गई हैं। वारदात के वक्त मौके पर मौजूद था गोल्डी बराड़
एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक वारदात को कनाडा में बैठे लॉरेंस गैंग के हैंडलर गोल्डी बराड़ ने खुद ऑपरेट किया। क्योंकि इससे पहले कनाडा में गैंगस्टर सुक्खा दुन्नेके की हत्या करने भी खुद गोल्डी बराड़ गया था। अभी तक की जांच में ये पता चला है कि सिंगर के घर फायरिंग के वक्त गोल्डी गाड़ी में बैठा हुआ था। रोहित गोदारा ने लिखा- सलमान के साथ बड़ी फिलिंग ले रहा था
सिंगर के घर पर फायरिंग करने के बाद लॉरेंस गैंग के कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली। जिसमें लिखा- राम राम जी सभी भाइयों को। 1 सितंबर की रात कनाडा में दो जगह पर फायरिंग हुई है। एक विक्टोरिया आइलैंड और वुडब्रिज टोरंटो में। दोनों वारदातों की जिम्मेदारी मैं रोहित गोदारा (लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप) लेता हूं। गैंगस्टर की पोस्ट… कौन है गैंगस्टर रोहित गोदारा
रोहित गोदारा पर 35 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिसमें सबसे ज्यादा केस राजस्थान में है। गोदारा के खिलाफ राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में केस दर्ज हैं। रोहित लॉरेंस गैंग को हर तरह के हथियार मुहैया करवाने की एक अहम कड़ी है। क्योंकि लॉरेंस और गोल्डी बराड़ द्वारा भी कई वारदातें ऐसी करवाई गई हैं, जिसमें हथियार मुहैया करवाने का जिम्मा रोहित गोदारा का रहा है। यह बात एजेंसियों और पंजाब पुलिस की जांच में भी सामने आ चुकी है। राजस्थान में 5 दिसंबर, 2023 को हुई राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी भी रोहित गोदारा ने ली थी। रोहित गोदारा पर सीकर में गैंगस्टर राजू तेहट की हत्या का भी आरोप है। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी रोहित गोदारा का नाम सामने आया था। रोहित गोदारा 2022 में फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाकर विदेश भाग गया था। एजेंसी से जुड़े सूत्रों के माने तो फिलहाल गोदारा कनाडा में ही है। सलमान के घर फायरिंग में रोहित गोदारा गैंग का नाम
सलमान खान के बांद्रा स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट के सामने 14 अप्रैल की सुबह 5 बजे फायरिंग की गई थी। दो बाइक से आए हमलावरों ने 4 राउंड फायर किए। जिस वक्त फायरिंग हुई, उस वक्त सलमान अपने घर में ही थे। फायरिंग की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग के अनमोल बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा ने ली। सलमान के घर फायरिंग करने वाला शूटर विशाल उर्फ कालू रोहित गोदारा गैंग से ताल्लुक रखता है। लॉरेंस गैंग ने ली थी सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी
पंजाब के सिंगर सिद्धू मूसेवाला की 29 मई 2022 को मानसा जिले के गांव जवाहरके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने ली थी। पंजाब सरकार के मुताबिक इस मामले में अब तक 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, दो आरोपी मुठभेड़ में मारे गए और 5 को भारत के बाहर से लाया जाना है। इसके लिए राज्य सरकार केंद्र और अन्य एजेंसियों के संपर्क में हैं।
अबोहर में करंट से महिला की मौत:घर में पंखा लगाते समय अचानक आया करंट, एक साल पहले हुई थी शादी
अबोहर में करंट से महिला की मौत:घर में पंखा लगाते समय अचानक आया करंट, एक साल पहले हुई थी शादी अबोहर में करंट लेगने से एक महिला की मौत हो गई है। हादसा उस समय हुआ जब महिला अपने घर में पंखा लगा रही थी। इसी दौरान तार में अचानक करंट आ गया। सूचना मिलते ही कलरखेड़ा चौकी पुलिस मौके पहुंची और शव को कब्जे में ले कर मोर्चरी में रखवा दिया है। पन्नीवाला गांव निवासी आंचल पत्नी राकेश कमार की एक साल पहले शादी हुई थी। वह तीन बहने व एक भाई में सबसे छोटी थी। तार में अचानक आया करंट परिजनों को रात में सूचना मिली की आंचल घर में ही पंखा लगा रही थी। इसी दौरान अचानक तार में करेंट आने से घायल हो गई। इलाज के लिए अस्पताल लाए, तो डाक्टरों ने उसे मृत बता दिया।
बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे
बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे पंजाब में BJP एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाई लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवनीत सिंह बिट्टू को अपनी कैबिनेट में शामिल कर एक बार फिर सिखों को साधने की कोशिश की है। बिट्टू लोकसभा चुनाव में लुधियाना सीट पर कांग्रेसी उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के सामने हार गए थे। पंजाब से आतंकवाद खत्म करने का श्रेय बिट्टू के दादा सरदार बेअंत सिंह को ही जाता है। बेअंत सिंह ने पंजाब का CM रहते हुए सुपर कॉप केपीएस गिल को आतंकियों के खात्मे के लिए फ्री हैंड दिया था। उनसे नाराज खालिस्तान समर्थकों ने 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ में पंजाब सेक्रेटेरिएट के बाहर बम विस्फोट करके बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी। उस धमाके में बेअंत सिंह के साथ 3 कमांडो समेत 17 लोगों की जान चली गई थी। राज्य में अमन-शांति स्थापित करने के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर देने वाले बेअंत संह और उनके परिवार को पंजाब के कुल 38.5% हिंदू पसंद करते रहे हैं। रवनीत बिट्टू को मंत्री बनाने का फायदा BJP को पंजाब में जल्दी होने वाले नगर निगम, पंचायत और पांच विधानसभा सीटों के उपचुनाव में मिल सकता है। रवनीत बिट्टू इस समय न तो लोकसभा सांसद हैं और न ही राज्यसभा के मेंबर। पंजाब विधानसभा में महज 2 विधायक होने के चलते BJP यहां से उन्हें राज्यसभा भेजने की पोजिशन में भी नहीं है। ऐसे में पार्टी उन्हें हरियाणा या किसी दूसरे स्टेट से राज्यसभा में भेज सकती है। हरियाणा में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा रोहतक सीट से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में उन्हें 15 दिन के अंदर अपनी राज्यसभा सीट खाली करनी होगी। हरियाणा में भाजपा की सरकार भी है। रवनीत बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके भाजपा की पंजाब में जिन 4 चीजों पर नजर है, आइए उन्हें वन-बाई-वन समझते समझते हैं। 1. पोते के बहाने दादा की लीगेसी को भुनाने की अप्रोच
रवनीत सिंह बिट्टू के परिवार का पंजाब में अलग सियासी रसूख है। उनके दादा स्व. बेअंत सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे। पंजाब में आतंकवाद खत्म करने की कीमत अपनी जान देकर चुकाने वाले बेअंत सिंह को पंजाबी, खासकर हिंदू बिरादरी आज भी याद करती है।भाजपा की कोशिश बिट्टू के बहाने उनके दादा की लीगेसी को भुनाने की है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में रवनीत बिट्टू ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने दादा बेअंत सिंह के फोटो होर्डंग्स और बैनर में लगाए थे। 2. 60% सिख आबादी पर नजर
पंजाब में 60% आबादी सिखों की है। बिट्टू पगड़ीधारी सिख हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पार्टी इस आबादी के करीब जाने की कोशिश कर रही है। बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके BJP ने उन लोगों को जवाब देने की कोशिश की है जो उसे पंजाब विरोधी बताते हैं।पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि बिट्टू के मंत्री बनने से पंजाबियों में उसे लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा। पार्टी की रणनीति सिख चेहरों को आगे रखते हुए ग्रामीण एरिया में पैठ बनाने की है। 3. सिख चेहरे की कमी पूरी, अकाली दल से आगे निकली पार्टी
पंजाब के अंदर BJP का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसी लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को पीछे छोड़ते हुए भाजपा वोट शेयर के मामले में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 9% के आसपास था जो 2014 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 18.56% पर पहुंच गया। दूसरी तरफ 2019 के लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल का वोट शेयर 27.45% था, जो 2024 में गिरकर 13.42% रह गया। वोट शेयर के मामले में BJP से आगे सिर्फ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी रही। प्रत्याशियों की जमानत जब्त होने के मामले में भी भाजपा का प्रदर्शन अकाली दल के मुकाबले बेहतर रहा। अकाली दल के 13 में से 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। बठिंडा से हरसिमरत कौर बादल, फिरोजपुर से नरदेव सिंह बॉबी मान और अमृतसर से अनिल जोशी ही अपनी जमानत बचा पाए। इसके मुकाबले भाजपा के 13 में से सिर्फ 4 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। इनमें खडूर साहिब के मंजीत सिंह मन्ना मियाविंड, बठिंडा से परमपाल कौर सिद्धू, संगरूर से अरविंद खन्ना और फतेहगढ़ साहिब से गेजाराम शामिल रहे। भाजपा पंजाब की 13 सीटों में से 3 सीटों पर तो दूसरे स्थान पर रही। इनमें लुधियाना, जालंधर और गुरदासपुर सीट शामिली है। पार्टी 6 सीटों-अमृतसर, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, होशियारपुर व पटियाला में तीसरे स्थान पर रही। इसके अलावा, नवजोत सिद्धू के पार्टी छोड़ जाने के बाद भाजपा के पास पंजाब में कोई सिख चेहरा नहीं बचा। BJP ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को साथ जोड़कर इस कमी को पूरा करना चाहा लेकिन बढ़ती उम्र के कारण कैप्टन सक्रिय राजनीति से लगभग किनारा कर चुके हैं। ऐसे में रवनीत बिट्टू के आने से पार्टी की सिख चेहरे की तलाश खत्म होती नजर आ रही है। 4. 2027 पर नजर, बिट्टू में देख रही फ्यूचर लीडरशिप
भाजपा बेशक इस लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन उसका टारगेट 2027 में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव है। इसकी शुरुआत पार्टी ने एक तरह से 2022 के विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद शुरू कर दी थी। अपना जनाधार बढ़ाने और रूरल एरिया में पैठ बनाने के लिए सिलसिलेवार ढंग से कांग्रेस और अकाली दल के बड़े चेहरों को पार्टी जॉइन करवाई गई। इनमें कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, परनीत कौर, रवनीत सिंह बिट्टू, केवल सिंह ढिल्लों, सुशील रिंकू, अरविंद खन्ना, पूर्व कांग्रेसी सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी, अकाली दल के पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर शामिल हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन ढाई साल पड़े हैं। रवनीत बिट्टू अभी जवान हैं। आनंदपुर साहिब और लुधियाना लोकसभा सीट से 3 बार कांग्रेस का सांसद रहने के अलावा वह पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान भी रहे हैं। भाजपा नेतृत्व को लगता है कि यदि उन्हें पार्टी की रीति-नीति के हिसाब से ढाल लिया जाए तो वह आने वाले कई बरसों तक पंजाब में पार्टी के लिए काम कर सकते हैं। पार्टी के बड़े चेहरे चुनाव हारे
भाजपा ने पहली बार पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। इनमें कुछ बड़े चेहरे भी थे। पार्टी एक भी सीट जीत नहीं पाई। होशियारपुर लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश की पत्नी अनीता सोमप्रकाश तीसरे स्थान पर खिसक गईं। अमृतसर सीट पर पार्टी उम्मीदवार तरनजीत सिंह संधू और पटियाला सीट पर पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर भी तीसरे स्थान पर रहीं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी