हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंतर्गत पढ़ने वाले ऐसे छात्र जो साल 2021-22 बैच के बीच अपनी यूजी की डिग्री जिसमें बीए, बीएससी बीकॉम और शास्त्री को किन्हीं कारणों से पूरा नहीं कर पाए हैं या कंपार्टमेंट के चलते अपनी उनके पेपर रह गए हैं। उन्हें एचपीयू ने परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए एक बार फिर सुनहरा मौका दिया है। एचपीयू द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार हिमाचल प्रदेश ऑर्डिनेंस के अनुसार उप कुलपति की शक्तियों के अनुसार कमेटी की रिकोमोडेशन पर विश्वविद्यालय 2021 -22 बैच के ऐसे छात्र जो पहले सुनहरे मौके में परीक्षाओं में उत्तीर्ण नहीं कर पाए है। कंपार्टमेंट पास नहीं कर सके या किन्हीं कारणों से पहले चांस में परीक्षा देने नहीं बैठ पाए है और द्वितीय वर्ष पास कर चुके है या द्वितीय वर्ष में भी कम्पार्टमेंट है और कॉलेजों में तृतीय वर्ष की कक्षा में प्रवेश ले चुके है। उनके लिए एचपीयू ने एक और सुनहरा मौका दिया है । शुक्रवार को एचपीयू ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। स्पेशल चांस की 10 हजार फीस वसूलेगा HPU एचपीयू द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार स्पेशल चांस में कंपार्टमेंट पेपर देने के लिए 10 हजार रूप फीस चुकाना होगी । एचपीयू अक्टूबर माह में स्पेशल चांस की परीक्षाएं आयोजित करेगा। जिसके लिए HPU परीक्षाओं के फॉर्म भरने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर देगा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंतर्गत पढ़ने वाले ऐसे छात्र जो साल 2021-22 बैच के बीच अपनी यूजी की डिग्री जिसमें बीए, बीएससी बीकॉम और शास्त्री को किन्हीं कारणों से पूरा नहीं कर पाए हैं या कंपार्टमेंट के चलते अपनी उनके पेपर रह गए हैं। उन्हें एचपीयू ने परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए एक बार फिर सुनहरा मौका दिया है। एचपीयू द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार हिमाचल प्रदेश ऑर्डिनेंस के अनुसार उप कुलपति की शक्तियों के अनुसार कमेटी की रिकोमोडेशन पर विश्वविद्यालय 2021 -22 बैच के ऐसे छात्र जो पहले सुनहरे मौके में परीक्षाओं में उत्तीर्ण नहीं कर पाए है। कंपार्टमेंट पास नहीं कर सके या किन्हीं कारणों से पहले चांस में परीक्षा देने नहीं बैठ पाए है और द्वितीय वर्ष पास कर चुके है या द्वितीय वर्ष में भी कम्पार्टमेंट है और कॉलेजों में तृतीय वर्ष की कक्षा में प्रवेश ले चुके है। उनके लिए एचपीयू ने एक और सुनहरा मौका दिया है । शुक्रवार को एचपीयू ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। स्पेशल चांस की 10 हजार फीस वसूलेगा HPU एचपीयू द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार स्पेशल चांस में कंपार्टमेंट पेपर देने के लिए 10 हजार रूप फीस चुकाना होगी । एचपीयू अक्टूबर माह में स्पेशल चांस की परीक्षाएं आयोजित करेगा। जिसके लिए HPU परीक्षाओं के फॉर्म भरने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर देगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर:बोले- 1962 में हथियाई जमीन पर इन्फ्रास्ट्रक्चर बना रहा चीन, पाकिस्तान ने आतंकवाद पाला तो चुकानी होगी कीमत
हिमाचल पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर:बोले- 1962 में हथियाई जमीन पर इन्फ्रास्ट्रक्चर बना रहा चीन, पाकिस्तान ने आतंकवाद पाला तो चुकानी होगी कीमत केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात को सीरे से खारिज कर दिया कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया है। उन्होंने कहा कि 1962 के युद्ध से पहले हथियाई जमीन पर ही चीन इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर रहा है। एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद किसी भी जमीन पर कब्जा नहीं किया। शिमला में मंगलवार को विकसित भारत 2047 बुद्धिजीवी संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि, भारत निर्माण क्षेत्र में चीन से पीछे रहा है। चीन में 10 साल पहले आर्थिक सुधार शुरू हो गए थे। विकसित भारत के लिए हमे चीन पर निर्भरता कम करनी होगी। इसके मोदी सरकार की नीयत और नीति दोनों स्पष्ट है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, भारत ने बार्डर में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर किया है। वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सड़कें, पुल, टनल इत्यादि का निर्माण किया है। इससे न केवल सेना को फायदा हुआ है, बल्कि बॉर्डर एरिया में रह रहे लोगों को सहूलियत के साथ उनका पलायन भी रुका है। बॉर्डर पर UPA सरकार ने नहीं बनाया इन्फ्रास्ट्रक्चर विदेश मंत्री ने कहा कि UPA सरकार के समय बॉर्डर पर इस सोच से इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं बनाया कि यदि सड़कें व पुल बनाए गए तो दुश्मन घुसपैठ करेंगे। मोदी सरकार ने इस सोच को बदलते हुए चीन सीमा के लिए देश का बजट यूपीए सरकार के कार्यकाल की तुलना में 3500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 15000 करोड़ किया है। POK वापस मोदी सरकार का वादा जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर (POK) भारत को वापस लेना मोदी सरकार का वादा है। सरकार इस वादे पर कायम है। इस मुद्दे पर संसद में भी प्रस्ताव पारित हुआ था, जिसमें विपक्ष भी शामिल था। मगर विपक्ष को आज इस बात को भूल चुका है और POK के मुद्दे पर अपने ही देश की आलोचना कर दुनियाभर में भारत को कमजोर करने में लगा है। पाकिस्तान ने आतंकवाद पाला तो चुकानी पड़ेगी कीमत एस जयशंकर ने कहा कि, पाकिस्तान यदि भारत से अच्छे रिश्ते चाहता है तो उसे आतंकवाद पर नियंत्रण करना होगा। ऐसा नहीं किया तो हम पाकिस्तान को पहले भी आइना दिखा चुके हैं और आगे भी मुंहतोड़ जवाब मिलेगा और सीमा पार जाकर भी जवाब देंगे। पाकिस्तान को आतंकवाद को पालना बंद करना होगा। रूस यूक्रेन युद्ध और इजराइल फिलिस्तीन रूस-यूक्रेन और फिलिस्तीन-इजराइल युद्ध के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा- इन युद्धों से दुनिया में तनाव बढ़ा है। जैसा सोचा जा रहा था की चीन-यूक्रेन युद्ध जल्द खत्म होगा। मगर तीन साल में भी चला हुआ है। ऐसे हालात में भारत की भूमिका ओर ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। दलाई लामा को वापस जाने को नहीं बोलेंगे विदेश मंत्री ने कहा, दलाई लामा चीन के अग्रेशन के बाद 1962 में स्वयं भारत आएं। हमने उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत दलाई लामा को कभी भी वापस जाने के लिए नहीं कहेगा। दलाई लामा में देशवासियों की आस्था है। हम उसका आदर करते हैं। UNO में सदस्यता में चीन अड़ंगा डाल रहा विदेश मंत्री ने कहा- भारत की संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) में विकासशील देश स्थाई सदस्यता चाहते हैं। मगर, चीन इसमे रोड़ें अटका रहा है। भारत अब चीन के पीछे भागने के बजाय नजदीकी बनाने का पक्षधर हैं। सेब का अवैध आयात रोकेंगे विदेश मंत्री ने कहा कि, किसी भी तरह की अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस को रोका जाएगा, ताकि अवैध ढंग से दुनिया से सेब भारत के बाजार में न पहुंच सके और हिमाचल के सेब बागवानों को नुकसान न उठाना पड़े। सेब पर इंपोर्ट-ड्यूटी घटाने के सवाल पर उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा पर ठीकरा फोड़ा। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार में हुए एग्रीमेंट की वजह से यह नौबत आई है। फिर भी मोदी सरकार इंपोर्ट-ड्यूटी बढ़ाने को लेकर समीक्षा कर रही है। यह तीन मंत्रालय से जुड़ा मसला है। इस पर विचार चल रहा है। दुनिया भारत की तरक्की से प्रभावित जयशंकर ने कहा कि भारत दुनिया में तेज़ी से विकास करने वाला देश बन गया है। पिछले 10 वर्षों में भारत में 70 साल की अपेक्षा दोगुना विकास हुआ है जिसकी बदौलत भारत दुनियां के पांचवी बड़ी अर्थव्यस्था बना है। दुनिया के दूसरे देश भी आज भारत की डिजिटलाइजेशन में तरक्की से प्रभावित होते है।
दिवाली के बाद शिमला का रुख कर रहे पर्यटक:होटलों में 60% से ज्यादा ऑक्यूपेंसी पहुंची, दिल्ली-ग्रुरुग्राम की हवा जहरीली
दिवाली के बाद शिमला का रुख कर रहे पर्यटक:होटलों में 60% से ज्यादा ऑक्यूपेंसी पहुंची, दिल्ली-ग्रुरुग्राम की हवा जहरीली देश की राजधानी दिल्ली सहित देश के कई बड़े शहरों में प्रदूषण बढ़ने के बाद पर्यटकों को पहाड़ों की रानी शिमला की ताजी हवा खूब रास आ रही है। दीवाली के बाद दिल्ली सहित उसके आस पास के शहरों में हवा बहुत जहरीली हो गई है। जिसके कारण लोग शिमला का रुख कर रहे हैं। शिमला विश्व विख्यात पर्यटन स्थल है, यहां मौसम सुहावना बना हुआ है। ऐसे में यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा हुआ है। अमेरिका के मेलबर्न में सेटल दिल्ली के रजत का कहना है कि दिल्ली व शिमला की हवा में बहुत फर्क है। वह खुद अस्थमा के पैशेंट हैं, दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो रहा है। लेकिन शिमला में हवा पूरी तरह साफ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में दीवाली के बाद जिस तरह प्रदूषण बढ़ा है, इस पर विचार करने की आवश्यकता है। बच्चों के भविष्य को देखते हुए हमें निर्णय होंगे। गुरुग्राम में कोहरा ही कोहरा वहीं, गुरुग्राम के रहने वाले संदीप कौशिक का कहना है कि, गुरुग्राम व शिमला के पॉल्यूशन में जमीन आसमान का फर्क है। गुरुग्राम में हाल यह है कि 10 मीटर के बाद कुछ दिखाई नहीं देता, कोहरा ही कोहरा नजर आता है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। लेकिन शिमला में एंट्री करते ही इंसान को फर्क महसूस होता है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में तापमान अभी भी 30 के पार है जबकि शिमला में में 15 के आस पास है। जिसके कारण काफी राहत है। शिमला के होटल कारोबारी प्रिंस कुकरेजा ने बताया कि होटलों में ऑक्यूपेंसी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि दीवाली व उसके बाद वीकेंड के सीजन में पर्यटक शिमला पहुंचे हैं। कुकरेजा ने बताया कि इस सप्ताह 60% से ज्यादा होटलों में ऑक्यूपेंसी रही है। वहीं उन्होंने कहा कि पॉल्यूशन दीवाली के बाद बढ़ा है, ऐसे में आगामी दिनों में पर्यटक हिमाचल का रुख करेंगे और कारोबार बढ़ेगा।
हिमाचल सीएम कल प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात:BBMB से 4000 करोड़ के एरियर की करेंगे मांग; आपदा राशि, पावर-प्रोजेक्ट में रॉयल्टी का मुद्दा भी उठाएंगे
हिमाचल सीएम कल प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात:BBMB से 4000 करोड़ के एरियर की करेंगे मांग; आपदा राशि, पावर-प्रोजेक्ट में रॉयल्टी का मुद्दा भी उठाएंगे हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला से दिल्ली रवाना हो गए हैं। सीएम सुक्खू कल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री के समक्ष हिमाचल के कई मसलों को उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के पावर प्रोजेक्ट में हिमाचली हित बेचे है। स्टेट को मिलने वाली रॉयल्टी माफ की है। इस मसले को वह प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के पास लंबित पड़े हिमाचल के करोड़ों रुपए के भुगतान का मामला भी उठाया जाएगा। केंद्र से हिमाचल को मिलनी प्रस्तावित आपदा राशि को लेकर भी बात करेंगे। उन्होंने कहा कि पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (PDNA) की ग्रांट हिमाचल को नहीं मिल पाई है। इसे लेकर भी प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। हिमाचल ने बीबीएमसी से लेना है 4000 करोड़ BBMB के पास हिमाचल की 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा की हिस्सेदारी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी हिमाचल को नहीं दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 27-9-2011 को हिमाचल के पक्ष में फैसला दिया और बीबीएमबी की तरफ से परिचालित विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी तय की। यह हिस्सेदारी 27 सितंबर से 2011 से प्रदेश को मिलनी शुरू हो गई है। मगर 2011 से पहले का एरियर अभी तक नहीं मिल पाया। हिमाचल की पूर्व सरकार ने पावर प्रोजेक्ट में रॉयल्टी कम की थी। मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि इससे हिमाचल को हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। लिहाजा रॉयल्टी के मसले पर भी मुख्यमंत्री दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे, क्योंकि कई केंद्रीय कंपनियों ने रॉयल्टी के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है।