पंजाब के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के जन्मदिन के मौके पर प्रसिद्ध गायक रॉकी मित्तल ने उनके जीवन और योगदान को समर्पित एक विशेष गीत जारी किया। चंडीगढ़ प्रेस क्लब में रविवार आयोजित कार्यक्रम में गीत की प्रस्तुति ने श्रोताओं को भावुक कर दिया और बादल के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की। रॉकी मित्तल ने कहा, “प्रकाश सिंह बादल जैसे नेता विरले ही होते हैं। यह गीत उनके प्रति मेरी सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने पंजाब को स्थिरता और विकास का नया मार्ग दिखाया।” गीत की खासियत गीत की पंक्तियां, जैसे “ਤੇਰਾ ਪੰਜਾਬ ਤਾਂ ਬਾਦਲ ਹੁਣ ਪਿਛੜ ਗਿਆ” और “ਬਿਨਾਂ ਅਕਾਲੀ ਪੰਜਾਬ ਖਾਲੀ ਲੱਗਦਾ ਏ,” ने दर्शकों के दिलों को छू लिया। गीत में बादल के जीवन, संघर्ष और पंजाब के प्रति उनके अटूट समर्पण को दर्शाया गया। चंडीगढ़ में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शकों के साथ पंजाब की प्रमुख हस्तियां भी मौजूद रहीं। रॉकी मित्तल ने इस गीत को उनके योगदान और पंजाब की धरती के प्रति उनके प्यार की याद के रूप में समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह गीत पंजाब के उस दौर को दर्शाता है, जब बादल ने अपनी नीतियों से राज्य को विकास और स्थिरता का मार्ग दिखाया था। प्रधानमंत्री और योगी के लिए गा चुके गीत उन्होंने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यना और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी वह अब तक 200 गीत गा चुके हैं। रॉकी मित्तल मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। गीत प्रस्तुत करते हुए मित्तल ने कहा, “प्रकाश सिंह बादल जैसे नेता विरले ही होते हैं। उनका जीवन और कार्य हमें प्रेरणा देते हैं। यह गीत मेरी ओर से उन्हें श्रद्धांजलि है और पंजाब के लिए उनके सपनों को साकार करने की प्रेरणा है।” रॉकी मित्तल का संदेश “बादल ने पंजाब को जो दिया, वह कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह गीत उनकी स्मृतियों को जीवित रखने का मेरा प्रयास है।” पंजाब के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के जन्मदिन के मौके पर प्रसिद्ध गायक रॉकी मित्तल ने उनके जीवन और योगदान को समर्पित एक विशेष गीत जारी किया। चंडीगढ़ प्रेस क्लब में रविवार आयोजित कार्यक्रम में गीत की प्रस्तुति ने श्रोताओं को भावुक कर दिया और बादल के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की। रॉकी मित्तल ने कहा, “प्रकाश सिंह बादल जैसे नेता विरले ही होते हैं। यह गीत उनके प्रति मेरी सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने पंजाब को स्थिरता और विकास का नया मार्ग दिखाया।” गीत की खासियत गीत की पंक्तियां, जैसे “ਤੇਰਾ ਪੰਜਾਬ ਤਾਂ ਬਾਦਲ ਹੁਣ ਪਿਛੜ ਗਿਆ” और “ਬਿਨਾਂ ਅਕਾਲੀ ਪੰਜਾਬ ਖਾਲੀ ਲੱਗਦਾ ਏ,” ने दर्शकों के दिलों को छू लिया। गीत में बादल के जीवन, संघर्ष और पंजाब के प्रति उनके अटूट समर्पण को दर्शाया गया। चंडीगढ़ में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शकों के साथ पंजाब की प्रमुख हस्तियां भी मौजूद रहीं। रॉकी मित्तल ने इस गीत को उनके योगदान और पंजाब की धरती के प्रति उनके प्यार की याद के रूप में समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह गीत पंजाब के उस दौर को दर्शाता है, जब बादल ने अपनी नीतियों से राज्य को विकास और स्थिरता का मार्ग दिखाया था। प्रधानमंत्री और योगी के लिए गा चुके गीत उन्होंने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यना और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी वह अब तक 200 गीत गा चुके हैं। रॉकी मित्तल मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। गीत प्रस्तुत करते हुए मित्तल ने कहा, “प्रकाश सिंह बादल जैसे नेता विरले ही होते हैं। उनका जीवन और कार्य हमें प्रेरणा देते हैं। यह गीत मेरी ओर से उन्हें श्रद्धांजलि है और पंजाब के लिए उनके सपनों को साकार करने की प्रेरणा है।” रॉकी मित्तल का संदेश “बादल ने पंजाब को जो दिया, वह कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह गीत उनकी स्मृतियों को जीवित रखने का मेरा प्रयास है।” पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में आज से एक्टिव होगा मानसून:15 जिलों में बारिश की संभावना, राज्य का औसतन तापमान 2.1 डिग्री बढ़ा पंजाब में आज से मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग का मानना है कि लंबे समय से सुस्त मानसून आज एक्टिव हो सकता है। आज पठानकोट, गुरदासपुर और होशियारपुर में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इनके अलावा, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, नवांशहर, रूपनगर, मोहाली, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, संगरूर, मानसा और बठिंडा में भी बारिश की संभावनाएं हैं। सोमवार को भी तापमान में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिली। राज्य का औसतन तापमान सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक दर्ज किया गया है। इन जिलों में हुई बारिश मौसम विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक सोमवार शाम तक अमृतसर में 0.7 मिमी, फिरोजपुर में 0.5 मिमी, गुरदासपुर में 4 और पठानकोट में 1 मिमी बारिश दर्ज की गई। जबकि देर रात पूर्वी मालवा में बारिश के अलर्ट के अलावा मानसा, संगरूर, बरनाला, बठिंडा, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, मोगा, जालंधर, नवांशहर और होशियारपुर के लिए फ्लैश अलर्ट जारी किया गया था।
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पंजाब में वोटिंग से 4 दिन पहले सियासी भूचाल:1.25 मिनट की अश्लील VIDEO वायरल; विरोधी नेताओं का दावा- इसमें AAP सरकार का मंत्री पंजाब में लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग से 4 दिन पहले एक अश्लील वायरल वीडियो ने सियासी भूचाल मचा दिया है। विपक्षी दल दावा कर रहे हैं कि वीडियो में दिख रहा शख्स पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार का एक मंत्री है। 1.25 मिनट की इस वीडियो में ये शख्स अश्लील हरकतें करता नजर आ रहा है। यह वीडियो कॉलिंग के जरिए बने होने की आशंका है। हालांकि दैनिक भास्कर वीडियो को लेकर किए जा रहे दावों की कोई पुष्टि नहीं करता। जानकारी के अनुसार, यह वीडियो विदेशी नंबरों से पंजाब के कुछ मीडिया संस्थानों को भेजी गई। इसमें कोई आवाज नहीं है। यह वीडियो कब की है? इसे किसने बनाया? किसने वायरल किया? इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। वीडियो में जिस मंत्री के होने का दावा किया जा रहा है, दैनिक भास्कर ने उनसे भी बात करने की कोशिश की लेकिन उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। अकाली नेता मजीठिया ने उठाए सवाल, गवर्नर को सौंपी थी वीडियो
कुछ समय पहले शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया ने दावा किया था कि इस वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स पंजाब का मंत्री है। मजीठिया ने यह वीडियो पंजाब के गवर्नर बीएल पुरोहित को भी भेजी थी। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों से इसकी जांच की मांग की थी। BJP नेता रूपाणी बोले- हरकतें शर्मनाक भाजपा के पंजाब मामलों के प्रभारी और गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी ने इस वीडियो से जुड़े सवाल पर कहा कि ये बहुत शर्मनाक हरकत है। उन्होंने पंजाब की AAP सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से लेकर उनके सारे मंत्री एक्सपोज हो चुके हैं। केपी बोले- मंत्री तुरंत इस्तीफा दें
जालंधर लोकसभा सीट से शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी मोहिंदर सिंह केपी ने कहा है कि AAP सरकार के मंत्री लेवल के किसी नेता से जुड़ा इस तरह का आपत्तिजनक वीडियो सामने आना निंदनीय है। अगर वीडियो में दिख रहा शख्स पंजाब का मंत्री ही है तो उसे तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर वह इस्तीफा नहीं देता तो फिर आम आदमी पार्टी को उस पर एक्शन लेना चाहिए। चन्नी बोले- वीडियो शर्मसार करने वाला
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और जालंधर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी चरणजीत सिंह चन्नी ने इस पूरे मामले पर कहा- मैं कीचड़ में पैर नहीं रखना चाहता। मुझे ये उम्मीद नहीं थी कि कोई मंत्री ऐसा कर सकता है। यह वीडियो शर्मसार करने वाला है। AAP के जिला प्रधान बोले- मुझे पता नहीं वीडियो में पंजाब के मंत्री होने संबंधी दावों और इसे लेकर विरोधी दलों की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर दैनिक भास्कर ने आम आदमी पार्टी की जालंधर जिला इकाई के प्रधान अमृतपाल सिंह से बात की। अमृतपाल ने कहा कि उन्हें फिलहाल इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। ना ही ऐसा कोई वीडियो उनके पास आया है। वह परिवार के साथ कहीं बाहर गए हुए थे इसलिए उन्हें इससे जुड़े विवाद की भी कोई सूचना नहीं है।
परिवार सहित पाकिस्तान जा रहे पूर्व कांग्रेस प्रधान:श्री करतारपुर साहिब में माथा टेकेंगे; पॉलिटिक्स से दूरी बना चुका परिवार, नवजोत सिद्धू क्रिकेट में बिजी
परिवार सहित पाकिस्तान जा रहे पूर्व कांग्रेस प्रधान:श्री करतारपुर साहिब में माथा टेकेंगे; पॉलिटिक्स से दूरी बना चुका परिवार, नवजोत सिद्धू क्रिकेट में बिजी पंजाब कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू आज अपने परिवार के साथ पाकिस्तान जा रहे हैं। वह सीमा पार श्री करतारपुर साहिब में माथा टेकेंगे। नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने दौरे का पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर किया है। जानकारी के मुताबिक सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर, राबिया, करण और बहू इनायत भी इस यात्रा पर उनके साथ होंगी। श्री करतारपुर साहिब की यह उनकी दूसरी यात्रा है। इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू नवंबर 2021 में श्री करतारपुर साहिब गए थे। तब कोरोना काल के बंद के बाद करतारपुर साहिब को श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया गया था, लेकिन उस समय पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी और वह खुद पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी थे। बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू के परिवार ने लंबे समय से कांग्रेस से दूरी बना रखी है। नवजोत सिंह सिद्धू राजनीति छोड़ क्रिकेट में व्यस्त हैं। हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर भाजपा नेता तरनजीत सिंह संधू से मिलने पहुंची थीं। जिसके बाद पंजाब कांग्रेस में हलचल मच गई थी। पाकिस्तान को लेकर विवादों में रहे हैं सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू और पाकिस्तान के बीच विवाद मुख्य रूप से उनके बयानों और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ उनकी दोस्ती से जुड़ा है। सिद्धू कई बार पाकिस्तान जा चुके हैं, जिसमें करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में उनकी मौजूदगी और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलना शामिल है। इस घटना से भारत में काफी विवाद हुआ, खासकर भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने इसके लिए सिद्धू की आलोचना की। पाकिस्तान के प्रति सिद्धू की सकारात्मक टिप्पणियों को अक्सर भारतीय राजनीति में गलत समझा जाता रहा है। उनका कहना है कि उनका प्रयास भारत और पाकिस्तान के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना है, खासकर करतारपुर साहिब जैसे सिख समुदाय के धार्मिक स्थलों के लिए। लेकिन उनके विरोधियों का मानना है कि उनकी ऐसी हरकतें राष्ट्र की सुरक्षा और भारत-पाक संबंधों के संवेदनशील मुद्दों से समझौता कर सकती हैं। सिद्धू परिवार राजनीति से दूर
विधानसभा चुनाव 2022 हारने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को अचानक जेल जाना पड़ा। 1988 के रोडरेज मामले में उन्हें एक साल की सजा सुनाई गई। 2023 में जेल से बाहर आने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू और उनके पूरे परिवार ने राजनीति से दूरी बना ली। लोकसभा चुनाव में स्टार प्रचारकों की सूची में नाम होने के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहीं भी प्रचार नहीं किया। इतना ही नहीं, वे कांग्रेस की बैठकों से भी दूर रहे। नवजोत सिंह सिद्धू का सियासी सफर 2004 में राजनीति में कदम रखा
नवजोत सिंह सिद्धू ने 2004 में भाजपा के टिकट पर राजनीति में कदम रखा। उन्हें अमृतसर लोकसभा सीट से टिकट मिला, और वे भारी मतों से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। संसद सदस्य के रूप में उन्होंने भाजपा के साथ अपनी पहचान मजबूत की और पंजाब में पार्टी के महत्वपूर्ण चेहरों में से एक बन गए। 2004-2014 तक लोकसभा सदस्य रहे
सिद्धू ने अमृतसर से सांसद रहते हुए कई बार चुनाव लड़े और जीते। उन्होंने 2004, 2009 और 2014 के चुनावों में अपनी सक्रिय भागीदारी दिखाई। हालांकि, 2014 में भाजपा ने अमृतसर सीट पर अरुण जेटली को टिकट दिया, जिसके चलते सिद्धू ने यह चुनाव नहीं लड़ा और इससे उनकी पार्टी के साथ असहमति बढ़ने लगी। 2016 में राज्यसभा सदस्यता और भाजपा से इस्तीफा
2016 में भाजपा ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामांकित किया, लेकिन पार्टी के साथ उनके मतभेद इतने बढ़ गए थे कि कुछ ही महीनों बाद उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और भाजपा से भी अलग हो गए। इस फैसले से उनके राजनीतिक करियर में एक बड़ा मोड़ आया। 2017 में कांग्रेस में शामिल हुए
भाजपा छोड़ने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्हें अमृतसर (पूर्व) विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद उन्हें पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों का कार्यभार संभाला। कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यकाल और मतभेद
कैबिनेट मंत्री के रूप में सिद्धू ने पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में काम किया, लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उनके मतभेद सामने आने लगे। इन मतभेदों के चलते उन्हें 2019 में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद भी वे कांग्रेस पार्टी में सक्रिय रहे, लेकिन उनकी भूमिका को लेकर विवाद जारी रहा। 2021 में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बने
2021 में, कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब में पार्टी को मजबूत करने के लिए सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया। लेकिन सिद्धू और तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच तनातनी बढ़ने से अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद पार्टी के भीतर घमासान मच गया। हार के बाद सिद्धू का प्रभाव पार्टी में कम
2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता गंवा दी और आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की। इस चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद सिद्धू का प्रभाव पार्टी में कम हो गया। 2022 में नवजोत सिंह सिद्धू को रोडरेज केस में 1 साल के लिए जेल में जाना पड़ा। 1 साल जेल में रहने के बाद 2023 में उनकी रिहाई हुई, लेकिन राजनीति में वे सक्रिय नहीं हुए। इसी दौरान उनकी पत्नी का कैंसर का ट्रीटमेंट भी चला। लोकसभा चुनावों में भी नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस के हक में प्रचार नहीं किया। सामान्य जीवन में वापस लौट रही डॉ. नवजोत कौर
कैंसर का इलाज करवाने के बाद डॉ. नवजोत कौर अब स्वस्थ हैं और धीरे-धीरे सामान्य जीवन में वापस लौट रही हैं। नवजोत सिंह सिद्धू के बीते साल जेल से बाहर आने से पहले ही उन्होंने अपना इलाज शुरू करवा दिया था। कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू हमेशा उनके साथ रहे। बीते दिनों नवजोत सिंह सिद्धू के जन्मदिन पर डल्हौजी में पूरे परिवार ने एक साथ समय बताया था। जहां नवजोत कौर ने साइकलिंग करते व डांस करते की तस्वीरों को सांझा किया था। सिद्धू परिवार के कांग्रेस से रिश्ते क्यों खराब हुए?
नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू का कांग्रेस के साथ रिश्ता हाल के वर्षों में कमजोर होता गया है। इसकी मुख्य वजह कांग्रेस के अंदर सिद्धू परिवार के साथ हुए मतभेद और अंदरूनी राजनीति बताई जा रही है। 1. अमरिंदर सिंह के साथ मतभेद
नवजोत सिंह सिद्धू ने 2017 में कांग्रेस जॉइन करने के बाद अमरिंदर सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में काम करना शुरू किया, लेकिन जल्द ही उनके और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच मतभेद पैदा हो गए। सिद्धू ने कई मुद्दों पर अपनी असहमति व्यक्त की, खासकर भ्रष्टाचार और अन्य प्रशासनिक मामलों पर। उनके और कैप्टन के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि 2019 में सिद्धू को लोकल बॉडी मिनिस्टर के पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद उन्हें बिजली विभाग दिया गया, लेकिन नवजोत सिद्धू ने वे विभाग लेने से मना कर दिया। इन मतभेदों के कारण सिद्धू परिवार और कांग्रेस में दूरियां बढ़ने लगीं। 2. पार्टी नेतृत्व और कार्यशैली पर असहमति
पंजाब कांग्रेस में सिद्धू की कार्यशैली और उनके मुखर रवैये से कई वरिष्ठ नेताओं को आपत्ति रही। सिद्धू का यह मानना था कि पार्टी में उन्हें और उनके सुझावों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था। उन्होंने कई बार खुलकर नेतृत्व की आलोचना भी की, जो पार्टी के कुछ सदस्यों को नागवार गुजरी। इसके चलते कांग्रेस के अंदर उनकी स्थिति कमजोर होती गई। 3. पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद की समस्याएं
2021 में सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया, ताकि पार्टी में एक नया जोश आए। लेकिन उनके नेतृत्व में पार्टी में एकता की बजाय अंतर्कलह बढ़ गई। सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच भी कई मुद्दों पर मतभेद सामने आए, जिससे पार्टी के अंदर अस्थिरता बनी रही। इस स्थिति से कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं में असंतोष फैला, जिससे सिद्धू का कांग्रेस में ग्राफ गिरने लगा। 4. 2022 का विधानसभा चुनाव और कांग्रेस की हार
2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार ने सिद्धू की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए। आम आदमी पार्टी की जीत के बाद कांग्रेस के अंदर हार का ठीकरा सिद्धू के सिर पर भी फूटा। चुनाव के बाद से कांग्रेस ने पंजाब में नए सिरे से रणनीति बनानी शुरू कर दी, जिसमें सिद्धू को कोई बड़ी भूमिका नहीं मिली। इस हार के बाद सिद्धू और कांग्रेस के बीच रिश्ते और कमजोर हो गए।