पंजाब के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के जन्मदिन के मौके पर प्रसिद्ध गायक रॉकी मित्तल ने उनके जीवन और योगदान को समर्पित एक विशेष गीत जारी किया। चंडीगढ़ प्रेस क्लब में रविवार आयोजित कार्यक्रम में गीत की प्रस्तुति ने श्रोताओं को भावुक कर दिया और बादल के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की। रॉकी मित्तल ने कहा, “प्रकाश सिंह बादल जैसे नेता विरले ही होते हैं। यह गीत उनके प्रति मेरी सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने पंजाब को स्थिरता और विकास का नया मार्ग दिखाया।” गीत की खासियत गीत की पंक्तियां, जैसे “ਤੇਰਾ ਪੰਜਾਬ ਤਾਂ ਬਾਦਲ ਹੁਣ ਪਿਛੜ ਗਿਆ” और “ਬਿਨਾਂ ਅਕਾਲੀ ਪੰਜਾਬ ਖਾਲੀ ਲੱਗਦਾ ਏ,” ने दर्शकों के दिलों को छू लिया। गीत में बादल के जीवन, संघर्ष और पंजाब के प्रति उनके अटूट समर्पण को दर्शाया गया। चंडीगढ़ में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शकों के साथ पंजाब की प्रमुख हस्तियां भी मौजूद रहीं। रॉकी मित्तल ने इस गीत को उनके योगदान और पंजाब की धरती के प्रति उनके प्यार की याद के रूप में समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह गीत पंजाब के उस दौर को दर्शाता है, जब बादल ने अपनी नीतियों से राज्य को विकास और स्थिरता का मार्ग दिखाया था। प्रधानमंत्री और योगी के लिए गा चुके गीत उन्होंने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यना और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी वह अब तक 200 गीत गा चुके हैं। रॉकी मित्तल मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। गीत प्रस्तुत करते हुए मित्तल ने कहा, “प्रकाश सिंह बादल जैसे नेता विरले ही होते हैं। उनका जीवन और कार्य हमें प्रेरणा देते हैं। यह गीत मेरी ओर से उन्हें श्रद्धांजलि है और पंजाब के लिए उनके सपनों को साकार करने की प्रेरणा है।” रॉकी मित्तल का संदेश “बादल ने पंजाब को जो दिया, वह कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह गीत उनकी स्मृतियों को जीवित रखने का मेरा प्रयास है।” पंजाब के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के जन्मदिन के मौके पर प्रसिद्ध गायक रॉकी मित्तल ने उनके जीवन और योगदान को समर्पित एक विशेष गीत जारी किया। चंडीगढ़ प्रेस क्लब में रविवार आयोजित कार्यक्रम में गीत की प्रस्तुति ने श्रोताओं को भावुक कर दिया और बादल के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की। रॉकी मित्तल ने कहा, “प्रकाश सिंह बादल जैसे नेता विरले ही होते हैं। यह गीत उनके प्रति मेरी सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने पंजाब को स्थिरता और विकास का नया मार्ग दिखाया।” गीत की खासियत गीत की पंक्तियां, जैसे “ਤੇਰਾ ਪੰਜਾਬ ਤਾਂ ਬਾਦਲ ਹੁਣ ਪਿਛੜ ਗਿਆ” और “ਬਿਨਾਂ ਅਕਾਲੀ ਪੰਜਾਬ ਖਾਲੀ ਲੱਗਦਾ ਏ,” ने दर्शकों के दिलों को छू लिया। गीत में बादल के जीवन, संघर्ष और पंजाब के प्रति उनके अटूट समर्पण को दर्शाया गया। चंडीगढ़ में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शकों के साथ पंजाब की प्रमुख हस्तियां भी मौजूद रहीं। रॉकी मित्तल ने इस गीत को उनके योगदान और पंजाब की धरती के प्रति उनके प्यार की याद के रूप में समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह गीत पंजाब के उस दौर को दर्शाता है, जब बादल ने अपनी नीतियों से राज्य को विकास और स्थिरता का मार्ग दिखाया था। प्रधानमंत्री और योगी के लिए गा चुके गीत उन्होंने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यना और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी वह अब तक 200 गीत गा चुके हैं। रॉकी मित्तल मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। गीत प्रस्तुत करते हुए मित्तल ने कहा, “प्रकाश सिंह बादल जैसे नेता विरले ही होते हैं। उनका जीवन और कार्य हमें प्रेरणा देते हैं। यह गीत मेरी ओर से उन्हें श्रद्धांजलि है और पंजाब के लिए उनके सपनों को साकार करने की प्रेरणा है।” रॉकी मित्तल का संदेश “बादल ने पंजाब को जो दिया, वह कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह गीत उनकी स्मृतियों को जीवित रखने का मेरा प्रयास है।” पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड का चेहरा सामने आया:अमेरिका में ट्रांसपोर्ट का बिजनेस, हरियाणा का रहने वाला, यहां भी रंगदारी मांगी
चंडीगढ़ बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड का चेहरा सामने आया:अमेरिका में ट्रांसपोर्ट का बिजनेस, हरियाणा का रहने वाला, यहां भी रंगदारी मांगी चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में क्लबों के बाहर बम धमाके कराने वाले रणदीप मलिक का चेहरा सामने आ गया है। रणदीप पिछले 9 साल से अमेरिका में है और वहां उसका महाकाल ट्रांसपोर्ट के नाम से ट्रांसपोर्ट का कारोबार है। उसके पास खुद के दो ट्रक हैं। एक ट्रक वह खुद चलाता है और दूसरे के लिए ड्राइवर रखा है। विदेश जाने के बाद ही वह लॉरेंस गैंग के संपर्क में आया था। रणदीप मलिक जींद के सफीदों के गांव एंचला कलां का रहने वाला है। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है। उसकी एक बहन है, जिसकी करीब तीन साल पहले शादी हुई थी। रणदीप ने अपनी बहन की शादी अमेरिका से लाइव देखी थी। रणदीप के माता-पिता गांव में अकेले रहते हैं। गांव के लगभग सभी लोगों ने अब रणदीप से बात करना बंद कर दिया है। उसके खिलाफ कुरुक्षेत्र थाने में 2011 में आईपीसी की धारा 323, 325 और 506 के तहत केस दर्ज हुआ था। गोहाना में भी मांगी थी रंगदारी, ग्रामीणों से हुई पूछताछ
सूत्रों ने बताया कि रणदीप मलिक ने गोहाना में भी एक व्यक्ति से रंगदारी मांगी थी। रंगदारी न देने पर उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी। हरियाणा पुलिस ने गांव के कई लोगों को पूछताछ के लिए गोहाना बुलाया था। रणदीप गांव में अपने दोस्तों और परिचितों से फोन पर बात करता था। पुलिस ने रणदीप मलिक की कॉल डिटेल की मदद से ग्रामीणों से संपर्क किया था। तब ग्रामीणों को रणदीप मलिक की असलियत पता चली। इसके बाद ग्रामीणों ने उससे बातचीत करना बंद कर दिया। साहिल के जरिए संपर्क में आया विनय
जुलाना हत्याकांड में गिरफ्तार साहिल के जरिए अजीत और विनय रणदीप मलिक के संपर्क में आए थे। अजीत और विनय वही हैं, जिन्हें चंडीगढ़ में क्लबों के बाहर धमाके के बाद पुलिस ने पकड़ा। इनमें से विनय और साहिल दोनों एक ही जेल में बंद थे, जहां उनकी दोस्ती हो गई। जींद का रहने वाला रणदीप वारदात का मास्टरमाइंड है। आरोपियों की साहिल से पुरानी दोस्ती है। उसके कहने पर वे रणदीप के संपर्क में आए थे। साहिल ने कहा था कि अगर मैं जेल चला जाऊं तो रणदीप को मैसेज करना। वह बताएगा कि क्या करना है? सिग्नल ऐप के जरिए आरोपियों से बात करता था रणदीप
विनय और अजीत सिग्नल ऐप के जरिए रणदीप से बात करते थे। रणदीप मलिक ने उन्हें बताया था कि बम कहां से उठाना है और हथियार कहां से लाना है। रणदीप उन्हें अपराध में इस्तेमाल होने वाली हर चीज मुहैया कराता था। इस काम के लिए उन्हें एडवांस में पैसे दिए जाते थे। साथ ही उन्हें विदेश में बसने का वादा भी किया जाता था। रणदीप के कारोबार को देखते हुए विनय और अजीत उसके कहने पर अपराध करने के लिए तैयार हो गए। पुलिस ने घायल कर किया था गिरफ्तार
26 नवंबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित डीओरा और सेविला क्लब के बाहर बम धमाके हुए थे। जिसमें चंडीगढ़ पुलिस की क्राइम ब्रांच और ऑपरेशन सेल ने हिसार STF के साथ मिलकर संयुक्त ऑपरेशन चलाया और हिसार के विनय और अजीत को मुठभेड़ में घायल करने के बाद गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों के पैर में गोली लगी थी। गिरफ्तारी के बाद पता चला कि इन्होंने रणदीप मलिक के निर्देश पर बम धमाके किए थे। पुलिस रिमांड के दौरान विनय और अजीत से पूछताछ कर रही है। आरोपी 6 दिन की रिमांड पर है। विदेश जाने के बाद आया गैंगस्टरों के संपर्क में
सूत्रों ने बताया कि 2015 यानी अमेरिका जाने से पहले रणदीप गैंगस्टरों के संपर्क में नहीं आया था। विदेश जाने के बाद वह लॉरेंस गैंग से जुड़ गया। बम धमाके के बाद गोल्डी बराड़ नाम के अकाउंट से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली गई थी। जिसमें सबसे नीचे हैशटैग रणदीप मलिक लिखा था। हालांकि, बाद में इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया। लॉरेंस की तरह रणदीप भी भगत सिंह का मुरीद है। उसने अपनी ट्रॉली पर भी भगत सिंह की तस्वीर लगा रखी है। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ चंडीगढ़ में धमाके से संबंधित यह खबर पढ़ें… एक महीने पहले रची गई चंडीगढ़ ब्लास्ट की कहानी:मास्टरमाइंड हरियाणा का, एडवांस पैसे दिए, सिग्नल ऐप से बातचीत, विदेश में सेटल करने का वादा चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में 2 क्लबों के बाहर USA में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के करीबी रणदीप मलिक ने बम ब्लास्ट करवाए। एक महीने पहले इसकी साजिश रची गई। मुठभेड़ में पकड़े गए दोनों आरोपी सिग्नल ऐप के जरिए रणदीप से बात करते थे। रणदीप मलिक ने उन्हें बताया कि कहां से बम उठाने हैं और कहां से हथियार। उसने कहा था कि रंजिश है, इसलिए बम मारने है। पूरी खबर पढ़ें…
दिल्ली सिख नरसंहार में टाइटलर पर आरोप तय:पुल बंगश गुरुद्वारे की घटना पर कोर्ट का फैसला; कांग्रेस सरकार में मिली थी क्लीनचिट
दिल्ली सिख नरसंहार में टाइटलर पर आरोप तय:पुल बंगश गुरुद्वारे की घटना पर कोर्ट का फैसला; कांग्रेस सरकार में मिली थी क्लीनचिट दिल्ली की कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली में सिख समुदाय के नरसंहार के 40 साल बाद कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ हत्या के आरोप तय किए हैं। जगदीश टाइटलर के खिलाफ पुल बंगश गुरुद्वारे के बाहर ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह की हत्या का केस चल रहा है। जबकि कांग्रेस सरकार के समय जगदीश टाइटलर को इस मामले में बरी कर दिया गया था। सीनियर भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली अदालत ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ हत्या के आरोप तय किए हैं। उनके खिलाफ IPC 147, 149,153A,188, 109, 295,, 380, 302 के तहत चार्ज फ्रेम किए गए। कोर्ट ने कहा कि जगदीश टाइटलर के खिलाफ इन धाराओं के तहत केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय उन्हें बरी कर दिया गया था। लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद रिव्यू पटीशन डाली गई थी। 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली में सिख समुदाय के नरसंहार के 40 साल बाद कोर्ट का ये निर्णय आया है। न्याय में देरी सही, लेकिन होता दिख रहा भाजपा के सीनियर नेशनल स्पोक्स्पर्सन आरपी सिंह ने कहा- न्याय देर से ही, पर होता दिख रहा है। 1984 सिख कत्लेआम से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा और तीन सिखों की हत्या का मामले में राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय किए। टाइटलर के खिलाफ IPC 147, 149,153A,188, 109, 295,, 380, 302 के तहत आरोप तय किया। क्यों भड़के थे दंगे 1984 ब्लू स्टार ऑपरेशन के बाद 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों बेअंत सिंह व सतवंत सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद पूरे देश में सिखों को निशाना बनाया जाने लगा। सिख विरोधी दंगे शुरू हो गए। कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर तब सांसद थे। उन्होंने दंगों में हिंसक भीड़ को सिखों के खिलाफ उकसाया था। पुल बंगश इलाके में 3 लोगों की हत्या हुई। ये बयान सिख दंगों के तत्कालीन गवाहों ने कोर्ट में दिए। इस मामले में चल रही सुनवाई पर सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। ऐसे चश्मदीद गवाह हैं जिन्होंने उसे 1984 के दंगों के दौरान भीड़ को उकसाते हुए देखा था। SGPC प्रधान बोले- न्याय की उम्मीद जगी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने 1984 के सिख नरसंहार से जुड़े एक मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत द्वारा दोष फ्रेम किए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे पीड़ितों को न्याय की उम्मीद जगी है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को सीएम मान का खत:5 पाइंट्स में रखी बात; कहा- झगड़ों में ठेकेदारों की गलती, भूमी अधिग्रहण का कार्य जारी
केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को सीएम मान का खत:5 पाइंट्स में रखी बात; कहा- झगड़ों में ठेकेदारों की गलती, भूमी अधिग्रहण का कार्य जारी पंजाब में चल रहे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट्स को लेकर केंद्र व राज्य के बीच चल रहा विवाद बढ़ता जा रहा है। आज मंगवार सीएम भगवंत मान ने भी एक खत केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी की नाराजगी के जवाब में लिख दिया। जिसमें उन्होंने ने केंद्र को सहयोग का विश्वास दिलाते हुए स्पष्ट किया कि दो दर्ज FIR में ठेकेदारों की गलतियां सामने आई हैं। सीएम भगवंत मान ने दो पन्नों के इस खत को 5 पॉइंट्स में अपनी बात रखी। जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री गड़करी की तरफ से लगाए गए आरोपों का जवाब भी दिया और प्रोजेक्ट्स में हो रही देरी के बारे में भी बता दिया। गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही नितिन गड़करी ने मुख्यमंत्री को खत लिख कर NHAI के प्रोजेक्ट्स को लेकर नाराजगी जताई थी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी की ओर से लिखे गए इस पत्र में NHAI अफसरों और ठेकेदारों की सुरक्षा के लिए AAP सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर सवाल उठाए गए थे। गड़करी ने यह भी लिखा कि अगर पंजाब में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति नहीं सुधरती और अफसरों-ठेकेदारों के साथ मारपीट की घटनाएं होती रहीं तो केंद्र सरकार पंजाब में NHAI से जुड़े प्रोजेक्ट्स बंद करने को मजबूर हो जाएगा। पंजाब में इस समय NHAI के 293KM लंबे प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं जिनकी लागत 14,288 करोड़ रुपए है। पढ़ें, सीएम मान ने केंद्रीय मंत्री को लिखे खत में क्या कहा- 1. सबसे पहले, मैं यह कहना चाहूंगा कि हम देश और राज्य दोनों के लिए एनएचएआई परियोजनाओं के महत्व को पूरी तरह से समझते हैं और हम इन परियोजनाओं के त्वरित निष्पादन के लिए प्रतिबद्ध हैं। राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण और अन्य संबंधित मामलों में एनएचएआई को सक्रिय रूप से समर्थन दे रही है। यही कारण है कि कुछ अपवादों को छोड़कर अधिकांश एन.एच.ए.आई राज्य में परियोजनाएं पटरी पर हैं। 2. आपके द्वारा संदर्भित दोनों मामलों में, स्थानीय पुलिस ने तुरंत कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की। इसके अलावा इन दोनों मामलों में गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। हालांकि, जांच में यह पाया गया कि एक घटना एनएचएआई ठेकेदार द्वारा भूमि की अत्यधिक खुदाई का परिणाम थी। दूसरी घटना ठेकेदार द्वारा अपने उप-ठेकेदार को वित्तीय बकाया का भुगतान न करने का परिणाम थी। इस प्रकार, दोनों मामले ठेकेदार के कारण जिम्मेदार कारणों से उत्पन्न हुए। विशेष DGP (कानून एवं व्यवस्था) की विस्तृत रिपोर्ट इसके साथ संलग्न है। इन सबके बावजूद, पंजाब पुलिस बेहतरीन बलों में से एक होने के नाते एनएचएआई की सुरक्षा चिंताओं का ध्यान रखने के लिए प्रतिबद्ध है। स्थानीय पुलिस को कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्षेत्र में गश्ती दल तैनात करने का निर्देश दिया गया है। 3. जहां तक भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों का सवाल है, तो आपको ऐसा करना ही होगा। इस बात की सराहना करें कि राज्य के किसान अपनी भूमि से गहराई से जुड़े हुए हैं, क्योंकि यह उनकी बेशकीमती संपत्ति है और उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है। इसके अलावा, पंजाब में जमीन की कीमतें ऊंचे स्तर पर हैं। यदि हमारे किसानों को लगता है कि मुआवजा पर्याप्त नहीं है तो वे अपनी जमीनें छोड़ने को तैयार नहीं हैं। ऐसे कई मामले हैं जिनमें किसान मध्यस्थों द्वारा दिए गए पैसों से संतुष्ट थे और निर्धारित दरों पर अपनी जमीन का कब्जा एनएचएआई को सौंपने को तैयार थे। हालाँकि, एनएचएआई मध्यस्थ के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया या फैसले को स्वीकार करने में अत्यधिक लंबा समय लिया। इससे अधिग्रहण प्रक्रिया में देरी हुई। इसी तरह, ऐसे कई मामले हैं जिनमें जमीन का कब्जा एनएचएआई को दे दिया गया, लेकिन एनएचएआई के ठेकेदारों ने अपनी मशीनरी जुटाने और काम शुरू करने में काफी समय लगा दिया। बीच में किसान फिर से जमीन पर खेती करने लगे। एक बार जब राज्य के अधिकारियों ने भूमि का कब्ज़ा एनएचएआई को दे दिया है, तो कब्ज़ा बनाए रखना एनएचएआई या उसके ठेकेदारों का कर्तव्य है। 4. मेरे निर्देश पर, मुख्य सचिव पहले से ही एनएचएआई के सामने आने वाली बाधाओं को हल करने के लिए उपायुक्तों और आरओ एनएचएआई के साथ नियमित समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। इसके अलावा, मैं व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर किसानों के साथ जुड़ने की योजना बना रहा हूं। 5. अंत में, मैं फिर से यह उल्लेख करना चाहूंगा कि हमारी सरकार एनएचएआई को उसके प्रयासों में समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है और हम देश और राज्य की प्रगति के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं। मुख्यमंत्री मान की तरफ से भेजा गया लैटर- बीते दिन ही गवर्नर ने NHAI अधिकारियों से की थी बात ये मामला तब बढ़ा जब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ पंजाब के नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने मुलाकात की। उन्होंने फिलहाल पंजाब सरकार को तो इन मामलों में कुछ नहीं कहा, लेकिन स्पष्ट किया कि हर तीन महीने में वे इस तरह की बैठकें करेंगे। जिसमें वे पंजाब में चल रहे केंद्र के प्रोजेक्ट्स की विस्तृत जानकारियां हासिल करेंगे। जानें क्या कहा था केंद्रीय मंत्री ने नितिन गडकरी ने गडकरी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र में लिख कर राज्य में चल रहे प्रोजेक्ट्स पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था- मुझे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पर हाल में हुई दो अलग-अलग घटनाओं के बारे में पता चला। इस प्रोजेक्ट का जो हिस्सा जालंधर जिले में आता है, वहां काम कर रहे एक ठेकेदार के इंजीनियर को बेरहमी से पीटा गया। मैं इससे जुड़ी तस्वीर भी भेज रहा हूं। इस घटना के संबंध में FIR दर्ज की गई लेकिन अपराधियों पर सख्त एक्शन नहीं लिया गया। गडकरी ने अपने पत्र में जिस दूसरी घटना का जिक्र किया है, वह लुधियाना जिले में हुई थी। यहां दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के ठेकेदार के कैंप पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। हमलावरों ने कैंप में मौजूद इंजीनियरों-कर्मचारियों को जिंदा जलाने की धमकी दी। इस मामले में NHAI के अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी मगर पुलिस ने न तो FIR दर्ज नहीं की और न हमला करने वाले बदमाशों को पकड़ा। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने इन मामलों में तुरंत कार्रवाई का अनुरोध किया था। प्रोजेक्ट बंद करने का अल्टीमेटम गडकरी ने अपने लेटर में लिखा- मेरी जानकारी में आया है कि पंजाब में स्थिति और खराब हो रही है। सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई इसलिए कई ठेकेदार काम करने से इनकार कर रहे हैं। इसी तरह की घटनाओं के चलते केंद्र को पंजाब में पहले भी 104 किलोमीटर के प्रोजेक्ट बंद करने पड़े थे। उन प्रोजेक्ट की कुल लागत 3263 करोड़ थी। अगर अभी भी पंजाब सरकार की ओर से NHAI के काम में अड़चने खड़ी कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो राज्य में 293KM लंबे प्रोजेक्ट्स बन करने पड़ेंगे। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट 14288 करोड़ का है। अगर इसे बंद करना पड़ा तो यह कॉरिडोर किसी काम का नहीं रहेगा।