पंजाब के संघर्ष कर रहे किसानों की नई रणनीति:कल पूरे देश में सांसदों को सौंपेंगे मांगपत्र, MSP पर प्राइवेट बिल लाने की मांग

पंजाब के संघर्ष कर रहे किसानों की नई रणनीति:कल पूरे देश में सांसदों को सौंपेंगे मांगपत्र, MSP पर प्राइवेट बिल लाने की मांग

फसलों पर MSP की लीगल गारंटी को लेकर फरवरी से संघर्ष कर रहे किसानों ने संसद के मानसून सत्र के लिए तैयारी कर ली है। कल किसानों द्वारा पूरे देश में नए चुने गए भाजपा के 240 सांसदों को छोड़कर सभी को मांग पत्र सौंपा जाएगा। इसमें NDA के अन्य घटक भी शामिल रहेंगे। सभी सांसदों से मांग की जाएगी कि लोकसभा के मानसून सत्र में फसलों की एमसएपी की लीगल गारंटी को लेकर वह प्राइवेट बिल लेकर आए। एमएसपी के लिए बजट का प्रावधान किया जाएग। नेताओं पर किसान नजर रहेगी। उसके बाद आगे की रणनीति बनाई। 11 से 2 बजे तक चलेगा प्रोग्राम किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा नवनिर्वाचित सांसदों को मांग पत्र देने की स्ट्रेटजी बना ली गई है। सोमवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक मांग पत्र सौंपने की प्रक्रिया चलेगी। इस दौरान पंजाब में 13, हरियाणा में 5, राजस्थान में 11, यूपी में 20, मध्य प्रदेश में 2 और बिहार में 6 सांसदों को मांग पत्र सौंपे जाएंगे। इसी तरह महाराष्ट्र, केरल, आंध्र व तमिलनाडु समेत करीब कई राज्यों में मांग पत्र देंगे। सभी राजनीतिक दलों का है समर्थन किसानों की फसलों की एमएसपी की मांग को लेकर चल रहे संघर्ष को कांग्रेस का पूरा समर्थन मिला है। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस ने भी किसानों को अपना समर्थन दे दिया है। तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने कुछ दिन पहले शंभू बॉर्डर पर पहुंच कर संघर्ष पर चल रहे किसानों से मुलाकात की थी। साथ ही पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी से बात करवाई थी। उन्होंने किसानों को पूरा सहयोग देने का वादा किया था। इसके अलावा आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल भी किसानों के पक्ष में है। आपको बता दें कि, जब किसान आंदोलन शुरू हुआ था तो दिल्ली से जब भाजपा के मंत्री किसानों से मीटिंग के लिए आते थे, तो सीएम भगवंत मान खुद किसानों के वकील बनकर मीटिंग में मौजूद रहते थे। वहीं, संघर्ष के दौरान किसानों को कोई दिक्कत नहीं आई थी। फसलों पर MSP की लीगल गारंटी को लेकर फरवरी से संघर्ष कर रहे किसानों ने संसद के मानसून सत्र के लिए तैयारी कर ली है। कल किसानों द्वारा पूरे देश में नए चुने गए भाजपा के 240 सांसदों को छोड़कर सभी को मांग पत्र सौंपा जाएगा। इसमें NDA के अन्य घटक भी शामिल रहेंगे। सभी सांसदों से मांग की जाएगी कि लोकसभा के मानसून सत्र में फसलों की एमसएपी की लीगल गारंटी को लेकर वह प्राइवेट बिल लेकर आए। एमएसपी के लिए बजट का प्रावधान किया जाएग। नेताओं पर किसान नजर रहेगी। उसके बाद आगे की रणनीति बनाई। 11 से 2 बजे तक चलेगा प्रोग्राम किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा नवनिर्वाचित सांसदों को मांग पत्र देने की स्ट्रेटजी बना ली गई है। सोमवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक मांग पत्र सौंपने की प्रक्रिया चलेगी। इस दौरान पंजाब में 13, हरियाणा में 5, राजस्थान में 11, यूपी में 20, मध्य प्रदेश में 2 और बिहार में 6 सांसदों को मांग पत्र सौंपे जाएंगे। इसी तरह महाराष्ट्र, केरल, आंध्र व तमिलनाडु समेत करीब कई राज्यों में मांग पत्र देंगे। सभी राजनीतिक दलों का है समर्थन किसानों की फसलों की एमएसपी की मांग को लेकर चल रहे संघर्ष को कांग्रेस का पूरा समर्थन मिला है। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस ने भी किसानों को अपना समर्थन दे दिया है। तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने कुछ दिन पहले शंभू बॉर्डर पर पहुंच कर संघर्ष पर चल रहे किसानों से मुलाकात की थी। साथ ही पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी से बात करवाई थी। उन्होंने किसानों को पूरा सहयोग देने का वादा किया था। इसके अलावा आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल भी किसानों के पक्ष में है। आपको बता दें कि, जब किसान आंदोलन शुरू हुआ था तो दिल्ली से जब भाजपा के मंत्री किसानों से मीटिंग के लिए आते थे, तो सीएम भगवंत मान खुद किसानों के वकील बनकर मीटिंग में मौजूद रहते थे। वहीं, संघर्ष के दौरान किसानों को कोई दिक्कत नहीं आई थी।   पंजाब | दैनिक भास्कर