पंजाब में आज (मंगलवार) से मौसम बदलेगा। दो दिन बारिश की संभावना है। आज राज्य के 10 जिलों में पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर, फरीदकोट, फाजिल्का, मुक्तसर, बठिंडा और मानसा में कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। वहीं, मौसम विभाग ने गरज के साथ तूफान और बिजली चमकने संबंधी येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य के अधिकतम तापमान में किसी तरह कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं, अब यह सामान्य के नजदीक पहुंच गया है। सबसे अधिक तापमान 35.6 डिग्री फरीदकोट में दर्ज किया गया है। दस अक्टूबर के बाद बारिश की संभावना नहीं चंडीगढ़ में आज मौसम बिल्कुल साफ रहेगा। बारिश की संभावना नहीं है। वहीं, इलाके में अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री दर्ज किया गया है। 24 घंटे में तापमान में 1.1 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि यह सामान्य से 1.3 डिग्री अधिक है। आज शाम से चंडीगढ़ में भी मौसम बदलने के आसार है। हालांकि मौसम विभाग की माने तो चंडीगढ़ और पंजाब में दस अक्टूबर तक बारिश की संभावना है। उसके बाद 17 तारीख तक मौसम साफ रहेगा। वहीं, दिन और रात का तापमान भी बराबर हो जाएगा। पंजाब के बड़े शहरों में दर्ज तापमान चंडीगढ़ – सोमवार को अधिकतम तापमान 35.0 डिग्री दर्ज किया गया। 24 घंटे में 1.1 डिग्री तापमान कम हुआ है। आज आकाश साफ रहेगा। तापमान 22.0 से 34.0 डिग्री के बीच रहेगा। अमृतसर – सोमवार को अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री दर्ज किया गया। तापमान में 2.9 की बढ़ोतरी हुई है। आज बादल छाएंगे। तापमान 22.0 से 34.0 डिग्री के बीच रहेगा। जालंधर – सोमवार शाम तापमान 33.0 डिग्री दर्ज किया गया। आज बादल छाएंगे। तापमान 20 से 34 डिग्री के बीच रहेगा। पटियाला – सोमवार को अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री दर्ज किया गया। 0.4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। आज आकाश साफ रहेगा । तापमान 21 डिग्री से 35 डिग्री के बीच दर्ज किया जाएगा। मोहाली – सोमवार तापमान बीते दिन 35.0 डिग्री दर्ज किया गया। तापमान में 0.2 की गिरावट दर्ज की गई है। आज आकाश साफ रहेगा । आज तापमान 23 डिग्री से 36 डिग्री के बीच रह सकता है। लुधियाना – सोमवार को अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री दर्ज गया। तापमान में 1.2 डिग्री की गिरावट दर्ज हुई। आज आकाश साफ रहेगा। तापमान 22 डिग्री से 34 डिग्री के बीच में रह सकता है। पंजाब में आज (मंगलवार) से मौसम बदलेगा। दो दिन बारिश की संभावना है। आज राज्य के 10 जिलों में पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर, फरीदकोट, फाजिल्का, मुक्तसर, बठिंडा और मानसा में कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। वहीं, मौसम विभाग ने गरज के साथ तूफान और बिजली चमकने संबंधी येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य के अधिकतम तापमान में किसी तरह कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं, अब यह सामान्य के नजदीक पहुंच गया है। सबसे अधिक तापमान 35.6 डिग्री फरीदकोट में दर्ज किया गया है। दस अक्टूबर के बाद बारिश की संभावना नहीं चंडीगढ़ में आज मौसम बिल्कुल साफ रहेगा। बारिश की संभावना नहीं है। वहीं, इलाके में अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री दर्ज किया गया है। 24 घंटे में तापमान में 1.1 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि यह सामान्य से 1.3 डिग्री अधिक है। आज शाम से चंडीगढ़ में भी मौसम बदलने के आसार है। हालांकि मौसम विभाग की माने तो चंडीगढ़ और पंजाब में दस अक्टूबर तक बारिश की संभावना है। उसके बाद 17 तारीख तक मौसम साफ रहेगा। वहीं, दिन और रात का तापमान भी बराबर हो जाएगा। पंजाब के बड़े शहरों में दर्ज तापमान चंडीगढ़ – सोमवार को अधिकतम तापमान 35.0 डिग्री दर्ज किया गया। 24 घंटे में 1.1 डिग्री तापमान कम हुआ है। आज आकाश साफ रहेगा। तापमान 22.0 से 34.0 डिग्री के बीच रहेगा। अमृतसर – सोमवार को अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री दर्ज किया गया। तापमान में 2.9 की बढ़ोतरी हुई है। आज बादल छाएंगे। तापमान 22.0 से 34.0 डिग्री के बीच रहेगा। जालंधर – सोमवार शाम तापमान 33.0 डिग्री दर्ज किया गया। आज बादल छाएंगे। तापमान 20 से 34 डिग्री के बीच रहेगा। पटियाला – सोमवार को अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री दर्ज किया गया। 0.4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। आज आकाश साफ रहेगा । तापमान 21 डिग्री से 35 डिग्री के बीच दर्ज किया जाएगा। मोहाली – सोमवार तापमान बीते दिन 35.0 डिग्री दर्ज किया गया। तापमान में 0.2 की गिरावट दर्ज की गई है। आज आकाश साफ रहेगा । आज तापमान 23 डिग्री से 36 डिग्री के बीच रह सकता है। लुधियाना – सोमवार को अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री दर्ज गया। तापमान में 1.2 डिग्री की गिरावट दर्ज हुई। आज आकाश साफ रहेगा। तापमान 22 डिग्री से 34 डिग्री के बीच में रह सकता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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एकजुट होकर कोई काम करने से हासिल होती है सफलता : उषा लुधियाना सांस्कृतिक समागम (एलएसएस) सुनील कांत मुंजाल द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी सांस्कृतिक संगठन, लुधियाना में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के 25 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। एलएसएस सेरेंडिपिटी आर्ट्स द्वारा निर्मित थ्री दिवाज नामक एक शानदार संगीत कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है। इस प्रदर्शन में प्रतिष्ठित गायिका उषा उत्थुप, शुभा मुदगल और अरुणा साईराम पहली बार एक साथ मंच साझा करेंगी, जिसका कार्यक्रम प्रशंसित तालवादक बिक्रम घोष द्वारा क्यूरेट किया गया है। क्यूरेटर बिक्रम घोष ने कहा कि थ्री दिवाज तीन महान आवाजों का एक रोमांचक संगम है। पंजाबी कल्चर बहुत ज्यादा रिच… गायिका पदमश्री अरुणा साईराम ने कहा कि वह भले ही साउथ से हैं, लेकिन पंजाबी कल्चर को बहुत फॉलो करती हैं, क्योंकि पंजाबी कल्चर बहुत ज्यादा रिच और खूबसूरत है। पंजाबी म्यूजिक, खाना और मेहमान नवाजी बहुत ही बेहतरीन है। इससे पहले अमृतसर और चंडीगढ़ में परफॉर्म करने का मौका मिला था, जिसका अनुभव बहुत ही अच्छा रहा। मुझे पंजाबी फिल्में देखना भी बहुत पसंद है। गुरदास मान मेरे पसंदीदा पंजाबी गायक हैं। इस जुगलबंदी को लेकर बहुत उत्साहित हैं, क्योंकि हर किसी के गाने का तरीका एकदम जुदा है और हर कोई अपने-अपने अंदाज में ही मंच पर परफॉर्म करेगा। चेन्नई में बहुत ही अच्छी हिंदी सिखाई जाती है, जहां से सीखी इसलिए हिंदी में पकड़ मजबूत है। इस एक मंच में हम तीनों की अलग-अलग टीमें म्यूजिशियन की होंगी। ये संगीत उत्सव संगीत में विविधता की सुंदरता का एक शक्तिशाली प्रमाण साबित होगा। पारंपरिक कला को बढ़ावा दें… शास्त्रीय संगीत की जानी मानी गायिका पदमश्री शुभा मुदगल ने कहा कि 25 साल के बाद लुधियाना आकर बहुत अच्छा लग रहा है। आज भी भारतीय क्लासिकल संगीत सुनने वालों की संख्या कोई कम नहीं है। पहले जहां छोटे-छोटे जलसों में संगीत कार्यक्रम होते थे, वहीं आज बहुत बड़े-बड़े कॉन्सर्ट होते हैं। हालांकि हर कोई क्लासिकल का चाहने वाला नहीं हो सकता न ही किसी को फोर्स किया जा सकता है, लेकिन क्लासिकल ने आज भी अपनी जगह बनाई हुई है। पारंपरिक कला को बढ़ावा दिया जाए तो इसका चलन कभी कम नहीं होगा। इसके लिए समाज से स्वीकृति बहुत ज्यादा जरूरी है फिर चाहे क्लासिकल गायकी हो, गजल या फिर कव्वाली। मेरे लिए संगीत एक भाषा है, जिससे मैं जो बोलना चाहती हूं और बोलती हूं। पंजाब में दिलजीत दोसांझ को सुनना पसंद है, उन्होंने सबका दिल जीता हुआ है। मुझे भाषाओं से बहुत प्यार है, इसके जरिए आप लोगों के दिल में आसानी से जगह बना सकते हैं भारतीय इंडी पॉप और पार्श्वगायिका पदमभूषण उषा उत्थुप ने कहा कि मैं लुधियाना आकर बहुत खुश हूं। यहां आए हुए बहुत साल हो गए हैं, लेकिन मेरा देश और विदेश में सबसे बड़ा हिट गाना काली तेरी गुत्त ते परांदा तेरा लाल नी, 1969 में आसा सिंह मस्ताना का आज भी लोगों का पसंदीदा गाना है। संगीत बहुत ज्यादा शक्तिशाली है। किसी भी गाने को क्लासिक होने में समय लगता है। एकजुट होकर कोई काम करने से सफलता जरूर हासिल होती है। 1969 में जब गाना शुरू किया तो माहौल बिल्कुल अलग था। मुझे खुशी है कि मैंने अपने ट्रेडिशनल पहनावे के साथ ही गानों का ट्रेंड बदला। मुझे भाषाओं से बहुत प्यार है। इससे आप सीधा लोगों के दिलों में जगह बना लेते हैं। मुझे पंजाबी गायक गुरदास मान को सुनना बहुत पसंद है।
होशियारपुर में सांसद से मिले किसान:किसानों की मांगों पर चर्चा, संसद में उठाए जाने की मांग, सौंपे मांग पत्र
होशियारपुर में सांसद से मिले किसान:किसानों की मांगों पर चर्चा, संसद में उठाए जाने की मांग, सौंपे मांग पत्र होशियारपुर में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले विभिन्न किसान संगठनों से जुड़े दर्जनों किसान आज सुबह होशियारपुर के सांसद के आवास पर पहुंचे और अपनी मांगों के समर्थन में मांग पत्र सौंपा। किसानों ने सांसद के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी की। किसान नेता जंगवीर सिंह तथा हरबंस सिंह संघा के नेतृत्व में सांसद डा. राजकुमार से मिले किसानों ने दो मांग पत्र सौंपे और सांसद के साथ सभी किसानों की मांगों पर चर्चा की। कहा गया कि सांसद किसानों की विभिन्न समस्याओं को संसद के आगामी सत्र में उठाकर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित कराएं। किसानों का कहना था कि पंजाब समेत पूरे देश के किसान पिछले काफी समय से अपनी समस्याओं को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं। सांसद ने किसानों की समस्याओं को संसद में उठाने का भरोसा दिया है। यह किसान नेता रहे उपस्थित सांसद से मुलाकात करने वाले किसानों में जंगवीर सिंह चौहान, प्रीतपाल सिंह गुराया, अवतार सिंह प्लाकी सर्कल प्रधान, रणजीत सिंह बाजवा, बलवीर सिंह सोहियां, परगन सिंह, साबा डढियाला, बलजीत सिंह, शनिनंद सिंह, पवित्र सिंह धुग्गा बी.के.यू कदियां, गोगा बाजवा, सुखदेव सिंह काहरी, रघुविंदर सिंह कहरी, जोगा सिंह साहरी, बलजीत सिंह साहरी, दविंदर सिंह कक्कों, ओम सिंह सोढ़ी काहरी, दर्शन सिंह महू, गुरनेक सिंह भजल, मलकीत सिंह सलेमपुर, मंगत सिंह होशियारपुरी तथा गुरचरण सिंह आदि शामिल थे।
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हरियाणा-पंजाब के 12 खिलाड़ियों को खेल पुरस्कार:बॉक्सर से शूटर बनीं मनु भाकर; कबड्डी ट्रायल के लिए गईं स्वीटी बूरा ने बॉक्सर हराए भारत सरकार की ओर से खेल पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट जारी कर दी गई है। इनमें हरियाणा के 4 और पंजाब का एक खिलाड़ी शामिल है। हरियाणा में सबसे ऊपर शूटर मनु भाकर का नाम है, जिन्होंने पेरिस ओलिंपिक में देश को 2 ब्रॉन्ज मेडल दिलाए। इस प्रदर्शन के लिए उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड दिया जाएगा। वहीं, हरियाणा की बॉक्सर स्वीटी बूरा, हॉकी प्लेयर संजय कालीरावण, रेसलर अमन सहरावत, हॉकी प्लेयर अभिषेक नैन, पैरा-एथलीट धर्मबीर नैन, पैरा-एथलीट प्रणव सूरमा ,पैरा-एथलीट नवदीप सिंह, शूटर सरबजोत सिंह और पंजाब के हॉकी खिलाड़ी जरमनप्रीत सिंह व सुखजीत सिंह को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा इंडियन हॉकी टीम के कप्तान पंजाब के हरनमप्रीत सिंह को भी मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। वहीं, हॉकी कोच संदीप सांगवान को भी द्रोणाचार्य अवॉर्ड दिया जाना है। इनमें मनु भाकर ऐसी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने करीब आधा दर्जन खेलों में हाथ आजमाने के बाद शूटिंग चुनी। वहीं, स्वीटी कबड्डी की ट्रेनिंग के लिए गईं, लेकिन बॉक्सर बन गईं। हरमनप्रीत ने खेतों में काम करते हुए अपने हुनर को तराशा था। वहीं, अमन ने 11 साल की उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया था। इसके बाद भी वह ओलिंपियन रेसलर बने। 17 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में होने वाली अवॉर्ड सेरेमनी में इन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पुरस्कृत किया जाएगा। अब पढ़िए इन खिलाड़ियों की उपलब्धियां और सफर… मनु को बॉक्सर बनाना चाहते थे पिता
मनु भाकर हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं। पिछले साल हुए पेरिस ओलिंपिक में शूटिंग में 2 मेडल जीतने वाली हरियाणा की मनु भाकर हमेशा से शूटर नहीं थीं। मनु के पिता रामकिशन और उनके बड़े भाई उन्हें बॉक्सर बनाना चाहते थे। मनु ने बॉक्सिंग शुरू भी की थी और नेशनल इवेंट में मेडल भी जीते, लेकिन प्रैक्टिस के दौरान मनु की आंख पर पंच लगने से वह घायल हो गई थीं। इसके बाद उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ने का मन बना लिया। मनु की मां सुमेधा ने भी बेटी के फैसले का समर्थन किया। मनु ने बॉक्सिंग छोड़कर मार्शल आर्ट्स में हाथ आजमाया, लेकिन यहां भी मन नहीं लगा। आर्चरी, टेनिस, स्केटिंग की प्रैक्टिस शुरू की, मेडल भी जीते, लेकिन किसी में मन नहीं लगा। आखिर में वह शूटिंग करने लगीं और मजा आने लगा। फिर इसी को उन्होंने अपनी स्पेशलिटी बना लिया। मनु हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं। उन्होंने पेरिस में इंडिविजुअल और मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज जीता था। इसी के साथ एक ओलिंपिक में 2 मेडल जीतने वाली वह पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं। मां ने छिपा दी मनु की पिस्टल
2021 में हुए टोक्यो ओलिंपिक में मनु भाकर शूटिंग के क्वालिफाइंग राउंड में थीं। मनु को 55 मिनट में 44 शॉट लेने थे। तभी उनकी पिस्टल खराब हो गई। 20 मिनट तक वह निशाना नहीं लगा पाईं। पिस्टल ठीक हुई, तब भी मनु सिर्फ 14 शॉट लगा पाईं और फाइनल की रेस से बाहर हो गईं। इसके बाद मनु जब भारत लौटीं तो इतनी उदास थीं कि मां को फिक्र होने लगी। उन्होंने मनु की पिस्टल छिपा दी, ताकि उस पर नजर न पड़े और मनु दुखी न हो। मां ने बताया कि मैं मनु का मैच नहीं देख पाई थी। बाद में उसका वीडियो देखा तो बहुत दुख हुआ। मुझे लगा कि जब मैं दुखी हो रही हूं, तो मनु की क्या हालत हो रही होगी। 15 दिन की प्रैक्टिस में स्टेट कॉम्पिटिशन में जीता गोल्ड
मनु ने सिर्फ 15 दिन प्रैक्टिस की और महेंद्रगढ़ में हुए स्टेट कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने चली गईं। पहले ही कॉम्पिटिशन में गोल्ड जीतकर लौटीं। प्राइज में 4500 रुपए मिले। मनु काफी खुश थीं। पेरेंट्स को भी लगा कि वह शूटिंग में अच्छा कर सकती हैं। शूटिंग शुरू करने के सिर्फ 3 साल बाद 2017 में मनु नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में उतरीं। उन्होंने ओलिंपियन और पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 हीना सिद्धू को हरा दिया। साथ ही 10 मीटर एयर पिस्टल में 242.3 का स्कोर कर नया रिकॉर्ड भी बना दिया। मनु ने चैंपियनशिप में 9 गोल्ड जीते, जो नेशनल रिकॉर्ड है। पेरिस ओलिंपिक में जीते 2 मेडल
इधर, पेरिस ओलिंपिक के दूसरे ही दिन भारतीय शूटर मनु भाकर ने भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था। उन्होंने विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में 221.7 पॉइंट्स के साथ मेडल जीता। ओलिंपिक के इतिहास में शूटिंग में मेडल दिलाने वाली मनु पहली भारतीय महिला हैं। मनु ने अपना दूसरा मेडल अंबाला शूटर सरबजोत के साथ 10 मीटर पिस्टल मिक्स्ड इवेंट में जीता। दोनों की जोड़ी ने कोरियाई टीम को 16-10 से हराया। मनु एक ओलिंपिक में 2 मेडल जीतने पहली भारतीय बनीं। चीन की खिलाड़ी को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी थीं स्वीटी बूरा…
हरियाणा में BJP की टिकट पर रोहतक की महम सीट से चुनाव लड़ने वाले भारतीय कबड्डी कैप्टन दीपक हुड्डा की पत्नी बॉक्सर स्वीटी बूरा को अर्जुन पुरस्कार दिया जाएगा। स्वीटी बूरा 23 मार्च 2023 को लाइट हैवीवेट कैटेगरी में चीन की वांग लीना को 3-4 से हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी थीं। ऐसा करने वाली वह 7वीं भारतीय बॉक्सर थीं। उनकी इसी उपलब्धियों को देखते हुए उनका नाम शॉर्ट लिस्ट किया गया है। कबड्डी ट्रायल के लिए गईं, बन गई बॉक्सर
स्वीटी के पिता महेंद्र सिंह बताते हैं, ‘स्वीटी पहले गांव में कबड्डी खेलती थी। हम उसे ट्रायल के लिए SAI (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया), हिसार के STC (स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर) में ले गए, लेकिन वहां कबड्डी नहीं होती थी। स्वीटी की फिजीक देख कोच ने कहा कि बॉक्सिंग का ट्रायल दे दो। स्वीटी राजी थी। कोच ने उसे बॉक्सिंग के नियम बताए और डिफेंड करना सिखाया। स्वीटी का बॉक्सिंग ट्रायल हुआ। उसने उन लड़कियों को हरा दिया, जो 2 साल से ट्रेनिंग कर रही थीं। कोच ने हमसे पूछा भी कि यह पहले से बॉक्सिंग करती थी? हमने कहा, नहीं, बस कबड्डी खेलती है। 2009 में SAI, हिसार में उसका एडमिशन बॉक्सिंग में हो गया।’ बरवाला से चुनाव लड़ना चाहती थी स्वीटी
हरियाणा की पंच क्वीन स्वीटी बूरा हिसार की बरवाला विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं। स्वीटी ने BJP की टिकट पर बरवाला से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया था। स्वीटी बूरा ने इसकी घोषणा बरवाला के गांव सरसौद में अपने ननिहाल से की थी। हालांकि उन्हें टिकट नहीं मिली। स्वीटी बूरा हिसार की रहने वाली हैं, उनकी शादी रोहतक के गांव चमारिया में कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा से हुई थी। स्वीटी बूरा ने जनवरी 2024 में भाजपा का दामन थामा था। रोहतक में पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में पति के साथ स्वीटी ने भाजपा जॉइन की थी। स्वीटी बूरा को भीम अवॉर्ड मिल चुका
10 जनवरी 1993 को हरियाणा के हिसार में एक किसान परिवार में स्वीटी बूरा का जन्म हुआ था। स्वीटी बूरा का शुरुआत से ही रुझान कबड्डी की तरफ था। वह हरियाणा से कबड्डी की स्टेट लेवल प्लेयर भी बनीं। हालांकि, साल 2009 में उनके जीवन ने करवट ली। पिता महेंद्र सिंह बूरा के आग्रह पर स्वीटी ने कबड्डी छोड़ बॉक्सिंग शुरू की। इसके बाद स्वीटी ने एशियन चैम्पियनशिप 2015 में सिल्वर, 2022 में ब्रॉन्ज और 2023 में गोल्ड मेडल जीता। 2017 में हरियाणा सरकार ने उन्हें भीम अवॉर्ड से सम्मानित किया था। संजय ने 7 साल की उम्र में हॉकी थामी…
हॉकी प्लेयर संजय कालीरावण को भारत सरकार ने अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित करने का फैसला लिया है। वह पेरिस ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। संजय परिवार के साथ हिसार के गांव डाबड़ा में रहते हैं। संजय कालीरावण ने 7 साल की उम्र में हॉकी थामी थी। आर्थिक तंगी के कारण वह हॉकी नहीं खरीद सके थे। एक माह तक अपने सीनियर्स की हॉकी लेकर उन्होंने प्रैक्टिस की। इसके बाद कोच राजेंद्र सिहाग ने हॉकी दिलाई तो संजय ने हॉकी में नाम चमका दिया। पिता किसान, चचेरे भाई के साथ गए तो हॉकी सीखने की ठानी
संजय के पिता नेकीराम खेतीबाड़ी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। वर्ष 2008 में जब संजय के चाचा के बेटे ने हॉकी का प्रशिक्षण लेना शुरू किया तो वह भी उसके साथ दो-तीन दिन गए। मैदान में खिलाड़ियों के हाथ में हॉकी देख उसने हॉकी सीखने की ठानी। वह स्कूली इंडिया टीम के कैप्टन रह चुके हैं। इसके अलावा जूनियर, सब-जूनियर चंडीगढ़ टीम की कप्तानी की है। उन्होंने नेशनल से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 30 से अधिक मेडल हासिल किए हैं। अमन सहरावत को अर्जुन पुरस्कार… हरियाणा में झज्जर जिले के गांव बिरोहर में रहने वाले 21 वर्षीय अमन सहरावत ने पेरिस ओलिंपिक में देश को कुश्ती में मेडल दिलाया। उन्होंने 57 किग्रा कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। अमन रवि दहिया को अपनी इंस्पिरेशन मानते हैं। दहिया को ही हराकर अमन ने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई भी किया। दहिया ने टोक्यो ओलिंपिक में भारत को सिल्वर मेडल दिलाया था। दहिया से ही इंस्पिरेशन लेकर अमन ने अपने कमरे में गोल्ड मेडल की फोटो टांगी। उन्होंने अपने कमरे में लिखा है, ‘आसान होता तो हर कोई कर लेता।’ अमन सहरावत ने 11 साल की उम्र में माता-पिता को खोया
अमन सहरावत की मौसी सुमन ने बताया कि अमन 11 साल का था, जब उसकी मां दुनिया छोड़कर चली गई। बेटा डिप्रेशन में न चला जाए, इसलिए पिता ने कुश्ती में डाल दिया, लेकिन 6 महीने बाद पिता का भी देहांत हो गया। अमन के पिता का सपना था कि घर में कोई न कोई पहलवानी करे और भारत के लिए मेडल जीते। अमन ने कहा था पिता का सपना जरूर पूरा करूंगा। अमन ने देश को पेरिस ओलिंपिक में रेसलिंग का पहला मेडल दिलाया था। अमन ने प्यूर्टो रिको के डरियन टोई क्रूज को 13-5 से हराकर मेडल जीता। उन्होंने शुरुआती 2 मैच जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन जापान के रेसलर से हारकर उन्हें ब्रॉन्ज मेडल मैच खेलना पड़ा। जापानी रेसलर ने गोल्ड मेडल जीता। हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को खेल रत्न भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को अपने दमदार खेल और असाधारण प्रतिभा के बल पर मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवार्ड मिलने जा रहा है। उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में टोक्यो 2020 ओलिंपिक में कांस्य पदक, 2023 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलिंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। हरमनप्रीत सिंह का जन्म 6 जनवरी 1996 को पंजाब के अमृतसर जिले के जंडियाला गुरु बस्ती में एक किसान परिवार में हुआ। बचपन में हरमनप्रीत खेतों में परिवार का हाथ बंटाते थे और ट्रैक्टर चलाते थे। खेतों में काम करते हुए उनके हाथों ने ड्रैग-फ्लिक के हुनर को तराशा। 2011 में हरमनप्रीत ने जालंधर के सुरजीत अकादमी में दाखिला लिया, जहां स्पेशलिस्ट गगनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह उनकी पेनल्टी कॉर्नर की कला में और सुधार लाए। जूनियर स्तर पर हरमनप्रीत का प्रदर्शन
हरमनप्रीत ने 2011 में सुल्तान जोहोर कप के जरिए भारतीय जूनियर टीम में डेब्यू किया। 2014 में इसी टूर्नामेंट में उन्होंने 9 गोल किए और ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का खिताब जीता। इसके बाद 2016 में जूनियर विश्व कप जीतने में अहम भूमिका निभाई। सीनियर टीम में डेब्यू और ओलिंपिक सफर
हरमनप्रीत ने 2015 में जापान के खिलाफ सीनियर टीम के लिए डेब्यू किया। 2016 में रियो ओलिंपिक के लिए चुने जाने के बाद वह टीम का हिस्सा बने। हालांकि, रियो में भारत का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा, लेकिन हरमनप्रीत ने 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में शानदार वापसी की। टोक्यो 2020 में हरमनप्रीत ने 6 गोल कर भारत को 41 वर्षों बाद ओलिंपिक पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।