पंजाब के 233 स्कूलों का चयन प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) स्कीम के अधीन हुआ है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों को वर्ल्ड क्लास एजुकेशन दी जाएगी। वहीं, इन स्कूलों का नाम भी बदलेगा। सभी स्कूलों के नामों के आगे अब पीएम श्री लग जाएगा। इस संबंधी शिक्षा विभाग की तरफ से नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। सभी 23 जिलों के स्कूलों को स्कीम में शामिल किया गया है। इन स्कूलों में इस तरह की मिलेगी सुविधाएं स्कीम के तहत हर ब्लॉक से एक प्राथमिक, एक उच्च और एक सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को चुना गया है। इन स्कूलों के स्टूडेंट्स को फर्नीचर, आउटडोर खेल सामग्री, स्मार्ट कक्षाएं और कंप्यूटर लैब सहित सारी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके पीछे की कोशिश शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। योजना के लिए केंद्र सरकार ने 27360 करोड़ रुपए का बजट रखा हुआ है। यह पांच वर्षों के लिए है। इसमें केंद्र सरकार का बजट 18128 करोड़ का रहेगा। जबकि शेष राशि अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रफ से खर्च की जानी है। स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 के मूल सिद्धांतों को लागू किया जाएगा। पंजाब में हैं 18 हजार से अधिक स्कूल पंजाब में कुल 18 हजार से अधिक स्कूलों में तीस लाख विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वहीं, पंजाब सरकार की तरफ से 100 स्कूलों को स्कूल ऑफ एमिनेंस बनाया जा रहा है। इन स्कूलों में इस साल के लिए 100 करोड़ का बजट रखा हुआ है। वहीं, अब जल्दी ही पंजाब सरकार की योजना स्कूल ऑफ हैप्पीनेस स्थापित करने की है। इसके लिए 72 स्कूलों के पहले बैच को फिनलैंड से ट्रेनिंग दिलाई गई है। वहीं, रूपनगर स्कूल से प्रोजेक्ट का आगाज किया जा रहा है। पंजाब के 233 स्कूलों का चयन प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) स्कीम के अधीन हुआ है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों को वर्ल्ड क्लास एजुकेशन दी जाएगी। वहीं, इन स्कूलों का नाम भी बदलेगा। सभी स्कूलों के नामों के आगे अब पीएम श्री लग जाएगा। इस संबंधी शिक्षा विभाग की तरफ से नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। सभी 23 जिलों के स्कूलों को स्कीम में शामिल किया गया है। इन स्कूलों में इस तरह की मिलेगी सुविधाएं स्कीम के तहत हर ब्लॉक से एक प्राथमिक, एक उच्च और एक सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को चुना गया है। इन स्कूलों के स्टूडेंट्स को फर्नीचर, आउटडोर खेल सामग्री, स्मार्ट कक्षाएं और कंप्यूटर लैब सहित सारी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके पीछे की कोशिश शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। योजना के लिए केंद्र सरकार ने 27360 करोड़ रुपए का बजट रखा हुआ है। यह पांच वर्षों के लिए है। इसमें केंद्र सरकार का बजट 18128 करोड़ का रहेगा। जबकि शेष राशि अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रफ से खर्च की जानी है। स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 के मूल सिद्धांतों को लागू किया जाएगा। पंजाब में हैं 18 हजार से अधिक स्कूल पंजाब में कुल 18 हजार से अधिक स्कूलों में तीस लाख विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वहीं, पंजाब सरकार की तरफ से 100 स्कूलों को स्कूल ऑफ एमिनेंस बनाया जा रहा है। इन स्कूलों में इस साल के लिए 100 करोड़ का बजट रखा हुआ है। वहीं, अब जल्दी ही पंजाब सरकार की योजना स्कूल ऑफ हैप्पीनेस स्थापित करने की है। इसके लिए 72 स्कूलों के पहले बैच को फिनलैंड से ट्रेनिंग दिलाई गई है। वहीं, रूपनगर स्कूल से प्रोजेक्ट का आगाज किया जा रहा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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से की थी बात ये मामला तब बढ़ा जब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ पंजाब के नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने मुलाकात की। उन्होंने फिलहाल पंजाब सरकार को तो इन मामलों में कुछ नहीं कहा, लेकिन स्पष्ट किया कि हर तीन महीने में वे इस तरह की बैठकें करेंगे। जिसमें वे पंजाब में चल रहे केंद्र के प्रोजेक्ट्स की विस्तृत जानकारियां हासिल करेंगे। जानें क्या कहा था केंद्रीय मंत्री ने नितिन गडकरी ने गडकरी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र में लिख कर राज्य में चल रहे प्रोजेक्ट्स पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था- मुझे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पर हाल में हुई दो अलग-अलग घटनाओं के बारे में पता चला। इस प्रोजेक्ट का जो हिस्सा जालंधर जिले में आता है, वहां काम कर रहे एक ठेकेदार के इंजीनियर को बेरहमी से पीटा गया। मैं इससे जुड़ी तस्वीर भी भेज रहा हूं। इस घटना के संबंध में FIR दर्ज की गई लेकिन अपराधियों पर सख्त एक्शन नहीं लिया गया। गडकरी ने अपने पत्र में जिस दूसरी घटना का जिक्र किया है, वह लुधियाना जिले में हुई थी। यहां दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के ठेकेदार के कैंप पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। हमलावरों ने कैंप में मौजूद इंजीनियरों-कर्मचारियों को जिंदा जलाने की धमकी दी। इस मामले में NHAI के अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी मगर पुलिस ने न तो FIR दर्ज नहीं की और न हमला करने वाले बदमाशों को पकड़ा। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने इन मामलों में तुरंत कार्रवाई का अनुरोध किया था। प्रोजेक्ट बंद करने का अल्टीमेटम गडकरी ने अपने लेटर में लिखा- मेरी जानकारी में आया है कि पंजाब में स्थिति और खराब हो रही है। सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई इसलिए कई ठेकेदार काम करने से इनकार कर रहे हैं। इसी तरह की घटनाओं के चलते केंद्र को पंजाब में पहले भी 104 किलोमीटर के प्रोजेक्ट बंद करने पड़े थे। उन प्रोजेक्ट की कुल लागत 3263 करोड़ थी। अगर अभी भी पंजाब सरकार की ओर से NHAI के काम में अड़चने खड़ी कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो राज्य में 293KM लंबे प्रोजेक्ट्स बन करने पड़ेंगे। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट 14288 करोड़ का है। अगर इसे बंद करना पड़ा तो यह कॉरिडोर किसी काम का नहीं रहेगा।
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