पंजाब में 21 दिसंबर को होने वाले 5 नगर निगम व 44 नगर काउंसिल चुनाव के लिए अब पांच दिन शेष रह गए हैं। चुनाव को फतह करने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने 69 कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए हैं। सांसद, मंत्रियों और विधायकों की चुनाव के लिए ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा स्थानीय मुद्दों पर चुनावी घोषणा पत्र जारी किए जा रहे हैं, ताकि वोटरों का दिल जीता जा सकें। पार्टी इन चुनावों को हर हाल में फतह करना चाहती है। क्योंकि इसके ठीक बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव हैं। इन चुनावों की जीत को पार्टी वहां पर कैश करने की कोशिश करेगी। ऐसे में किसी भी स्तर पर पार्टी कोई कमी रखने के मूड़ में नहीं है। कोऑडिनेटर सूची इन पांच वजह से चुनाव है अहम 1. इस बार होने नगर निगम चुनाव AAP के लिए काफी अहम है। क्योंकि इस समय राज्य में पार्टी की सरकार है। 117 विधानसभा हलकों में 95 पर पार्टी के विधायक हैं। ऐसे में पार्टी की इन चुनावों को फतह करने की तैयारी में है। 2. नगर निगम चुनाव दिल्ली चुनाव से ठीक पहले है। दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी की सरकार है। ऐसे में अगर इन चुनावों में पार्टी को मन मुताबिक रिजल्ट नहीं मिलते हैं। तो नतीजों का असर दिल्ली चुनाव पर भी पड़ेगा। 3. नगर निगम चुनाव भी शहरी एरिया में हो रहे हैं। ऐसे में इस बार सीधा मुकाबला कांग्रेस से नहीं होगा। जबकि शहरी एरिया होने की वजह से इस एरिया में भाजपा की भी पकड़ मजबूत मानी जाती हैं। कई नगर निगमों व नगर काउंसिलों में पहले भी भाजपा के पार्षद और मेयर तक रहे हैं। 4. यह चुनाव अमन अरोड़ा के प्रधान बनने के बाद पहली बार हो रहे हैं। इस चुनाव की अगुवाई सीधे वह ही कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने कई जिलों में जाकर नेताओं से मीटिंग की। साथ ही चुनाव बनाने की स्ट्रेटजी बनाई थी। 5. नगर निगम चुनाव के बाद सीधे 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी की तरफ से कोशिश की जाएगी कि हर हालत में यह चुनाव जीते जाए। साथ ही 2027 में होने वाले चुनाव की राह को आसान बनाया जाए। पंजाब में 21 दिसंबर को होने वाले 5 नगर निगम व 44 नगर काउंसिल चुनाव के लिए अब पांच दिन शेष रह गए हैं। चुनाव को फतह करने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने 69 कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए हैं। सांसद, मंत्रियों और विधायकों की चुनाव के लिए ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा स्थानीय मुद्दों पर चुनावी घोषणा पत्र जारी किए जा रहे हैं, ताकि वोटरों का दिल जीता जा सकें। पार्टी इन चुनावों को हर हाल में फतह करना चाहती है। क्योंकि इसके ठीक बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव हैं। इन चुनावों की जीत को पार्टी वहां पर कैश करने की कोशिश करेगी। ऐसे में किसी भी स्तर पर पार्टी कोई कमी रखने के मूड़ में नहीं है। कोऑडिनेटर सूची इन पांच वजह से चुनाव है अहम 1. इस बार होने नगर निगम चुनाव AAP के लिए काफी अहम है। क्योंकि इस समय राज्य में पार्टी की सरकार है। 117 विधानसभा हलकों में 95 पर पार्टी के विधायक हैं। ऐसे में पार्टी की इन चुनावों को फतह करने की तैयारी में है। 2. नगर निगम चुनाव दिल्ली चुनाव से ठीक पहले है। दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी की सरकार है। ऐसे में अगर इन चुनावों में पार्टी को मन मुताबिक रिजल्ट नहीं मिलते हैं। तो नतीजों का असर दिल्ली चुनाव पर भी पड़ेगा। 3. नगर निगम चुनाव भी शहरी एरिया में हो रहे हैं। ऐसे में इस बार सीधा मुकाबला कांग्रेस से नहीं होगा। जबकि शहरी एरिया होने की वजह से इस एरिया में भाजपा की भी पकड़ मजबूत मानी जाती हैं। कई नगर निगमों व नगर काउंसिलों में पहले भी भाजपा के पार्षद और मेयर तक रहे हैं। 4. यह चुनाव अमन अरोड़ा के प्रधान बनने के बाद पहली बार हो रहे हैं। इस चुनाव की अगुवाई सीधे वह ही कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने कई जिलों में जाकर नेताओं से मीटिंग की। साथ ही चुनाव बनाने की स्ट्रेटजी बनाई थी। 5. नगर निगम चुनाव के बाद सीधे 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी की तरफ से कोशिश की जाएगी कि हर हालत में यह चुनाव जीते जाए। साथ ही 2027 में होने वाले चुनाव की राह को आसान बनाया जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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