लुधियाना में 19 जून को होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने जीवन गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। पहले इसका नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी संभाले हुए थे, लेकिन अहमदाबाद विमान हादसे में उनके निधन होने के बाद अब यह जिम्मेदारी सुनील जाखड़ ने ले ली है। जाखड़ आज फिरोजपुर रोड स्थित भाजपा चुनाव कार्यालय पहुंचेंगे, जहां पहले वे भाजपा नेताओं के साथ बैठक करेंगे और फिर पत्रकारों से बातचीत करेंगे। इस दौरान जाखड़ विरोधियों पर निशाना साधने के साथ साथ विजय रूपाणी के निधन पर शोक भी व्यक्त करेंगे। 50 साल कांग्रेस के साथ रहे भाजपा में शामिल होने के मुद्दे पर जाखड़ ने कहा कि हमारा परिवार 1972 से लेकर 2022 तक 50 साल तक हर अच्छे-बुरे वक्त में कांग्रेस के साथ रहा। जाखड़ ने कहा, ‘मैंने कभी निजी फायदे के लिए राजनीति का इस्तेमाल नहीं किया। मैंने कभी किसी को तोड़ने की कोशिश नहीं की। जब सुनील जाखड़ ने एक परिवार से नाता तोड़ा तो उसके कुछ बुनियादी कारण थे। मैंने यह कदम राष्ट्रवाद, एकता और पंजाब के भाईचारे के लिए उठाया।’ सुनील जाखड़ का सियासी सफर सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस के प्रमुख हिंदू नेता थे। वह अबोहर के गांव पंचकोसी के रहने वाले हैं। उनके पिता बलराम जाखड़ भी कांग्रेस के दिग्गजों में शामिल थे। उनका परिवार तीन पीढ़ियों तक कांग्रेस से जुड़ा रहा। जाखड़ 2002 में पहली बार अबोहर शहर से विधायक चुने गए थे। वह यहां से 3 बार विधायक बने। इसके बाद वह 2012 से 2017 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। सुनील जाखड़ ने BJP का गढ़ माने जाने वाली गुरदासपुर लोकसभा सीट से 2017 में बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। कैप्टन जब 2017 के बाद CM बने तो जाखड़ पंजाब कांग्रेस के प्रधान रहे। लुधियाना में 19 जून को होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने जीवन गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। पहले इसका नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी संभाले हुए थे, लेकिन अहमदाबाद विमान हादसे में उनके निधन होने के बाद अब यह जिम्मेदारी सुनील जाखड़ ने ले ली है। जाखड़ आज फिरोजपुर रोड स्थित भाजपा चुनाव कार्यालय पहुंचेंगे, जहां पहले वे भाजपा नेताओं के साथ बैठक करेंगे और फिर पत्रकारों से बातचीत करेंगे। इस दौरान जाखड़ विरोधियों पर निशाना साधने के साथ साथ विजय रूपाणी के निधन पर शोक भी व्यक्त करेंगे। 50 साल कांग्रेस के साथ रहे भाजपा में शामिल होने के मुद्दे पर जाखड़ ने कहा कि हमारा परिवार 1972 से लेकर 2022 तक 50 साल तक हर अच्छे-बुरे वक्त में कांग्रेस के साथ रहा। जाखड़ ने कहा, ‘मैंने कभी निजी फायदे के लिए राजनीति का इस्तेमाल नहीं किया। मैंने कभी किसी को तोड़ने की कोशिश नहीं की। जब सुनील जाखड़ ने एक परिवार से नाता तोड़ा तो उसके कुछ बुनियादी कारण थे। मैंने यह कदम राष्ट्रवाद, एकता और पंजाब के भाईचारे के लिए उठाया।’ सुनील जाखड़ का सियासी सफर सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस के प्रमुख हिंदू नेता थे। वह अबोहर के गांव पंचकोसी के रहने वाले हैं। उनके पिता बलराम जाखड़ भी कांग्रेस के दिग्गजों में शामिल थे। उनका परिवार तीन पीढ़ियों तक कांग्रेस से जुड़ा रहा। जाखड़ 2002 में पहली बार अबोहर शहर से विधायक चुने गए थे। वह यहां से 3 बार विधायक बने। इसके बाद वह 2012 से 2017 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। सुनील जाखड़ ने BJP का गढ़ माने जाने वाली गुरदासपुर लोकसभा सीट से 2017 में बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। कैप्टन जब 2017 के बाद CM बने तो जाखड़ पंजाब कांग्रेस के प्रधान रहे। पंजाब | दैनिक भास्कर
