पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल तो करीब तीन महीने पहले लोकसभा चुनाव के नतीजों के ठीक बाद ही तय माना जा रहा था। लेकिन जालंधर विधानसभा उपचुनाव के चलते यह टलता रहा। हालांकि हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच और पंचायत चुनाव से ठीक पहले इस बदलाव ने सबको चौंका दिया। मंत्रिमंडल में फेरबदल मंत्रियों की परफॉरमेंस और उनके इलाकों की रिपोर्ट को देखकर भी यह फैसला लिया गया है। वहीं, नए चेहरे शामिल करते हुए जातीय समीकरण और बड़े जिलों को अगुवाई दी गई है। इसके अलावा मोहिंदर भगत को मंत्री बनाकर सीएम ने जालंधर को रिटर्न गिफ्ट दिया है। क्योंकि उन्होंने कहा था कि आप इन्हें विधायक बनाओं, मंत्री तो खुद बना देंगे। आज शाम को पांच नए मंत्री राजभवन में शपथ लेंगे। मंत्रिमंडल में फेरबदल की वजह सिर्फ बेदाग छवि वाले चेहरों को प्राथमिकता पंजाब मंत्रिमंडल से जिन चार मंत्रियों की छुट्टी हुई है। उसमें बलकार सिंह, अनमोल गगन मान, चेतन सिंह जोड़माजरा और ब्रहम शंकर जिंपा शामिल है। जहां तक बलकार सिंह का अश्लील वीडियो वायरल होने की प्रमुख वजह मानी जा रही है। क्योंकि इस वजह से विपक्षी दल लगातार सरकार पर हमला कर रहे थे। दूसरा उनके पास लोकल बॉडी जैसा प्रमुख विभाग था। लेकिन अपने मंत्री और विधायक विभाग उनके विभाग से खुश नहीं थे। विधानसभा में अमृतसर के विधायक कुंवर विजय प्रताप ने सवाल उठाए थे। जबकि आगे निगम चुनाव भी होने है। इसी तरह अनमोल गगन भी हलके में एक्टिव भी नहीं थी। हलके में उनको लेकर गुस्सा भी है। वहीं, गत दिनों ने उन्होंने यह बयान देकर चौंका दिया था अफसर उनके नाम पर पैसे लेते हैं। जबकि हलका उनके परिजन संभाल रहे थे। वहीं, चेतन सिंह जोड़माजरा और ब्रहम शंकर जिंपा को बदलना चौंकाने वाला है। क्योंकि जोड़माजरा सीएम के करीबियों में माने जाते है। जबकि जिंपा काफी सक्रिय मंत्री थे। दोनों पर कोई सवाल नहीं था। हालांकि माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें संगठन में शामिल करना चाहती है। जातिगत समीकरण साधने की कोशिश मंत्रिमंडल में नए चेहरे शामिल कर सीएम मान ने जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की है। क्योंकि अब सरकार के कार्यकाल को ढाई साल शेष हैं। ऐसे में सरकार की कोशिश यही है कि हर वर्ग को साधा जाए। इसी कड़ी में लहरा के विधायक बरिंदर गोयल को शामिल किया गया है। वह पेशे से एडवोकेट है। भ्रष्टाचार के आरोपों में विजय सिंगला को स्वास्थ्य मंत्री के पद से बर्खास्त करने कोई बनिया समुदाय से मंत्री नहीं था। इसी तरह जालंधर वेस्ट के विधायक मोहिंदर भगत को मंत्री बनाया गया है। जबकि शाम चौरासी के विधायक डॉ. रवजोत के नाम की चर्चा है। इनके बहाने सरकार की कोशिश अनुसूचित जाति के वोट बैंक को साधने और दोआबा में पार्टी को मजबूत करने की है। सूत्र बताते हैं कि जिंपा को इसी कड़ी में रिप्लेस किया गया। लुधियाना को ढाई साल बाद कैबिनेट में एंट्री लुधियाना और फतेहगढ़ साहिब जिले पंजाब के अहम जिलों में से एक है। लेकिन लोकसभा चुनावों में इन हलकों में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था। ऐसे में पार्टी ने करीब ढाई साल बाद इन हलकों में मंत्रिमंडल में प्राथमिकता दी है। साहनेवाल के विधायक हरदीप सिंह मुंडिया और खन्ना के विधायक तरुण प्रीत सिंह शामिल किया है। दोनों पेशे से बिजनेसमैन और सिख चेहरा है। कोशिश यही है कि आने वाले समय में पार्टी को मजबूत किया जा सकें। इन सभी हलकों कांग्रेस मजबूत है। सीएम ने दिया वायदा निभाने का संदेश सीएम का मोहिंदर भगत को मंत्रिमंडल में शामिल शामिल करने के साथ साफ संदेश है कि जो उन्होंने वायदा किया वह पूरा किया है। ऐसे में भविष्य में आप से जुड़ने वाले नेताओं को एक संदेश उन्होंने दिया है। चुनाव के समय सीएम ने कहा था कि मोहिंदर भगत को एक सीढ़ी चढ़ा दें, दूसरी सीढ़ी वह खुद चढ़ा देंगे। यहां सीएम मान के कहने का मकसद मोहिंदर भगत को मंत्री बनाने से जोड़ा गया था। पांच अनुसूचित मंत्री हो जाएंगे कैबिनेट में पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल का यह चाैथी बार विस्तार होने जा रहा है। अगर मोहिंदर भगत के साथ डॉ. रवजोत की एंट्री हो जाती है तो अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले पांच मंत्री कैबिनेट में हो जाएंगे। अन्य कैबिनेट सदस्यों में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक शामिल हैं। 4 जुलाई 2022 को उन्होंने अमन अरोड़ा, डॉ. इंदरबीर सिंह निज्जर, फौजा सिंह सरारी, चेतन सिंह जौरामाजरा और अनमोल गगन मान को मंत्री बनाया था। बाद में 7 जनवरी 2023 को सरारी ने इस्तीफा दे दिया और डॉ. बलबीर सिंह को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल तो करीब तीन महीने पहले लोकसभा चुनाव के नतीजों के ठीक बाद ही तय माना जा रहा था। लेकिन जालंधर विधानसभा उपचुनाव के चलते यह टलता रहा। हालांकि हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच और पंचायत चुनाव से ठीक पहले इस बदलाव ने सबको चौंका दिया। मंत्रिमंडल में फेरबदल मंत्रियों की परफॉरमेंस और उनके इलाकों की रिपोर्ट को देखकर भी यह फैसला लिया गया है। वहीं, नए चेहरे शामिल करते हुए जातीय समीकरण और बड़े जिलों को अगुवाई दी गई है। इसके अलावा मोहिंदर भगत को मंत्री बनाकर सीएम ने जालंधर को रिटर्न गिफ्ट दिया है। क्योंकि उन्होंने कहा था कि आप इन्हें विधायक बनाओं, मंत्री तो खुद बना देंगे। आज शाम को पांच नए मंत्री राजभवन में शपथ लेंगे। मंत्रिमंडल में फेरबदल की वजह सिर्फ बेदाग छवि वाले चेहरों को प्राथमिकता पंजाब मंत्रिमंडल से जिन चार मंत्रियों की छुट्टी हुई है। उसमें बलकार सिंह, अनमोल गगन मान, चेतन सिंह जोड़माजरा और ब्रहम शंकर जिंपा शामिल है। जहां तक बलकार सिंह का अश्लील वीडियो वायरल होने की प्रमुख वजह मानी जा रही है। क्योंकि इस वजह से विपक्षी दल लगातार सरकार पर हमला कर रहे थे। दूसरा उनके पास लोकल बॉडी जैसा प्रमुख विभाग था। लेकिन अपने मंत्री और विधायक विभाग उनके विभाग से खुश नहीं थे। विधानसभा में अमृतसर के विधायक कुंवर विजय प्रताप ने सवाल उठाए थे। जबकि आगे निगम चुनाव भी होने है। इसी तरह अनमोल गगन भी हलके में एक्टिव भी नहीं थी। हलके में उनको लेकर गुस्सा भी है। वहीं, गत दिनों ने उन्होंने यह बयान देकर चौंका दिया था अफसर उनके नाम पर पैसे लेते हैं। जबकि हलका उनके परिजन संभाल रहे थे। वहीं, चेतन सिंह जोड़माजरा और ब्रहम शंकर जिंपा को बदलना चौंकाने वाला है। क्योंकि जोड़माजरा सीएम के करीबियों में माने जाते है। जबकि जिंपा काफी सक्रिय मंत्री थे। दोनों पर कोई सवाल नहीं था। हालांकि माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें संगठन में शामिल करना चाहती है। जातिगत समीकरण साधने की कोशिश मंत्रिमंडल में नए चेहरे शामिल कर सीएम मान ने जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की है। क्योंकि अब सरकार के कार्यकाल को ढाई साल शेष हैं। ऐसे में सरकार की कोशिश यही है कि हर वर्ग को साधा जाए। इसी कड़ी में लहरा के विधायक बरिंदर गोयल को शामिल किया गया है। वह पेशे से एडवोकेट है। भ्रष्टाचार के आरोपों में विजय सिंगला को स्वास्थ्य मंत्री के पद से बर्खास्त करने कोई बनिया समुदाय से मंत्री नहीं था। इसी तरह जालंधर वेस्ट के विधायक मोहिंदर भगत को मंत्री बनाया गया है। जबकि शाम चौरासी के विधायक डॉ. रवजोत के नाम की चर्चा है। इनके बहाने सरकार की कोशिश अनुसूचित जाति के वोट बैंक को साधने और दोआबा में पार्टी को मजबूत करने की है। सूत्र बताते हैं कि जिंपा को इसी कड़ी में रिप्लेस किया गया। लुधियाना को ढाई साल बाद कैबिनेट में एंट्री लुधियाना और फतेहगढ़ साहिब जिले पंजाब के अहम जिलों में से एक है। लेकिन लोकसभा चुनावों में इन हलकों में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था। ऐसे में पार्टी ने करीब ढाई साल बाद इन हलकों में मंत्रिमंडल में प्राथमिकता दी है। साहनेवाल के विधायक हरदीप सिंह मुंडिया और खन्ना के विधायक तरुण प्रीत सिंह शामिल किया है। दोनों पेशे से बिजनेसमैन और सिख चेहरा है। कोशिश यही है कि आने वाले समय में पार्टी को मजबूत किया जा सकें। इन सभी हलकों कांग्रेस मजबूत है। सीएम ने दिया वायदा निभाने का संदेश सीएम का मोहिंदर भगत को मंत्रिमंडल में शामिल शामिल करने के साथ साफ संदेश है कि जो उन्होंने वायदा किया वह पूरा किया है। ऐसे में भविष्य में आप से जुड़ने वाले नेताओं को एक संदेश उन्होंने दिया है। चुनाव के समय सीएम ने कहा था कि मोहिंदर भगत को एक सीढ़ी 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