पंजाब में डॉक्टर्स आज (सोमवार) से हड़ताल पर जा रहे हैं। शनिवार देर शाम सरकार की तरफ से डॉक्टरों को मनाने के लिए आश्वासनों से भरा खत जारी किया था। सरकार से भरोसा मिलने के बाद डॉक्टर्स ने स्ट्राइक वापस तो नहीं ली, लेकिन उसे तीन चरणों में बांट दिया है। आज से सरकारी अस्पतालों में दोपहर 11 बजे तक ओपीडी नहीं चलेगी। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने सरकार के भरोसे के बाद भी हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। 11 सितंबर को डॉक्टर्स व सरकार के बीच बैठक भी होने वाली है। कैबिनेट सब कमेटी के साथ बैठक में सभी मांगों पर विचार किया जाएगा। एसोसिएशन अस्पताल में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा व नियमित रूप से वेतन बढ़ोतरी के आदेश जारी करने को लेकर यह आंदोलन कर रही है। इसके अलावा जब तक उनकी समय पर वेतन बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी नहीं होती, तब तक वह अपनी हड़ताल की कॉल वापस नहीं लेंगे। सरकार की तरफ से गठित कैबिनेट सब कमेटी की अध्यक्षता वित्त मंत्री हरपाल चीमा करेंगे। 11 सितंबर को पहला चरण होगा पूरा सरकार की तरफ से आश्वासन के बाद डॉक्टर्स ने हड़ताल को तीन चरणों में बदल दिया है। पहला चरण 9 से 11 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान सुबह 8 बजे से 11 बजे तक ओपीडी सेवाएं निलंबित रहेंगी। दूसरा चरण 12 से 15 सितम्बर तक होगा। जिसमें ओ.पी.डी. सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। 16 सितम्बर के बाद तीसरा चरण होगा। इसमें डॉक्टर्स ओपीडी के साथ-साथ मेडिको लीगल करने से भी साफ मना कर देंगे। मंत्री डॉ. बलबीर दे चुके कमेटियां गठित करने के आदेश सेहत मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने शनिवार देर शाम एक पत्र जारी किया था। जिसमें उन्होंने समितियों का गठन करने के आदेश दिए थे। जारी पत्र के अनुसार, अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर कमेटी और हिंसक घटनाओं की रोकथाम के लिए कमेटी गठित की जाएगी। पंजाब के सेहत मंत्री ने पंजाब के सभी सिविल सर्जनों को डीसी के अंतर्गत कमेटी बनाने के लिए कहा है। जिसका नाम डिस्ट्रिक्ट हेल्थ बोर्ड होगा। पंजाब में डॉक्टर्स आज (सोमवार) से हड़ताल पर जा रहे हैं। शनिवार देर शाम सरकार की तरफ से डॉक्टरों को मनाने के लिए आश्वासनों से भरा खत जारी किया था। सरकार से भरोसा मिलने के बाद डॉक्टर्स ने स्ट्राइक वापस तो नहीं ली, लेकिन उसे तीन चरणों में बांट दिया है। आज से सरकारी अस्पतालों में दोपहर 11 बजे तक ओपीडी नहीं चलेगी। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने सरकार के भरोसे के बाद भी हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। 11 सितंबर को डॉक्टर्स व सरकार के बीच बैठक भी होने वाली है। कैबिनेट सब कमेटी के साथ बैठक में सभी मांगों पर विचार किया जाएगा। एसोसिएशन अस्पताल में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा व नियमित रूप से वेतन बढ़ोतरी के आदेश जारी करने को लेकर यह आंदोलन कर रही है। इसके अलावा जब तक उनकी समय पर वेतन बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी नहीं होती, तब तक वह अपनी हड़ताल की कॉल वापस नहीं लेंगे। सरकार की तरफ से गठित कैबिनेट सब कमेटी की अध्यक्षता वित्त मंत्री हरपाल चीमा करेंगे। 11 सितंबर को पहला चरण होगा पूरा सरकार की तरफ से आश्वासन के बाद डॉक्टर्स ने हड़ताल को तीन चरणों में बदल दिया है। पहला चरण 9 से 11 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान सुबह 8 बजे से 11 बजे तक ओपीडी सेवाएं निलंबित रहेंगी। दूसरा चरण 12 से 15 सितम्बर तक होगा। जिसमें ओ.पी.डी. सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। 16 सितम्बर के बाद तीसरा चरण होगा। इसमें डॉक्टर्स ओपीडी के साथ-साथ मेडिको लीगल करने से भी साफ मना कर देंगे। मंत्री डॉ. बलबीर दे चुके कमेटियां गठित करने के आदेश सेहत मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने शनिवार देर शाम एक पत्र जारी किया था। जिसमें उन्होंने समितियों का गठन करने के आदेश दिए थे। जारी पत्र के अनुसार, अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर कमेटी और हिंसक घटनाओं की रोकथाम के लिए कमेटी गठित की जाएगी। पंजाब के सेहत मंत्री ने पंजाब के सभी सिविल सर्जनों को डीसी के अंतर्गत कमेटी बनाने के लिए कहा है। जिसका नाम डिस्ट्रिक्ट हेल्थ बोर्ड होगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
होशियारपुर में एक युवक-युवती के शव मिले:पुलिस मौत का पता लगाने में लगी; जगह दोनों के शव बरामद हुए वहां घना जंगल
होशियारपुर में एक युवक-युवती के शव मिले:पुलिस मौत का पता लगाने में लगी; जगह दोनों के शव बरामद हुए वहां घना जंगल होशियारपुर में चौहाल के पास जीना बाली के पास घने जंगल से एक लड़का और लड़की के शव बरामद हुए हैं। घटना की सूचना के बाद थाना सदर के पुलिस अधिकारी और एसपी सरबजीत सिंह बाहिया, डीएसपी सिटी दीप अमन सिंह पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। मृतकों की पहचान संदीप तिवारी पुत्र हरीश चंद्र तिवारी निवासी जालंधर और पूजा के रूप में हुई है। दोनों मृतक जालंधर के रहने वाले हैं, जिस जगह दोनों के शव बरामद हुए वहां घना जंगल है। वे दोनों यहां कैसे पहुंचे, पुलिस इसकी जांच कर रही है। जांच में जुटी पुलिस एसपी सर्बजीत सिंह ने बताया कि पुलिस की तरफ से मामले की जांच की है। दोनों ने ये कदम क्यों उठाया, इसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद ही घटना के बारे में जानकारी सांझा की जा सकती है। फिलहाल शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया गया है। दोनों के परिवारों से बातचीत और बयानों के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
मोगा में नशे की ओवरडोज से एक और मौत:परिवार से छीना 20 साल का इकलौते बेटा; बिना पोस्टमॉर्टम किया अंतिम संस्कार
मोगा में नशे की ओवरडोज से एक और मौत:परिवार से छीना 20 साल का इकलौते बेटा; बिना पोस्टमॉर्टम किया अंतिम संस्कार पंजाब के मोगा जिले में नशे के ओवरडोज से 20 वर्षीय युवक की मौत हो गई। मृतक परिवार का इकलौता बेटा था। करीब 2 साल पहले उसे नशे की लत लग गई थी। मृतक की पहचान मोगा के लोहारा गांव के हरमन सिंह के रूप में हुई है। परिवार ने शर्म के कारण पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी। जिसके बाद धर्मकोट पुलिस ने धारा 174 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। भले ही आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने ड्रग माफिया-पुलिस गठजोड़ के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की हो और कम से कम 10,000 पुलिसकर्मियों को इधर से उधर किया हो, लेकिन इसके बावजूद मौतों का सिलसिला जारी है। पिछले दो हफ्तों में अकेले मोगा जिले में तीसरी मौत की खबर आई है। वीडियो में युवक के पास नशे के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इंजेक्शन साफ देखे जा सकते हैं, लेकिन पुलिस ने इस पर कार्रवाई नहीं की और सिर्फ धारा 174 के तहत मामला दर्ज किया। हरमन की मौत से पहले भलूर गांव में कथित तौर पर नशे की लत के कारण दो लोगों की मौत हो गई थी। रविवार को घर से लड़ कर निकल गया था हरमन हरमन के माता-पिता ने कहा कि उनका बेटा रविवार को घर से निकला था और तब से लापता था। उनका बेटा करीब दो साल से नशा कर रहा था। वहीं गांव के सरपंच करमजीत सिंह गिल ने कहा कि उनके क्षेत्र में नशा फैला हुआ है और युवाओं की जान ले रहा है। यहां के युवा भी अब माता-पिता के हाथ से निकल रहे हैं। 2-3 साल से कर रहा था नशा धर्मकोट पुलिस स्टेशन के SHO इंस्पेक्टर नवदीप सिंह ने कहा कि मृतक युवक के परिवार ने शिकायत दर्ज नहीं कराई। जिसके बाद CRPC की धारा 174 के तहत जांच कार्यवाही दर्ज की गई है। मृतक के पिता के अनुसार हरमन लगभग तीन साल से दौरे से पीड़ित थे। वह नशे का आदी था और उसने नशामुक्ति का इलाज भी कराया था। 2-3 साल पहले जब उसने नशीली गोलियों का सेवन शुरू किया तो उसे इसकी लत लग गई। बिना पोस्टमॉर्टम किया संस्कार रविवार को जब पिता ने मोटरसाइकिल दिलाने से इनकार किया तो वे घर से लड़ कर चला गया। बीते बुधवार उसका शव कंडियाल गांव के पास मिला। परिवार ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाने से इनकार कर दिया और उसका संस्कार कर दिया।
पंजाब में पार्टी निशान पर नहीं होंगे पंचायती चुनाव:पंचायती राज्य नियम 1994 में संशोधन की तैयारी, कैबिनेट मीटिंग में आएगा एजेंडा
पंजाब में पार्टी निशान पर नहीं होंगे पंचायती चुनाव:पंचायती राज्य नियम 1994 में संशोधन की तैयारी, कैबिनेट मीटिंग में आएगा एजेंडा पंजाब में आने वाले पंचायती चुनाव पार्टी निशान पर नहीं करवाने की योजना सरकार बना रही है। इसके लिए पंजाब पंचायती राज्य नियम 1994 में संशोधन की तैयारी की गई है। आने वाली अगली कैबिनेट मीटिंग में इस संबंधी एजेंडा भी लाया जा सकता है। इसके पीछे कोशिश यही है गांवों में माहौल खुशनुमा रहे । साथ ही सारे लोग मिलकर गांवों के विकास में सहयोग करे। कानूनी माहिरों से भी ली है राय पंचायती चुनावों को लेकर एक उच्च स्तरीय मीटिंग कुछ दिन पहले हुए हुई थी। इस दौरान यह मुद्दा उठा था। इसको लेकर कानूनी माहिरों से भी राय ली गई है। इसके बाद इस दिशा में कदम बढ़ाया गया है। सूत्रों की माने तो पार्टी निशान पर चुनाव से गांवों में जहां लोग बंट जाते हैं। राजनीतिक दखल अधिक हो जाता है। इस वजह से गांवों का उचित तरीके से विकास नहीं हो पाता है। सबसे बड़ी बात यह है लड़ाई झगडे़ बहुत ज्यादा होते है। अगर यह संशोधन होता है तो बड़ी राहत की बात होगी। 2018 में कांग्रेस के समय में हुए थे चुनाव पंचायत विभाग की तरफ फरवरी में उन पंचायतों को भंग कर दिया गया था, जिनके कार्यकाल को पूरे पांच साल हो चुके थे। साल 2018 में कांग्रेस सरकार के समय में पंचायत चुनाव हुए थे। उस समय 13276 सरपंचों व 83831 पंचों का चुनाव हुआ था। वहीं, इसके बाद अधिकारियों काे ही पंचायतों का कार्यवाहक अफसर लगा दिया था। वहीं वोटर सूचियों व अन्य काम पहले ही से चल रहे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि जल्दी ही इस दिशा में कार्रवाई हो सकती है। पहले यह पत्र जारी हुआ था राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से दो हफ्ते पहले एक पत्र ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग को लिखा था। साथ ही भविष्य में होने वाले चुनावों के लिए पंच व सरपंचों की सीटों को रिजर्व करने संबंधी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहा था। पत्र में कहा गया था कि s.11 (5) के अनुसार रिजर्वेशन संबंधी हर जिले में डिप्टी कमिश्नर की तरफ से नोटिफिकेशन जारी की जाए, ताकि चुनाव के समय आम लोगों व उम्मीदवारों को दिक्कत न उठानी पडे़।