पंजाब कांग्रेस ने पंचायत चुनाव 3 हफ्ते के लिए स्थगित करने की मांग स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से की है। आज (सोमवार) को कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से मुलाकात की है। कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि चुनाव में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है। जिससे लोगों के साथ धक्का हुआ है। मीडिया से बातचीत में प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि हम चुनाव कैंसिल करने की मांग नहीं कर रहे हैं। हम तीन हफ्ते तक सारी चुनाव प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जाली बैलेट पेपर छाप लिए हैं। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया के हाईकोर्ट में चलने का तर्क भी दिया है। चुनाव की प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी समेत कई चीजें उठाई गई है। वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद मालविंदर सिंह कंग ने कहा कि कांग्रेस चुनाव स्थगित करवाना चाहती है। कांग्रेस अपनी हार से डरी हुई है। धक्का आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ हो रहा है। वहीं, राज्य सरकार पंचायती चुनाव निष्पक्ष तरीके से करवाने के लिए सरकार वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरपंच किसी पार्टी का नहीं गांव का होना चाहिए। पत्र की कॉपी कांग्रेस ने पत्र इन प्वाइंट्स को उठाया… नामांकन प्रक्रिया के आखिर दिन हुई कई घटनाएं कांग्रेस ने पत्र में लिखा है कि पंचायत चुनाव 15 अक्टूबर, 2024 को होने वाले हैं। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान विशेष रूप से अंतिम दिन जो अराजक और हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने न केवल चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को कमजोर किया है, बल्कि इन चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठा दिया है। झड़पों, प्रशासनिक कुप्रबंधन और कई उम्मीदवारों को भाग लेने के उनके अधिकार से वंचित करने की व्यापक रिपोर्ट को देखते हुए, चुनाव आयोग से पंचायत चुनावों को कम से कम तीन सप्ताह के लिए स्थगित करने पर विचार करने का आग्रह करते हैं। उम्मीदवारों के नामांकन तक फाडे़ गए पंजाब भर में 13,241 ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव होने हैं। हालांकि, विभिन्न जिलों से हिंसा और बल प्रयोग की घटनाएं सामने आई हैं। खास तौर पर तरन तारन, मोगा, फिरोजपुर और फाजिल्का आदि जिलों में। स्थानीय ब्लॉक विकास और पंचायत कार्यालय के बाहर झड़प होने पर पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ीं। तरन तारन में भी ऐसी ही घटना हुई। जिसमें 5 लोग घायल हो गए। मोगा से मिली खबरों के अनुसार उम्मीदवारों से नामांकन पत्र फाड़े गए और छीन लिए गए। कई लोगों के नामांकन में डाली गई बाधा इसके अलावा पत्र में लिखा है कई उम्मीदवारों को अपने नामांकन पत्र दाखिल करने में प्रशासनिक बाधाओं का सामना करना पड़ा है। नकोदर नगर परिषद जैसे स्थानों पर कुप्रबंधन ने उम्मीदवारों को समय पर अपने पर्चे दाखिल करने से रोक दिया है। कई उम्मीदवारों ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने के दौरान परेशान किए जाने की सूचना दी। ये घटनाएं सत्तारूढ़ AAP द्वारा प्रणालीगत विफलताओं और अनुचित प्रभाव को दर्शाती हैं, जो कई क्षेत्रों में निर्विरोध जीत हासिल करने के लिए प्रक्रिया में हेरफेर करने का प्रयास कर रही है। पत्र में रखी 5 मांग 1. पंचायत चुनाव तीन सप्ताह के लिए स्थगित करें। इससे अनियमितताओं का समाधान हो सकेगा और उम्मीदवारों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए अधिक सुरक्षित और अनुकूल माहौल तैयार हो सकेगा। उच्च न्यायालय ने पहले ही कुछ खास गांवों में चुनाव स्थगित कर दिए हैं। राज्यव्यापी स्थगन से चुनाव में एकरूपता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी। 2. जो उम्मीदवार हिंसा, जबरदस्ती या प्रशासनिक चूक के कारण अपना नामांकन पत्र दाखिल करने में असमर्थ थे। उन्हें ऐसा करने का एक नया अवसर दिया जाना चाहिए। चुनावी प्रक्रिया में विश्वास बहाल करने के लिए यह महत्वपूर्ण है। आयोग ने स्वयं जांच के बाद पाया कि नामांकन अवैध रूप से वापस लेने के संबंध में प्रथम दृष्टया साक्ष्य मौजूद थे। विपक्षी उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के कारण 24 ग्राम पंचायतों में कोई मुकाबला नहीं हो पाया। इस प्रकार, राज्य चुनाव आयोग ने दिनांक 11-10-2024 के आदेश के तहत गिद्दड़बाहा ब्लॉक में क्रमांक 1 से 24 तक इन ग्राम पंचायतों में मतदान रद्द कर दिया है । इन ग्राम पंचायतों के लिए बाद में नए सिरे से चुनाव कराने की नई तिथि तय की जाए। 3. जिला प्रशासन और पुलिस विभागों को उम्मीदवारों की सुरक्षा की गारंटी देनी चाहिए। खासकर विपक्षी दलों और हाशिए पर पड़े समुदायों के उम्मीदवारों पर ध्यान देना चाहिए। उनकी भागीदारी को दबाने के लिए हिंसा और धमकी की रणनीति के इस्तेमाल पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। 4. मई 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए तैयार की गई मतदाता सूची का उपयोग पंचायत चुनावों के लिए किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पात्र मतदाता इसमें शामिल हों और किसी को भी अनुचित रूप से मताधिकार से वंचित न किया जाए। 5. आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी स्तरों पर चुनाव अधिकारी निष्पक्ष रूप से कार्य करें और चुनावों के सुचारु संचालन के लिए उचित प्रशासनिक सहायता प्रदान करें। प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, और किसी भी विचलन को तुरंत संबोधित किया जाना चाहिए। पंजाब कांग्रेस ने पंचायत चुनाव 3 हफ्ते के लिए स्थगित करने की मांग स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से की है। आज (सोमवार) को कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से मुलाकात की है। कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि चुनाव में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है। जिससे लोगों के साथ धक्का हुआ है। मीडिया से बातचीत में प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि हम चुनाव कैंसिल करने की मांग नहीं कर रहे हैं। हम तीन हफ्ते तक सारी चुनाव प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जाली बैलेट पेपर छाप लिए हैं। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया के हाईकोर्ट में चलने का तर्क भी दिया है। चुनाव की प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी समेत कई चीजें उठाई गई है। वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद मालविंदर सिंह कंग ने कहा कि कांग्रेस चुनाव स्थगित करवाना चाहती है। कांग्रेस अपनी हार से डरी हुई है। धक्का आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ हो रहा है। वहीं, राज्य सरकार पंचायती चुनाव निष्पक्ष तरीके से करवाने के लिए सरकार वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरपंच किसी पार्टी का नहीं गांव का होना चाहिए। पत्र की कॉपी कांग्रेस ने पत्र इन प्वाइंट्स को उठाया… नामांकन प्रक्रिया के आखिर दिन हुई कई घटनाएं कांग्रेस ने पत्र में लिखा है कि पंचायत चुनाव 15 अक्टूबर, 2024 को होने वाले हैं। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान विशेष रूप से अंतिम दिन जो अराजक और हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने न केवल चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को कमजोर किया है, बल्कि इन चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठा दिया है। झड़पों, प्रशासनिक कुप्रबंधन और कई उम्मीदवारों को भाग लेने के उनके अधिकार से वंचित करने की व्यापक रिपोर्ट को देखते हुए, चुनाव आयोग से पंचायत चुनावों को कम से कम तीन सप्ताह के लिए स्थगित करने पर विचार करने का आग्रह करते हैं। उम्मीदवारों के नामांकन तक फाडे़ गए पंजाब भर में 13,241 ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव होने हैं। हालांकि, विभिन्न जिलों से हिंसा और बल प्रयोग की घटनाएं सामने आई हैं। खास तौर पर तरन तारन, मोगा, फिरोजपुर और फाजिल्का आदि जिलों में। स्थानीय ब्लॉक विकास और पंचायत कार्यालय के बाहर झड़प होने पर पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ीं। तरन तारन में भी ऐसी ही घटना हुई। जिसमें 5 लोग घायल हो गए। मोगा से मिली खबरों के अनुसार उम्मीदवारों से नामांकन पत्र फाड़े गए और छीन लिए गए। कई लोगों के नामांकन में डाली गई बाधा इसके अलावा पत्र में लिखा है कई उम्मीदवारों को अपने नामांकन पत्र दाखिल करने में प्रशासनिक बाधाओं का सामना करना पड़ा है। नकोदर नगर परिषद जैसे स्थानों पर कुप्रबंधन ने उम्मीदवारों को समय पर अपने पर्चे दाखिल करने से रोक दिया है। कई उम्मीदवारों ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने के दौरान परेशान किए जाने की सूचना दी। ये घटनाएं सत्तारूढ़ AAP द्वारा प्रणालीगत विफलताओं और अनुचित प्रभाव को दर्शाती हैं, जो कई क्षेत्रों में निर्विरोध जीत हासिल करने के लिए प्रक्रिया में हेरफेर करने का प्रयास कर रही है। पत्र में रखी 5 मांग 1. पंचायत चुनाव तीन सप्ताह के लिए स्थगित करें। इससे अनियमितताओं का समाधान हो सकेगा और उम्मीदवारों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए अधिक सुरक्षित और अनुकूल माहौल तैयार हो सकेगा। उच्च न्यायालय ने पहले ही कुछ खास गांवों में चुनाव स्थगित कर दिए हैं। राज्यव्यापी स्थगन से चुनाव में एकरूपता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी। 2. जो उम्मीदवार हिंसा, जबरदस्ती या प्रशासनिक चूक के कारण अपना नामांकन पत्र दाखिल करने में असमर्थ थे। उन्हें ऐसा करने का एक नया अवसर दिया जाना चाहिए। चुनावी प्रक्रिया में विश्वास बहाल करने के लिए यह महत्वपूर्ण है। आयोग ने स्वयं जांच के बाद पाया कि नामांकन अवैध रूप से वापस लेने के संबंध में प्रथम दृष्टया साक्ष्य मौजूद थे। विपक्षी उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के कारण 24 ग्राम पंचायतों में कोई मुकाबला नहीं हो पाया। इस प्रकार, राज्य चुनाव आयोग ने दिनांक 11-10-2024 के आदेश के तहत गिद्दड़बाहा ब्लॉक में क्रमांक 1 से 24 तक इन ग्राम पंचायतों में मतदान रद्द कर दिया है । इन ग्राम पंचायतों के लिए बाद में नए सिरे से चुनाव कराने की नई तिथि तय की जाए। 3. जिला प्रशासन और पुलिस विभागों को उम्मीदवारों की सुरक्षा की गारंटी देनी चाहिए। खासकर विपक्षी दलों और हाशिए पर पड़े समुदायों के उम्मीदवारों पर ध्यान देना चाहिए। उनकी भागीदारी को दबाने के लिए हिंसा और धमकी की रणनीति के इस्तेमाल पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। 4. मई 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए तैयार की गई मतदाता सूची का उपयोग पंचायत चुनावों के लिए किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पात्र मतदाता इसमें शामिल हों और किसी को भी अनुचित रूप से मताधिकार से वंचित न किया जाए। 5. आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी स्तरों पर चुनाव अधिकारी निष्पक्ष रूप से कार्य करें और चुनावों के सुचारु संचालन के लिए उचित प्रशासनिक सहायता प्रदान करें। प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, और किसी भी विचलन को तुरंत संबोधित किया जाना चाहिए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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