कंगना रनोट इस वक्त देश में अपनी नई फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर चर्चा में हैं। सिखों ने फिल्म के ट्रेलर पर आपत्ति जताई है और इतिहास से छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं। मगर, बीते दिन कंगना ने एक न्यूज चैनल के इवेंट में दिए गए बयान ने पंजाब में एक और विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा था कि जो लोग जरनैल सिंह भिंडरावाले का बचाव कर रहे हैं, उन्हें मैं बता दूं कि वो संत नहीं आतंकवादी था। इस बयान पर बीजेपी पंजाब के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने कड़ा एतराज जताया है। कंगना को पंजाब की शांति भंग न करने की नसीहत दी कंगना रनोट द्वारा दिए गए इस बयान पर पंजाब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सोम प्रकार ने कहा कि, कंगना रनोट को संत जरनैल सिंह और सिख समुदाय के खिलाफ अनावश्यक टिप्पणी करने से बचना चाहिए। ऐसी टिप्पणियों से सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचती है। उन्हें अनुशासन में रहना चाहिए। किसी को भी पंजाब में शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। बता दें कि कंगना रनोट बीजेपी की मंडी लोकसभा सीट से सांसद हैं। ऐसे में उनके बयान को बीजेपी में कलह के तौर पर देखा जा रहा है। कंगना ने कहा था- इतिहास को छिपाया गया कंगना ने इंटरव्यू में कहा था कि ये हमारा इतिहास है, जिसे जानबूझकर छुपाया गया। हमें इसके बारे में नहीं बताया गया। भले लोगों का जमाना नहीं है। मेरी फिल्म रिलीज होने को तैयार है। मुझे सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल गया है। 4 इतिहासकारों ने मेरी फिल्म को सुपरवाइज किया है। हमारे पास सारे डॉक्यूमेंट्स हैं। मेरी फिल्म में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन कुछ लोग भिंडरावाले को संत, लीडर और क्रांतिकारी कह रहे हैं। उन्होंने मेरी फिल्म को बैन करवाने की धमकी दी है। मुझे भी धमकियां मिली हैं। पिछली सरकारों ने खालिस्तानियों को आतंकवादी कहा था। वो (भिंडरावाले) कोई संत नहीं जो मंदिर में AK47 लेकर बैठा हो। मेरी फिल्म पर बस कुछ लोगों को आपत्ति है जो कि दूसरों को भी भड़का रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि पंजाब के 99% लोगों को भिंडरावाले संत लगता होगा। वो एक आतंकी था और अगर वो आतंकी था तो मेरी फिल्म रिलीज होनी चाहिए। सिख समुदाय ने किया था प्रदर्शन फिल्म के खिलाफ पिछले दिनों मुंबई के 4 बंगला स्थित गुरुद्वारे के बाहर सिख समुदाय ने प्रदर्शन किया था। उनका आरोप है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उनकी मांग है कि फिल्म पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए और कंगना पर कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रदर्शनकारियों की अगुआई करने वाले जसपाल सिंह सूरी ने कहा था, ‘फिल्म रिलीज हुई तो दंगे होंगे, कत्लेआम होंगे। यह जूते खाने की हरकत है और वह (कंगना) जूते खाएगी।’ फिल्म ‘इमरजेंसी’ में कंगना देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के रोल में नजर आएंगी। इस फिल्म का निर्देशन भी कंगना ने ही किया है। वहीं वर्कफ्रंट पर एक्ट्रेस ने हाल ही में एक और फिल्म अनाउंस की है जिसका नाम ‘भारत भाग्य विधाता’ है। कंगना रनोट इस वक्त देश में अपनी नई फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर चर्चा में हैं। सिखों ने फिल्म के ट्रेलर पर आपत्ति जताई है और इतिहास से छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं। मगर, बीते दिन कंगना ने एक न्यूज चैनल के इवेंट में दिए गए बयान ने पंजाब में एक और विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा था कि जो लोग जरनैल सिंह भिंडरावाले का बचाव कर रहे हैं, उन्हें मैं बता दूं कि वो संत नहीं आतंकवादी था। इस बयान पर बीजेपी पंजाब के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने कड़ा एतराज जताया है। कंगना को पंजाब की शांति भंग न करने की नसीहत दी कंगना रनोट द्वारा दिए गए इस बयान पर पंजाब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सोम प्रकार ने कहा कि, कंगना रनोट को संत जरनैल सिंह और सिख समुदाय के खिलाफ अनावश्यक टिप्पणी करने से बचना चाहिए। ऐसी टिप्पणियों से सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचती है। उन्हें अनुशासन में रहना चाहिए। किसी को भी पंजाब में शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। बता दें कि कंगना रनोट बीजेपी की मंडी लोकसभा सीट से सांसद हैं। ऐसे में उनके बयान को बीजेपी में कलह के तौर पर देखा जा रहा है। कंगना ने कहा था- इतिहास को छिपाया गया कंगना ने इंटरव्यू में कहा था कि ये हमारा इतिहास है, जिसे जानबूझकर छुपाया गया। हमें इसके बारे में नहीं बताया गया। भले लोगों का जमाना नहीं है। मेरी फिल्म रिलीज होने को तैयार है। मुझे सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल गया है। 4 इतिहासकारों ने मेरी फिल्म को सुपरवाइज किया है। हमारे पास सारे डॉक्यूमेंट्स हैं। मेरी फिल्म में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन कुछ लोग भिंडरावाले को संत, लीडर और क्रांतिकारी कह रहे हैं। उन्होंने मेरी फिल्म को बैन करवाने की धमकी दी है। मुझे भी धमकियां मिली हैं। पिछली सरकारों ने खालिस्तानियों को आतंकवादी कहा था। वो (भिंडरावाले) कोई संत नहीं जो मंदिर में AK47 लेकर बैठा हो। मेरी फिल्म पर बस कुछ लोगों को आपत्ति है जो कि दूसरों को भी भड़का रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि पंजाब के 99% लोगों को भिंडरावाले संत लगता होगा। वो एक आतंकी था और अगर वो आतंकी था तो मेरी फिल्म रिलीज होनी चाहिए। सिख समुदाय ने किया था प्रदर्शन फिल्म के खिलाफ पिछले दिनों मुंबई के 4 बंगला स्थित गुरुद्वारे के बाहर सिख समुदाय ने प्रदर्शन किया था। उनका आरोप है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उनकी मांग है कि फिल्म पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए और कंगना पर कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रदर्शनकारियों की अगुआई करने वाले जसपाल सिंह सूरी ने कहा था, ‘फिल्म रिलीज हुई तो दंगे होंगे, कत्लेआम होंगे। यह जूते खाने की हरकत है और वह (कंगना) जूते खाएगी।’ फिल्म ‘इमरजेंसी’ में कंगना देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के रोल में नजर आएंगी। इस फिल्म का निर्देशन भी कंगना ने ही किया है। वहीं वर्कफ्रंट पर एक्ट्रेस ने हाल ही में एक और फिल्म अनाउंस की है जिसका नाम ‘भारत भाग्य विधाता’ है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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हरियाणा-पंजाब के 12 खिलाड़ियों को खेल पुरस्कार:बॉक्सर से शूटर बनीं मनु भाकर; कबड्डी ट्रायल के लिए गईं स्वीटी बूरा ने बॉक्सर हराए
हरियाणा-पंजाब के 12 खिलाड़ियों को खेल पुरस्कार:बॉक्सर से शूटर बनीं मनु भाकर; कबड्डी ट्रायल के लिए गईं स्वीटी बूरा ने बॉक्सर हराए भारत सरकार की ओर से खेल पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट जारी कर दी गई है। इनमें हरियाणा के 4 और पंजाब का एक खिलाड़ी शामिल है। हरियाणा में सबसे ऊपर शूटर मनु भाकर का नाम है, जिन्होंने पेरिस ओलिंपिक में देश को 2 ब्रॉन्ज मेडल दिलाए। इस प्रदर्शन के लिए उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड दिया जाएगा। वहीं, हरियाणा की बॉक्सर स्वीटी बूरा, हॉकी प्लेयर संजय कालीरावण, रेसलर अमन सहरावत, हॉकी प्लेयर अभिषेक नैन, पैरा-एथलीट धर्मबीर नैन, पैरा-एथलीट प्रणव सूरमा ,पैरा-एथलीट नवदीप सिंह, शूटर सरबजोत सिंह और पंजाब के हॉकी खिलाड़ी जरमनप्रीत सिंह व सुखजीत सिंह को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा इंडियन हॉकी टीम के कप्तान पंजाब के हरनमप्रीत सिंह को भी मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। वहीं, हॉकी कोच संदीप सांगवान को भी द्रोणाचार्य अवॉर्ड दिया जाना है। इनमें मनु भाकर ऐसी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने करीब आधा दर्जन खेलों में हाथ आजमाने के बाद शूटिंग चुनी। वहीं, स्वीटी कबड्डी की ट्रेनिंग के लिए गईं, लेकिन बॉक्सर बन गईं। हरमनप्रीत ने खेतों में काम करते हुए अपने हुनर को तराशा था। वहीं, अमन ने 11 साल की उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया था। इसके बाद भी वह ओलिंपियन रेसलर बने। 17 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में होने वाली अवॉर्ड सेरेमनी में इन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पुरस्कृत किया जाएगा। अब पढ़िए इन खिलाड़ियों की उपलब्धियां और सफर… मनु को बॉक्सर बनाना चाहते थे पिता
मनु भाकर हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं। पिछले साल हुए पेरिस ओलिंपिक में शूटिंग में 2 मेडल जीतने वाली हरियाणा की मनु भाकर हमेशा से शूटर नहीं थीं। मनु के पिता रामकिशन और उनके बड़े भाई उन्हें बॉक्सर बनाना चाहते थे। मनु ने बॉक्सिंग शुरू भी की थी और नेशनल इवेंट में मेडल भी जीते, लेकिन प्रैक्टिस के दौरान मनु की आंख पर पंच लगने से वह घायल हो गई थीं। इसके बाद उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ने का मन बना लिया। मनु की मां सुमेधा ने भी बेटी के फैसले का समर्थन किया। मनु ने बॉक्सिंग छोड़कर मार्शल आर्ट्स में हाथ आजमाया, लेकिन यहां भी मन नहीं लगा। आर्चरी, टेनिस, स्केटिंग की प्रैक्टिस शुरू की, मेडल भी जीते, लेकिन किसी में मन नहीं लगा। आखिर में वह शूटिंग करने लगीं और मजा आने लगा। फिर इसी को उन्होंने अपनी स्पेशलिटी बना लिया। मनु हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं। उन्होंने पेरिस में इंडिविजुअल और मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज जीता था। इसी के साथ एक ओलिंपिक में 2 मेडल जीतने वाली वह पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं। मां ने छिपा दी मनु की पिस्टल
2021 में हुए टोक्यो ओलिंपिक में मनु भाकर शूटिंग के क्वालिफाइंग राउंड में थीं। मनु को 55 मिनट में 44 शॉट लेने थे। तभी उनकी पिस्टल खराब हो गई। 20 मिनट तक वह निशाना नहीं लगा पाईं। पिस्टल ठीक हुई, तब भी मनु सिर्फ 14 शॉट लगा पाईं और फाइनल की रेस से बाहर हो गईं। इसके बाद मनु जब भारत लौटीं तो इतनी उदास थीं कि मां को फिक्र होने लगी। उन्होंने मनु की पिस्टल छिपा दी, ताकि उस पर नजर न पड़े और मनु दुखी न हो। मां ने बताया कि मैं मनु का मैच नहीं देख पाई थी। बाद में उसका वीडियो देखा तो बहुत दुख हुआ। मुझे लगा कि जब मैं दुखी हो रही हूं, तो मनु की क्या हालत हो रही होगी। 15 दिन की प्रैक्टिस में स्टेट कॉम्पिटिशन में जीता गोल्ड
मनु ने सिर्फ 15 दिन प्रैक्टिस की और महेंद्रगढ़ में हुए स्टेट कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने चली गईं। पहले ही कॉम्पिटिशन में गोल्ड जीतकर लौटीं। प्राइज में 4500 रुपए मिले। मनु काफी खुश थीं। पेरेंट्स को भी लगा कि वह शूटिंग में अच्छा कर सकती हैं। शूटिंग शुरू करने के सिर्फ 3 साल बाद 2017 में मनु नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में उतरीं। उन्होंने ओलिंपियन और पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 हीना सिद्धू को हरा दिया। साथ ही 10 मीटर एयर पिस्टल में 242.3 का स्कोर कर नया रिकॉर्ड भी बना दिया। मनु ने चैंपियनशिप में 9 गोल्ड जीते, जो नेशनल रिकॉर्ड है। पेरिस ओलिंपिक में जीते 2 मेडल
इधर, पेरिस ओलिंपिक के दूसरे ही दिन भारतीय शूटर मनु भाकर ने भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था। उन्होंने विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में 221.7 पॉइंट्स के साथ मेडल जीता। ओलिंपिक के इतिहास में शूटिंग में मेडल दिलाने वाली मनु पहली भारतीय महिला हैं। मनु ने अपना दूसरा मेडल अंबाला शूटर सरबजोत के साथ 10 मीटर पिस्टल मिक्स्ड इवेंट में जीता। दोनों की जोड़ी ने कोरियाई टीम को 16-10 से हराया। मनु एक ओलिंपिक में 2 मेडल जीतने पहली भारतीय बनीं। चीन की खिलाड़ी को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी थीं स्वीटी बूरा…
हरियाणा में BJP की टिकट पर रोहतक की महम सीट से चुनाव लड़ने वाले भारतीय कबड्डी कैप्टन दीपक हुड्डा की पत्नी बॉक्सर स्वीटी बूरा को अर्जुन पुरस्कार दिया जाएगा। स्वीटी बूरा 23 मार्च 2023 को लाइट हैवीवेट कैटेगरी में चीन की वांग लीना को 3-4 से हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी थीं। ऐसा करने वाली वह 7वीं भारतीय बॉक्सर थीं। उनकी इसी उपलब्धियों को देखते हुए उनका नाम शॉर्ट लिस्ट किया गया है। कबड्डी ट्रायल के लिए गईं, बन गई बॉक्सर
स्वीटी के पिता महेंद्र सिंह बताते हैं, ‘स्वीटी पहले गांव में कबड्डी खेलती थी। हम उसे ट्रायल के लिए SAI (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया), हिसार के STC (स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर) में ले गए, लेकिन वहां कबड्डी नहीं होती थी। स्वीटी की फिजीक देख कोच ने कहा कि बॉक्सिंग का ट्रायल दे दो। स्वीटी राजी थी। कोच ने उसे बॉक्सिंग के नियम बताए और डिफेंड करना सिखाया। स्वीटी का बॉक्सिंग ट्रायल हुआ। उसने उन लड़कियों को हरा दिया, जो 2 साल से ट्रेनिंग कर रही थीं। कोच ने हमसे पूछा भी कि यह पहले से बॉक्सिंग करती थी? हमने कहा, नहीं, बस कबड्डी खेलती है। 2009 में SAI, हिसार में उसका एडमिशन बॉक्सिंग में हो गया।’ बरवाला से चुनाव लड़ना चाहती थी स्वीटी
हरियाणा की पंच क्वीन स्वीटी बूरा हिसार की बरवाला विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं। स्वीटी ने BJP की टिकट पर बरवाला से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया था। स्वीटी बूरा ने इसकी घोषणा बरवाला के गांव सरसौद में अपने ननिहाल से की थी। हालांकि उन्हें टिकट नहीं मिली। स्वीटी बूरा हिसार की रहने वाली हैं, उनकी शादी रोहतक के गांव चमारिया में कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा से हुई थी। स्वीटी बूरा ने जनवरी 2024 में भाजपा का दामन थामा था। रोहतक में पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में पति के साथ स्वीटी ने भाजपा जॉइन की थी। स्वीटी बूरा को भीम अवॉर्ड मिल चुका
10 जनवरी 1993 को हरियाणा के हिसार में एक किसान परिवार में स्वीटी बूरा का जन्म हुआ था। स्वीटी बूरा का शुरुआत से ही रुझान कबड्डी की तरफ था। वह हरियाणा से कबड्डी की स्टेट लेवल प्लेयर भी बनीं। हालांकि, साल 2009 में उनके जीवन ने करवट ली। पिता महेंद्र सिंह बूरा के आग्रह पर स्वीटी ने कबड्डी छोड़ बॉक्सिंग शुरू की। इसके बाद स्वीटी ने एशियन चैम्पियनशिप 2015 में सिल्वर, 2022 में ब्रॉन्ज और 2023 में गोल्ड मेडल जीता। 2017 में हरियाणा सरकार ने उन्हें भीम अवॉर्ड से सम्मानित किया था। संजय ने 7 साल की उम्र में हॉकी थामी…
हॉकी प्लेयर संजय कालीरावण को भारत सरकार ने अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित करने का फैसला लिया है। वह पेरिस ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। संजय परिवार के साथ हिसार के गांव डाबड़ा में रहते हैं। संजय कालीरावण ने 7 साल की उम्र में हॉकी थामी थी। आर्थिक तंगी के कारण वह हॉकी नहीं खरीद सके थे। एक माह तक अपने सीनियर्स की हॉकी लेकर उन्होंने प्रैक्टिस की। इसके बाद कोच राजेंद्र सिहाग ने हॉकी दिलाई तो संजय ने हॉकी में नाम चमका दिया। पिता किसान, चचेरे भाई के साथ गए तो हॉकी सीखने की ठानी
संजय के पिता नेकीराम खेतीबाड़ी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। वर्ष 2008 में जब संजय के चाचा के बेटे ने हॉकी का प्रशिक्षण लेना शुरू किया तो वह भी उसके साथ दो-तीन दिन गए। मैदान में खिलाड़ियों के हाथ में हॉकी देख उसने हॉकी सीखने की ठानी। वह स्कूली इंडिया टीम के कैप्टन रह चुके हैं। इसके अलावा जूनियर, सब-जूनियर चंडीगढ़ टीम की कप्तानी की है। उन्होंने नेशनल से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 30 से अधिक मेडल हासिल किए हैं। अमन सहरावत को अर्जुन पुरस्कार… हरियाणा में झज्जर जिले के गांव बिरोहर में रहने वाले 21 वर्षीय अमन सहरावत ने पेरिस ओलिंपिक में देश को कुश्ती में मेडल दिलाया। उन्होंने 57 किग्रा कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। अमन रवि दहिया को अपनी इंस्पिरेशन मानते हैं। दहिया को ही हराकर अमन ने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई भी किया। दहिया ने टोक्यो ओलिंपिक में भारत को सिल्वर मेडल दिलाया था। दहिया से ही इंस्पिरेशन लेकर अमन ने अपने कमरे में गोल्ड मेडल की फोटो टांगी। उन्होंने अपने कमरे में लिखा है, ‘आसान होता तो हर कोई कर लेता।’ अमन सहरावत ने 11 साल की उम्र में माता-पिता को खोया
अमन सहरावत की मौसी सुमन ने बताया कि अमन 11 साल का था, जब उसकी मां दुनिया छोड़कर चली गई। बेटा डिप्रेशन में न चला जाए, इसलिए पिता ने कुश्ती में डाल दिया, लेकिन 6 महीने बाद पिता का भी देहांत हो गया। अमन के पिता का सपना था कि घर में कोई न कोई पहलवानी करे और भारत के लिए मेडल जीते। अमन ने कहा था पिता का सपना जरूर पूरा करूंगा। अमन ने देश को पेरिस ओलिंपिक में रेसलिंग का पहला मेडल दिलाया था। अमन ने प्यूर्टो रिको के डरियन टोई क्रूज को 13-5 से हराकर मेडल जीता। उन्होंने शुरुआती 2 मैच जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन जापान के रेसलर से हारकर उन्हें ब्रॉन्ज मेडल मैच खेलना पड़ा। जापानी रेसलर ने गोल्ड मेडल जीता। हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को खेल रत्न भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को अपने दमदार खेल और असाधारण प्रतिभा के बल पर मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवार्ड मिलने जा रहा है। उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में टोक्यो 2020 ओलिंपिक में कांस्य पदक, 2023 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलिंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। हरमनप्रीत सिंह का जन्म 6 जनवरी 1996 को पंजाब के अमृतसर जिले के जंडियाला गुरु बस्ती में एक किसान परिवार में हुआ। बचपन में हरमनप्रीत खेतों में परिवार का हाथ बंटाते थे और ट्रैक्टर चलाते थे। खेतों में काम करते हुए उनके हाथों ने ड्रैग-फ्लिक के हुनर को तराशा। 2011 में हरमनप्रीत ने जालंधर के सुरजीत अकादमी में दाखिला लिया, जहां स्पेशलिस्ट गगनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह उनकी पेनल्टी कॉर्नर की कला में और सुधार लाए। जूनियर स्तर पर हरमनप्रीत का प्रदर्शन
हरमनप्रीत ने 2011 में सुल्तान जोहोर कप के जरिए भारतीय जूनियर टीम में डेब्यू किया। 2014 में इसी टूर्नामेंट में उन्होंने 9 गोल किए और ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का खिताब जीता। इसके बाद 2016 में जूनियर विश्व कप जीतने में अहम भूमिका निभाई। सीनियर टीम में डेब्यू और ओलिंपिक सफर
हरमनप्रीत ने 2015 में जापान के खिलाफ सीनियर टीम के लिए डेब्यू किया। 2016 में रियो ओलिंपिक के लिए चुने जाने के बाद वह टीम का हिस्सा बने। हालांकि, रियो में भारत का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा, लेकिन हरमनप्रीत ने 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में शानदार वापसी की। टोक्यो 2020 में हरमनप्रीत ने 6 गोल कर भारत को 41 वर्षों बाद ओलिंपिक पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पटियाला में मुनीम ने किया 61 लाख का गबन:पेट्रोल पंप का पैसा अपने खाते में डाला, मालिक को फंसाने की रची साजिश
पटियाला में मुनीम ने किया 61 लाख का गबन:पेट्रोल पंप का पैसा अपने खाते में डाला, मालिक को फंसाने की रची साजिश पटियाला जिले के पातड़ां के एक पेट्रोल पंप के मुनीम ने मालिक को भरोसे का फायदा उठाकर कंपनी का पैसा अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया। 61 लाख रुपए का गबन करने वाले समाना निवासी दया सिंह और उसके साथी बलराज सिंह खांग गांव को अरेस्ट कर लिया है। पातड़ां थाना के एसएचओ यशपाल शर्मा ने इनकी गिरफ्तारी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि आरोपी मुनीम दया सिंह ने 61 लाख रुपए के गबन के बाद मालिकों को ही फंसाने का मास्टर प्लान बनाया था। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज मामले की जानकारी देते हुए एसएचओ ने बताया कि इस प्लान की भनक लगते ही मालिक ने आरोपी मुनीम के खिलाफ कंप्लेंट कर दी। जिसके बाद इन दोनों आरोपियों को बाउंस हुए चेक सहित अरेस्ट कर लिया। इन लोगों के खिलाफ मेनस पेट्रोल पंप के मालिक चूहड़ सिंह की कंप्लेंट पर अरेस्ट किया है। चूहड़ सिंह ने अपने बेटे जसवीर के नाम पर पेट्रोल पंप लगाया था। जहां पर दया सिंह मुनीम का काम करता था। चेक बाउंस की कहानी बनाई पातड़ां के एसएचओ यशपाल शर्मा ने बताया कि आरोपी दया सिंह ने धीरे-धीरे पेट्रोल पंप का पैसा तकरीबन 61 लाख रुपए अपने निजी अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया था। पंप के मालिक को पता चला तो आरोपी ने खुद को बचाने के लिए पंप के नाम का एक चेक चोरी करने के बाद इस पर फर्जी साइन कर दिया। साथी सहित आरोपी गिरफ्तार यह चेक आरोपी ने अपने साथी बलराज के जरिए बैंक में लगा दिया ताकि चेक बाउंस होने के बाद मालिक को फंसा सके। 25 लाख रुपए की रकम भरने के बाद बलराज सिंह ने चेक लगाया था। जो बाउंस हो गया। इससे पहले कि यह लोग चेक बाउंस का केस कोर्ट में लगाते, पुलिस पार्टी ने इन दोनों आरोपियों को चेक सहित अरेस्ट कर लिया। पुलिस रिमांड पर लेने के बाद इनसे अगली पूछताछ की जाएगी।
हरियाणा के 2 युवकों की पंजाब में मौत:दोस्त की रिंग सेरेमनी से लौट रहे थे, कार पलटी, धुंध के कारण रास्ता साफ नहीं दिखा
हरियाणा के 2 युवकों की पंजाब में मौत:दोस्त की रिंग सेरेमनी से लौट रहे थे, कार पलटी, धुंध के कारण रास्ता साफ नहीं दिखा हरियाणा के फतेहाबाद के 2 दोस्तों की कार पलटने से मौत हो गई। वहीं 3 युवक घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। सभी दोस्त एक रिंग सेरेमनी में शामिल होने के लिए पंजाब के संगरूर में गए थे। वापसी के दौरान शनिवार तड़के करीब 3 बजे पटियाला में घनी धुंध थी। धुंध के कारण ड्राइवर को आगे का रास्ता साफ नहीं दिख पाया और कार पलट गई। हादसा इतना भयानक था कि दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। पंजाब पुलिस को जैसे ही हादसे की सूचना मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने घायल युवकों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। तीन घायलों में से एक की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। संगरूर में थी दोस्त की रिंग सेरेमनी
जानकारी के अनुसार जाखल मंडी के 4 दोस्त अंशुल गर्ग, अतुल गोयल, हिमांशु गोयल, चैरी खिप्पल अपने एक दोस्त की रिंग सेरेमनी में शामिल होने के लिए शाम को कार में सवार होकर संगरूर के दिड़बा के लिए निकले। रास्ते में मुनक में एक और दोस्त कार में सवार हो गया। कार्यक्रम खत्म होने के बाद देर रात सभी युवक कार में वापस जाखल की तरफ आ रहे थे। धुंध के कारण विजिबिलिटी कम थी
जानकारी के मुताबिक, जब वे पटियाला के पातड़ा क्षेत्र के गांव दुगाल के पास पहुंचे तो घनी धुंध होने के कारण हादसा हुआ। हादसे में अंशुल और अतुल की मौके पर ही मौत हो गई। राहगीरों की सूचना पर पंजाब पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घायलों को संभाला। हिमांशु को ज्यादा गंभीर चोटें लगने पर उसे पटियाला रेफर किया गया है, जबकि चैरी और मुनक निवासी युवक को कम चोटें लगने से उनकी जान बच गई। हादसे की सूचना मिलते ही मृतकों के परिजन अस्पताल में पहुंचे। यहां पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे। दोनों युवक अविवाहित थे
मृतक दोनों युवक अविवाहित थे। उनकी उम्र लगभग 25 वर्ष थी। अतुल का राइस शेलर तो अंशुल का ट्रांसपोर्ट का काम था। दोनों के एक-एक बड़े भाई हैं। पुलिस बोली- विजिबिलिटी न के बराबर थी
पटियाला के पातड़ा थाने के अधिकारी ने बताया कि फोन पर दुर्घटना की सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई। उन्होंने बताया कि लग रहा है कि धुंध में ओवरटेक के कारण कार बेकाबू होकर डिवाइडर से टकराई है। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो बहुत ज्यादा धुंध थी। विजिबिलिटी न के बराबर थी। ये खबर भी पढ़ें…. करनाल में कोहरे के चलते कैंटर-ट्रक की टक्कर, ऑयल की बोतलें बिखरीं करनाल में एनएच-44 पर कैंटर और ट्रक की भिड़ंत हो गई। हादसा घनी धुंध के कारण हुआ। शनिवार की अलसुबह दिल्ली की तरफ जा रहा कैंटर खराब हो गया। कैंटर पहली लेन में खड़ा रह गया। इसी दौरान पीछे से एक ट्रक आया और कैंटर से जा टकराया। गनीमत रही कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। पूरी खबर पढ़ें…