पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर फसलों की MSP समेत 13 मांगों को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का चल रहा अनशन आज (सोमवार) को 63वें दिन में दाखिल हो गया है। अब उनकी हालत में सुधार हो रहा है। 13 फरवरी को किसान संघर्ष-2 को एक साल पूरा होने वाला है। इसके उपलक्ष्य में अब किसानों ने 11 से लेकर 13 फरवरी तक तीन बड़ी महापंचायतें आयोजित करने का फैसला लिया है। इसमें हजारों की संख्या में लोग मोर्चे पर पहुंचेंगे। जिसके पहले चरण 29 जनवरी को किसान अमृतसर से रवाना होंगे, जबकि 30 को वह शंभू पहुंचेंगे। इससे पहले 26 जनवरी को किसानों द्वारा पंजाब हरियाणा समेत देशभर में निकाला गया ट्रैक्टर मार्च पूरी तरह से कामयाब रहा है। 11 फरवरी से शुरू होगी महापंचायत किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवम किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले में यह महापंचायतें होंगी। 11 फरवरी को रत्नपुरा मोर्चे पर, 12 फरवरी को दातासिंहवाला-खनौरी मोर्चे पर और 13 फरवरी को शंभू मोर्चे पर किसानों की बड़ी महापंचायत होंगी। इसके बाद 14 फरवरी को चंडीगढ़ में किसानों की केंद्र सरकार से बड़ी मीटिंग होने जा रही है। इससे पहले मीटिंगों का दौर फरवरी में चला था। करीब चार मीटिंग हुई थी। लेकिन इसी बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई थी। इसके बाद यह प्रक्रिया अधर में रह गई थी। कल शुरू होंगे अखंड पाठ साहिब किसान नेताओं ने बताया कि मोर्चे की कामयाबी के लिए 28 जनवरी को खनौरी किसान मोर्चे पर अखण्ड पाठ शुरू होगा, जबकि 30 जनवरी को भोग पड़ेंगे। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि किसान मोर्चे की अब तक कि कामयाबी परमात्मा-वाहेगुरु और गुरुओं को समर्पित है, आगे भी उन्हीं के आशीर्वाद से मोर्चा पूर्ण कामयाबी के मुकाम तक पहुंचेगा। वहीं प्रशासन द्वारा भी उनकी सेहत पर पूरी नजर रखी जा रही है। अब तक किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ? पिछले साल 13 फरवरी को किसान ने फसलों की एमएसपी समेत 13 मांगों को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। क्योंकि उस समय लोकसभा चुनाव होने थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने शुरू में तत्परता दिखाई। साथ ही तत्कालीन कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा समेत सीनियर नेता चंडीगढ़ भेजे। साथ ही सेक्टर-26 में किसान नेताओं से मीटिंग की। इन मीटिंगों में पंजाब सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहे। यह मीटिंग देर रात दो बजे तक चलती रही थी, लेकिन जब किसानों की सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला लिया था। लेकिन हरियाणा सरकार ने बैरिकेड लगाकर किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया। साथ ही दलील दी कि किसानों ने अपने ट्रैक्टर मॉडिफाई किए हुए हैं। अगर किसान आगे आते हैं तो राज्य का माहौल खराब होगा। इस दौरान खनौरी बॉर्डर पर पुलिस व किसानों की झड़प में युवा किसान शुभकरन सिंह की मौत हो गई। हालांकि जब किसान वहीं रुक गए तो उन दोनों रास्तों से पंजाब हरियाणा का संपर्क टूट गया। इस वजह से कारोबारियों को नुकसान होने लगा। मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया। दस जुलाई को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बैरिकेड खोलने के आदेश दिए तो सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई पावर कमेटी गठित की । फिर 26 नवंबर से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अनशन शुरू किया। साथ ही किसी तरह की मेडिकल सुविधा न लेने का फैसला लिया। लेकिन जैसे ही संघर्ष 50 दिन पार कर गया तो केंद्र सरकार के अधिकारी खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को मीटिंग को न्योता दिया। इसके बाद डल्लेवाल ने अनशन जारी रखने व मेडिकल सुविधा लेने का फैसला लिया। साथ ही 26 जनवरी को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला। पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर फसलों की MSP समेत 13 मांगों को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का चल रहा अनशन आज (सोमवार) को 63वें दिन में दाखिल हो गया है। अब उनकी हालत में सुधार हो रहा है। 13 फरवरी को किसान संघर्ष-2 को एक साल पूरा होने वाला है। इसके उपलक्ष्य में अब किसानों ने 11 से लेकर 13 फरवरी तक तीन बड़ी महापंचायतें आयोजित करने का फैसला लिया है। इसमें हजारों की संख्या में लोग मोर्चे पर पहुंचेंगे। जिसके पहले चरण 29 जनवरी को किसान अमृतसर से रवाना होंगे, जबकि 30 को वह शंभू पहुंचेंगे। इससे पहले 26 जनवरी को किसानों द्वारा पंजाब हरियाणा समेत देशभर में निकाला गया ट्रैक्टर मार्च पूरी तरह से कामयाब रहा है। 11 फरवरी से शुरू होगी महापंचायत किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवम किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले में यह महापंचायतें होंगी। 11 फरवरी को रत्नपुरा मोर्चे पर, 12 फरवरी को दातासिंहवाला-खनौरी मोर्चे पर और 13 फरवरी को शंभू मोर्चे पर किसानों की बड़ी महापंचायत होंगी। इसके बाद 14 फरवरी को चंडीगढ़ में किसानों की केंद्र सरकार से बड़ी मीटिंग होने जा रही है। इससे पहले मीटिंगों का दौर फरवरी में चला था। करीब चार मीटिंग हुई थी। लेकिन इसी बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई थी। इसके बाद यह प्रक्रिया अधर में रह गई थी। कल शुरू होंगे अखंड पाठ साहिब किसान नेताओं ने बताया कि मोर्चे की कामयाबी के लिए 28 जनवरी को खनौरी किसान मोर्चे पर अखण्ड पाठ शुरू होगा, जबकि 30 जनवरी को भोग पड़ेंगे। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि किसान मोर्चे की अब तक कि कामयाबी परमात्मा-वाहेगुरु और गुरुओं को समर्पित है, आगे भी उन्हीं के आशीर्वाद से मोर्चा पूर्ण कामयाबी के मुकाम तक पहुंचेगा। वहीं प्रशासन द्वारा भी उनकी सेहत पर पूरी नजर रखी जा रही है। अब तक किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ? पिछले साल 13 फरवरी को किसान ने फसलों की एमएसपी समेत 13 मांगों को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। क्योंकि उस समय लोकसभा चुनाव होने थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने शुरू में तत्परता दिखाई। साथ ही तत्कालीन कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा समेत सीनियर नेता चंडीगढ़ भेजे। साथ ही सेक्टर-26 में किसान नेताओं से मीटिंग की। इन मीटिंगों में पंजाब सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहे। यह मीटिंग देर रात दो बजे तक चलती रही थी, लेकिन जब किसानों की सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला लिया था। लेकिन हरियाणा सरकार ने बैरिकेड लगाकर किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया। साथ ही दलील दी कि किसानों ने अपने ट्रैक्टर मॉडिफाई किए हुए हैं। अगर किसान आगे आते हैं तो राज्य का माहौल खराब होगा। इस दौरान खनौरी बॉर्डर पर पुलिस व किसानों की झड़प में युवा किसान शुभकरन सिंह की मौत हो गई। हालांकि जब किसान वहीं रुक गए तो उन दोनों रास्तों से पंजाब हरियाणा का संपर्क टूट गया। इस वजह से कारोबारियों को नुकसान होने लगा। मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया। दस जुलाई को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बैरिकेड खोलने के आदेश दिए तो सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई पावर कमेटी गठित की । फिर 26 नवंबर से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अनशन शुरू किया। साथ ही किसी तरह की मेडिकल सुविधा न लेने का फैसला लिया। लेकिन जैसे ही संघर्ष 50 दिन पार कर गया तो केंद्र सरकार के अधिकारी खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को मीटिंग को न्योता दिया। इसके बाद डल्लेवाल ने अनशन जारी रखने व मेडिकल सुविधा लेने का फैसला लिया। साथ ही 26 जनवरी को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
फाजिल्का में मरणाव्रत पर बैठे ग्रामीण:सरपंच पर जल निकासी अवरुद्ध करने का आरोप, घरों में भरा बरसात का पानी
फाजिल्का में मरणाव्रत पर बैठे ग्रामीण:सरपंच पर जल निकासी अवरुद्ध करने का आरोप, घरों में भरा बरसात का पानी फाजिल्का के गांव रामनगर में बरसाती पानी की निकासी की मांग को लेकर गांव के लोग मरणाव्रत पर बैठ गए हैं l सरपंच के घर के नजदीक मरणाव्रत पर बैठे इन ग्रामीणों का आरोप है कि उनके गांव में बरसाती पानी की निकासी सरपंच के घर के आगे से हो रही थी, जिस पर सरपंच ने मिट्टी से भरी ट्रालियां मंगवा निकासी को रोक दिया है l जिसके चलते वह अपनी मांग को लिए सरपंच के घर के नजदीक मरणाव्रत पर बैठ गए हैं l जानकारी देते हुए गांव रामनगर में मरणाव्रत पर बैठे काका सिंह ने बताया कि आज उनके साथ राजा सिंह और हरप्रीत सिंह भी मरणाव्रत पर बैठे हैं l उन्होंने आरोप लगाया कि बरसात आने की वजह से बड़ी संख्या में बरसाती पानी उनकी गलियों में जमा हो गया l जिसकी निकासी सरपंच के घर के आगे से हो रही थी l सरपंच ने मिट्टी की ट्रालियां डलवाकर जल निकासी रोक दी। जिस कारण पानी उनके घरों में घुस गया l जिसे लेकर उनके द्वारा कार्रवाई की मांग की जा रही है l सुनवाई न होते देख अब उनके द्वारा मरणाव्रत शुरू कर दिया गया है l इन लोगों के आरोप है कि सरपंच द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया l उन्होंने मांग की है कि जहां पानी की निकासी करवाई जाए, वही सरपंच उनसे माफी भी मांगे l उधर, सरपंच राम सिंह का कहना है कि उनके द्वारा कोई भी दुर्व्यवहार नहीं किया गया l लोगों ने सरकारी सड़क को उखाड़ दिया, जिस वजह से सारा पानी उनके घरों में दाखिल हो गया l जिसके चलते उनके द्वारा मिट्टी से भरी ट्रालियां मंगवाई गई और मिट्टी डालकर पानी को रोका गया l सरपंच का कहना है कि इस मामले को सुलझाने के लिए उनके द्वारा जहां नई पाइप डलवाने का काम शुरू करवाया गया है l वहीं जल्दी ही सड़क भी बनवा दी जाएगी l
पंजाब पुलिस का थानों में ब्लास्ट रोकने का प्लान:78 चौकी-थाने आइडेंटिफाई, चारदीवारी के साथ कंटीले तार लगेंगे; असुरक्षित बिल्डिंग गिराई जाएंगी
पंजाब पुलिस का थानों में ब्लास्ट रोकने का प्लान:78 चौकी-थाने आइडेंटिफाई, चारदीवारी के साथ कंटीले तार लगेंगे; असुरक्षित बिल्डिंग गिराई जाएंगी पंजाब में बॉर्डर एरिया में पड़ने वाले पुलिस थानों पर हो रहे हमलों के बाद पंजाब पुलिस ने ‘थिंक टैंक’ स्ट्रेटजी बनाई है। इसके लिए 78 थानों और चौकी को आइडेंटिफाई किया गया है। इन सभी थानों की चारदीवारी की जाएगी। साथ ही ऊपर कंटीले तार भी लगाए जाएंगे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जो बिल्डिंग सुरक्षित नहीं है उन्हें गिराया जाएगा, ताकि कोई नुकसान न पहुंचा पाए। यह सारा काम 4 महीने में पूरा होगा। इस महीने से ही काम शुरू हो जाएगा। दरअसल, नवंबर और दिसंबर महीने में पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर, नवांशहर के पुलिस थाने और चौकी में ब्लास्ट हुए थे। जिसके बाद पुलिस मुस्तैद हो गई है। DSP को विशेष चेकिंग का जिम्मा, SHO को मॉडर्न गाड़ियां दीं
पुलिस स्टेशनों पर हमले के बाद पुलिस ने सरकारी इमारतों व थानों की सुरक्षा में थोड़ा बदलाव किया है। सभी पुलिस थानों में अस्थाई जाली व हरे रंग की चादर लगाई गई है, ताकि बाहर से यदि कोई चीज फेंके तो अंदर न पहुंच पाए। रात के समय पेट्रोलिंग बढ़ाई गई है। DSP स्तर के अधिकारी को जिम्मा सौंपा गया है, ताकि रात को विशेष चेकिंग की जाए। इसके अलावा सीनियर अफसर भी फिल्ड में एक्टिव हैं। पुलिस व लोगों का तालमेल बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है, ताकि उन तक तुरंत सूचना पहुंच जाए। बार्डर एरिया के सभी थानों के SHO को मॉडर्न गाड़ियां दी गई हैं। DGP गौरव यादव ने कुछ दिन पहले पंजाब का दौरा किया। गवर्नर पंजाब गुलाब चंद कटारिया भी कह चुके हैं कि पाकिस्तान माहौल बिगाड़ने में लगा है। देश के ही युवाओं का सहारा ले रहे आतंकी
पंजाब पुलिस का कहना है कि गत 9 साल से पंजाब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के मनोबल को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, आतंकी अभी तक कामयाब नहीं हो पाए। इतना जरूर है कि अब वह बाहरी आदमी भेजने की अपेक्षा हमारे ही देश के युवाओं का सहारा ले रहे हैं। 2 जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमला हुआ था। इसमें 2 सेना के जवानों समेत 5 लोग शहीद हुए। तब आतंकी पाकिस्तान से आए थे। इसके बाद 9 मई 2022 मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर ग्रेनेड से हमला हुआ। इसमें जानी नुकसान नहीं हुआ। इसके बाद दिसंबर 2022 में सहराली थाने पर ग्रेनेड अटैक हुआ था, इसमें बचाव हो गया था। इन मामलों की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कर रही है।
लुधियाना का अस्पताल बना जंग का अखाड़ा,VIDEO:दो पक्षों में हुई जमकर मारपीट, महिलाओं को नीचे गिराया, देखता रहा पुलिस कर्मचारी
लुधियाना का अस्पताल बना जंग का अखाड़ा,VIDEO:दो पक्षों में हुई जमकर मारपीट, महिलाओं को नीचे गिराया, देखता रहा पुलिस कर्मचारी लुधियाना का सिविल अस्पताल जंग का अखाड़ा बन गया है। अस्पताल परिसर में ही दो गुट आपस में भिड़ गए। झड़प के बाद अस्पताल में आए मरीजों व तीमारदारों में डर का माहौल पैदा होता है। वहीं सिविल अस्पताल में सुरक्षा पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड में पुलिसकर्मी भी इन सभी झगड़े के मुख्य दर्शक बने रहते हैं। इमरजेंसी वार्ड की सुरक्षा राम भरोसे हैं। इमरजेंसी के बाहर उछाली पगड़ियां दो दिन पहले रात करीब 1 बजे मेडिकल करवाने आए दो पक्ष आपस में इमरजेंसी में भिड़ गए। जिसका एक वीडियो आज सामने आया है। जहां दोनों पक्षों ने अस्पताल की इमरजेंसी में एक दूसरे की पगड़ियां तक उछाली। वहीं महिलाओं को भी अस्पताल के प्रांगण में गिराकर पीटा। इस सारी घटना के दौरान इमरजेंसी में तैनात पुलिस कर्मी मुख्य दर्शक बना रहा। जिसके बाद थाना डिवीजन 2 की पुलिस ने अस्पताल पहुंच दोनों पक्षों को अलग अलग करवाया। जिसके बाद दोनों पक्षों ने अपना अपना मेडिकल करवा मामले की शिकायत पुलिस को दी। जानकारी के मुताबिक, बाबा थान सिंह चौक इलाके में रहने वाले एक युवक का अपनी पत्नी के साथ विवाद हो गया था। जिसके बाद वह और उसके ससुराल पक्ष सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाने पुहंचे। जहां दोनों पक्षों ने विवाद के बाद जमकर एक दूसरे की धुनाई की। बता दें इमरजेंसी से पुलिस चौकी 20 कदमों की दूरी पर है, लेकिन रात 10 बजे के बाद पुलिस चौकी पर भी ताला लटक जाता है। सिर्फ 1 पुलिस कर्मचारी सिविल अस्पताल की इमरजेंसी की सुरक्षा में तैनात रहता है।