पंजाब में किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण राज्य के 15 प्रमुख हाईवे प्रोजेक्ट्स, जिनकी कुल लंबाई 604 किमी है, अधर में लटक गए हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए 103 किमी भूमि पर कब्जा प्राप्त करना बाकी है। इन परियोजनाओं में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे भी शामिल है, जिसे भारतमाला परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है। NHAI राज्य में कुल 37 हाईवे प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है, जिनकी लंबाई 1,344 किमी है और कुल अनुमानित लागत 50,000 करोड़ रुपये है। इन प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन किसानों के विरोध और अन्य प्रशासनिक अड़चनों के कारण काम रुक गया है। भूमि अधिग्रहण में मुख्य बाधाएं NHAI ने राज्य सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा पहले भी कह चुके हैं कि प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को किसानों के साथ बातचीत कर भूमि अधिग्रहण का काम जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए। किसानों का विरोध मुख्य रूप से मुआवजे और पुनर्वास योजनाओं से जुड़ा हुआ है। केंद्र सरकार की चेतावनी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इसे लेकर पहले भी सख्त रवैया अपना चुके हैं। पहले हुए विवाद के समय उन्होंने कहा था कि अगर भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द पूरा नहीं हुआ, तो इन प्रोजेक्ट्स को रद्द किया जा सकता है। इससे न केवल विकास कार्यों में देरी होगी, बल्कि राज्य को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन- प्रयास जारी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस समस्या के समाधान के लिए किसानों के साथ बातचीत का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि विकास कार्यों को गति देने और किसानों की चिंताओं का समाधान करने के लिए राज्य सरकार पूरी कोशिश करेगी। मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों को किसानों के साथ मुआवजे और पुनर्वास योजनाओं पर चर्चा करने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। NHAI को उठाना पड़ रहा नुकसान NHAI को न केवल भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, बल्कि इसके साथ ही प्रोजेक्ट्स के निर्माण में भी देरी हो रही है। जिन प्रोजेक्ट्स की समय सीमा पहले ही तय हो चुकी थी, वे अब अधर में लटक गए हैं। किसानों की मांगें किसान अपनी जमीन के मुआवजे को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। उनकी मांग है कि मुआवजा बाजार दर के हिसाब से तय किया जाए। साथ ही, पुनर्वास और रोजगार के अवसर भी सुनिश्चित किए जाएं। किसानों और प्रशासन के बीच समन्वय की कमी के कारण हाईवे प्रोजेक्ट्स रुकावट का सामना कर रहे हैं। यदि इस मुद्दे का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो राज्य और केंद्र सरकार को न केवल आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा, बल्कि राज्य के बुनियादी ढांचे और विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पंजाब में किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण राज्य के 15 प्रमुख हाईवे प्रोजेक्ट्स, जिनकी कुल लंबाई 604 किमी है, अधर में लटक गए हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए 103 किमी भूमि पर कब्जा प्राप्त करना बाकी है। इन परियोजनाओं में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे भी शामिल है, जिसे भारतमाला परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है। NHAI राज्य में कुल 37 हाईवे प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है, जिनकी लंबाई 1,344 किमी है और कुल अनुमानित लागत 50,000 करोड़ रुपये है। इन प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन किसानों के विरोध और अन्य प्रशासनिक अड़चनों के कारण काम रुक गया है। भूमि अधिग्रहण में मुख्य बाधाएं NHAI ने राज्य सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा पहले भी कह चुके हैं कि प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को किसानों के साथ बातचीत कर भूमि अधिग्रहण का काम जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए। किसानों का विरोध मुख्य रूप से मुआवजे और पुनर्वास योजनाओं से जुड़ा हुआ है। केंद्र सरकार की चेतावनी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इसे लेकर पहले भी सख्त रवैया अपना चुके हैं। पहले हुए विवाद के समय उन्होंने कहा था कि अगर भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द पूरा नहीं हुआ, तो इन प्रोजेक्ट्स को रद्द किया जा सकता है। इससे न केवल विकास कार्यों में देरी होगी, बल्कि राज्य को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन- प्रयास जारी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस समस्या के समाधान के लिए किसानों के साथ बातचीत का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि विकास कार्यों को गति देने और किसानों की चिंताओं का समाधान करने के लिए राज्य सरकार पूरी कोशिश करेगी। मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों को किसानों के साथ मुआवजे और पुनर्वास योजनाओं पर चर्चा करने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। NHAI को उठाना पड़ रहा नुकसान NHAI को न केवल भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, बल्कि इसके साथ ही प्रोजेक्ट्स के निर्माण में भी देरी हो रही है। जिन प्रोजेक्ट्स की समय सीमा पहले ही तय हो चुकी थी, वे अब अधर में लटक गए हैं। किसानों की मांगें किसान अपनी जमीन के मुआवजे को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। उनकी मांग है कि मुआवजा बाजार दर के हिसाब से तय किया जाए। साथ ही, पुनर्वास और रोजगार के अवसर भी सुनिश्चित किए जाएं। किसानों और प्रशासन के बीच समन्वय की कमी के कारण हाईवे प्रोजेक्ट्स रुकावट का सामना कर रहे हैं। यदि इस मुद्दे का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो राज्य और केंद्र सरकार को न केवल आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा, बल्कि राज्य के बुनियादी ढांचे और विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
घर में घुसे लुटेरे, शोर मचाया तो शिक्षक को मारी गोली
घर में घुसे लुटेरे, शोर मचाया तो शिक्षक को मारी गोली अलसुबह 3 बजे की वारदात कालांवाली (डबवाली) | उपमंडल कालांवाली में डबवाली रोड पर गांव जगमालवाली में बुधवार अलसुबह 3 बजे एक घर में लुटेरे घुस गए। शोर सुनकर लोग जागे तो आरोपी फायरिंग कर दी। गोली 30 वर्षीय शिक्षक गुरमीत सिंह पुत्र भाग सिंह को लगी। गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे लुधियाना डीएमसी अस्पताल में भर्ती करवाया है। ग्रामीणों और परिजनों ने बताया कि अध्यापक दंपती बच्चे के साथ कमरे में सो रहे थे और उनके माता-पिता दूसरे कमरे में थे। अलसुबह करीब 3 बजे 2 लुटेरे गांव के बाहर जगमालवाली डेरा वाली रोड किनारे घर में घुसे और पिता भाग सिंह की तरफ रिवाल्वर तान कर बोले जो कुछ है निकाल दो। इससे घबराए किसान भाग सिंह ने शोर मचाया तो दूसरे कमरे में सो रहे अध्यापक बेटे गुरमीत सिंह ने कमरे का दरवाजा खोला तो सामने लुटेरों ने फायरिंग कर दी। जिससे गोली गुरमीत सिंह के गले में जा लगी। गोली लगने के बाद गुरमीत सिंह खून से लथपथ जमीन पर गिर गया। मौका पाकर लुटेरे मौके से फरार हो गए। पुलिस प्रशासन थाना प्रभारी और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। डीएसपी मयंक मुदगिल ने बताया कि मामले में केस दर्ज कर आगामी जांच की जा रही है।
पंजाब-चंडीगढ़ के 11 जिलों में शीतलहर का अलर्ट:पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव, पहाड़ों पर बर्फबारी से बढ़ी ठिठुरन; अमृतसर सबसे ठंडा शहर
पंजाब-चंडीगढ़ के 11 जिलों में शीतलहर का अलर्ट:पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव, पहाड़ों पर बर्फबारी से बढ़ी ठिठुरन; अमृतसर सबसे ठंडा शहर पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद पंजाब-चंडीगढ़ के तापमान में भारी बदलाव देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग ने बढ़ती ठंड को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। पंजाब के औसत तापमान में 1.5 डिग्री और चंडीगढ़ के तापमान में 0.4 डिग्री की बढ़ोतरी हुई। मैदानी इलाकों में अमृतसर सबसे ठंडा शहर रहा, जहां तापमान 5.4 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक चंडीगढ़ के अलावा पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, रूपनगर और एसएएस नगर में शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। लेकिन अभी बारिश के आसार नहीं हैं। जिसके चलते पंजाब-चंडीगढ़ में मौसम शुष्क रहने की उम्मीद है। 13 दिसंबर तक शीतलहर का अलर्ट आने वाले दिनों में कंपकंपाती ठंड पड़ेगी। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जो अब दिल्ली-हरियाणा सीमा पर चक्रवात के रूप में दिख सकता है। यही वजह है कि 13 दिसंबर तक शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान पंजाब-चंडीगढ़ के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी। चंडीगढ़ सहित पंजाब के शहरों की स्थिति चंडीगढ़- आसमान साफ रहेगा। तापमान 7 से 22 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। अमृतसर- आसमान साफ रहेगा। तापमान 4 से 22 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। जालंधर- आसमान साफ रहेगा। तापमान 6 से 22 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। लुधियाना- आसमान साफ रहेगा। तापमान 5 से 22 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। पटियाला- आसमान साफ रहेगा। तापमान 7 से 22 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। मोहाली- आसमान साफ रहेगा। तापमान 9 से 22 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है।
पंजाब में स्कूल स्तर पर तैयार होंगे फुटबॉल खिलाड़ी:सरकार DFB से साझेदारी की तैयारी में, जर्मनी पहुंचे शिक्षामंत्री बैंस
पंजाब में स्कूल स्तर पर तैयार होंगे फुटबॉल खिलाड़ी:सरकार DFB से साझेदारी की तैयारी में, जर्मनी पहुंचे शिक्षामंत्री बैंस पंजाब में स्कूल स्तर पर फुटबॉल के खिलाड़ी पैदा करने के लिए अब राज्य सरकार ने तैयारी की है। इसके लिए सरकार आने वाले दिनों में DFB (जर्मनी के अधिकारिक फुटबॉल बोर्ड) से साझेदारी कर सकती है। वहीं, शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस इसके लिए जर्मनी गए है। जहां पर कुछ दिन रहकर सारी स्थितियों का जायजा लेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इस संबंधी पोस्ट डालकर यह जानकारी शेयर की है। तकनीकी यूनिवर्सिटी का भी करेंगे दौरा शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस की तरफ से सोशल मीडिया अकाउंट पर एक्स पर डाली गई पोस्ट में लिखा है है कि अगले तीन दिनों तक जर्मनी में रहूंगा। हमारे स्कूलों में फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए DFB (जर्मनी का आधिकारिक फुटबॉल बोर्ड) के साथ साझेदारी करने के लिए उत्सुक हूं। पंजाब में कौशल बढ़ाने के अवसरों का पता लगाने के लिए तकनीकी विश्वविद्यालयों का भी करूंगा। खेल नर्सरी के लिए कोच भर्ती आखिरी चरण में सरकार का ध्यान अब स्पोर्ट्स पर लगा हुआ है। गत साल के अंत में पंजाब की स्पोर्ट्स पॉलिसी जारी की गई थी। इसमें खिलाड़ियों को कई सुविधाएं देने का वायदा किया गया था। वहीं, अब सरकार 250 खेल नर्सरी पूरे पंजाब में खोलने जा रही है। इसके लिए रखे जाने वाले कोच के फिजिकल फिटनेस के ट्रायल चल रहे हैं। उम्मीद है कि इसी महीने के अंत तक खेल नर्सरी भी शुरू हो जाएगी। सरकार को उम्मीद है कि इससे नशे में लगे युवाओं का ध्यान खेलों में लगाया जाएगा। याद रहे कि इससे पहले पंजाब के स्कूलों के प्रिसिपलों को सिंगापुर से ट्रेनिंग दिलाई गई थी।