पंजाब में जत्थेदार बोले- किसानों पर केंद्र का रवैया चिंताजनक:गुरुपर्व पर दी शुभकामनाएं; हमलावर चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले ने माफी मांगी

पंजाब में जत्थेदार बोले- किसानों पर केंद्र का रवैया चिंताजनक:गुरुपर्व पर दी शुभकामनाएं; हमलावर चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले ने माफी मांगी

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने दुनिया को शुभकामनाएं दी हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने किसान आंदोलन पर केंद्र के रवैये पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने जानकारी साझा की कि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले व्यक्ति ने माफी मांग ली है। यही नहीं उन्होंने ज्ञानी हरप्रीत सिंह से चल रही पूछताछ पर भी चिंता जताई है। इसके अलावा अकाली दल को 2 दिसंबर को दिए गए आदेशों को जल्द से जल्द लागू करने के निर्देश भी दिए हैं। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए 4 अहम बिन्दुओं पर चर्चा की- 1.नरायण सिंह चौड़ा की पगड़ी उतारने का मामला जत्थेदार साहिब ने बताया कि सुखबीर बादल पर हमला करने वाले नरायण सिंह चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले मामले में जसप्रीत सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब में अपनी सफाई पेश कर दी है। जत्थेदार ने कहा कि जसप्रीत सिंह ने जानें अंजाने में नहीं, जानबूझ कर पगड़ी को उतारा था। इसे लेकर जसप्रीत सिंह की तरफ से माफी नामा दे दिया गया है। जल्द ही बैठक कर इस पर विचार किया जाएगा। 2.केंद्र सरकार को किसानों से संवाद न करने पर निंदा जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह जी ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल के बीच सरकार का किसानों से संवाद न करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने किसानों के साथ हो रहे इस व्यवहार की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से अपील की कि वह जल्द से जल्द किसानों की मांगों पर बातचीत शुरू करें। 3. अकाल तख्त साहिब के फैसलों का शीघ्र पालन जरूरी जत्थेदार साहिब ने शिरोमणि अकाली दल से 2 दिसंबर को जारी आदेशों पर तुरंत कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब की फसील से किए गए फैसलों को अकाली दल को जल्द लागू करना चाहिए और जल्द से जल्द इस्तीफों को परवान करना चाहिए। 4. जांच का अधिकार केवल श्री अकाल तख्त साहिब को जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि जब श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ जांच शुरू की थी, तब भी उन्होंने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि तख्तों के जत्थेदारों से जुड़े मामलों की जांच का अधिकार केवल श्री अकाल तख्त साहिब को है। उन्होंने जत्थेदार हरप्रीत सिंह के मामले को भी अकाल तख्त साहिब को सौंपने की मांग की। उन्होंने कहा कि सिख धर्म के मामलों में अकाल तख्त ही सर्वोच्च संस्था है और इसे दरकिनार करके कोई भी निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए। अकाली दल के लिए विचार का समय शिरोमणि अकाली दल (बादल) जो खुद को पंथ हिमायती पार्टी कहती है, उनके लिए ये चिंता की घड़ी है। अकाली दल के बीच चल रही कलह का नुकसान साफ देखा जा सकता है। अकाली दल (बादल) के पास मात्र एक सांसद हरसिमरत कौर बादल हैं। वहीं, दूसरी तरफ अकाली दल का बागी गुट एक बार फिर बगावती सुर अपना रहा है। वे श्री अकाल तख्त साहिब के 2 दिसंबर के आदेश की पालन की मांग कर रहा है। अगर ऐसा ना हुआ तो अकाली दल के नाम पर एक और पार्टी खड़ी हो सकती है। अकाली दल में बागी सुरों का उठाया जा रहा फायदा अकाली दल में शुरू हुए विवाद का फायदा गर्म-ख्याली उठा रहे हैं। अमृतपाल सिंह ने 14 जनवरी को माघ मेले में नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। अमृतपाल सिंह का यह कदम पंजाब की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है, खासकर ऐसे समय में जब मौजूदा अकाली दल कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। अमृतपाल की नई पार्टी, जो पूरी तरह से क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी, राज्य में मतदाताओं के लिए एक वैकल्पिक विकल्प बन सकती है। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने दुनिया को शुभकामनाएं दी हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने किसान आंदोलन पर केंद्र के रवैये पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने जानकारी साझा की कि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले व्यक्ति ने माफी मांग ली है। यही नहीं उन्होंने ज्ञानी हरप्रीत सिंह से चल रही पूछताछ पर भी चिंता जताई है। इसके अलावा अकाली दल को 2 दिसंबर को दिए गए आदेशों को जल्द से जल्द लागू करने के निर्देश भी दिए हैं। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए 4 अहम बिन्दुओं पर चर्चा की- 1.नरायण सिंह चौड़ा की पगड़ी उतारने का मामला जत्थेदार साहिब ने बताया कि सुखबीर बादल पर हमला करने वाले नरायण सिंह चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले मामले में जसप्रीत सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब में अपनी सफाई पेश कर दी है। जत्थेदार ने कहा कि जसप्रीत सिंह ने जानें अंजाने में नहीं, जानबूझ कर पगड़ी को उतारा था। इसे लेकर जसप्रीत सिंह की तरफ से माफी नामा दे दिया गया है। जल्द ही बैठक कर इस पर विचार किया जाएगा। 2.केंद्र सरकार को किसानों से संवाद न करने पर निंदा जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह जी ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल के बीच सरकार का किसानों से संवाद न करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने किसानों के साथ हो रहे इस व्यवहार की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से अपील की कि वह जल्द से जल्द किसानों की मांगों पर बातचीत शुरू करें। 3. अकाल तख्त साहिब के फैसलों का शीघ्र पालन जरूरी जत्थेदार साहिब ने शिरोमणि अकाली दल से 2 दिसंबर को जारी आदेशों पर तुरंत कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब की फसील से किए गए फैसलों को अकाली दल को जल्द लागू करना चाहिए और जल्द से जल्द इस्तीफों को परवान करना चाहिए। 4. जांच का अधिकार केवल श्री अकाल तख्त साहिब को जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि जब श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ जांच शुरू की थी, तब भी उन्होंने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि तख्तों के जत्थेदारों से जुड़े मामलों की जांच का अधिकार केवल श्री अकाल तख्त साहिब को है। उन्होंने जत्थेदार हरप्रीत सिंह के मामले को भी अकाल तख्त साहिब को सौंपने की मांग की। उन्होंने कहा कि सिख धर्म के मामलों में अकाल तख्त ही सर्वोच्च संस्था है और इसे दरकिनार करके कोई भी निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए। अकाली दल के लिए विचार का समय शिरोमणि अकाली दल (बादल) जो खुद को पंथ हिमायती पार्टी कहती है, उनके लिए ये चिंता की घड़ी है। अकाली दल के बीच चल रही कलह का नुकसान साफ देखा जा सकता है। अकाली दल (बादल) के पास मात्र एक सांसद हरसिमरत कौर बादल हैं। वहीं, दूसरी तरफ अकाली दल का बागी गुट एक बार फिर बगावती सुर अपना रहा है। वे श्री अकाल तख्त साहिब के 2 दिसंबर के आदेश की पालन की मांग कर रहा है। अगर ऐसा ना हुआ तो अकाली दल के नाम पर एक और पार्टी खड़ी हो सकती है। अकाली दल में बागी सुरों का उठाया जा रहा फायदा अकाली दल में शुरू हुए विवाद का फायदा गर्म-ख्याली उठा रहे हैं। अमृतपाल सिंह ने 14 जनवरी को माघ मेले में नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। अमृतपाल सिंह का यह कदम पंजाब की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है, खासकर ऐसे समय में जब मौजूदा अकाली दल कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। अमृतपाल की नई पार्टी, जो पूरी तरह से क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी, राज्य में मतदाताओं के लिए एक वैकल्पिक विकल्प बन सकती है।   पंजाब | दैनिक भास्कर