पंजाब की मंडियों में धान की सही तरीके से लिफ्टिंग न होने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र, पंजाब सरकार और एफसीआई को नोटिस जारी किया है। 29 अक्टूबर को जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। वहीं, दूसरी ओर इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। पंजाब सरकार इस स्थिति के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। किसान चल रहे हैं संघर्ष पंजाब में धान की लिफ्टिंग का मामला कई दिनों से गर्माया हुआ है। आठ दिन से भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के बैनर तले 14 जिलों में किसानों ने टोल प्लाजा फ्री किए हुए हैं। वहीं, उन्होंने 25 आम आदमी पार्टी के विधायकों और भाजपा नेताओं के घरों के बाहर मोर्चा लगाया हुआ है। जबकि संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले किसानों ने सीएम आवास घेरने की कोशिश की थी। लेकिन सीएम ने किसानों से मीटिंग की थी। साथ ही सारे मामले को हल करने का भरोसा दिया था। लेकिन अभी तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। पंजाब सरकार ने मामले हल करने के लिए यह प्रयास किए केंद्रीय गृहमंत्री के सक्षम उठाया मुद्दा पंजाब में धान खरीद से जुड़ी दिक्कतों को लेकर सीएम भगवंत मान ने 22 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत की थी। उन्होंने राइस मिलरों के मामलों को उनके समक्ष उठाया है। इस दौरान मुख्य रूप से ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में दिक्कत का मामला उठाया था। स्टोरेज स्पेस की कमी है, हाइब्रिड क्वालिटी का मुद्दा और सेलर्स को होने वाले घाटे के बारे में विस्तार से गृह मंत्री को बताया था। शैलर मालिकों के पक्ष में लिए चार फैसले 21 अक्टूबर को पंजाब सीएम ने सारे जिलों के अधिकारियों और विभाग के मंत्री से मीटिंग की थी। इसमें तय हुआ था कि पहले सरप्लस पैडी की आरओ जब दी जाती थी तो 50 रुपए प्रति टन फीस ली जाती थी। उस आरओ फीस को 10 रुपए तय किया गया था।वहीं, कोई आरओ लेता है और अगले दिन फसल उठा ले लेता तो उसे वह फीस भी उसे नहीं देनी होगी। बीआरएल शैलरों पर कई तरह केस लंबित हैं। अब इनके सिस्टर पार्टनर या गारंटर भी काम कर पाएंगे। हालांकि पहले यह नियम नहीं था। 200 शैलरों को इससे फायदा होगा। इसके अलावा मिलर्स जिले की किसी भी जगह से धान उठा सकते हैं। अब जिला स्तर के सर्किल बनाए गए हैं। पहले यह छोटे होते थे। पहले नई मिलों को पुरानी धान दी जाती थी। सीएम ने दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों से मीटिंग की सीएम भगवंत मान और पंजाब के अधिकारियों चावल की लिफ्टिंग के मामले में नौ दिन पहले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से मीटिंग की थी। मीटिंग में जोशी ने आश्वासन दिया है कि पंजाब के गोदामों में पड़ा 120 लाख मीट्रिक टन चावल 31 मार्च तक उठा दिया जाएगा।मीटिंग में तय हुआ है कि किसी शेलर को अगर किसी जगह अनाज अलॉट होता है, लेकिन बाद उसे स्टेशन से अनाज उठाने के आदेश होते है, , तो इस दौरान होने वाला सारा खर्च केंद्र सरकार की तरफ से उठाया जाएगा। पंजाब की मंडियों में धान की सही तरीके से लिफ्टिंग न होने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र, पंजाब सरकार और एफसीआई को नोटिस जारी किया है। 29 अक्टूबर को जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। वहीं, दूसरी ओर इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। पंजाब सरकार इस स्थिति के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। किसान चल रहे हैं संघर्ष पंजाब में धान की लिफ्टिंग का मामला कई दिनों से गर्माया हुआ है। आठ दिन से भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के बैनर तले 14 जिलों में किसानों ने टोल प्लाजा फ्री किए हुए हैं। वहीं, उन्होंने 25 आम आदमी पार्टी के विधायकों और भाजपा नेताओं के घरों के बाहर मोर्चा लगाया हुआ है। जबकि संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले किसानों ने सीएम आवास घेरने की कोशिश की थी। लेकिन सीएम ने किसानों से मीटिंग की थी। साथ ही सारे मामले को हल करने का भरोसा दिया था। लेकिन अभी तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। पंजाब सरकार ने मामले हल करने के लिए यह प्रयास किए केंद्रीय गृहमंत्री के सक्षम उठाया मुद्दा पंजाब में धान खरीद से जुड़ी दिक्कतों को लेकर सीएम भगवंत मान ने 22 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत की थी। उन्होंने राइस मिलरों के मामलों को उनके समक्ष उठाया है। इस दौरान मुख्य रूप से ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में दिक्कत का मामला उठाया था। स्टोरेज स्पेस की कमी है, हाइब्रिड क्वालिटी का मुद्दा और सेलर्स को होने वाले घाटे के बारे में विस्तार से गृह मंत्री को बताया था। शैलर मालिकों के पक्ष में लिए चार फैसले 21 अक्टूबर को पंजाब सीएम ने सारे जिलों के अधिकारियों और विभाग के मंत्री से मीटिंग की थी। इसमें तय हुआ था कि पहले सरप्लस पैडी की आरओ जब दी जाती थी तो 50 रुपए प्रति टन फीस ली जाती थी। उस आरओ फीस को 10 रुपए तय किया गया था।वहीं, कोई आरओ लेता है और अगले दिन फसल उठा ले लेता तो उसे वह फीस भी उसे नहीं देनी होगी। बीआरएल शैलरों पर कई तरह केस लंबित हैं। अब इनके सिस्टर पार्टनर या गारंटर भी काम कर पाएंगे। हालांकि पहले यह नियम नहीं था। 200 शैलरों को इससे फायदा होगा। इसके अलावा मिलर्स जिले की किसी भी जगह से धान उठा सकते हैं। अब जिला स्तर के सर्किल बनाए गए हैं। पहले यह छोटे होते थे। पहले नई मिलों को पुरानी धान दी जाती थी। सीएम ने दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों से मीटिंग की सीएम भगवंत मान और पंजाब के अधिकारियों चावल की लिफ्टिंग के मामले में नौ दिन पहले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से मीटिंग की थी। मीटिंग में जोशी ने आश्वासन दिया है कि पंजाब के गोदामों में पड़ा 120 लाख मीट्रिक टन चावल 31 मार्च तक उठा दिया जाएगा।मीटिंग में तय हुआ है कि किसी शेलर को अगर किसी जगह अनाज अलॉट होता है, लेकिन बाद उसे स्टेशन से अनाज उठाने के आदेश होते है, , तो इस दौरान होने वाला सारा खर्च केंद्र सरकार की तरफ से उठाया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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