पंजाब में पटवारी-कानूनगो पर सीधे दर्ज हो सकेंगे केस:HC ने सुनाया फैसला, सरकार के 3 साल पुराने आदेश किए खारिज

पंजाब में पटवारी-कानूनगो पर सीधे दर्ज हो सकेंगे केस:HC ने सुनाया फैसला, सरकार के 3 साल पुराने आदेश किए खारिज

पंजाब में तैनात कानूनगो और पटवारियों पर किसी मामले में शामिल होने पर अब सीधी FIR दर्ज होगी। यह फैसला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से लिया गया है। अदालत ने सरकार के 3 साल पुराने उस आदेश को खारिज कर दिया है। जिसमें पुलिस को कहा गया था कि डीएम और राजस्व अधिकारियों की मंजूरी और विभागीय अनुमति के बिना इन पर केस दर्ज न किया जाए। इस संबंधी हाईकोर्ट के वकील एचसी अरोड़ा की तरफ से अदालत में याचिका दायर की गई थी। आदेश जारी करते समय दी थी यह दलील राजस्व विभाग के विशेष सचिव की तरफ से इस संबंधी आदेश 21 सितंबर 2021 को जारी किए गए थे। विशेष सचिव की तरफ से इस बारे में पत्र लिखा गया था। साथ ही कार्रवाई न करने के लिए कहा गया था। पत्र में कहा गया था कि 16 मई 2001 के आदेश का हवाला दिया गया था। इस आदेश में कहा गया था बिना डीएम या राजस्व विभाग के अधिकारियों की अनुमति के इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज न करने का सभी जिलों के एसएसपी को आदेश दिया गया था। उस समय कहा गया था क्योंकि अगर सीधे केस दर्ज होंगे तो इन अधिकारियों के खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज होगी। साथ ही अधिकारियों को प्रताड़ित किया जाएगा। पंजाब में तैनात कानूनगो और पटवारियों पर किसी मामले में शामिल होने पर अब सीधी FIR दर्ज होगी। यह फैसला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से लिया गया है। अदालत ने सरकार के 3 साल पुराने उस आदेश को खारिज कर दिया है। जिसमें पुलिस को कहा गया था कि डीएम और राजस्व अधिकारियों की मंजूरी और विभागीय अनुमति के बिना इन पर केस दर्ज न किया जाए। इस संबंधी हाईकोर्ट के वकील एचसी अरोड़ा की तरफ से अदालत में याचिका दायर की गई थी। आदेश जारी करते समय दी थी यह दलील राजस्व विभाग के विशेष सचिव की तरफ से इस संबंधी आदेश 21 सितंबर 2021 को जारी किए गए थे। विशेष सचिव की तरफ से इस बारे में पत्र लिखा गया था। साथ ही कार्रवाई न करने के लिए कहा गया था। पत्र में कहा गया था कि 16 मई 2001 के आदेश का हवाला दिया गया था। इस आदेश में कहा गया था बिना डीएम या राजस्व विभाग के अधिकारियों की अनुमति के इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज न करने का सभी जिलों के एसएसपी को आदेश दिया गया था। उस समय कहा गया था क्योंकि अगर सीधे केस दर्ज होंगे तो इन अधिकारियों के खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज होगी। साथ ही अधिकारियों को प्रताड़ित किया जाएगा।   पंजाब | दैनिक भास्कर