भास्कर न्यूज | अमृतसर दक्षिण हलके के अधीन आते इलाका सिल्वर एस्टेट में सीवरेज ब्लॉक होने से लोग परेशान है। लोगों के घरों के बाहर सीवरेज का पानी जमा होने से इलाके में गंदगी और बदबू की भरमार हो गई है। जिससे इलाकावासी खासे परेशान है। इलाका वासी कुलविंदर कौर, अनहददीप सिंह और कुलजीत सिंह ने बताया कि पिछले दो महीने से इलाके का सीवरेज ब्लॉक है। रोजाना गंदा पानी लोगों के घरों के बाहर खड़ा हो जाता है। इससे पूरे इलाके में बदबू की भरमार हो गई है। जबकि इस संबंध में निगम को शिकायत करने के बावजूद समस्या का हल नहीं हो रहा है। लोगों ने निगम से मांग की है कि इलाके की समस्या का पहल के आधार पर हल किया जाना चाहिए। भास्कर न्यूज | अमृतसर दक्षिण हलके के अधीन आते इलाका सिल्वर एस्टेट में सीवरेज ब्लॉक होने से लोग परेशान है। लोगों के घरों के बाहर सीवरेज का पानी जमा होने से इलाके में गंदगी और बदबू की भरमार हो गई है। जिससे इलाकावासी खासे परेशान है। इलाका वासी कुलविंदर कौर, अनहददीप सिंह और कुलजीत सिंह ने बताया कि पिछले दो महीने से इलाके का सीवरेज ब्लॉक है। रोजाना गंदा पानी लोगों के घरों के बाहर खड़ा हो जाता है। इससे पूरे इलाके में बदबू की भरमार हो गई है। जबकि इस संबंध में निगम को शिकायत करने के बावजूद समस्या का हल नहीं हो रहा है। लोगों ने निगम से मांग की है कि इलाके की समस्या का पहल के आधार पर हल किया जाना चाहिए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फाजिल्का में जलाए गए टीचर ने तोड़ा दम:ससुराल वालों ने पेट्रोल डालकर लगाई थी आग, पत्नी करती थी शक, साला गिरफ्तार फाजिल्का में गांव हीरावाली में पत्नी को लेने पत्नी को लेने ससुराल गए सरकारी अध्यापक ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है। सरकारी टीचर को ससुराल में जिंदा जला दिया गया था। थाना खूईखेड़ा पुलिस फाजिल्का से फरीदकोट के लिए रवाना हो गई है, जहां से मृतक अध्यापक शव को फाजिल्का लाया जाएगा l पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था l जिसमें धारा 103 BNS एक्ट की बढ़ोतरी की जा रही है l थाना खुईखेड़ा के एसएचओ हरदेव सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गत रविवार को पारिवारिक विवाद के चलते गांव हीरावाली में अपनी पत्नी को लेने के लिए ससुराल गए सरकारी अध्यापक विश्वदीप कुमार को जिंदा जलाकर मारने का प्रयास किया गया था। गंभीर रुप से झुलसे अध्यापक को फाजिल्का के सरकारी अस्पताल लाया गया था, जहां से उसे हालत गंभीर देखते हुए फरीदकोट मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था, जहां आज दोपहर टीचर ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है। मृतक के शव को लाने के लिए पुलिस फरीदकोट के लिए रवाना हो चुकी है। पत्नी करती थी शक पुलिस ने कार्रवाई करते हुए टीचर के बयानों के आधार पर मृतक की पत्नी, सास, साले और दो मामा पर केस दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपी साले को गिरफ्तार भी कर लिया l हालांकि पुलिस ने इस मामले में धारा 103 बीएनएस एक्ट (धारा 302) की बढ़ोतरी की है l पुलिस का कहना है कि इस मामले में जल्दी ही बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा l पुलिस के मुताबिक सरकारी अध्यापक की पत्नी उस पर शक करती थी कि टीचर के किसी और महिला के साथ संबंध है l जिसके चलते वह नाराज होकर मायके गई हुई थी l जिसे लेने के लिए अध्यापक गया था, जहां पर यह घटना हुई l ससुराल वालों ने पेट्रोल डालकर आग लगाई थी।
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गुरदासपुर में चलती कार में लगी आग:दीनानगर से जा रहे थे पठानकोट, चिंगारी देख गाड़ी से उतरे दोनों लोग जिला गुरदासपुर में नेशनल हाईवे पर दीनानगर बाइपास पर गांव गवालिया के पास अभय इमर्जिंग सिटी के सामने चलती एक कार में अचानक आग भड़क उठी। आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया और मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड के आग पर काबू पाने तक कार पूरी तरह से जल गई। फायर ब्रिगेड की टीम ने पाया काबू दीनानगर निवासी उदयवीर सिंह और गांधियां के प्रज्ञान कार में पठानकोट की तरफ से आ रहे थे। दीनानगर बाइपास से गुजरते समय अचानक कार से चिंगारियां निकलती देख उन्होंने कार को रोककर चेक करने के लिए बोनट खोलने की कोशिश की, तो वह नहीं खुला। चंद पलों में बोनट इतना गर्म हो गया कि उसे हाथ लगाना मुश्किल हो गया और आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। उन्होंने उसी समय गुरदासपुर फायर ब्रिगेड को इसके बारे सूचना दी। सड़क सुरक्षा की टीम भी मौके पर पहुंच गई और फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंच कर आग को बुझाया। लेकिन तब तक कार आग से पूरी तरह जल चुकी थी।
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पठानकोट का मर्चेंट नेवी ऑफिसर 8 दिन बाद भी लापता:ओमान के पास समुद्र में 16 लोग डूबे, 10 को बचाया, 1 मृत मिला अफ्रीकी देश कोमोरोस का झंडा लगा एक तेल टैंकर 14 जुलाई को ओमान के तट पर डूबने के बाद लापता हो गया। लापता 16 चालक दल के सदस्यों में से 13 भारतीय थे। टैंकर दुकम शहर के रस मदरका से 25 समुद्री मील दक्षिण पूर्व में डूब गया। लापता चालक दल के 10 सदस्यों को ढूंढ लिया गया है। उनमें से एक मृत पाया गया। इस जहाज के चालक दल में पंजाब के पठानकोट निवासी चीफ ऑफिसर राजिंदर सिंह भी शामिल थे। उनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इस बात से उनका परिवार सदमे में है और उन्होंने भारत सरकार से उन्हें जल्द खोजने की अपील की है। चीफ ऑफिसर राजिंदर सिंह की पत्नी निर्मल मन्हास का रो-रोकर बुरा हाल है। हादसे की खबर 14 जुलाई की रात को मिली नम आंखों से पत्नी ने बताया कि उनके पति राजिंदर सिंह करीब 15-20 साल से मर्चेंट नेवी में काम कर रहे हैं। 11 जुलाई को वे पूरी तरह स्वस्थ होकर जहाज पर गए थे। 14 जुलाई की रात को खबर आई कि उनका जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। फिर 15, 16, 17 जुलाई को 9 क्रू मेंबर मिले और एक सदस्य का शव मिला। कंपनी मैनेजर ने हादसे की जानकारी दी पत्नी ने कहा कि मैं भारत सरकार से अपील करती हूं कि उनके पति को जल्द से जल्द ढूंढा जाए। बेटे डॉ. निशांत ने बताया कि पापा अभी जहाज से जुड़े ही थे। 14 जुलाई की रात को ओमान में दुकम एयरपोर्ट के पास जहाज पलटने की डिस्ट्रेस कॉल की गई। फिर मंगलवार रात को कंपनी मैनेजर ने हादसे की जानकारी दी। छह लोग अभी भी लापता हैं। उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। नौसेना को उन्हें खोजने की कोशिश जारी रखनी चाहिए। मैं भारत सरकार और विदेश मंत्री एस जयशंकर से अपील करती हूं कि सर्च ऑपरेशन जारी रखा जाए। कंपनी, मीडिया और सरकार किसी को जानकारी नहीं दामाद डॉ. दीपक ने बताया कि उनके ससुर पहले भारतीय नौसेना में थे। रिटायरमेंट के बाद वे मर्चेंट नेवी में चले गए। वे साल में छह महीने घर पर और छह महीने वर्क टूर पर रहते थे। यह एक तरह से उनका आखिरी टूर था। यहां भी जब भी उन्हें नेटवर्क मिलता था, वे वहां से कोई न कोई संदेश शेयर करते रहते थे। उन्होंने अपने परिवार के साथ एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है। जिसमें वे रविवार तक क्रू के साथ सभी फोटो शेयर करते रहे। वे गुड मॉर्निंग मैसेज भी भेजते रहे। हादसे से एक दिन पहले उन्होंने ग्रुप में जहाज का वीडियो भी शेयर किया था। लेकिन एक हफ्ते से उनका कोई मैसेज नहीं आ रहा है। उनका फोन भी नहीं आ रहा है। पिछले सोमवार को हमने एक्स के जरिए कंपनी, मीडिया सूत्रों, सरकार से संपर्क किया। किसी को कुछ पता नहीं चला। सच्चाई को छिपाया नहीं जाना चाहिए दामाद डॉ. दीपक ने बताया कि मंगलवार देर रात 10 बजे उनकी कंपनी नेटको एफजेडई से सूचना मिली कि उनका एमटी प्रेस्टीज फाल्कन जहाज जो ओमान से निकलकर यमन की ओर जा रहा था, पलट गया है। 17 जुलाई को सूचना दी गई कि 9 सदस्य जीवित और एक मृत मिला है। हमें बताया गया कि राजिंदर सिंह जहाज पर नहीं मिले। लेकिन यह नहीं बताया जा रहा है कि वह लाइफ बोट पर गए या कहां। हमें उनकी स्थिति के बारे में जानकारी मिलनी चाहिए। सच्चाई को छिपाया नहीं जाना चाहिए। हम सकारात्मक और नकारात्मक दोनों बातें सुनने के लिए तैयार हैं। बस उनकी स्थिति का पता लगना चाहिए। 17 जुलाई के बाद परिवार के पास कोई जानकारी नहीं है। जिससे परिवार के लोग मानसिक आघात की स्थिति में हैं। स्थिति के बारे में स्पष्टता में देरी शर्मनाक बात है। हम दोषारोपण का खेल नहीं खेल रहे हैं। लेकिन जब तक नतीजा नहीं निकलता, तब तक ऐसी बातें होती रहेंगी।