पंजाब के पशु अस्पतालों में तैनात पशु चिकित्सक संघर्ष की राह पर आ गए हैं। उनका आरोप है कि उन्हें मेडिकल ऑफिसर या डेंटल डॉक्टर की तर्ज पर वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। जिससे उन्हें हर साल आर्थिक नुकसान हो रहा है। हालांकि दोनों की शिक्षा एक जैसी है। पहले वेतन भी एक जैसा था, लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने इस नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था। जिससे वे मुश्किल में आ गए हैं। साढ़े तीन साल से वे नई सरकार से बात कर रहे हैं। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ, जबकि विभाग के तीन मंत्री तक बदल गए हैं। ऐसे में आज वे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संघर्ष को लेकर बड़ा ऐलान करेंगे। वेतन कटौती ने बढ़ाई परेशानी इस संघर्ष के लिए पशु चिकित्सकों द्वारा एक संघर्ष समिति का गठन किया गया था। ये चिकित्सक पूरे पंजाब में तैनात हैं। इनका कहना है कि छठे वेतन आयोग के अनुसार मेडिकल ऑफिसर का वेतनमान 56600 है, जबकि अधिसूचना रद्द होने के बाद उन्हें 47600 मिल रहा है। जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है। हालांकि इस मामले को लेकर लगातार बैठकें चल रही हैं। लेकिन सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। मंत्री ने मांगा था कुछ समय यह अस्पताल पंचायत विभाग के अंतर्गत आता है। 28 सितंबर 2023 को विभाग के मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने सार्वजनिक मंच से कहा था कि उनके वेतन का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा। इस दौरान मंत्री ने पशु चिकित्सकों से कुछ समय मांगा था। उन्होंने कहा था कि वह उनके साथ खड़े हैं। हम नहीं चाहते कि हमारे युवा शिक्षा प्राप्त करने के बाद विदेश चले जाएं। पंजाब के पशु अस्पतालों में तैनात पशु चिकित्सक संघर्ष की राह पर आ गए हैं। उनका आरोप है कि उन्हें मेडिकल ऑफिसर या डेंटल डॉक्टर की तर्ज पर वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। जिससे उन्हें हर साल आर्थिक नुकसान हो रहा है। हालांकि दोनों की शिक्षा एक जैसी है। पहले वेतन भी एक जैसा था, लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने इस नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था। जिससे वे मुश्किल में आ गए हैं। साढ़े तीन साल से वे नई सरकार से बात कर रहे हैं। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ, जबकि विभाग के तीन मंत्री तक बदल गए हैं। ऐसे में आज वे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संघर्ष को लेकर बड़ा ऐलान करेंगे। वेतन कटौती ने बढ़ाई परेशानी इस संघर्ष के लिए पशु चिकित्सकों द्वारा एक संघर्ष समिति का गठन किया गया था। ये चिकित्सक पूरे पंजाब में तैनात हैं। इनका कहना है कि छठे वेतन आयोग के अनुसार मेडिकल ऑफिसर का वेतनमान 56600 है, जबकि अधिसूचना रद्द होने के बाद उन्हें 47600 मिल रहा है। जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है। हालांकि इस मामले को लेकर लगातार बैठकें चल रही हैं। लेकिन सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। मंत्री ने मांगा था कुछ समय यह अस्पताल पंचायत विभाग के अंतर्गत आता है। 28 सितंबर 2023 को विभाग के मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने सार्वजनिक मंच से कहा था कि उनके वेतन का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा। इस दौरान मंत्री ने पशु चिकित्सकों से कुछ समय मांगा था। उन्होंने कहा था कि वह उनके साथ खड़े हैं। हम नहीं चाहते कि हमारे युवा शिक्षा प्राप्त करने के बाद विदेश चले जाएं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाबी सूबा दिवस आज:सुखबीर बादल ने कहा- पंजाब के साथ केंद्र का मतभेद जारी; SGPC बोली-पंजाबियों के साथ हुई बेईमानी आज 1 नवंबर को पूरे पंजाब में दिवाली और बंदी छोड़ दिवस के साथ पंजाबी राज्य दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन 1966 में पंजाबी राज्य के अस्तित्व में आने की स्मृति के रूप में मनाया जाता है। जब हरियाणा और हिमाचल प्रदेश को भाषा के आधार पर अलग कर पंजाब को अलग कर दिया गया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने इस दिन पर केंद्र सरकार पर मतभेद के आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट को शेयर किया है। जिसमें उन्होंने कहा- देश की आजादी के लिए सबसे ज्यादा बलिदान देने वाले सिख समुदाय से कांग्रेस नेताओं ने आजादी से पहले कई वादे किए थे। लेकिन जैसे ही देश आजाद हुआ, कांग्रेस नेता उन वादों से मुकर गए। इन्हीं ज्यादतियों के आक्रोश से शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व में मातृभाषा पंजाबी भाषा के आधार पर ‘पंजाबी प्रांत’ की मांग उठी, जिसके लिए हजारों अकाली नेताओं ने केंद्र सरकार की यातनाएं सहन की और चले गए। जेल गए, धरने दिए और सभी प्रकार की जबरदस्ती का विरोध किया। आखिरकार लंबे संघर्ष और कई बलिदानों के बाद 1 नवंबर, 1966 को ‘पंजाबी प्रांत’ का गठन हुआ। केंद्र सरकार का पंजाब के साथ भेदभाव लगातार जारी है, हमारी जायज़ मांगें आज तक भी नहीं मानी गईं। शिरोमणि अकाली दल इसके लिए संघर्ष करता रहेगा। SGPC ने कहा- पंजाब तकसीम दार तकसीम होता गया सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से भी इस दिन पर केंद्र के खिलाफ रोष जाहिर किया गया है। SGPC के सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट शेयर की गई। जिसमें लिखा है- आज ही के दिन 1966 में भाषा के आधार पर विभाजित पंजाबी राज्य अस्तित्व में आया था। भारत के विभाजन के बाद दक्षिण से लेकर उत्तर तक भाषा के आधार पर प्रांतों के परिसीमन का मुद्दा उठा। आंध्र प्रदेश के गठन के बाद पंजाब में शिरोमणि अकाली दल ने पंजाबी राज्य की मांग रखी। एक लंबे संघर्ष के बाद (जिसमें हजारों सिखों ने जेल भरीं, यातनाएं झेली, शहादतें दी) 1 नवंबर 1966 को पंजाबी को एक राज्य बनाया गया। केंद्र ने पंजाबियों के साथ बेईमानी करते हुए जान-बूझकर कई पंजाबी भाषी क्षेत्रों को हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान में मिला लिया, न केवल पंजाब को खंडित कर दिया, बल्कि उसके जल, बांधों और राजधानी पर भी कब्जा करके बड़ी चोट पहुंचाई। पंजाब पुनर्गठन का इतिहास 1960 के दशक में पंजाबी सूबा आंदोलन के तहत सिखों और पंजाबी भाषी लोगों ने एक अलग राज्य की मांग की थी। 1966 में यह मांग पूरी हुई, और भाषा के आधार पर पंजाब का पुनर्गठन हुआ। इसके बाद पंजाब को मुख्य रूप से पंजाबी बोलने वालों का राज्य घोषित किया गया और हरियाणा को एक अलग हिंदी भाषी राज्य के रूप में पहचान मिली। साथ ही, हिमाचल प्रदेश का भी एक अलग राज्य के रूप में गठन किया गया। इस पुनर्गठन का उद्देश्य भाषाई और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करना था।
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पंजाब में बनेंगे BMW के स्पेयर पार्ट्स:मंडी गोबिदंगढ़ में कंपनी लगाएगी प्लांट, सीएम अगले महीने करेंगे शुरूआत पंजाब सरकार के मिशन निवेश को बड़ी सफलता मिली है। अब पंजाब में बीएमडब्ल्यू के स्पेयर पार्ट बनेंगे। कंपनी ने पंजाब में प्लांट लगाने का फैसला लिया है। मंडी गोबिंदगढ़ में कंपनी की तरफ से प्लांट स्थापित किया जाएगा। अगले महीने सीएम भगवंत इसकी शुरूआत करेंगे। इससे हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। यह जानकारी पंजाब सरकार की तरफ से दी गई। CM और कंपनी अधिकारियों की हुई मीटिंग BMW कंपनी के अधिकारी आज पंजाब पहुंचे थे। इस दौरान सीएम और अधिकारियों की कंपनी के प्रतिनिधियों से मीटिंग हुई। जिसमें विस्तार से इस प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई है। सीएम ने कंपनी को पूरा सहयोग देने का वायदा किया है। साथ ही तय किया गया कि अगले महीने कंपनी अपने प्लांट का काम शुरू कर देगी। सीएम प्रोजेक्ट का नींव पत्थर रखेंगे। इससे पहले गत वर्ष सीएम ने जर्मनी का दौरा किया था। साथ कंपनी को पंजाब में निवेश का न्योता दिया गया था। सीएम ने सोशल मीडिया मीटिंग की जानकारी दी सीएम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है कि मशहूर कंपनी BMW की गाड़ियों के पार्ट्स बनाने के निवेश को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक हुई और पंजाब में निवेश को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ में BMW के पार्ट्स बनाने का एक प्लांट लगाने का फैसला लिया गया … जहां सैंकड़ों करोड़ का निवेश होगा और हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा… मैं अगले महीने इसकी शुरुआत करूंगा… पंजाब की निवेश समर्थक नीतियों की उन्होंने सराहना की… हम रंगले पंजाब के अपने मिशन की ओर लगातार आगे बढ़ रहे हैं…। 700 के करीब लोगों को मिलेगा सीधे रोजगार इस कंपनी के स्थापित होने से जहां राज्य सरकार को करीब हर साल करोड़ों रुपए का राजस्व मिलेगा। वहीं कंपनी के अधिकारियों की तरफ से बताया गया प्लांट पर 700 लोगों को रोजगार दिया जाएगा। कंपनी की तरफ से पांच सौ लोगों को प्लांट के अंदर व 200 लोगों को बाहर परोक्ष रूप में नौकरी मुहैया करवाई जाएगी। कंपनी की तरफ प्लांट के लिए जगह की निशानदेही से लेकर अन्य काम सारे पूरे कर लिए गए हैं। यह नॉर्थ इंडिया में अपनी तरह का पहला प्लांट है। इससे पहले विदेश से सारा सामान पंजाब आता था। गत माह मुंबई में उद्योगपितयों से मिले थे सीएम गत माह सीएम भगवंत मान ने मुंबई का दौरा किया था। इस दौरा उन्होंने कई कंपनियों प्रतिनिधियों से मीटिंग की थी। इस दौरान कई कंपनियों ने पंजाब में निवेश की दिलचस्पी दिखाई थी। इस दौरान सन फार्मा ने अपने मौजूदा टौसाा प्रोजेक्ट के विस्तार की इच्छा जताई थी। वहीं, सिफी टेक्नोलॉजी ने मोहाली में एआई आधारित हॉरिजॉन्टल डेटा सेंटर में 1500 करोड़ रुपए का निवेश करने का निर्णय लिया था। जबकि जेएसडब्ल्यू स्टील ने 1600 करोड़ की लागत से 28 एकड़ में नया यूनिट स्थापित करने पर सहमति जताई थी।