पंजाब यूनिवर्सिटी कानून संशोधन बिल 2023 को राष्ट्रपति ने बिना मंजूरी से राज्य सरकार को वापस भेज दिया है। यह बिल गत साल 21 जून को सर्वसम्मति से पास किया गया था। बिल के तहत सूबे की 12 स्टेट यूनिवर्सिटी की कुलपति की शक्ति राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री को दी गई थी। हालांकि उक्त बिल वापस होने के चलते राज्यपाल ही अब राज्य की सारी यूनिवर्सिटी के चांसलर रहेंगे। तीन बिल भेजे थे मंजूरी के लिए सूत्रों से पता चला है कि राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजे गए तीन बिलों में से यह बिल वापस भेज दिया गया है। पंजाब के राज्यपाल ने पंजाब विधानसभा की तरफ पास किए तीनों बिल भारतीय संविधान की धारा 200 अधीन भारत के राष्ट्रपति के लिए अपने पास रिजर्व रख लिए थे। इसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी कानून संशोधन बिल 2023, पंजाब पुलिस संशोधन बिल व सिख गुरुद्वारा संशोधन बिल राष्ट्रपति के पास भेज दिए थे। काफी समय से पेंडिंग पड़े थे बिल यह बिल काफी समय से पेडिंग पड़े हुए थे। क्योंकि राज्यपाल ने जून 2023 के सेशन को गैर कानूनी घोषित कर दिया था। फिर सुप्रीम कोर्ट ने मामला पहुंचा था। साथ ही कोर्ट के आदेश पर सेशन में पास किए गए सारे बिलों को जायज करार देते हुए फैसला लेने के लिए कहा था। इसके बाद राज्यपाल ने पंंजाब एफिलिएटेड कॉलेज सेवा की सुरक्षा संशोधन बिल को मंजूरी दी थी।
याद रहे कि गत साल पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज फरीदकोट के कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच गतिरोध हुआ था। इसके बाद पंजाब विधानसभा द्वारा यह विधेयक पारित किया गया था। पंजाब यूनिवर्सिटी कानून संशोधन बिल 2023 को राष्ट्रपति ने बिना मंजूरी से राज्य सरकार को वापस भेज दिया है। यह बिल गत साल 21 जून को सर्वसम्मति से पास किया गया था। बिल के तहत सूबे की 12 स्टेट यूनिवर्सिटी की कुलपति की शक्ति राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री को दी गई थी। हालांकि उक्त बिल वापस होने के चलते राज्यपाल ही अब राज्य की सारी यूनिवर्सिटी के चांसलर रहेंगे। तीन बिल भेजे थे मंजूरी के लिए सूत्रों से पता चला है कि राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजे गए तीन बिलों में से यह बिल वापस भेज दिया गया है। पंजाब के राज्यपाल ने पंजाब विधानसभा की तरफ पास किए तीनों बिल भारतीय संविधान की धारा 200 अधीन भारत के राष्ट्रपति के लिए अपने पास रिजर्व रख लिए थे। इसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी कानून संशोधन बिल 2023, पंजाब पुलिस संशोधन बिल व सिख गुरुद्वारा संशोधन बिल राष्ट्रपति के पास भेज दिए थे। काफी समय से पेंडिंग पड़े थे बिल यह बिल काफी समय से पेडिंग पड़े हुए थे। क्योंकि राज्यपाल ने जून 2023 के सेशन को गैर कानूनी घोषित कर दिया था। फिर सुप्रीम कोर्ट ने मामला पहुंचा था। साथ ही कोर्ट के आदेश पर सेशन में पास किए गए सारे बिलों को जायज करार देते हुए फैसला लेने के लिए कहा था। इसके बाद राज्यपाल ने पंंजाब एफिलिएटेड कॉलेज सेवा की सुरक्षा संशोधन बिल को मंजूरी दी थी।
याद रहे कि गत साल पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज फरीदकोट के कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच गतिरोध हुआ था। इसके बाद पंजाब विधानसभा द्वारा यह विधेयक पारित किया गया था। पंजाब | दैनिक भास्कर