पंजाब में पिछली अकाली भाजपा सरकार के दौरान आठ साल पहले खरीदी गई वाटर बसों की पंजाब सरकार जांच कर रही है। इस प्रोजेक्ट पर 8.63 करोड़ रुपए खर्च करना गलत फैसला था। यह दावा पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री तरुणप्रीत सिंह ने किया है। उन्होंने कहा कि यह बस अब पूरी तरह से चलने लायक नहीं है और इसके चलने से कोई बड़ा हादसा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। सरकार ऐसा कोई फैसला नहीं लेगी जिससे लोगों की जान-माल को खतरा हो। उन्होंने कहा कि रणजीत सिंह सागर झील में वाटर बसें चलाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। लोगों पर आर्थिक बोझ डाल रही हैं बसें मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा इस प्रोजेक्ट पर 8.63 करोड़ रुपए खर्च करना गलत फैसला था। उन्होंने पंजाब के लोगों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डालने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जल बस भ्रष्टाचार का प्रतीक रही है। मंत्री ने कहा कि यह जल बस पहले भी घाटे का सौदा साबित हुई है। क्योंकि इस पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, जबकि आमदनी नाममात्र की थी। उन्होंने दोहराया कि यह जल बस पूरी तरह से बेकार हो चुकी है और भविष्य में इसके चलने की कोई संभावना नहीं है। सौंद ने कहा कि यह ‘सुपर फेल’ प्रोजेक्ट पिछली सरकारों के गलत फैसलों का नतीजा है, जिससे जनता के पैसे की बर्बादी हुई। इस पैसे का इस्तेमाल जनकल्याणकारी योजनाओं में किया जा सकता था। वर्ष 2016 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट ये बसें वर्ष 2016 में अकाली-भाजपा सरकार के दौरान खरीदी गई थीं। ये बसें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल का ड्रीम प्रोजेक्ट थीं। इन बसों को करीब साढ़े आठ करोड़ की लागत से एक निजी कंपनी से खरीदा गया था। उस समय ये बसें हरिके वेटलैंड में चलाई गई थीं। यह कुल साढ़े नौ करोड़ का प्रोजेक्ट था। हालांकि, उस समय बसें करीब दस दिन ही चलीं। जिसके बाद कांग्रेस सरकार सत्ता में आई। तत्कालीन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि इन बसों की नीलामी की जाएगी और कश्मीर की तर्ज पर शिकारे चलाए जाएंगे। इसके बाद बसों को गैराज में रख दिया गया था। पंजाब में पिछली अकाली भाजपा सरकार के दौरान आठ साल पहले खरीदी गई वाटर बसों की पंजाब सरकार जांच कर रही है। इस प्रोजेक्ट पर 8.63 करोड़ रुपए खर्च करना गलत फैसला था। यह दावा पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री तरुणप्रीत सिंह ने किया है। उन्होंने कहा कि यह बस अब पूरी तरह से चलने लायक नहीं है और इसके चलने से कोई बड़ा हादसा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। सरकार ऐसा कोई फैसला नहीं लेगी जिससे लोगों की जान-माल को खतरा हो। उन्होंने कहा कि रणजीत सिंह सागर झील में वाटर बसें चलाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। लोगों पर आर्थिक बोझ डाल रही हैं बसें मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा इस प्रोजेक्ट पर 8.63 करोड़ रुपए खर्च करना गलत फैसला था। उन्होंने पंजाब के लोगों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डालने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जल बस भ्रष्टाचार का प्रतीक रही है। मंत्री ने कहा कि यह जल बस पहले भी घाटे का सौदा साबित हुई है। क्योंकि इस पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, जबकि आमदनी नाममात्र की थी। उन्होंने दोहराया कि यह जल बस पूरी तरह से बेकार हो चुकी है और भविष्य में इसके चलने की कोई संभावना नहीं है। सौंद ने कहा कि यह ‘सुपर फेल’ प्रोजेक्ट पिछली सरकारों के गलत फैसलों का नतीजा है, जिससे जनता के पैसे की बर्बादी हुई। इस पैसे का इस्तेमाल जनकल्याणकारी योजनाओं में किया जा सकता था। वर्ष 2016 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट ये बसें वर्ष 2016 में अकाली-भाजपा सरकार के दौरान खरीदी गई थीं। ये बसें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल का ड्रीम प्रोजेक्ट थीं। इन बसों को करीब साढ़े आठ करोड़ की लागत से एक निजी कंपनी से खरीदा गया था। उस समय ये बसें हरिके वेटलैंड में चलाई गई थीं। यह कुल साढ़े नौ करोड़ का प्रोजेक्ट था। हालांकि, उस समय बसें करीब दस दिन ही चलीं। जिसके बाद कांग्रेस सरकार सत्ता में आई। तत्कालीन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि इन बसों की नीलामी की जाएगी और कश्मीर की तर्ज पर शिकारे चलाए जाएंगे। इसके बाद बसों को गैराज में रख दिया गया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में बदमाशों और पुलिस के बीच मुठभेड़:दोनों ओर से चली गोलियां, 2 घायल, वारदात को अंजाम देने आए थे आरोपी पंजाब के लुधियाना में बीती रात करीब साढ़े तीन बजे पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ का मामला सामने आया है। अपराधियों ने पुलिस पर फायरिंग की है। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने 2 युवकों के पैरों में गोलियां दागी हैं। फिलहाल किसी अधिकारी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। बता दें कि रात करीब साढ़े तीन बजे हैबोवाल थाने की पुलिस को मुखबिर से गुप्त सूचना मिली थी कि हत्या के प्रयास के 2 आरोपी राम एन्क्लेव में छिपे हुए हैं। पुलिस ने जब छापेमारी की तो पुलिस को देखकर अपराधी अपना ठिकाना बदलने लगे। पुलिस ने अपराधियों को घेर लिया और उन्हें सरेंडर करने को कहा लेकिन उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पहले भी दर्ज है आरोपियों पर मामला पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अपराधियों पर फायरिंग की और उन्हें काबू कर लिया। दोनों आरोपियों के नाम रविंदर और सतिंदर हैं। अपराधी सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस ने अपराधियों को घायल अवस्था में सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है। पता चला है कि रविंदर के दाएं पैर और सतिंदर के बाएं पैर में गोली लगी है। दोनों आरोपियों के खिलाफ हैबोवाल थाने में 18 जून 2024 का मामला दर्ज है। इसी मामले में पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार करने राम एन्क्लेव गई थी। पंजाब के लुधियाना में बीते रात करीब साढ़े 3 बजे पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ का मामला सामने आया है। सूत्रों मुताबिक बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की है। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने दो युवकों की लात पर गोली चलाई। फिलहाल अभी आधिकारिक रूप से किसी भी अधिकारी ने पुष्टी नहीं की। बता दें रात करीब साढ़े 3 बजे थाना हैबोवाल की पुलिस को मुखबिर ने गुप्त सूचना थी कि इरादा-कत्ल के दो आरोपी राम एक्लेव में छिपे है। पुलिस ने दबिश दी तो बदमाश पुलिस को देख कर ठिकाना बदलने लगे। पुलिस ने घेराबंदी कर बदमाशों को सिरेंडर करने के लिए कहा लेकिन उन लोगों ने पुलिस पर गोलीबारी कर दी। एक्शन लेते हुए पुलिस ने बदमाशों पर फायरिंग कर उन्हें काबू किया। दोनों आरोपियों के नाम रविंदर और सतिंदर है। सिविल अस्पताल में है बदमाश दाखिल बदमाशों घायल अवस्था में पुलिस ने सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया है। पता चला है की रविंदर के दाएं और सतिंदर की बाईं लात पर गोली लगी है। दोनों आरोपियों पर थाना हैबोवाल में 18 जून 2024 का एक मामला दर्ज है। इसी मामले में पुलिस बदमाशों की गिरफ्तारी डालने राम एक्लेव गई थी।
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पंजाब में दृष्टिहीन के सहायक को फ्री यात्रा:रोडवेज और PRTC की बसों में मिलेगा लाभ, कैबिनेट मंत्री बोली- जल्द जारी होगी अधिसूचना अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस पर मंगलवार को सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग पंजाब द्वारा यहां के नेहरू स्टेडियम में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कैबिनेट मंत्री डा. बलजीत कौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। उन्होंने दृष्टिहीनों के सहायकों को भी मुफ्त बस यात्रा की सुविधा देने की घोषणा करते हुए कहा कि जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी। इस मौके पर डा. बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार दिव्यांगों और अन्य कमजोर वर्गों की प्रगति और सर्वांगीण विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और दिव्यांगों की सुविधा के लिए सरकार जहां बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है, वहीं उन्हें रोजगार भी दिया जा रहा है। सरकारी और निजी संस्थानों में नौकरियों में उनका उचित कोटा हर हाल में लागू किया जाएगा। दिव्यांग कोटे में होगी मेटों की नियुक्ति उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार मनरेगा में दिव्यांगों के कोटे के अनुसार मेटों की भी नियुक्ति करेगी। पंजाब सरकार की ओर से दिव्यांगों की सुविधा के लिए विशेष रोजगार कैंप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दुनिया में कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं है, हम सभी में कुछ न कुछ कमियां होती हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार जल्द ही दृष्टिहीनों के सहायकों के लिए मुफ्त यात्रा की सुविधा के संबंध में एक अधिसूचना जारी करेगी। 7.5 लाख विकलांगों को मिला लाभ उन्होंने कहा कि, पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी बसों में विकलांग व्यक्तियों के लिए किराये में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है और साल 2023-24 में 2.19 करोड़ रुपये की लागत से 7.5 लाख से अधिक विकलांग व्यक्तियों को लाभ मिला। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य पेंशन योजना के तहत 265,694 दिव्यांगजनों को 278.17 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 12,607 विकलांग व्यक्तियों को छात्रवृत्ति के रूप में 3.37 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई। इस मौके पर सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी, सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता, सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी और दिव्यांगों के कल्याण के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर विधायक गुरदित्त सिंह सेखों, निदेशक शेना अग्रवाल, डीसी विनीत कुमार, एसएसपी डा. प्रज्ञा जैन भी उपस्थित रहे।