लुधियाना में आज नगर निगम की तहबाजारी टीम पर कुछ दुकानदारों ने हमला कर दिया। तहबाजारी टीम बाजारों से अतिक्रमण हटाने गई थी। टीम में शामिल अधिकारियों ने जब कुछ दुकानदारों का सामान जब्त किया तो उन लोगों ने टीम की गाड़ी पर अटैक किया। बीच-बचाव करने आए पुलिस कर्मचारियों के साथ भी हाथापाई की। तहबाजारी इंस्पेक्टर विपन हांडा बोले तहबाजारी इंस्पेक्टर विपन हांडा ने कहा कि पुलिस कमिश्नर द्वारा निगम को पत्र लिखा गया है कि कोहरे आदि के कारण सड़कों और बाजारों से अतिक्रमण हटाया जाए। इस कारण निगम के सभी जोन में कार्रवाई चल रही है। आज मोचपुरा बाजार में अतिक्रमण हटाने के लिए जब टीम गई तो कुछ लोगों ने सामान जब्त करते समय अचानक निगम की गाड़ी पर हमला कर दिया। दुकानदारों ने गाड़ी को लूटा है। निगम कर्मियों पर तेजधार हथियारों से हमला किया गया है। दो निगम कर्मी बुरी तरह घायल हुए है। घायल अवस्था में उन्हें सिविल अस्पताल लाया गया है। घायलों की पहचान सुनील और संजू के रूप में हुई है। वहीं थाना डिवीजन नंबर 3 में शिकायत भी दर्ज करवाई गई है। सरेआम निगम कर्मियों पर हमला करके दुकानदारों ने सरकारी काम में बाधा पैदा की है। निगम कर्मियों ने बनाई घटना की वीडियो घटना की वीडियोग्राफी भी निगम टीम के पास है जिसे पुलिस को दिया जाएगा। इंस्पेक्टर हांडा ने कहा कि आने वाले दिनों में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ निगम का एक्शन जारी रहेगी। लुधियाना में आज नगर निगम की तहबाजारी टीम पर कुछ दुकानदारों ने हमला कर दिया। तहबाजारी टीम बाजारों से अतिक्रमण हटाने गई थी। टीम में शामिल अधिकारियों ने जब कुछ दुकानदारों का सामान जब्त किया तो उन लोगों ने टीम की गाड़ी पर अटैक किया। बीच-बचाव करने आए पुलिस कर्मचारियों के साथ भी हाथापाई की। तहबाजारी इंस्पेक्टर विपन हांडा बोले तहबाजारी इंस्पेक्टर विपन हांडा ने कहा कि पुलिस कमिश्नर द्वारा निगम को पत्र लिखा गया है कि कोहरे आदि के कारण सड़कों और बाजारों से अतिक्रमण हटाया जाए। इस कारण निगम के सभी जोन में कार्रवाई चल रही है। आज मोचपुरा बाजार में अतिक्रमण हटाने के लिए जब टीम गई तो कुछ लोगों ने सामान जब्त करते समय अचानक निगम की गाड़ी पर हमला कर दिया। दुकानदारों ने गाड़ी को लूटा है। निगम कर्मियों पर तेजधार हथियारों से हमला किया गया है। दो निगम कर्मी बुरी तरह घायल हुए है। घायल अवस्था में उन्हें सिविल अस्पताल लाया गया है। घायलों की पहचान सुनील और संजू के रूप में हुई है। वहीं थाना डिवीजन नंबर 3 में शिकायत भी दर्ज करवाई गई है। सरेआम निगम कर्मियों पर हमला करके दुकानदारों ने सरकारी काम में बाधा पैदा की है। निगम कर्मियों ने बनाई घटना की वीडियो घटना की वीडियोग्राफी भी निगम टीम के पास है जिसे पुलिस को दिया जाएगा। इंस्पेक्टर हांडा ने कहा कि आने वाले दिनों में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ निगम का एक्शन जारी रहेगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब कांग्रेस नेता पहुंचे हाईकोर्ट:धमकी और झूठी गवाही मामले को दी चुनौती, 2015 में ड्रग तस्करी मामले में हुए थे गिरफ्तार पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने अपने खिलाफ दर्ज एक मामले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उन पर धमकी देने और झूठी गवाही देने के लिए दबाव बनाने का आरोप है। कोर्ट में आज (सोमवार) मामले की सुनवाई होगी। पिछले साल सितंबर में सुखपाल सिंह खैहरा को जलालाबाद पुलिस ने 2015 में ड्रग तस्करी से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था। उन्हें चंडीगढ़ स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। 4 जनवरी को उन्हें इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी। इसके बाद जेल से बाहर आने से पहले ही उनके खिलाफ कपूरथला में एक और मामला दर्ज कर लिया गया। इसके बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में उन्हें फिर से हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी। खैहरा भुलत्थ के विधायक हैं सुखपाल सिंह खैहरा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। वे भुलत्थ के विधायक हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने संगरूर से मैदान में उतारा था। हालांकि, इस दौरान उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वे कांग्रेस के तेज तर्रार नेताओं में से एक माने जाते हैं। वे पहले आम आदमी पार्टी में भी रह चुके हैं। वहीं, उनका परिवार शुरू से ही राजनीति में रहा है। उनके पिता पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री रह चुके हैं।
स्मार्ट सिटी फंड खर्चने में निगम पीछे, वजह- लोगों के सुझाव ही नहीं िलए
स्मार्ट सिटी फंड खर्चने में निगम पीछे, वजह- लोगों के सुझाव ही नहीं िलए भले ही सरकार और निगम लुधियाना को स्मार्ट सिटी की कैटेगरी में शामिल कर ऑल इज वेल के दावे कर रहे हों, लेकिन हकीकत इसके उलट है। निगम प्रबंधन स्मार्ट सिटी के लिए आवंटित फंड का सही तरीके से इस्तेमाल करने में फिसड्डी साबित हुआ है। परियोजना के तहत मिले 433.70 करोड़ रुपये में से मात्र 277 करोड़ ही लुधियाना शहर में खर्च हो सके, जबकि 156.70 करोड़ निगम अफसर खर्च नहीं कर सके। स्टेट फाइनेंस ऑडिट कमेटी ने 2023 की ये रिपोर्ट पंजाब सरकार को भेजी है। 2016 में लुधियाना में आरओबी, आरयूबी समेत अन्य डेवलपमेंट के कामों के लिए 980 करोड़ के बजट से 81 प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू किया गया था। 60 प्रोजेक्ट कंप्लीट हो चुके हैं। जबकि 21 प्रोजेक्ट अधूरे हैं। स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर 2023 में तैयार की गई कैग रिपोर्ट पंजाब सरकार को 12 जून को भेजी गई है। इस रिपोर्ट में कैग ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और टिप्पणी की कि फंड का उचित उपयोग न होने और इंप्लीमेंटेशन में देरी से परियोजनाओं का अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सका। भूमि अधिग्रहण और कानूनी अड़चनें प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण में कानूनी अड़चनें आईं, जिससे देरी हुई। कानूनी प्रक्रियाओं के कारण आवंटित फंड में से अधिकांश फंड उपयोग नहीं हुआ। लुधियाना स्मार्ट सिटी को लेकर ये बातें कही गई हैं {वित्तीय नुकसान हुआ : स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लुधियाना को 433 करोड़ आवंटित किए गए थे। प्रोजेक्ट की प्रगति धीमी रही और खर्च भी काफी कम रहा है। जिससे आर्थिक नुकसान हुआ। {277 करोड़ खर्चे: स्मार्ट सिटी परियोजना में 433.70 करोड़ आवंटित किए गए। 2022-23 के अंत तक 277 करोड़ ही खर्च किए गए थे, जो निर्धारित राशि से काफी कम है। {156.70 करोड़ नहीं हुए इस्तेमाल : परियोजना में 156.70 करोड़ की बचत अनस्पेंटस फंड की श्रेणी में दर्शाई गई है। इसका मतलब है कि कई प्रस्तावित प्रोजेक्ट या तो धीमी गति से चले हैं या पूरी तरह से लागू नहीं हो पाए। {प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन में देरी : कई योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा नहीं किया जा सका। फंड का समुचित उपयोग भी नहीं हो पाया। विभिन्न कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों से फंड का समय पर उपयोग नहीं हो पाया, जिससे कई परियोजनाएं अधूरी रह गईं। {योजनाओं की प्राथमिकता तय नहीं : परियोजनाओं की प्राथमिकता तय करने में कमी रही। कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को प्राथमिकता न मिलने से आवश्यक फंड का आवंटन भी नहीं हो पाया। {अफसरों में समन्वय की कमी : प्रशासनिक विभागों के बीच समन्वय की कमी रही। इससे परियोजनाओं का प्रभावी इंप्लीमेंटेशन बाधित हुआ। ये काम अभी अधूरे {गुरु नानक स्टेडियम प्रोजेक्ट {सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट {कॉम्पेक्टर प्रोजेक्ट {बायोरेमिडशन ऑफ लिगेसी वेस्ट {यूआईडी नंबर प्लेट प्रोजेक्ट {पुलों का निर्माण कार्य {अफसरों में समन्वय की कमी : प्रशासनिक विभागों के बीच समन्वय की कमी रही। इससे परियोजनाओं का प्रभावी इंप्लीमेंटेशन बाधित हुआ। {सार्वजनिक जागरूकता का अभाव : परियोजनाओं में स्थानीय नागरिकों की भागीदारी और जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए। स्थानीय लोगों का फीडबैक न लेने से परियोजनाओं की गुणवत्ता प्रभावित हुई। {टेक्नोलॉजी का सीमित उपयोग: स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और आईटी-आधारित सेवाओं के क्रियान्वयन में तकनीकी व वित्तीय प्रबंधन की कमी रही। जिससे स्मार्ट सिटी का उद्देश्य आंशिक रूप से पूरा हो पाया। {मॉनीटरिंग और पारदर्शिता का अभाव: 156.70 करोड़ की अप्रयुक्त राशि ये दर्शाती है कि परियोजनाओं की मॉनीटरिंग और फंड के उपयोग में पारदर्शिता की कमी रही। {विशेषज्ञता की कमी : परियोजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए तकनीकी विशेषज्ञता की कमी रही। इससे योजनाओं का समुचित संचालन नहीं हो सका। आवश्यक प्रबंधकीय और प्रशासनिक कर्मचारियों की कमी के कारण फंड का सही उपयोग नहीं हो पाया।