पंजाब में 2 कंपनियों, मध्य भारत एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड और कृष्णा फोशैम प्राइवेट लिमिटेड के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली कृषि संबंधी वस्तुएं एवं साजो-सामान यकीनी बनाने के लिए छेड़े गए अभियान के तहत पंजाब के कृषि और किसान कल्याण विभाग ने राज्य की सहकारी सभाओं को घटिया मानक की डी.ए.पी. खाद सप्लाई करने वाली कंपनियों पर पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने यह कार्रवाई की है। दो सैंपल भेज जांच के लिए डायरेक्टर कृषि और किसान कल्याण, जसवंत सिंह ने बताया कि क्वालिटी कंट्रोल अभियान के तहत अब तक खाद के 1004 सैंपल लेकर जांच के लिए विभिन्न लैबोट्रिरियों में भेजे गए हैं। डायरेक्टर ने बताया कि । निश्चित किए गए लक्ष्यों के अनुसार जिले में खाद के बाकायदा नमूने लेने के साथ डी.ए.पी. (18:46) एवं अन्य खाद की आमद पर भी लगातार नजर रखी जा रही है। मंत्री खुड्डियां ने सभी मुख्य जिला कृषि अधिकारियों को हिदायत दी है कि यदि उनको गैर-मानक/नकली खाद या किसी अन्य खेती उत्पाद संबंधी कोई शिकायत मिलती है, तो वह पहल के आधार पर आवश्यक कार्रवाई करें। उन्होंने चेतावनी दी कि इस बारे में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 24 नमूने गैर-मानक पाए गए मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा इन कंपनियों द्वारा मार्कफैड को आपूर्ति लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि खाद कंट्रोल आर्डर 1985 अनुसार इनमें से 24 नमूने गैर मानक पाए गए हैं और दो नमूनों की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। उन्होंने कहा कि इस संबंधी उचित कार्रवाई के लिए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को भी ‘सूचित कर दिया गया है। 4700 खाद नमूनों की जांच का लक्ष्य किया तय गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि कृषि विभाग ने राज्यभर में क्वालिटी कंट्रोल अभियान चलाया है और वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 4700 खाद नमूनों की जांच का लक्ष्य निश्चित किया गया है। कृषि मंत्री ने विभाग के डायरैक्टर को खेती सामग्री की सप्लाई की समीक्षा करने के लिए कहा ताकि किसानों को मानक उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। पंजाब में 2 कंपनियों, मध्य भारत एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड और कृष्णा फोशैम प्राइवेट लिमिटेड के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली कृषि संबंधी वस्तुएं एवं साजो-सामान यकीनी बनाने के लिए छेड़े गए अभियान के तहत पंजाब के कृषि और किसान कल्याण विभाग ने राज्य की सहकारी सभाओं को घटिया मानक की डी.ए.पी. खाद सप्लाई करने वाली कंपनियों पर पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने यह कार्रवाई की है। दो सैंपल भेज जांच के लिए डायरेक्टर कृषि और किसान कल्याण, जसवंत सिंह ने बताया कि क्वालिटी कंट्रोल अभियान के तहत अब तक खाद के 1004 सैंपल लेकर जांच के लिए विभिन्न लैबोट्रिरियों में भेजे गए हैं। डायरेक्टर ने बताया कि । निश्चित किए गए लक्ष्यों के अनुसार जिले में खाद के बाकायदा नमूने लेने के साथ डी.ए.पी. (18:46) एवं अन्य खाद की आमद पर भी लगातार नजर रखी जा रही है। मंत्री खुड्डियां ने सभी मुख्य जिला कृषि अधिकारियों को हिदायत दी है कि यदि उनको गैर-मानक/नकली खाद या किसी अन्य खेती उत्पाद संबंधी कोई शिकायत मिलती है, तो वह पहल के आधार पर आवश्यक कार्रवाई करें। उन्होंने चेतावनी दी कि इस बारे में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 24 नमूने गैर-मानक पाए गए मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा इन कंपनियों द्वारा मार्कफैड को आपूर्ति लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि खाद कंट्रोल आर्डर 1985 अनुसार इनमें से 24 नमूने गैर मानक पाए गए हैं और दो नमूनों की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। उन्होंने कहा कि इस संबंधी उचित कार्रवाई के लिए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को भी ‘सूचित कर दिया गया है। 4700 खाद नमूनों की जांच का लक्ष्य किया तय गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि कृषि विभाग ने राज्यभर में क्वालिटी कंट्रोल अभियान चलाया है और वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 4700 खाद नमूनों की जांच का लक्ष्य निश्चित किया गया है। कृषि मंत्री ने विभाग के डायरैक्टर को खेती सामग्री की सप्लाई की समीक्षा करने के लिए कहा ताकि किसानों को मानक उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
लुधियाना में इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट को ED ने भेजा पत्र:LDP योजना के प्लॉट की मांगी जानकारी, रमन बाला सुब्रमण्यम के कार्यकाल में किए थे अलॉट
लुधियाना में इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट को ED ने भेजा पत्र:LDP योजना के प्लॉट की मांगी जानकारी, रमन बाला सुब्रमण्यम के कार्यकाल में किए थे अलॉट लुधियाना के इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारियों को ED ने पत्र भेजा है। अधिकारियों को पत्र मिलने के बाद एक बार फिर से LDP योजना में अलॉट किए गए प्लॉट विवादों में घिरते नजर आ रहे है। ED ने पत्र में लिखा है कि रमन बाला सुब्रमण्यम के कार्यकाल दौरान LDP योजना के तहत अलॉट किए प्लॉट की अलॉटमेंट और बीआरएस नगर में 100 और 64 गज के मकानों की रजिस्ट्री की पूरी जानकारी दी जाए। इसका पूरा रिकार्ड जालंधर ED आफिस ने अगले सप्ताह तक भेजने को कहा है। 6 पाइंट में ED ने मांगा जवाब अभी तक इस मामले में लुधियाना विजिलेंस ब्यूरो रिकार्ड मंगवाता रहा है, लेकिन अब इस मामले में ED की ओर से लगातार पूछताछ जारी है। बताया जाता है कि ED ने इस मामले में वांछित स्टाफ के भी बयान रिकार्ड करने शुरू कर दिए हैं। ED के नोटिस में 6 पाइंट दिए हैं। जबकि हर पाइंट में ED ने रमन बाला सुब्रमण्यम के कार्यकाल के दौरान हुए प्लॉट आवंटित की डिटेल देने को कहा है। इसी के साथ ऑक्शन के लिए 5 दिसंबर 2019 की तारीख रजिस्टर्ड होने के बावजूद एक दिन बढ़ाने का कारण भी पूछा गया है। बता दें कि रमन बाला सुब्रमण्यम कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान ट्रस्ट के चेयरमैन थे। ऋषि नगर और सराभा नगर के प्लॉटों की मांगी जानकारी ED की और से पत्र में ऋषि नगर के 102-डी, 103-डी, 104-डी, 105-डी के प्लॉटों की अलग से जानकारी देने को कहा है। इसी के साथ सराभा नगर के 366-बी (सराभा नगर) और 140 (सराभा नगर) की भी जानकारी मांगी गई है। इन प्लॉटों को ऑक्शन के जरिए किस तरह बेचा गया और इनके खरीदरों की भी जानकारी देने को कहा गया है। इसी के साथ साथ SBS नगर के प्लॉट नंबर 9-बी के अलॉट की जानकारी भी मांगी गई है। इस मामले में इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के मौजूदा चेयरमैन तरसेम सिंह भिंडर ने कहा कि ED ने पत्र भेजा था। उन्होंने जो भी डिटेल मांगी उन्हें सभी मुहैया करवाई जा रही है।
पराली जलाने से हरियाणा के 3 शहरों में AQI-400 पार:डॉक्टर बोले-इस प्रदूषण में सांस लेना 25-30 सिगरेट पीने के बराबर; पंजाब-चंडीगढ़ में ऑरेंज अलर्ट
पराली जलाने से हरियाणा के 3 शहरों में AQI-400 पार:डॉक्टर बोले-इस प्रदूषण में सांस लेना 25-30 सिगरेट पीने के बराबर; पंजाब-चंडीगढ़ में ऑरेंज अलर्ट हरियाणा में पराली जलाने से बढ़े प्रदूषण के कारण हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात बन रहे हैं। खासकर जीटी रोड बेल्ट के पानीपत, करनाल और कुरूक्षेत्र में हालात बिगड़ चुके हैं। अकेले कुरूक्षेत्र, करनाल और पानीपत में 198 जगहों पर पराली जलाने के मामले सामने आए हैं, जबकि पूरे हरियाणा में ऐसे मामलों की संख्या 680 है। कुरूक्षेत्र में कल 15 जगहों पर पराली जलाई गई। इसके अलावा इन शहरों में कई जगहों पर खुले में कूड़ा भी जलाया जा रहा है। एक दिन पहले 23 अक्टूबर को पानीपत में एक्यूआई 500 से ऊपर पहुंच गया था। आज पानीपत में एक्यूआई 450, कुरूक्षेत्र में 420 और करनाल में 402 चल रहा है। हालांकि पानीपत में हवा चलने से प्रदूषण से राहत मिली है। रात को AQI का लेवल 450 के बाद अब इसमें कमी आई है। पानीपत के डीसी वीरेंद्र कुमार दहिया का कहना है कि प्रदूषण का स्तर 158 है, जो पहले से सुधरा है। मेदांता हॉस्पिटल के डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि 400 से ऊपर एक्यूआई वाली हवा में सांस लेना एक दिन में 25-30 सिगरेट पीने के बराबर है। 300-350 का AQI एक दिन में 15-20 सिगरेट के बराबर हो सकता है। इससे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। पंजाब के 2 शहरों और चंडीगढ़ में प्रदूषण का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पंजाब में अमृतसर का AQI 221 और मंडी गोबिंदगढ़ में 235 AQI हो चुका है। जो खराब की कैटेगरी में आता हैं। चंडीगढ़ में भी AQI 210 हो चुका है। यहां पराली जलने की घटनाएं कम हुई हैं लेकिन हवा न चलने से इसका धुआं नहीं छंट रहा। प्रदूषण को लेकर डॉक्टर्स ने क्या कहा… 1. डॉ. काजल बोले- पंजाब में मुश्किलें बढ़ीं, मास्क पहनना चाहिए
मेडिकल कॉलेज अमृतसर के टीबी-चेस्ट डिपार्टमेंट से रिटायर्ड HOD डॉ. एनसी काजल का कहना है कि आंखों में जलन की समस्याएं आम हो गई हैं। वहीं अस्थमा समेत सांस की दूसरी बीमाारियों के रोगियों की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं। इस स्थिति में बाहर निकलने से बचना चाहिए। इमरजेंसी हो तो मास्क पहनना चाहिए। 2. एम्स के पूर्व निदेशक ने कहा- कोविड से ज्यादा खतरनाक प्रदूषण
दिल्ली एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोविड 19 की तुलना में प्रदूषण से होने वाली मौतें अधिक हो सकती हैं। हेल्थ इफेक्ट इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में वायु प्रदूषण के कारण दुनिया में 80 लाख मौतें हुईं। यह कोविड 19 से हुई मौतों से भी ज्यादा हैं। हमें कोविड की चिंता थी, लेकिन प्रदूषण की नहीं। WHO के मुताबिक वायु प्रदूषण से इन बीमारियों का खतरा 1. अस्थमा: सांस लेने में कठिनाई होती है, छाती में दबाव महसूस होता है और खांसी भी आती है। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति की श्वसन नली में रुकावट आने लगती है। यह रुकावट एलर्जी (हवा या प्रदूषण) और कफ से आती है। कई रोगियों में यह भी देखा गया है कि सांस लेने की नली में सूजन भी आ जाती है। 2. फेफड़ों का कैंसर: स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) प्रदूषण और धूम्रपान से होने वाला कैंसर है। इसका पता तब चलता है जब SCLC शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैल चुका होता है। साथ ही, नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) तीन तरह के होते हैं। एडेनोकार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और लार्ज सेल कार्सिनोमा। 3. हार्ट अटैक : वायु प्रदूषण से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। जहरीली हवा के PM 2.5 के बारीक कण खून में चले जाते हैं। इससे धमनियां सूज जाती हैं। 4. बच्चों में सांस की दिक्कत: बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है। यह नाक, गले और फेफड़ों को संक्रमित करता है, जो सांस लेने में मदद करने वाले अंग हैं। बच्चों को इस बीमारी का खतरा अधिक होता है। 5 साल से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी से सबसे ज्यादा मरते हैं। 5. क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) : क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) एक सांस संबंधी बीमारी है जिसमें मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। यह बहुत खतरनाक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सबसे ज्यादा लोग सीओपीडी से मरते हैं। पराली जलाने वालों पर कोई नियंत्रण नहीं
प्रदेश में पराली जलाने पर अभी तक कोई नियंत्रण नहीं है। बुधवार को भी पराली जलाने के 15 नए मामले सामने आए। इन्हें मिलाकर कुल आंकड़ा 680 पर पहुंच गया है। कुरुक्षेत्र और रोहतक में सबसे ज्यादा नए मामले आए हैं और हिसार में भी दो दिन बाद एक मामला आया है। ऐसे में कृषि विभाग की टीम ने संबंधित किसान पर चालान के साथ ही केस भी दर्ज करवाया है। यमुनानगर और जींद में भी एक-दो केस मिले हैं। इससे प्रदेश का पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर सरकार हरसैक के जरिए सबसे ज्यादा निगरानी रख रही है। विभाग की टीम हर सूचना पर नजर रख रही है। जैसे ही कोई आगजनी की घटना करता है तो उसकी सूचना और लोकेशन विभाग तक पहुंच जाती है। हिसार DC बोले-1000 रुपए प्रति एकड़ दे रहे
हिसार के डीसी प्रदीप दहिया का कहना है कि कृषि भूमि की उपजाऊ शक्ति को बरकरार रखने एवं प्रदूषण से होने वाले नुकसान को देखते हुए अवशेषों का उचित प्रबंधन विभिन्न मशीनों द्वारा खेत में मिलाकर अथवा बेलर द्वारा गांठ बनाकर किया जा सकता है। इसके लिए किसान को कृषि विभाग द्वारा 1000 रुपए प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है, जिसके लिए किसान विभागीय पोर्टल पर 30 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट लगा चुका फटकार
पराली जलाने के मामले में कार्रवाई न करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट हरियाणा के साथ पंजाब सरकार को भी फटकार लगा चुका है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगर वह सख्ती दिखा रहे हैं तो फिर एक मुकदमा तो चलना चाहिए। न तो FIR दर्ज की जा रही हैं और न ही जुर्माना लिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से भी इस मामले को लेकर नाराजगी जताई (पूरी खबर पढ़ें)
फरीदकोट के गुरप्रीत हत्याकांड में 3 लोग गिरफ्तार:खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल की भूमिका आई सामने, अर्श डल्ला था मास्टरमाइंड
फरीदकोट के गुरप्रीत हत्याकांड में 3 लोग गिरफ्तार:खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल की भूमिका आई सामने, अर्श डल्ला था मास्टरमाइंड फरीदकोट में हुए गुरप्रीत सिंह हत्याकांड मामले को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में खडूर साहिब के खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह की भूमिका सामने आई है। यह खुलासा पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने आज शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। उन्होंने बताया कि इस मामले का मास्टरमाइंड आतंकी अर्शदीप सिंह डल्ला है। डीजीपी ने कहा कि सारी जांच तथ्यों के आधार पर की जा रही है। अमृतपाल सिंह इस समय डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। डीजीपी ने बताया कि इस हत्या के लिए कई ग्रुप बनाए गए थे। सभी ग्रुप को अलग-अलग काम सौंपे गए थे। डीजीपी ने बताया कि मृतक गुरप्रीत भी वारिस पंजाब संस्था से जुड़ा हुआ था। वह संस्था के फाउंडर मेंबरों से एक था। जब दीप सिद्धू इस संस्था को चला रहे थे तो वह कैशियर की भूमिका निभा रहा था। हालांकि जब अमृतपाल को संस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई थी तो दोनों में मतभेद सामने आए थे। वहीं गुरप्रीत की हत्या में अमृतपाल की भूमिका सामने आई है। उन्होंने बताया कि सारी जांच तथ्यों के आधार की जा रही है। जरूरत पड़ी तो अमृपाल से पूछताछ की जा सकती है। क्योंकि हमारे पास कई अहम तथ्य सामने आए हैं। 9 अक्टूबर को हुई थी हत्या गुरप्रीत की हत्या 9 अक्टूबर को हुई थी। उस समय गुरप्रीत सिंह अपने समर्थक सरपंच पद के प्रत्याशी के हक में प्रचार कर घर वापस लौट रहा था, तभी सामने बाइक सवार आए हत्यारों ने गोलियां चलाकर गुरप्रीत सिंह को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस गोलीबारी में चार गोलियां गुरप्रीत सिंह को लगी, गोली मारने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल अवस्था में गुरप्रीत सिंह को उपचार के लिए स्थानीय गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज में लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में एक एसआईटी बनाई गई थी। आरोपियों ने रेकी कर दिया वारदात को अंजाम गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बिलाल अहमद उर्फ फौजी, गुरदीप सिंह उर्फ पोंटू और अर्शदीप सिंह उर्फ झंडू के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्ति रेकी करने वाले ग्रुप में शामिल थे, जिसका संचालन कनाडा आधारित कर्मवीर सिंह उर्फ गोरा द्वारा किया जा रहा था। रेकी करने वाले ग्रुप ने अपने संचालकों और विभिन्न ग्रुप के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी शूटर वाले ग्रुप को दी। डीजीपी ने कहा कि शूटर ग्रुप के सदस्यों की पहचान कर ली गई है और पुलिस टीमें उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं। 125 किलोमीटर की सीसीटीवी फुटेज से मिला लिंक डीजीपी के मुताबिक जांच के दौरान कई तथ्य अमृतपाल सिंह की भूमिका को दर्शाते हैं। जांच के दौरान दर्ज किए गए कुछ बयानों के अनुसार यह हत्या अमृतपाल सिंह के इशारे पर की गई थी। वारदात वाली जगह पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई और हमलावरों के आने-जाने के रास्ते का पता लगाने के लिए सीसीटीवी देखी गई। फरीदकोट जिला पुलिस ने बारीकी से जांच करते हुए 125 किलोमीटर के घेरे में सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया, जिससे पुलिस को संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों का पता लगाने और लीड विकसित करने में मदद मिली। मोबाइल टावर के माध्यम से रिकॉर्ड प्राप्त किया गया और इसकी व्यापक डेटा विश्लेषण साधनों के माध्यम से जांच की गई। विदेशों में रहने वाले व्यक्तियों के साथ संपर्क स्थापित किया गया।