पंजाब पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में नशीले पदार्थ और ड्रग मनी जब्त की है। इतना ही नहीं, पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में भी सफलता हासिल की है। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह नशा सीमा पार से आया था और इसे पंजाब के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी बांटा जाना था। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि काउंटर इंटेलिजेंस अमृतसर ने एक विशेष अभियान के तहत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी अमृतसर के अटारी रोड के पास पंजाबी बाग रिजॉर्ट के पास से की गई है। फिलहाल मामला दर्ज कर आरोपियों से उनके पिछले संबंधों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। जल्द ही पुलिस इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां भी करेगी। 5 किलो हेरोइन जब्त कार्रवाई के दौरान पुलिस ने आरोपियों से 5 किलो हेरोइन और 4.45 लाख रुपये की ड्रग मनी जब्त की। डीजीपी ने कहा कि इस मामले में शामिल पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने और जड़ से उखाड़ने के लिए सख्त कार्रवाई जारी है। पंजाब पुलिस ने अपने बयान में यह भी कहा कि वह राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और ऐसे नेटवर्क के खिलाफ लगातार अभियान चलाएगी। इस ऑपरेशन को राज्य में नशा तस्करों के लिए एक कड़ा झटका माना जा रहा है। पंजाब पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में नशीले पदार्थ और ड्रग मनी जब्त की है। इतना ही नहीं, पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में भी सफलता हासिल की है। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह नशा सीमा पार से आया था और इसे पंजाब के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी बांटा जाना था। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि काउंटर इंटेलिजेंस अमृतसर ने एक विशेष अभियान के तहत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी अमृतसर के अटारी रोड के पास पंजाबी बाग रिजॉर्ट के पास से की गई है। फिलहाल मामला दर्ज कर आरोपियों से उनके पिछले संबंधों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। जल्द ही पुलिस इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां भी करेगी। 5 किलो हेरोइन जब्त कार्रवाई के दौरान पुलिस ने आरोपियों से 5 किलो हेरोइन और 4.45 लाख रुपये की ड्रग मनी जब्त की। डीजीपी ने कहा कि इस मामले में शामिल पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने और जड़ से उखाड़ने के लिए सख्त कार्रवाई जारी है। पंजाब पुलिस ने अपने बयान में यह भी कहा कि वह राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और ऐसे नेटवर्क के खिलाफ लगातार अभियान चलाएगी। इस ऑपरेशन को राज्य में नशा तस्करों के लिए एक कड़ा झटका माना जा रहा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कपूरथला में 2 चोर गिरफ्तार:खेतों में घटनाओं को देते थे अंजाम, किसानों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा, सामान बरामद कपूरथला के गांव पाजियां में लोगों ने आसपास के गांवों में किसानों के खेतों में लगे बिजली ट्रांसफार्मर से तेल, तांबा, स्टार्टर और अन्य सामान चोरी करने वाले दो चोरों को काबू किया है। जबकि उनके दो साथी मौके से भागने में कामयाब हो गए है। लोगों ने दोनों चोरों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। मोठावली पुलिस ने चारों के खिलाफ कई धाराओं में FIR दर्ज कर फरार हुए दो अन्य आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। जोकि गांव पाजियां में मोटरों की तारें चोरी कर उसे आग लगाकर उसमें से तांबा निकाल रहे थे। किसानों ने रंगे हाथों पकड़ा पुलिस से मिली जानकारी अनुसार गुरकीरत सिंह वासी गांव पाजियां ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह खेतीबाड़ी का काम करता है। बीते दिन वह जरनैल और गुरविंदर के साथ खेत में चक्कर लगाने गया तो देखा कि खेत के समीप दो व्यक्ति मोटर की तार चोरी कर उसे आग लगाकर उसमें से तांबा निकाल रहे थे। उसने तुरंत गांव के लोगों को इसकी सूचना दी। जिसके बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने बिजली की मोटर की तारों को आग लगाकर तांबा निकाल रहे दो लोगों को काबू कर लिया। काफी दिनों से क्षेत्र में कर रहे थे चोरी जिन्होंने पूछताछ में अपना नाम आकाशदीप सिंह उर्फ अंबू वासी गांव नानो मल्लिया व हरजिंदर सिंह उर्फ जिंदर वासी गांव कमालपुर मोठांवाल बताया। पकड़े गए चोरों ने बताया कि उन्होंने इलाके के काफी किसानों की मोटर की तार, स्टार्टर और बिजली ट्रांसफार्मर से तेल भी चोरी किया है। उनके साथ परमेश्वर सिंह और काला निवासी गांव लाटियांवाल भी चोरी की वारदातों में शामिल है। जोकि मौके पर लोग एकत्रित होते देख भाग गए है। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। बाइक सहित अन्य सामान बरामद सूचना मिलते ही मोठांवाल चौंकी इंचार्ज ASI दविंदरपाल पुलिस पार्टी सहित मौके पर पहुंचे और चोरों को हिरासत में ले लिया। जिनके कब्जे से पुलिस टीम को दो तेजधार दातर, प्लेटीना बाइक तारों से निकाला हुआ तांबा, एक हथौड़ा, टॉर्च, चाकू और एक बोतल ट्रांसफार्मर का तेल बरामद हुआ। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ थाना सुल्तानपुर लोधी में धारा 457, 380 IPC के तहत FIR दर्ज कर फरार हुए दो अन्य आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है। अदालत से लिया रिमांड चौकी इंचार्ज दविंदरपाल ने बताया कि पकड़े गए चोरों को माननीय अदालत में पेश कर तीन दिन का पुलिस रिमांड मांगा गया था। मगर माननीय अदालत की ओर से एक दिन का पुलिस रिमांड दिया है। पुलिस रिमांड दौरान आरोपियों से और पूछताछ की जाएगी और फरार हुए उनके साथियों के ठिकानों का पता लगाया जाएगा।
पंजाबी सूबा दिवस आज:सुखबीर बादल ने कहा- पंजाब के साथ केंद्र का मतभेद जारी; SGPC बोली-पंजाबियों के साथ हुई बेईमानी
पंजाबी सूबा दिवस आज:सुखबीर बादल ने कहा- पंजाब के साथ केंद्र का मतभेद जारी; SGPC बोली-पंजाबियों के साथ हुई बेईमानी आज 1 नवंबर को पूरे पंजाब में दिवाली और बंदी छोड़ दिवस के साथ पंजाबी राज्य दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन 1966 में पंजाबी राज्य के अस्तित्व में आने की स्मृति के रूप में मनाया जाता है। जब हरियाणा और हिमाचल प्रदेश को भाषा के आधार पर अलग कर पंजाब को अलग कर दिया गया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने इस दिन पर केंद्र सरकार पर मतभेद के आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट को शेयर किया है। जिसमें उन्होंने कहा- देश की आजादी के लिए सबसे ज्यादा बलिदान देने वाले सिख समुदाय से कांग्रेस नेताओं ने आजादी से पहले कई वादे किए थे। लेकिन जैसे ही देश आजाद हुआ, कांग्रेस नेता उन वादों से मुकर गए। इन्हीं ज्यादतियों के आक्रोश से शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व में मातृभाषा पंजाबी भाषा के आधार पर ‘पंजाबी प्रांत’ की मांग उठी, जिसके लिए हजारों अकाली नेताओं ने केंद्र सरकार की यातनाएं सहन की और चले गए। जेल गए, धरने दिए और सभी प्रकार की जबरदस्ती का विरोध किया। आखिरकार लंबे संघर्ष और कई बलिदानों के बाद 1 नवंबर, 1966 को ‘पंजाबी प्रांत’ का गठन हुआ। केंद्र सरकार का पंजाब के साथ भेदभाव लगातार जारी है, हमारी जायज़ मांगें आज तक भी नहीं मानी गईं। शिरोमणि अकाली दल इसके लिए संघर्ष करता रहेगा। SGPC ने कहा- पंजाब तकसीम दार तकसीम होता गया सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से भी इस दिन पर केंद्र के खिलाफ रोष जाहिर किया गया है। SGPC के सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट शेयर की गई। जिसमें लिखा है- आज ही के दिन 1966 में भाषा के आधार पर विभाजित पंजाबी राज्य अस्तित्व में आया था। भारत के विभाजन के बाद दक्षिण से लेकर उत्तर तक भाषा के आधार पर प्रांतों के परिसीमन का मुद्दा उठा। आंध्र प्रदेश के गठन के बाद पंजाब में शिरोमणि अकाली दल ने पंजाबी राज्य की मांग रखी। एक लंबे संघर्ष के बाद (जिसमें हजारों सिखों ने जेल भरीं, यातनाएं झेली, शहादतें दी) 1 नवंबर 1966 को पंजाबी को एक राज्य बनाया गया। केंद्र ने पंजाबियों के साथ बेईमानी करते हुए जान-बूझकर कई पंजाबी भाषी क्षेत्रों को हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान में मिला लिया, न केवल पंजाब को खंडित कर दिया, बल्कि उसके जल, बांधों और राजधानी पर भी कब्जा करके बड़ी चोट पहुंचाई। पंजाब पुनर्गठन का इतिहास 1960 के दशक में पंजाबी सूबा आंदोलन के तहत सिखों और पंजाबी भाषी लोगों ने एक अलग राज्य की मांग की थी। 1966 में यह मांग पूरी हुई, और भाषा के आधार पर पंजाब का पुनर्गठन हुआ। इसके बाद पंजाब को मुख्य रूप से पंजाबी बोलने वालों का राज्य घोषित किया गया और हरियाणा को एक अलग हिंदी भाषी राज्य के रूप में पहचान मिली। साथ ही, हिमाचल प्रदेश का भी एक अलग राज्य के रूप में गठन किया गया। इस पुनर्गठन का उद्देश्य भाषाई और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करना था।
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